- बदरीनाथ यात्रा के लिए महत्वपूर्ण पड़ाव कर्णप्रयाग में भी मकानों में दरार की घटनाएं सामने आई हैं। यहां के पचास मकानों में दरार के बाद उन्हें असुरक्षित माना जा रहा है।
- कर्णप्रयाग जोशीमठ से 80 किलोमीटर दूर है। यहां के लोग अपना मकान छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं।
- अलकनंदा और पिंडर नदी के संगम पर बसा कर्णप्रयाग उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में आता है। स्थानीय लोग दरारों के पीछे मंडी निर्माण कार्य को वजह मान रहे हैं।
उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में रहने वाली सुशीला कोठियाल के घर में कभी पांच सदस्य रहते थे, लेकिन अब सिर्फ पति-पत्नी रहते हैं। वजह है उनका दरकता हुआ मकान। उन्होंने मकान धंसता देख अपने बच्चों को घर से दूर भेज दिया।
“दो साल पहले पहली बार मारे घर में दरार आनी शुरू हुई। आज यह दरार इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि हमें अपने घर के गिर जाने का डर सताने लगा है,” सुशीला कोठियाल ने मोंगाबे-हिन्दी को बताया।
अलकनंदा और पिंडर नदी के संगम पर बसा कर्णप्रयाग उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में आता है। कर्णप्रयाग उत्तराखंड के पांच प्रयाग में से एक है। बदरीनाथ जाते समय तीर्थयात्रियों को इसी शहर से होकर जाना होता है, इसलिए कर्णप्रयाग शहर सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से उत्तराखंड राज्य में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
मकान धंसने की घटनाएं कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में देखी जा रही है। यहां लगभग 50 मकानों में दरारें देखने को मिली है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुगुणा नगर में लगभग 30 घर ऐसे है जो बिलकुल भी रहने लायक नहीं बचे हैं और इन्ही में से 10 से भी अधिक परिवारों ने अपने घरो को छोड़ कर कर्णप्रयाग में ही किराये के मकानों में रहना शुरू कर दिया है। जो लोग किराये पर मकान लेने में सक्षण हैं वह घर छोड़ रहे हैं लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर परिवार अभी भी इन जर्जर हो चुके घरों में रहने को मजबूर है।
लोगों का आरोप, मंडी निर्माण से आई दरारें
लोगों का कहना है कि साल 2013 में बहुगुणा नगर के नीचे मंडी के निर्माण के समय से ही हमारे मकानों में दरार आनी शुरू हो गयी थी। कुछ समय बाद बहुगुणा नगर के ऊपर बनने वाली पीडब्लूडी (लोक निर्माण विभाग) की सड़क और चारधाम सड़क के लिए होने वाले कटिंग के कार्यों के कारण इन घरो की हालत और भी ख़राब होती चली गई | हालांकि मंडी परिषद् ने एक सुरक्षा दीवार भी बनाकर दी लेकिन वह भी अब किसी काम की नहीं है|
लोगों का आरोप है कि उन्होंने लगातार प्रशासन को इसकी सूचना दी है लेकिन अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जोशीमठ में मकान धंसने की घटना के बाद एसडीएम कर्णप्रयाग ने इन घरों का निरीक्षण किया है।
बैनर तस्वीरः जोशीमठ के बाद अब उत्तराखंड के कर्णप्रयाग से भी मकान धंसने की तस्वीरें आ रही हैं। तस्वीर- सत्यम कुमार