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[वीडियो] जंगली बिल्ली ने गुरुग्राम के खेतों को बनाया अपना घर

हरियाणा के गुरुग्राम के बाहरी इलाके में एक खेत में जंगली बिल्ली (फेलिस चाउस)। तस्वीर- शताब्दी चक्रवर्ती/मोंगाबे।

हरियाणा के गुरुग्राम के बाहरी इलाके में एक खेत में जंगली बिल्ली (फेलिस चाउस)। तस्वीर- शताब्दी चक्रवर्ती/मोंगाबे।

  • जंगली बिल्ली भारत की दस छोटी जंगली बिल्ली प्रजातियों में से एक है। यह बिल्ली झाड़ियों, घास के मैदानों, वेटलैंड्स और घने वनस्पति वाले स्थानों पर रहती है।
  • घटते प्राकृतिक आवासों की वजह से जंगली बिल्ली ने खेती और कृत्रिम परिदृश्यों में रहने के लिए अनुकूलित किया है। इन स्थानों पर बिल्ली के खाने के लिए शिकार भी उपलब्ध है।
  • हालाँकि, इंसानी गतिविधि वाले कृषि क्षेत्रों में मशीनीकृत खेती, कीटों को मारने वाली दवाईयों, वाहन से टकराव और जंगली कुत्तों की उपस्थिति से जंगल बिल्ली के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा होता है।
  • वन्यजीव विशेषज्ञ संरक्षित क्षेत्रों से परे बिल्ली के व्यवहार और पारिस्थितिकी को समझने के लिए और अधिक अध्ययन की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हैं।

जंगली बिल्ली भारत की दस छोटी जंगली बिल्ली प्रजातियों में से एक है। इसे सबसे आम बिल्ली भी माना जाता है। यह हिमालय की ऊंची चोटियों और रेगिस्तान को छोड़कर पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से देखी जा सकती है।

‘जंगल कैट’ नाम भ्रम हो सकता है कि ये जंगलों पर रहती होंगी। लेकिन असल में ये बिल्लियां घने जंगलों से नहीं बल्कि झाड़ियों, घास के मैदान, वेटलैंड्स और घने वनस्पति वाले स्थानों पर रहना पसंद करती हैं। इसका रेतीला भूरा, लाल या भूरा रंग इसे इन स्थानों में छिपने में मदद करता है।

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घटते प्राकृतिक आवासों की वजह से जंगली बिल्ली ने खेती और कृत्रिम परिदृश्यों में रहना सीख लिया है। इन स्थानों पर अन्य छोटी बिल्लियों की तुलना में अधिक आसानी से अनुकूलन किया है। ये बिल्लियां एक कुदरती कीट प्रबंधक है। एक बिल्ली सालाना लगभग 1,500 चूहों का शिकार करती है।

हालाँकि, लगातार अशांत मानव-प्रधान कृषि परिदृश्य में, मनुष्यों के साथ संघर्ष की आशंका अधिक है। मशीनीकृत खेती, जंगली कुत्तों की उपस्थिति और सड़क पर बढ़ते हादसों से बिल्लियों की आबादी को ख़तरा है। किसान फसलों की सुरक्षा के लिए जिन कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं इससे इनके शिकार की संख्या में भी कमी आ रही है।


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छोटी बिल्लियां, जैसे जंगली बिल्ली, की एक बड़ी आबादी भारत के अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के बाहर रहती है। इनके के निवास स्थान के आसपास मौजूद झाड़ियों, घास के मैदान और वेटलैंड्स की संख्या खेतों, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे की वजह से कम होती जा रही है। वन्यजीव विशेषज्ञों का सुझाव है कि जंगली बिल्ली को अधिक ध्यान देने और रिसर्च की आवश्यकता है।

 

बैनर तस्वीर: हरियाणा के गुरुग्राम के बाहरी इलाके में एक खेत में जंगली बिल्ली (फेलिस चाउस)। तस्वीर- शताब्दी चक्रवर्ती/मोंगाबे।

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