Articles by Sahana Ghosh

ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो। भारत में इसे भीमराज और भृंगराज के नाम से जाना जाता है। तस्वीर- बी मैड शहंशाह बापी/विकिमीडिया कॉमन्स।

[वीडियो] आवाज से मिल रहा जंगल के बेहतर होने का जवाब, साउंडस्कैप की मदद से निगरानी

 “हम लैंटाना (विदेशी प्रजाति का एक पौधा) के प्रकोप से आजाद हैं,” मध्य भारत में स्थानीय समुदाय के एक सदस्य बसंत झारिया मुस्कुराते हुए कहते हैं। यह क्षेत्र कभी आक्रामक…
ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो। भारत में इसे भीमराज और भृंगराज के नाम से जाना जाता है। तस्वीर- बी मैड शहंशाह बापी/विकिमीडिया कॉमन्स।
स्थानीय निवासी अलेम्बा के साथ फाकिम सामुदायिक रिजर्व में फील्डवर्क का आयोजन। तस्वीर - जॉली रूमी बोरा 

[साक्षात्कार] नागालैंड की झूम खेती, रिसर्च में पारंपरिक ज्ञान पर संरक्षण वैज्ञानिक जॉली रूमी बोरा से बातचीत

संरक्षण उपायों पर काम करने वाली जॉली रूमी बोरा ने पढ़ाई-लिखाई के दौरान सुना था कि झूम खेती आदिम और अस्थिर है।  असम में जन्मी इस शोधकर्ता ने झूम खेती…
स्थानीय निवासी अलेम्बा के साथ फाकिम सामुदायिक रिजर्व में फील्डवर्क का आयोजन। तस्वीर - जॉली रूमी बोरा 
बारिश के दौरान पुल से गुजरते लोग। तस्वीर-प्रसाद पिल्लई/विकिमीडिया कॉमन्स

भारतीय मॉनसून पर असर डालती उत्तरी ध्रुव की बदलती जलवायु

उत्तरी ध्रुव में पिछले एक हजार साल के ठंडे और गर्म मौसम के दौर को एक अध्ययन के जरिए फिर से बनाया या रीकंट्रस्ट किया गया है। इसमें पाया गया…
बारिश के दौरान पुल से गुजरते लोग। तस्वीर-प्रसाद पिल्लई/विकिमीडिया कॉमन्स

विदेशी प्रजातियों के पौधों के लिए बौने हैं पहाड़, बढ़ रही तादाद और तेजी से हो रहा फैलाव

परवेज़ डार पेशे से वनस्पति विज्ञानी हैं। उन्होंने साल 2012 और 2017 में कश्मीर में सड़कों के आसपास घूमकर अच्छा-खासा समय बिताया। इसमें पहाड़ी दर्रा सिंथन टॉप भी शामिल है।…
ब्लू माउंटेन के परिदृश्य को दिखाती तस्वीर। तस्वीर- कार्तिक बालासुब्रमण्यन।

मिजोरम के ब्लू माउंटेन में पेड़ों की काई में मिले डायटम के नमूने

डायटम पर रिसर्च और खोजबीन करने वाले कार्तिक बालासुब्रमण्यम को जब मिजोरम के ब्लू माउंटेन पर होने वाले खोजी अभियान के लिए बुलाया गया तो उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं…
ब्लू माउंटेन के परिदृश्य को दिखाती तस्वीर। तस्वीर- कार्तिक बालासुब्रमण्यन।
जूनागढ़, गुजरात में एक धान के खेत में काम करती महिलाएँ। अगर भारत के स्वच्छ वायु लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाता है तो प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 53 प्रतिशत से गिरकर 39.5% हो जाएगा। तस्वीर- बर्नार्ड गगनोन/विकिमीडिया कॉमन्स

गहराते वायु प्रदूषण से महिलाओं में बढ़ा एनीमिया का खतरा, जल्द कदम उठाने की जरूरत

अगर भारत साफ-सुथरी हवा और ऊर्जा के लक्ष्यों को पूरा करता है तो इससे कई तरह के फायदे होंगे। एक लाभ यह होगा कि प्रजनन वाली आयु की महिलाओं में…
जूनागढ़, गुजरात में एक धान के खेत में काम करती महिलाएँ। अगर भारत के स्वच्छ वायु लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाता है तो प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 53 प्रतिशत से गिरकर 39.5% हो जाएगा। तस्वीर- बर्नार्ड गगनोन/विकिमीडिया कॉमन्स
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सरसो के खेत। सीक्वेंस की जानकारी के आधार पर, स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड्स का उत्पादन करने वाले जैवसंश्लेषण जीन पर पेटेंट का मालिकाना हक स्विस मुख्यालय वाली बायोटेक कंपनी इवोल्वा के पास है। तस्वीर- अभिजीत कर गुप्ता/विकिमीडिया कॉमन्स

कॉप15: छाया रहेगा डिजिटल जेनेटिक इन्फॉर्मेशन से समान लाभ का मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) में डिजिटल सीक्वेंस इन्फॉर्मेशन (डीएसाई) पर जोरदार बहस चल रही है। सम्मेलन में शामिल सभी पक्ष जेनेटिक स्रोतों (डीएसाई) तक पहुंच और लाभ साझाकरण…
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सरसो के खेत। सीक्वेंस की जानकारी के आधार पर, स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड्स का उत्पादन करने वाले जैवसंश्लेषण जीन पर पेटेंट का मालिकाना हक स्विस मुख्यालय वाली बायोटेक कंपनी इवोल्वा के पास है। तस्वीर- अभिजीत कर गुप्ता/विकिमीडिया कॉमन्स
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।

कॉप15: साल 2030 तक 30% जैव-विविधता को बचाने पर भारत का जोर, सहमति बनाना बड़ी चुनौती

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) को लेकर आयोजक देश कनाडा में गहमागहमी बढ़ गई है। जैव विविधता को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए यहां ऐतिहासिक समझौते पर…
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।
प्याज की फसल की कटाई करते किसान। जीबी-9 ने ‘फसल विविधता के संरक्षक’ के रूप में किसानों की भूमिका को मान्यता देते हुए एक प्रस्ताव का अंतिम रूप दिया। तस्वीर- मीना631/विकिमीडिया कॉमन्स।

प्लांट जेनेटिक पर अंतरराष्ट्रीय संधि में किसानों के अधिकारों पर बनी आम सहमति

खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों (प्लांट जेनेटिक रिसोर्से फॉर फ़ूड एंड एग्रीकल्चर) पर हुई अंतरराष्ट्रीय संधि में खाद्य और कृषि में पौधों के आनुवंशिक संसाधनों पर किसानों…
प्याज की फसल की कटाई करते किसान। जीबी-9 ने ‘फसल विविधता के संरक्षक’ के रूप में किसानों की भूमिका को मान्यता देते हुए एक प्रस्ताव का अंतिम रूप दिया। तस्वीर- मीना631/विकिमीडिया कॉमन्स।
एक नए अध्ययन में हर साल के अधिकतर दिनों में उच्च स्तर की खतरनाक गर्मी होने का संकेत दिया गया है। इससे गर्मी से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफ़ा होगा। ख़ास तौर से बुजुर्गों, आउटडोर काम करने वाले श्रमिकों और कम आय वाले लोगों में। तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स।

लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा बढ़ती गर्मी का असर, बड़े प्रयासों की जरूरत

“गर्मी में पंखा चलाने पर, कमरे के अंदर की हवा आग की तरह उठती है,” भारत में कोलकाता महानगर के उत्तरी भाग में प्लास्टिक के तिरपाल, बांस और टिन से…
एक नए अध्ययन में हर साल के अधिकतर दिनों में उच्च स्तर की खतरनाक गर्मी होने का संकेत दिया गया है। इससे गर्मी से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफ़ा होगा। ख़ास तौर से बुजुर्गों, आउटडोर काम करने वाले श्रमिकों और कम आय वाले लोगों में। तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स।
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स

कम हो रही जानलेवा सल्फर डाइऑक्साइड के बढ़ने की रफ्तार, प्रदूषण नियमों में और सख्ती की जरूरत

वायु प्रदूषण की समस्या देश में साल-दर-साल बढ़ती ही जा रही है। इस बीच राहत की एक खबर भी आई है। एक शोध के मुताबिक स्वास्थ्य और जलवायु पर गंभीर…
साबरमती नदी किनारे स्थित थर्मल पावर स्टेशन। देश में कोयले की कमी की चर्चा के बीच कई ऊर्जा संयंत्र बंद होने की कगार पर हैं। तस्वीर- कोशी/विकिमीडिया कॉमन्स
राज्यसभा के नवनिर्वाचित/पुनर्निर्वाचित सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण समारोह 22 जुलाई, 2020 को राज्यसभा में आयोजित किया गया। तस्वीर- राज्यसभा

भारतीय संसद में जलवायु परिवर्तन पर बहुत कम होती है चर्चा, शोध में हुआ खुलासा

“यह हर बार की कहानी है। किसी आपदा के आने पर राजनेता अक्सर जलवायु परिवर्तन की आड़ लेते हैं,” यह बात जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल ने कही। वे विधायकों…
राज्यसभा के नवनिर्वाचित/पुनर्निर्वाचित सदस्यों के लिए शपथ ग्रहण समारोह 22 जुलाई, 2020 को राज्यसभा में आयोजित किया गया। तस्वीर- राज्यसभा
ये हैं मेघालय की गुफाएं, जो देश में सबसे बड़ी और गहरी मानी जाती हैं। तस्वीर- अर्कदीप भट्टाचार्य/विकिमीडिया कॉमन्स

अतिवृष्टि वाले स्थान पर कम हो रही बारिश, वजह है समुद्र का बढ़ता तापमान और खत्म होते जंगल

बीते दो महीने से पूर्वोत्तर भारत अत्यधिक वर्षा और बाढ़ की वजह से चर्चा में है। इसे जलवायु परिवर्तन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि बीते कुछ दशक…
ये हैं मेघालय की गुफाएं, जो देश में सबसे बड़ी और गहरी मानी जाती हैं। तस्वीर- अर्कदीप भट्टाचार्य/विकिमीडिया कॉमन्स
दिल्ली में प्रदूषण, भारत-गंगा के मैदान (IGP) का हिस्सा। तस्वीर- तारकेश्वर रावत/विकिमीडिया कॉमन्स

बारिश की अनियमितता के पीछे हवा में मौजूद ब्लैक कार्बन भी जिम्मेदार

असम के तेजपुर में रहने वाले शाहजहां से हमने एक सवाल पूछा। आपको किस तरह का चिकन पसंद है, एलपीजी चूल्हे वाला या खुले में जलावन वाले चूल्हे पर पका…
दिल्ली में प्रदूषण, भारत-गंगा के मैदान (IGP) का हिस्सा। तस्वीर- तारकेश्वर रावत/विकिमीडिया कॉमन्स
पेंच टाइगर रिजर्व में विचरण करते चीतल। यह जंगल मध्यप्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिले के बीच फैला हुआ है। तस्वीर- लिंडा डी वोल्डर/फ्लिकर

भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की जंगलों की क्षमता को बढ़ा-चढ़ा कर आंका गया, अध्ययन

वनों के पुनर्रोपण और कृषिवानिकी के जरिए अतिरिक्त कार्बन को सोखकर जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की कोशिश हो रही है। पर इसके जरिए जो लक्ष्य हासिल…
पेंच टाइगर रिजर्व में विचरण करते चीतल। यह जंगल मध्यप्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिले के बीच फैला हुआ है। तस्वीर- लिंडा डी वोल्डर/फ्लिकर
सुंदर फूलों वाले उष्णकटिबंधीय अमेरिकी झाड़ी लैंटाना को आईयूसीएन द्वारा शीर्ष 10 सबसे खराब आक्रामक प्रजातियों में से एक माना जाता है। तस्वीर- मोक्की/विकिमीडिया कॉमन्स

भारत में घुसपैठ कर गए जीव-जंतुओं से हो रहा लाखों-करोड़ों का नुकसान

घुसपैठिया शब्द पढ़कर हमारे जेहन में किसी पड़ोसी देश से आए किसी इंसान की तस्वीर उभरती है। पर देश में घुसपैठ कई तरह से हो रहा है और उससे लाखों-करोड़ों…
सुंदर फूलों वाले उष्णकटिबंधीय अमेरिकी झाड़ी लैंटाना को आईयूसीएन द्वारा शीर्ष 10 सबसे खराब आक्रामक प्रजातियों में से एक माना जाता है। तस्वीर- मोक्की/विकिमीडिया कॉमन्स
बैनर तस्वीर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा इस परियोजना की समीक्षा की गई। इसमें कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के चुनिंदा गांवों का अध्ययन हुआ। तस्वीर- विजय कुट्टी /आईएलओ एशिया पैसिफिक / फ़्लिकर

जलवायु परिवर्तन से जूझने में कितने कारगर कार्बन पॉजिटिव गांव?

कर्नाटक के किसान महेश जब भी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करने के लिए जल और मृदा संरक्षण को लेकर चर्चा करते हैं, उनका सवाल होता कि उससे कृषि की…
बैनर तस्वीर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों के वैज्ञानिकों द्वारा इस परियोजना की समीक्षा की गई। इसमें कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और बिहार के चुनिंदा गांवों का अध्ययन हुआ। तस्वीर- विजय कुट्टी /आईएलओ एशिया पैसिफिक / फ़्लिकर
भारत के राज्य तेलंगाना में बना सौर ऊर्जा का प्लांट। फोटो- थॉमस लॉयड ग्रुप/विकिमीडिया कॉमन्स

आईपीसीसी की नई रिपोर्ट ने कहा, ग्लोबल वार्मिंग रोकना लगभग असंभव, आशा की किरण भी दिखाई

जलवायु परिवर्तन के बढ़ते सबूतों की ओर इशारा करते हुए, इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक ग्रीनहाउस उत्सर्जन 2025 तक तक…
भारत के राज्य तेलंगाना में बना सौर ऊर्जा का प्लांट। फोटो- थॉमस लॉयड ग्रुप/विकिमीडिया कॉमन्स
प्रयागराज स्थित संगम का एक दृष्य। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गर्मी की वजह से मौसम की चरम घटनाओं में वृद्धि होगी। इससे स्थलीय, मीठे पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के जैव विविधता का नुकसान होगा। तस्वीर- प्रियम/विकिमीडिया कॉमन्स

जलवायु परिवर्तन का असर जैवविविधता से लेकर समाज तक, नई आईपीसीसी रिपोर्ट में आया सामने

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज या आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट बता रही है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से लोगों के स्वास्थ्य के साथ पृथ्वी की सेहत भी खराब हो…
प्रयागराज स्थित संगम का एक दृष्य। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गर्मी की वजह से मौसम की चरम घटनाओं में वृद्धि होगी। इससे स्थलीय, मीठे पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के जैव विविधता का नुकसान होगा। तस्वीर- प्रियम/विकिमीडिया कॉमन्स
सोलर पंप के साथ समूह की महिलाएं। भूजल संरक्षण के लिए इन सोलर पंप का इस्तेमाल सिर्फ सतही पानी को पंप करने में किया जा सकता है। तस्वीर- श्रीकांत चौधरी

अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में छोटे-छोटे कदम से सुनिश्चित हो रही महिलाओं की भागीदारी

कर्नाटक के बिंदूर स्थित एक डेयरी में इकतीस वर्ष की नागरत्ना मवेशियों के बीच काम में लगी हैं। वह एक जुगाड़ से बनी मशीन  खींच रही हैं। यह मशीन एक…
सोलर पंप के साथ समूह की महिलाएं। भूजल संरक्षण के लिए इन सोलर पंप का इस्तेमाल सिर्फ सतही पानी को पंप करने में किया जा सकता है। तस्वीर- श्रीकांत चौधरी
खेत में फसल के साथ पशुधन, पेड़, बागवानी के साथ एक किसान का घर। यह कृषि वानिकी का एक उदाहरण है। ऐसे मॉडल अपनाने से जलवायु परिवर्तन की रफ्तार कम हो सकती है। तस्वीर- वर्ल्ड एग्रोफोरेस्ट्री सेंटर/देवश्री नायक/फ़्लिकर

ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में कारगर हैं प्रकृति आधारित समाधान

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूनेप) और प्रकृति संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) की हाल ही में जारी रिपोर्ट चर्चा में है। रिपोर्ट के लेखकों का कहना है कि भारत…
खेत में फसल के साथ पशुधन, पेड़, बागवानी के साथ एक किसान का घर। यह कृषि वानिकी का एक उदाहरण है। ऐसे मॉडल अपनाने से जलवायु परिवर्तन की रफ्तार कम हो सकती है। तस्वीर- वर्ल्ड एग्रोफोरेस्ट्री सेंटर/देवश्री नायक/फ़्लिकर
सूखे शौचालय से निकला खाद। तस्वीर- रक्षक कुमार आचार्य

हिमालय क्षेत्र में जैविक खाद की बढ़ी संभावना, सफल रहा शौचालय के साथ प्रयोग

सुनने में भी भले ही यह अटपटा लगे, लेकिन मानव मल का इस्तेमाल खाद के तौर पर हिमालय क्षेत्र में लंबे समय से होता आ रहा है। यहां इतनी ठंड…
सूखे शौचालय से निकला खाद। तस्वीर- रक्षक कुमार आचार्य
Dolphin

सुंदरबन में ताजे पानी की कमी से संघर्ष कर रही हैं गंगा डॉल्फिन

भारत का एक अनोखा जलीय जीव है गंगा डॉल्फिन जिसकी गिनती  लुप्तप्राय जीवों की श्रेणी में होती है। कभी सुंदबन क्षेत्र में सामान्यतः दिख जाना वाले इस जीव को अब…
Dolphin
चाय बागान में हाथी। तस्वीर- अंशुमा बासुमतारी

चाय की प्याली से जुड़ा है हाथियों का संरक्षण

भारत और भूटान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा 40-एकड़ में फैला है तेंजिंग बोडोसा का चाय बागान। इसे पहली नजर में देखकर असम के तमाम चाय बागानों जैसा एक और…
चाय बागान में हाथी। तस्वीर- अंशुमा बासुमतारी
घर संभालने के साथ खेतों में पुरुषों के बराबर काम करने से महिलाओं के पोषण पर नकारात्मक असर- शोध

घर संभालने के साथ खेतों में काम बढ़ने से महिलाओं के पोषण पर असर

भारत के खेतों में महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं। लेकिन घरेलू काम निपटाने जैसी पारंपरिक चुनौती हो या बदलते मौसम जैसी नई चुनौती- महिलाओं की…
घर संभालने के साथ खेतों में पुरुषों के बराबर काम करने से महिलाओं के पोषण पर नकारात्मक असर- शोध
कोविड के साथ राष्ट्रीय कार्यक्रम से जैव-विविधता और इसके संरक्षण की बढ़ी उम्मीद

कोविड के साथ राष्ट्रीय कार्यक्रम से जैव-विविधता और इसके संरक्षण की बढ़ी उम्मीद

जैव-विविधता वैसे तो हमारे जीवन को वृहत्तर तौर पर प्रभावित करती है पर आम-जन में इसकी चर्चा कम ही होती है। जब से कोरोना महामारी ने इंसानी समाज को अपने…
कोविड के साथ राष्ट्रीय कार्यक्रम से जैव-विविधता और इसके संरक्षण की बढ़ी उम्मीद
बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में प्राकृतिक आपदा लोगों का जनजीवन प्रभावित करती है। तस्वीर में मौजूद लोग कोसी नदी में आई बाढ़ की वजह से सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। तस्वीर- चंदन सिंह/फ्लिकर

पचास साल में हुई डेढ़ लाख मौत, हर प्राकृतिक आपदा लेती है औसतन 20 लोगों की जान

जलवायु परिवर्तन की वजह से प्राकृतिक आपदा जैसी घटना अब आम-बात हो गयी है और इसमें होने वाले जान-माल की क्षति भी। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पता…
बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में प्राकृतिक आपदा लोगों का जनजीवन प्रभावित करती है। तस्वीर में मौजूद लोग कोसी नदी में आई बाढ़ की वजह से सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। तस्वीर- चंदन सिंह/फ्लिकर
सुभद्रा सान्याल और गीता मंडल सुंदरबन के सतजेलिया गांव में रहती हैं। दोनों महिलाओं के पति बाघ के हमले में मारे गए। गीता आज भी जंगल के उत्पादों से जीवन यापन करती हैं, लेकिन सुभद्रा के मन मस्तिष्क पर बाघ के हमले का गहरा असर हुआ और अब वह जंगल जाने से डरती हैं। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे

सुंदरबन में भ्रांति और अनदेखी के बीच पिसती ‘बाघ विधवाएं’

रॉयल बंगाल टाइगर के घर सुंदरबन के सतजेलिया गांव में सूरज ढलते ही लोगों के बीच अजीब सी मायूसी छा जाती है। मछली और केकड़ा पकड़कर पेट पालने वाली गीता…
सुभद्रा सान्याल और गीता मंडल सुंदरबन के सतजेलिया गांव में रहती हैं। दोनों महिलाओं के पति बाघ के हमले में मारे गए। गीता आज भी जंगल के उत्पादों से जीवन यापन करती हैं, लेकिन सुभद्रा के मन मस्तिष्क पर बाघ के हमले का गहरा असर हुआ और अब वह जंगल जाने से डरती हैं। तस्वीर- कार्तिक चंद्रमौली/मोंगाबे
सुंदरबन

सुंदरबनः कहानी एक शिकारी के हृदयपरिवर्तन की, हत्या छोड़ अपनाई संरक्षण की राह

यह कहानी एक शिकारी के हृदय परिवर्तन की है। ऐसा हृदय परिवर्तन जिसने पूरे गांव को अपना पुश्तैनी शिकार का काम छोड़, वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रेरित किया। यह…
सुंदरबन