Categories for जलवायु परिवर्तन

शोधकर्ता नेपाल की लंगटांग घाटी में रिखा सांबा ग्लेशियर की निगरानी कर रहे हैं। इस ग्लेशियर की ऊंचाई 5,420-6,440 मीटर है। तस्वीर - दिबश श्रेष्ठ।

हिमालय के ग्लेशियरों की स्थिति जानने के लिए जरूरी है लम्बी निगरानी

हिमालय-काराकोरम (एचके रीजन), 2500 किलोमीटर लम्बी पर्वत श्रृंखला, पूर्व में भारत की सीमा, भूटान और नेपाल, और पश्चिम में पाकिस्तान में फैली हुई है। इस क्षेत्र में 39,660 ग्लेशियर हैं…
शोधकर्ता नेपाल की लंगटांग घाटी में रिखा सांबा ग्लेशियर की निगरानी कर रहे हैं। इस ग्लेशियर की ऊंचाई 5,420-6,440 मीटर है। तस्वीर - दिबश श्रेष्ठ।
सर्वे से पता चला है कि सिंधु नदी डॉल्फिन केवल ब्यास नदी के निचले तीसरे हिस्से में पाई जाती हैं, जिनकी संख्या एक से आठ तक है। तस्वीर-डॉ. संदीप बेहेरा 

सिंधु नदी डॉल्फिन की आबादी घटी, आवास भी सुरक्षित नहीं

उत्तरी भारत में ब्यास नदी का पानी सिंधु नदी डॉल्फिन की एक छोटी, लुप्तप्राय आबादी का घर है। लेकिन अब उनकी संख्या कम हो रही है और उनके आवास खतरे…
सर्वे से पता चला है कि सिंधु नदी डॉल्फिन केवल ब्यास नदी के निचले तीसरे हिस्से में पाई जाती हैं, जिनकी संख्या एक से आठ तक है। तस्वीर-डॉ. संदीप बेहेरा 
शहरी भारत में वाहनों से निकलने वाला धुआं तेजी से अस्थिर हो रही जलवायु के कारण और भी घातक हो रहा है। Pexels के जरिए रवि शर्मा की तस्वीर।

ग्लोबल साउथ में बढ़ते तापमान से प्रदूषण और बीमारियों का खतरा गहराया

पिछले साल दुनिया ने डरावनी उपलब्धि हासिल की। यूरोपीय संघ की कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल बताया है। यह इतिहास में पहला…
शहरी भारत में वाहनों से निकलने वाला धुआं तेजी से अस्थिर हो रही जलवायु के कारण और भी घातक हो रहा है। Pexels के जरिए रवि शर्मा की तस्वीर।
रस निकलने के बाद गन्ने की खोई का इस्तेमाल रस को गर्म करने के लिए क्या जाता है। तस्वीर- विमल राय

झारखंडः बड़कागांव के गुड़ की मांग काफी, लेकिन गन्ने में बढ़ रहा कीटों का प्रकोप

फट-फट की आवाज करती मशीन के पहिए तेजी से चल रहे हैं। मशीन के नजदीक बैठी एक महिला के हाथ तेजी से गन्नों को मशीन के दो पहियों के बीच…
रस निकलने के बाद गन्ने की खोई का इस्तेमाल रस को गर्म करने के लिए क्या जाता है। तस्वीर- विमल राय
केरल के पालक्कड़ में सड़क किनारे नारियल की दुकान। तस्वीर- विकिमीडिया कॉमन्स (CC0 1.0)/Effulgence 108 ।

बढ़ते तापमान के कारण घटता नारियल उत्पादन, कीमतों में वृद्धि

गोवा के पणजी में सड़क किनारे, 31 वर्षीय युवा नारियल विक्रेता समीर करंगी के ठेले पर सिर्फ 10 नारियल हैं, जबकि हमेशा की तरह उनके पास नारियल का बड़ा ढेर…
केरल के पालक्कड़ में सड़क किनारे नारियल की दुकान। तस्वीर- विकिमीडिया कॉमन्स (CC0 1.0)/Effulgence 108 ।
अनियमित पर्यटन को इस क्षेत्र में बाढ़ से होने वाले भारी आर्थिक नुकसान के मुख्य कारणों में से एक के रूप में पहचाना गया है। तस्वीर- केसर चंद

हिमालय घाटी में बाढ़ की एक वजह अनियमित पर्यटन – अध्ययन

शहर की भागदौड़ से दूर, लोग सुकून की तलाश में कुल्लू घाटी की ओर रुख करते हैं और छुट्टियां बिताकर वापस लौट जाते हैं। स्थानीय लोगों का स्वभाव, सुहावना मौसम…
अनियमित पर्यटन को इस क्षेत्र में बाढ़ से होने वाले भारी आर्थिक नुकसान के मुख्य कारणों में से एक के रूप में पहचाना गया है। तस्वीर- केसर चंद
कुरीपिल्ली हैंडलूम वीवर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी में सरिता और आयशा। 2018 में बाढ़ के दौरान सोसाइटी के अध्यक्ष और सचिव के रूप में, उन्होंने सोसाइटी को फिर से खड़ा करने के लिए सभी संसाधन जुटाए। तस्वीर: आरती मेनन/मोंगाबे।

अनिश्चित मौसम से बढ़ती केरला के हथकरघा बुनकरों की परेशानियां

चेंदमंगलम, केरला के एर्नाकुलम जिले में एक पुराना शहर जो कोच्चि शहर से लगभग 40 किमी उत्तर में है, को 2012 में अपने कैथरी या हथकरघा के लिए भारत सरकार…
कुरीपिल्ली हैंडलूम वीवर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी में सरिता और आयशा। 2018 में बाढ़ के दौरान सोसाइटी के अध्यक्ष और सचिव के रूप में, उन्होंने सोसाइटी को फिर से खड़ा करने के लिए सभी संसाधन जुटाए। तस्वीर: आरती मेनन/मोंगाबे।
जैसलमेर में ऊंट। फ्लिकर (CC BY 2.0) के जरिए निनारा की तस्वीर।

प्रकृति के साथ तालमेल बिठा रहे स्वदेशी पशुधन

जलवायु परिवर्तन दुनिया भर खासकर भारत के शुष्क क्षेत्रों में खेती और पशुधन के लिए बड़ा खतरा है। बढ़ता तापमान, अचानक होने वाली बारिश और लगातार बार-बार मौसम से जुड़ी…
जैसलमेर में ऊंट। फ्लिकर (CC BY 2.0) के जरिए निनारा की तस्वीर।
मुंबई में एक फूल विक्रेता। परिवहन और मजदूरी की लागत के अलावा, पिछले 5-10 सालों में मौसम की मार ने असली फूलों की कीमतें बढ़ा दी हैं। तस्वीर: डिंपल बहल।

गर्मी और अनियमित बारिश से फूल उत्पादकों और विक्रेताओं की आजीविका पर असर

महाराष्ट्र में मौसम के बदलते मिजाज ने फूल विक्रेताओं की रोजी-रोटी पर असर डाला है। एक तरफ जहां, बेमौसम बारिश और तेज गर्मी से फूलों की फसल खराब हो रही…
मुंबई में एक फूल विक्रेता। परिवहन और मजदूरी की लागत के अलावा, पिछले 5-10 सालों में मौसम की मार ने असली फूलों की कीमतें बढ़ा दी हैं। तस्वीर: डिंपल बहल।
कॉप-29 के अध्यक्ष की ओर से आयोजित बैठक के दौरान कमरे का दृश्य। बाकू जलवायु वार्ता का समापन 300 अरब डॉलर के जलवायु वित्त समझौते के साथ हुआ। IISD-ENB | माइक मुज़ुराकिस द्वारा ली गई तस्वीर।

अविश्वास और नाराजगी के साये में 300 अरब डॉलर के वादे के साथ कॉप 29 का समापन

अजरबैजान के बाकू में जलवायु वार्ता रविवार सुबह संपन्न हो गई, जिसमें कई देशों की आपत्तियों के बावजूद, विकासशील देशों को 2035 तक 300 अरब डॉलर की वित्तीय मदद देने…
कॉप-29 के अध्यक्ष की ओर से आयोजित बैठक के दौरान कमरे का दृश्य। बाकू जलवायु वार्ता का समापन 300 अरब डॉलर के जलवायु वित्त समझौते के साथ हुआ। IISD-ENB | माइक मुज़ुराकिस द्वारा ली गई तस्वीर।

कॉप-29: जलवायु उपायों के लिए शहर जरूरी और शहरों को चाहिए फंड

बाकू में चल रही जलवायु वार्ता में शहर जलवायु से जुड़े उपाय (क्लाइमेट ऐक्शन) के लिए अहम धुरी के रूप में सामने आ रहे हैं। दुनिया भर के कार्बन उत्सर्जन…

ब्राजील में जी-20 देशों की बैठक के बावजूद बाकू शिखर सम्मेलन में जलवायु वित्त पर वार्ता गतिरोध में

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और उसके अनुकूल होने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने पर सहमति बनाने के लिए बाकू में एकत्रित हुए लगभग 200 देशों के…
कार्बन बाजारों में पारदर्शिता को आगे बढ़ाने पर सत्र। तस्वीर फ्लिकर (CC BY-NC-SA 2.0) के जरिए UNclimatechange द्वारा ।

कॉप 29: आलोचनाओं के बीच कार्बन ट्रेडिंग के लिए नियम बनाने का काम तेज

अजरबैजान की राजधानी बाकू में चल रहे जलवायु सम्मेलन के पहले दिन कार्बन ट्रेडिंग को आसान बनाने से जुड़ा पेरिस समझौते का अनुच्छेद 6.4 अपनाया गया। यह सम्मेलन के शुरुआत…
कार्बन बाजारों में पारदर्शिता को आगे बढ़ाने पर सत्र। तस्वीर फ्लिकर (CC BY-NC-SA 2.0) के जरिए UNclimatechange द्वारा ।
12 जुलाई, 2011 की नासा की एक तस्वीर जो गर्मियों में पिघलते समय आर्कटिक की समुद्री बर्फ को दिखाती है। यह पिघली हुई बर्फ को दिखाती है, मीठे पानी के तालाब जो बर्फ की सतह पर गड्ढों में बनते हैं। ICESCAPE मिशन के शोधकर्ता अध्ययन कर रहे हैं कि ये पिघले हुए तालाब आर्कटिक के महासागर रसायन विज्ञान, प्लवक की बढ़ोतरी और सूरज की रोशनी आने पर किस तरह प्रभावित करते हैं। साथ ही, इस क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY 2.0) के जरिए नासा के गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर की ओर से ली गई तस्वीर।

पिघलते ग्लेशियर: एक्शन प्लान पर जल्द सहमति बनाने की जरूरत

भारतीय हिमालय में उत्तरी सिक्किम के छोटे से शहर चुंगथांग में 4 अक्टूबर, 2023 की आधी रात के आसपास लोग मूसलाधार बारिश के बीच भयावह आवाज से जागे। कुछ ही…
12 जुलाई, 2011 की नासा की एक तस्वीर जो गर्मियों में पिघलते समय आर्कटिक की समुद्री बर्फ को दिखाती है। यह पिघली हुई बर्फ को दिखाती है, मीठे पानी के तालाब जो बर्फ की सतह पर गड्ढों में बनते हैं। ICESCAPE मिशन के शोधकर्ता अध्ययन कर रहे हैं कि ये पिघले हुए तालाब आर्कटिक के महासागर रसायन विज्ञान, प्लवक की बढ़ोतरी और सूरज की रोशनी आने पर किस तरह प्रभावित करते हैं। साथ ही, इस क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY 2.0) के जरिए नासा के गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर की ओर से ली गई तस्वीर।
कॉप-29 11 नवंबर से अजरबैजान की राजधानी बाकू में शुरू हो चुका है। फ्लिकर के जरिए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन की ओर से हबीब समदोव की तस्वीर (CC BY-NC-SA 2.0)।

अजरबैजान में जलवायु शिखर सम्मेलन शुरू, ट्रम्प और वित्त दो बड़े मुद्दे

अजरबैजान की राजधानी बाकू में 11 नवंबर यानी सोमवार से शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के सबसे बड़े एजेंडे को महज एक शब्द में समेटा जा सकता है:…
कॉप-29 11 नवंबर से अजरबैजान की राजधानी बाकू में शुरू हो चुका है। फ्लिकर के जरिए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन की ओर से हबीब समदोव की तस्वीर (CC BY-NC-SA 2.0)।
सूखे की स्थिति और मिट्टी की सतह के टूटने या सूखने से मिट्टी का कार्बन ऑक्सीडेशन के संपर्क में आता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। फ्लिकर के जरिए वंदन देसाई की तस्वीर (CC BY-NC-ND 2.0)।

सूखे और मिट्टी की खराब होती सेहत से बढ़ रहा कार्बन उत्सर्जन

जलवायु विज्ञान से जुड़े शोधकर्ता जलवायु परिवर्तन का असर बढ़ाने वाले फीडबैक लूप के गंभीर होने के बारे में चिंतित हैं। गंभीर या पॉजिटिव फीडबैक लूप ऐसे तंत्र हैं जो…
सूखे की स्थिति और मिट्टी की सतह के टूटने या सूखने से मिट्टी का कार्बन ऑक्सीडेशन के संपर्क में आता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। फ्लिकर के जरिए वंदन देसाई की तस्वीर (CC BY-NC-ND 2.0)।
चक्रवात आलिया के बाद बाढ़ के पानी में चलती हुई महिला। तस्वीर अनिल गुलाटी/इंडिया वाटर पोर्टल/ फ्लिकर  (CC BY-NC-SA 2.0)।

क्या है प्राकृतिक आपदाओं से निपटने वाला पैरामीट्रिक इंश्योरेंस और भारत में क्यों हो रहा प्रचलित?

पिछले दो दशकों यानी साल 2000 से 2019 के बीच भारत कुदरती आपदाओं का सामना करने के मामले में तीसरे नंबर पर है। आने वाले समय और ज़्यादा भयावह होने…
चक्रवात आलिया के बाद बाढ़ के पानी में चलती हुई महिला। तस्वीर अनिल गुलाटी/इंडिया वाटर पोर्टल/ फ्लिकर  (CC BY-NC-SA 2.0)।
गांव के तालाब में पानी पीते मवेशी और कपड़े धोती हुई महिलाएं। तस्वीर- स्टीवी मान/विकिमीडिया कॉमन्स।

गर्मी की मार से डेयरी किसान बेहाल, महिला संगठन ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ

अप्रैल के आखिरी दिनों में तेज धूप से आंगन तप रहा था। तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। एम. थायरम्मा पास के एक कुएं से पानी भर कर लाईं…
गांव के तालाब में पानी पीते मवेशी और कपड़े धोती हुई महिलाएं। तस्वीर- स्टीवी मान/विकिमीडिया कॉमन्स।
कोसी के तेज कटाव का दृश्य और पानी की तेज धार के बीच नाव को किनारे लगाने की कोशिश करते ग्रामीण राजेश मंडल। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे

बिहार: बाढ़ के बाद कोसी तटबंध के बीच टापुओं पर बसे गांवों में नहीं पहुंचती सरकारी राहत

सितंबर 2024 के आखिरी दिनों में नेपाल व बिहार के कई हिस्सों में हुई भारी बारिश के बाद बिहार के कोसी क्षेत्र में दशकों बाद एक प्रलंयकारी बाढ़ आई। इस…
कोसी के तेज कटाव का दृश्य और पानी की तेज धार के बीच नाव को किनारे लगाने की कोशिश करते ग्रामीण राजेश मंडल। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे
दिल्ली पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बाद राजघाट पर श्रद्धांजलि देने के लिए कतार में खड़े पदयात्री। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे।

सोनम वांग्चुक के साथ लद्दाख से दिल्ली तक पदयात्रा कर आए 150 लोग, क्या हैं मांगे?

पर्यावरणविद् और इंजीनियर सोनम वांगचुक लद्दाख के 150 पदयात्रियों के साथ 2 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचे। उन्हें दिल्ली पुलिस ने पहले हिरासत में लिया और पुलिस हिरासत में 36 घंटे…
दिल्ली पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बाद राजघाट पर श्रद्धांजलि देने के लिए कतार में खड़े पदयात्री। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे।
जलवायु परिवर्तन के इन दुष्प्रभावों के बीच दुनिया भर में कूलिंग उपकरण यानी एयर कंडीशनर और फ्रिज की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। तस्वीर- विशाल कुमार जैन

बुनियादी जरूरत के बीच कूलिंग के तौर-तरीकों ने बढ़ाई चिंता, पर्यावरण हितैषी बनाने पर जोर

हमारी दुनिया लगातार गर्म हो रही है। इससे हमारी बुनियादी जरूरतें भी तेजी से बदल रही हैं। अब हमें रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा व स्वास्थ्य के साथ-साथ घरों और…
जलवायु परिवर्तन के इन दुष्प्रभावों के बीच दुनिया भर में कूलिंग उपकरण यानी एयर कंडीशनर और फ्रिज की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। तस्वीर- विशाल कुमार जैन

केसर उत्पादन में गिरावट के बीच घर के अन्दर केसर की खेती उम्मीद जगाती है

दक्षिण कश्मीर के पंपोर शहर के शार-ए-शाली गाँव के एक अनुभवी किसान अब्दुल मजीद वानी केसर के कंद (केसर के बल्ब) को संरक्षित करने की कला जानते हैं। वह इन्हें …
थानाधार के अपने बागीचे में हिमाचल को पहली बार 1916 में सेब का तोहफा देने वाले सत्यानंद स्टोक्स के परपोते डॉ. विजय स्टोक्स। तस्वीर- मोंगाबे के लिए दयाशंकर शुक्ल सागर।

मौसम बदलने से ऊपर खिसक रहा हिमाचल का सेब बेल्ट, पुरानी क़िस्मों पर भी संकट

जलवायु परिवर्तन हिमाचल प्रदेश के मशहूर सेब बागानों और किसानों की समस्या को बढ़ा रहा है। साल दर साल मौसम में तेज़ी से आ रहे बदलावों से बीते डेढ दशक…
थानाधार के अपने बागीचे में हिमाचल को पहली बार 1916 में सेब का तोहफा देने वाले सत्यानंद स्टोक्स के परपोते डॉ. विजय स्टोक्स। तस्वीर- मोंगाबे के लिए दयाशंकर शुक्ल सागर।
मेलबर्न में जलवायु विरोध प्रदर्शन में ऑस्ट्रेलियाई युवा। अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर के युवा या तो जलवायु परिवर्तन के बारे में चिंतित हैं या इससे पीड़ित हैं। तस्वीर- टैकवर/विकिमीडिया कॉमन्स

बदलते पर्यावरण से इको-एंग्जाइटी के मामले बढ़े

केरला में बाढ़ के बाद सर्वे करते हुए वॉलियंटर मनीजा मुरली एक ऐसी किशोरी से मिलीं जो ऑटिज़्म से जूझ रही थी। वह बाढ़ से बचकर बाहर निकली थी और…
मेलबर्न में जलवायु विरोध प्रदर्शन में ऑस्ट्रेलियाई युवा। अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर के युवा या तो जलवायु परिवर्तन के बारे में चिंतित हैं या इससे पीड़ित हैं। तस्वीर- टैकवर/विकिमीडिया कॉमन्स
केसला पोल्ट्री सोसाइटी के साथ पोल्ट्री किसान सुशीला पारथे अपनी मुर्गियों की देखभाल कर रही हैं। तस्वीर- बबलेश मस्कोले/केसला पोल्ट्री सोसाइटी।

पशु और मुर्गीपालन में गर्मी के तनाव को कैसे कम कर सकते हैं नए शेड डिजाइन

साल 2020 के गर्मी के दिनों में सावित्री भांसे अपने छोटे से घर के पीछे बने खेत में मुर्गियों की देखभाल करने गई थीं। लेकिन मुर्गियों की देखभाल करने और…
केसला पोल्ट्री सोसाइटी के साथ पोल्ट्री किसान सुशीला पारथे अपनी मुर्गियों की देखभाल कर रही हैं। तस्वीर- बबलेश मस्कोले/केसला पोल्ट्री सोसाइटी।
बेयरफुट इकोलॉजिस्टों को वैज्ञानिक डेटा संग्रह और विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाता है जिसे वे प्रभावी संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान के साथ एकीकृत कर सकते हैं। तस्वीर- मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा 

पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का मेल: जलवायु परिवर्तन का दस्तावेजीकरण करते पर्यावरणविद्

तमिलनाडु के सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व के गलिथिम्बम गांव के महालिंगम बालन हफ्ते में एक बार कई अलग-अलग वन क्षेत्रों का दौरा करते हैं और विभिन्न पारिस्थितिक पहलुओं का बारीकी से…
बेयरफुट इकोलॉजिस्टों को वैज्ञानिक डेटा संग्रह और विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाता है जिसे वे प्रभावी संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान के साथ एकीकृत कर सकते हैं। तस्वीर- मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा 
भागलपुर जिले के सबौर प्रखंड क्षेत्र के एक गांव में आम का बगीचा। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे के लिए

भागलपुर के मशहूर जर्दालू आम के किसान के सामने क्या हैं चुनौतियां?

बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव प्रखंड के सिमरो गांव के 50 वर्षीय कृष्णानंद सिंह एक ऐसे किसान हैं जिन्होंने खुद को परंपरागत खेती से आम की खेती की ओर…
भागलपुर जिले के सबौर प्रखंड क्षेत्र के एक गांव में आम का बगीचा। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे के लिए
एस4एस टेक्नोलॉजीज के सोलर डिहाइड्रेटर जो कृषि उत्पादों को लंबे समय तक इस्तेमाल के लायक बनाते हैं। तस्वीर: सौम्या खंडेलवाल/एस4एस टेक्नोलॉजीज।

खाद्यान का नुकसान कम करने और किसानों की आय बढ़ाने वाली तकनीकें

कल्पना कीजिए कि आप टमाटर की खेती करने वाले किसान हैं। आपको सूखे का सामना करना पड़ा है। इससे पैदावार कम हुई है। फसल की गुणवत्ता भी खराब हुई है।…
एस4एस टेक्नोलॉजीज के सोलर डिहाइड्रेटर जो कृषि उत्पादों को लंबे समय तक इस्तेमाल के लायक बनाते हैं। तस्वीर: सौम्या खंडेलवाल/एस4एस टेक्नोलॉजीज।
हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधकर्ता कंगनी (फोक्सटेल मिलेट) के पौधे की ऊंचाई मापते हुए। तस्वीर - हैदराबाद विश्वविद्यालय के टमाटर जीनोमिक्स रिसोर्सेज की रिपॉजिटरी से।

बदलते मौसम में खेती-बाड़ी के लिए विकसित होती बेहतर तकनीक

भारत में किसान हमेशा मौसम के हिसाब से खेती-बाड़ी का काम करते रहे हैं। हालांकि, हाल के सालों में बारिश और मौसम से जुड़ी भविष्यवाणी करना चुनौती बन गया है।…
हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधकर्ता कंगनी (फोक्सटेल मिलेट) के पौधे की ऊंचाई मापते हुए। तस्वीर - हैदराबाद विश्वविद्यालय के टमाटर जीनोमिक्स रिसोर्सेज की रिपॉजिटरी से।
वायनाड के प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य जारी है। तस्वीर- विशेष व्यवस्था।

वायनाड से सबक: केरल में आपदा प्रबंधन रणनीति के बजाय जोखिम कम करने की जरूरत

जहां कभी लोगों की बस्तियां थीं, हरियाली थी, वह इलाका अब पूरी तरह से उजाड़ हो चुका है। हर तरफ मलबा, मिट्टी और बड़े-बड़े पत्थर बिखरे दिख रहे हैं। ऐसा…
वायनाड के प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य जारी है। तस्वीर- विशेष व्यवस्था।