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‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश

‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश

बीते कुछ महीनों में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से दो महत्वपूर्ण संशोधन का प्रस्ताव आया है- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और जैवविविधता कानून 2002 ।…
‘इज ऑफ डूइंग बिजनस’ के नाम पर पर्यावरण मंत्रालय जारी कर रहा नए-नए आदेश
जैव विविधता से संपन्न पूर्वोत्तर राज्यों में जंगल लगातार कम हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबित पूर्वोत्तर में 1,69,521 वर्ग किलोमीटर जंगल है, जो कि पिछली सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019 के मुताबले 1,020 वर्ग किमी कम है। तस्वीर- सौरभ सावंत/विकिमीडिया कॉमन्स

विश्लेषण: पिछले दो साल में नागालैंड राज्य के बराबर जंगल हुए ‘खराब’

भारत में जंगलों की स्थिति को लेकर 13 जनवरी का दिन अहम रहा। इस दिन केंद्र सरकार ने वन सर्वेक्षण रिपोर्ट, 2021 (इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट यानी आईएसएफआर) जारी की।…
जैव विविधता से संपन्न पूर्वोत्तर राज्यों में जंगल लगातार कम हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबित पूर्वोत्तर में 1,69,521 वर्ग किलोमीटर जंगल है, जो कि पिछली सर्वेक्षण रिपोर्ट 2019 के मुताबले 1,020 वर्ग किमी कम है। तस्वीर- सौरभ सावंत/विकिमीडिया कॉमन्स
उत्तराखंड स्थित हिमालय के जंगल। तस्वीर- पॉल हैमिल्टन/विकिमीडिया कॉमन्स

जैव विविधता संशोधन कानून का महत्व क्या है और क्यों हुआ इसका विरोध?

जैव विविधता संशोधन बिल (2021) फिलहाल संसदीय संयुक्त समिति के पास है। जैव विविधता कानून (2002) के कुछ प्रावधानों में संशोधन के वास्ते यह बिल अस्तित्व में आया। पूरी दुनिया…
उत्तराखंड स्थित हिमालय के जंगल। तस्वीर- पॉल हैमिल्टन/विकिमीडिया कॉमन्स
दार्जिलिंग में चाय के बगान। तस्वीर- व्याचेस्लाव अर्जेनबर्ग/विकिमीडिया कॉमन्स

देश में वनों की स्थिति: बढ़ रहा है पौधारोपण और घट रहे हैं वन

भारत सरकार ने हाल ही में वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 (आईएसएफआर) जारी किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो साल पहले की तुलना में देश के वन क्षेत्र…
दार्जिलिंग में चाय के बगान। तस्वीर- व्याचेस्लाव अर्जेनबर्ग/विकिमीडिया कॉमन्स
अधिकतर विकसित देश अपना प्लास्टिक कचरा रिसाइकलिंग के लिए बांग्लादेश भेजते हैं। यहां अधिकतर कचरा खुले में या फिर नदियों में जा मिलता है। तस्वीर- मारूफ रहमान/पिक्साबे

प्‍लास्टिक की जीवन यात्रा: जन्‍म से नायक, लावारिस मौत, दैत्‍य के रूप में पुनर्जन्‍म

प्‍लास्टिक हमारे जीवन में किसी बॉलीवुड फिल्म के नायक की तरह आता है। सर्वगुण संपन्न। अनेक जरूरतों के लिए सबसे उपयुक्त, कम लागत में तैयार हो जाने वाला समाधान। इससे…
अधिकतर विकसित देश अपना प्लास्टिक कचरा रिसाइकलिंग के लिए बांग्लादेश भेजते हैं। यहां अधिकतर कचरा खुले में या फिर नदियों में जा मिलता है। तस्वीर- मारूफ रहमान/पिक्साबे
हिमालय से गुजरती कई नदियों को नेपाल की सरकार पनबिजली उत्पन्न करने के स्रोत के रूप में देखती है जिनका दोहन अभी होना है। तस्वीर-जोनस ग्रेटजर/मोंगाबे

नेपाल में अंधाधुंध निर्माण में लगा है चीन, हिमालय के नाजुक पारिस्थितिकी को खतरा

बजरी से भरा एक ट्रक नेपाल के स्याब्रुबेसी की सड़क पर धूल का गुबार उड़ाते हुए बेधड़क चलता जा रहा है। इलाके में सड़क को चौड़ा करने का काम चल…
हिमालय से गुजरती कई नदियों को नेपाल की सरकार पनबिजली उत्पन्न करने के स्रोत के रूप में देखती है जिनका दोहन अभी होना है। तस्वीर-जोनस ग्रेटजर/मोंगाबे
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

कोविड, किसान आंदोलन, उदारीकरण, पेसा, नेट जीरो से जोड़कर देखा जाएगा साल 2021

अभी 2022 दहलीज पर खड़ा है और इसके साथ ओमीक्रॉन भी। पूरी मानव सभ्यता इस उम्मीद में है कि कोविड के डेल्टा ने 2021 में जो तबाही मचाई वैसे आगे…
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र के पास जंगलों में खुलेआम कूड़ा डाला जा रहा है। तस्वीर- कपिल काजल।

हिमाचल में ट्रीटमेंट प्लांट ही बन रहा प्रदूषण का कारण

आज से करीब 20 साल पहले हिमाचल प्रदेश के माजरा गांव की करमों देवी ने पीने के पानी के लिए एक कुआं खोदवाया। बीते 20 साल से यह कुआं करमों…
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र के पास जंगलों में खुलेआम कूड़ा डाला जा रहा है। तस्वीर- कपिल काजल।
वेटलैंड की रक्षा के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों ने जल सुरक्षा में सुधार, जैव विविधता में वृद्धि, और एक विकासशील शहर में एक सार्वजनिक स्थान की रक्षा करने में मदद की है। शुचिता झा/मोंगाबे

[वीडियो] कितना सफल रहा भोपाल की बड़ी झील में दो दशक लंबा संरक्षण का प्रयास?

सुबह के सात बज रहे हैं। लेकिन भोपाल के बोरवन जंगल में रात का अंधेरा पेड़ों की ओट में छिपा बैठा है। चिड़ियों की चहचहाहट के बीच अपनी सेहत को…
वेटलैंड की रक्षा के लिए प्रकृति-आधारित समाधानों ने जल सुरक्षा में सुधार, जैव विविधता में वृद्धि, और एक विकासशील शहर में एक सार्वजनिक स्थान की रक्षा करने में मदद की है। शुचिता झा/मोंगाबे
पंजाब के एक धान के खेत का दृश्य। तस्वीर- जसपिंदर सिंह दूहेवाला

हरियाणा में गंभीर हो चला है भूजल का गिरता स्तर

भूजल के खपत के मामले में भारत, विश्व के शीर्ष देशों में आता है। यहां 80 फीसदी से अधिक घरेलू जल आपूर्ति, भूजल से ही होती है। हर साल देश…
पंजाब के एक धान के खेत का दृश्य। तस्वीर- जसपिंदर सिंह दूहेवाला
हर साल मई के तीसरे सप्ताह में धान के खेतों की जुताई से पहले गांव के बुजुर्ग मछली पकड़ने जाने के लिए एक दिन चुनते हैं। साथ ही, वे पंजथ नाग झरने की सफाई भी करते हैं। तस्वीर- वसीम दार

कश्मीर: मछली पकड़ने के उत्सव से जुड़ा एक झरने का अस्तित्व

कश्मीर की वादियों में एक ऐसा भी गांव है जहां साल में एक बार सभी बच्चे-बूढ़े मछली पकड़ने के लिए छुट्टी लेते हैं। प्रथम दृष्टया यह कहानी बीते दिनों की…
हर साल मई के तीसरे सप्ताह में धान के खेतों की जुताई से पहले गांव के बुजुर्ग मछली पकड़ने जाने के लिए एक दिन चुनते हैं। साथ ही, वे पंजथ नाग झरने की सफाई भी करते हैं। तस्वीर- वसीम दार

नदियां कैसे बन गई प्लास्टिक कचरे की हाइवे, हरिद्वार, आगरा और प्रयागराज में हुआ सर्वे

गंगा नदी में प्लास्टिक कचरे के स्रोत को समझने के लिए हाल ही में उत्तर भारत के तीन शहरों में एक सर्वे किया गया। इससे सामने आया कि 10 से…
गड़वा पहाड़ी और गंगा। उत्खनन के कारण पहाड़ के धूलकण के पानी में धूल गंगा में जाने से नदी प्रदूषित हो रही है। तस्वीर- राहुल सिंह

झारखंड: पत्थर उत्खनन से राजमहल की पहाड़ी के साथ आदिम जनजाति का अस्तित्व संकट में

रामू मालतो (बदला हुआ नाम) को यह पता नहीं कि लगातार हो रहे पत्थर उत्खनन के कारण छोटा पचरुखी पहाड़ पर स्थित उनके गांव का अस्तित्व कितने सालों तक कायम…
गड़वा पहाड़ी और गंगा। उत्खनन के कारण पहाड़ के धूलकण के पानी में धूल गंगा में जाने से नदी प्रदूषित हो रही है। तस्वीर- राहुल सिंह
खारे पानी को पंप के माध्यम से पाटा पर इकट्ठा किया जा रहा है। यहां वाष्पीकरण के बाद नमक बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। आजकल अगरिया सोलर पंप का इस्तेमाल भी करते हैं। तस्वीर- ध्वनित पांड्या/एएचआरएम

नमक की जरूरत सबको पर हाशिए पर है नमक बनाने वाला समुदाय

मानसून ढलान पर है। इस मानसून के आखिरी महीने या कहें सितंबर के आखिरी सोमवार का दिन था। 48-वर्षीय गुणवंत रामजी कोली कच्छ के पूर्वी रण के एक पोखर में…
खारे पानी को पंप के माध्यम से पाटा पर इकट्ठा किया जा रहा है। यहां वाष्पीकरण के बाद नमक बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। आजकल अगरिया सोलर पंप का इस्तेमाल भी करते हैं। तस्वीर- ध्वनित पांड्या/एएचआरएम
बिहार के सुलतानगंज में नाव से गंगा पार करते श्रद्धालु। फिल्मकार सिद्धार्थ अग्रवाल ने गंगासागर से गंगोत्री तक की पैदल यात्रा कर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है। तस्वीर- सिद्धार्थ अग्रवाल

[समीक्षा] मूविंग अप्स्ट्रीम: गंगा- हजार किस्से मिले नदी के साथ चलने में

‘मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था/ वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था।’ अंजुम रहबर के इस शेर की मदद से उत्तराखंड का एक युवक यूं तो अपने कुनबे…
बिहार के सुलतानगंज में नाव से गंगा पार करते श्रद्धालु। फिल्मकार सिद्धार्थ अग्रवाल ने गंगासागर से गंगोत्री तक की पैदल यात्रा कर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है। तस्वीर- सिद्धार्थ अग्रवाल
उदयपुर को झीलों का शहर कहा जाता है, लेकिन यहां के झील दिन-ब-दिन खत्म होते जा रहे हैं। तस्वीर- अर्चना सिंह

[वीडियो] उदयपुर का आकर्षण ही बन रहा इसका काल, अधिक पर्यटन से खतरे में यहां के झील और पहाड़

राजस्थान का उदयपुर शहर सदियों से आकर्षण का केंद्र रहा है। अंग्रेज अधिकारियों से लेकर हॉलीवुड के सितारों तक को यह शहर अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है। हालांकि, पिछले…
उदयपुर को झीलों का शहर कहा जाता है, लेकिन यहां के झील दिन-ब-दिन खत्म होते जा रहे हैं। तस्वीर- अर्चना सिंह
छोटा नागपुर की पहाड़ियों से निकलकर दामोदर नदी हुगली नदी में जाकर मिलती है। प्रदूषण और बाढ़ की वजह से नदी काफी चर्चित रहती है। तस्वीर- राहुल सिंह

[वीडियो] झारखंड और पश्चिम बंगाल में दामोदर नदी का ‘शोक’ अब भी जारी

दामोदर नदी, झारखंड और पश्चिम बंगाल के करोड़ों लोगों के लिए जीवनरेखा है पर इसे बंगाल के शोक के तौर पर जाना जाता है। दशकों से इस पर काम होने…
छोटा नागपुर की पहाड़ियों से निकलकर दामोदर नदी हुगली नदी में जाकर मिलती है। प्रदूषण और बाढ़ की वजह से नदी काफी चर्चित रहती है। तस्वीर- राहुल सिंह
असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य से अधिक जैवविविधता मांगर बानी के असंरक्षित जंगल में पाई गई है। तस्वीर- संशेय विश्वास और मैनो वर्चोट।

[वीडियो] देश की राजधानी से सटा ऐसा जंगल जिसे सैकड़ों साल से बचा रहे स्थानीय लोग

अरावली की पहाड़ियों में बसा हरियाणा का मांगर गांव इन दिनों चर्चा में है। चर्चा यहां के कंदराओं में मिले पाषाणकालीन पेंटिंग की हो रही है जिसे हाल ही में…
असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य से अधिक जैवविविधता मांगर बानी के असंरक्षित जंगल में पाई गई है। तस्वीर- संशेय विश्वास और मैनो वर्चोट।
चंडीगढ़ का सुखना झील। तस्वीर- विशेष प्रबंध

पंजाब और हरियाणा की लेटलतीफी से असुरक्षित है चंडीगढ़ का सुखना वन्यजीव अभयारण्य

चंडीगढ़ को देश के पहला सुनियोजित तरीके से बसाये गए शहर का खिताब हासिल है। इस शहर की बाहरी सीमा में सुखमा वन्यजीव अभयारण्य बसा है जो कई दुर्लभ वनस्पतियों…
चंडीगढ़ का सुखना झील। तस्वीर- विशेष प्रबंध
उत्तरप्रदेशः गन्ने की खेती में नई पद्धति अपनाने से हो रहा जल संरक्षण

उत्तरप्रदेशः गन्ने की खेती में नई पद्धति अपनाने से हो रहा जल संरक्षण

उत्तरप्रदेश के बिजनौर जिले के खानपुर गांव के निवासी नरेंद्र कुमार बीते दो दशक से गन्ने की खेती करते हैं। वह कहते हैं, “मेरे पिता ने बेहतर आमदनी के लिए…
उत्तरप्रदेशः गन्ने की खेती में नई पद्धति अपनाने से हो रहा जल संरक्षण
महानदी की कछार पर ताप विद्युत गृह और साथ में धान के खेत। यहां पानी का बेतहाशा इस्तेमाल होता है। तस्वीर- रंजन पांडा

महानदी को लेकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ में खींचतान, क्या बच पाएगी नदी?

ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित संबलपुर में हीराकुंड बांध का पानी दोनों राज्यों के लिए खींचतान का विषय बना हुआ है। ओडिशा का आरोप है कि महानदी पर…
महानदी की कछार पर ताप विद्युत गृह और साथ में धान के खेत। यहां पानी का बेतहाशा इस्तेमाल होता है। तस्वीर- रंजन पांडा
सोनिया विहार दिल्ली में युमना नदी में मछुआरों के नावें। तस्वीर- अवली वर्मा

[कॉमेंट्री] क्यों फेल हुई दिल्ली में यमुना नदी पर वाटर-टैक्सी परियोजना: एक असफलता और ढेरों सीख

वर्तमान सरकार सत्ता में आने के बाद से जल यातायात को लेकर कई घोषणाएं करती आयी है। फिर उन योजनाओं का होता क्या है, इसकी तस्वीर स्पष्ट हो नहीं पाती।…
सोनिया विहार दिल्ली में युमना नदी में मछुआरों के नावें। तस्वीर- अवली वर्मा
छत्तीसगढ़ के इंद्रावती नदी का चित्रकोट वाटरफाल। चार दशक पहले इंद्रावती नदी पर ही बोधघाट बांध बनना तय हुआ था। छत्तीसगढ़ सरकार इसे पुनः शुरू करने जा रही है। तस्वीर: Ishant46nt/विकिमीडिया कॉमनस

मार्फत बोधघाट परियोजना, छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज और कांग्रेस सरकार के ढाई साल

बस्तर के ककनार गांव के चैतराम इस बात से नाराज़ हैं कि आदिवासियों के विरोध के बाद भी राज्य सरकार बार-बार बस्तर में बोधघाट इंदिरा सरोवर जल विद्युत परियोजना को…
छत्तीसगढ़ के इंद्रावती नदी का चित्रकोट वाटरफाल। चार दशक पहले इंद्रावती नदी पर ही बोधघाट बांध बनना तय हुआ था। छत्तीसगढ़ सरकार इसे पुनः शुरू करने जा रही है। तस्वीर: Ishant46nt/विकिमीडिया कॉमनस
उत्तराखंड: पहाड़ों पर बिछ रही रेल से लाइन सूख रहे सैकड़ों जल स्रोत, बढ़ रहा जल संकट

जलसंकट की चपेट में उत्तराखंड के कई गांव, क्या रेल परियोजना है जिम्मेदार?

तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के मद्देनजर आवागमन को सुगम बनाने के लिए उत्तराखंड के पहाड़ों में तेजी से रेल पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। दावा किया जा रहा…
उत्तराखंड: पहाड़ों पर बिछ रही रेल से लाइन सूख रहे सैकड़ों जल स्रोत, बढ़ रहा जल संकट

[साक्षात्कार] जयराम रमेशः अर्थशास्त्री से पर्यावरणविद् बनने की यात्रा

भारत के पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश से मोंगाबे-इंडिया के मैनेजिंग एडिटर एस गोपीकृष्णा वारियर ने बातचीत की। पेश है इस बातचीत के प्रमुख अंश। मोंगाबेः आज हमारे साथ हैं…
बिहार की नदियों की तरह बदलती बिहार के जलमार्गो की कार्य योजनाएं

[कॉमेंट्री] बिहार की नदियों की तरह बदलती बिहार के जलमार्गो की कार्य योजनाएं

वर्ष 2016 में राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम लागू होने के बाद बिहार की सात नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया था। इनमें गंगा के साथ, गंडक, कोसी, घाघरा, सोन, करमनासा,…
बिहार की नदियों की तरह बदलती बिहार के जलमार्गो की कार्य योजनाएं
नर्मदा: बरगी जलाशय में न के बराबर रह गया मछली-उत्पादन, मछुआरों का बुरा हाल

[वीडियो] नर्मदा: बरगी जलाशय में न के बराबर रह गया मछली-उत्पादन, मछुआरों का बुरा हाल

मध्य-प्रदेश में सिवनी जिले का कुदवारी गांव नर्मदा के बरगी जलाशय के किनारे स्थित है, जहां रमेश बर्मन वर्ष 1994 से अभी तक मछलियां पकड़ने का काम कर रहे हैं।…
नर्मदा: बरगी जलाशय में न के बराबर रह गया मछली-उत्पादन, मछुआरों का बुरा हाल
छत्तीसगढ़: धान के खेतों में वृक्षारोपण से किसका भला करना चाहती है सरकार!

छत्तीसगढ़: धान के खेतों में वृक्षारोपण से किसका भला करना चाहती है सरकार!

एक तरफ छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों की तरफ खाद्य सुरक्षा का संकट है तो दूसरी तरफ राज्य सरकार किसानों को अपने खेत में वृक्षारोपण करने के लिए प्रोत्साहित कर रही…
छत्तीसगढ़: धान के खेतों में वृक्षारोपण से किसका भला करना चाहती है सरकार!
कच्छ के रण स्थित बन्नी घास मैदान में भैसों के समूह के साथ मालधारी चरवाहा। तस्वीर- एजेटी जॉनसिंह, डब्लूडब्लूएफ-इंडिया और एनसीएफ

गुजरात: बन्नी घास मैदान से जुड़ी विरासत की लड़ाई में मालधारी समुदाय को मिली जीत

गुजरात के कच्छ के रण स्थित बन्नी घास के मैदान (ग्रासलैंड) को एशिया का सबसे बड़ा ग्रासलैंड कहा जाता है। यह करीब 2500 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र में…
कच्छ के रण स्थित बन्नी घास मैदान में भैसों के समूह के साथ मालधारी चरवाहा। तस्वीर- एजेटी जॉनसिंह, डब्लूडब्लूएफ-इंडिया और एनसीएफ
गंडक नदी में रेत के टापू पर आराप फरमाता एक घड़ियाल। नदी में घड़ियाल संरक्षण की कोशिशें चल रही हैं। वर्ष 2018 में नदी में 211 घड़ियाल पाए गए, जो कि एक समय में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके थे। तस्वीर- समीर कुमार सिन्हा

गंडक नदी के घड़ियालों का आशियाना उजाड़ सकता है यह अंतर्राष्ट्रीय जलमार्ग

बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने 18 मार्च, 2021 को लोकसभा में यह जानकारी दी थी कि बिहार के सारण जिले के कालू…
गंडक नदी में रेत के टापू पर आराप फरमाता एक घड़ियाल। नदी में घड़ियाल संरक्षण की कोशिशें चल रही हैं। वर्ष 2018 में नदी में 211 घड़ियाल पाए गए, जो कि एक समय में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके थे। तस्वीर- समीर कुमार सिन्हा