Categories for वन्य जीव एवं जैव विविधता

थाईलैंड में एक एशियाई पाम सिवेट। एक नए अध्ययन ने इस प्रचलित धारणा को तोड़ दिया है कि सिवेट खुले में मल करना पसंद करते हैं। तस्वीर- फ्रांस से बर्नार्ड ड्यूपॉंट, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 2.0) 

छायादार जगहों पर मल त्याग जंगल बढ़ाने में मदद करते सिवेट

विज्ञान को लंबे समय से सिवेट और उनके मल में रुचि रही है, क्योंकि वे प्राकृतिक दुनिया में सबसे कुशल बीज वितरकों में से एक माने जाते हैं। उनके मल…
थाईलैंड में एक एशियाई पाम सिवेट। एक नए अध्ययन ने इस प्रचलित धारणा को तोड़ दिया है कि सिवेट खुले में मल करना पसंद करते हैं। तस्वीर- फ्रांस से बर्नार्ड ड्यूपॉंट, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 2.0) 
वन विभाग को हाथियों के बीमार होने की सूचना मिलने के बाद कई चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक हाथियों को बचाने की कोशिश हुई लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। तस्वीर साभार- पुष्पेंद्र द्विवेदी

कोदो नहीं, फंगस है मध्य प्रदेश में हाथियों की मौत की वजह, क्या है समाधान

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 अक्टूबर की सुबह एक सूचना ने इलाके में हलचल मचा दी। सूचना थी कि खितौली और पतौर रेंज…
वन विभाग को हाथियों के बीमार होने की सूचना मिलने के बाद कई चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक हाथियों को बचाने की कोशिश हुई लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। तस्वीर साभार- पुष्पेंद्र द्विवेदी
कोरिंगा वाइल्डलाइफ़ अभयारण्य में मछली पकड़ने वाली बिल्ली। तस्वीर- गिरिधर मल्ला।

खाने में क्या है? फिशिंग कैट का आहार से बनती संरक्षण की समझ

भारत के मैंग्रोव, दलदल, आर्द्रभूमि और नदी के किनारे के आवासों के जटिल पारिस्थितिकी तंत्रों में एक शांत शिकारी घूमता है: रहस्यमय फिशिंग कैट। प्रारंभिक शोध इसकी मछली खाने वाली…
कोरिंगा वाइल्डलाइफ़ अभयारण्य में मछली पकड़ने वाली बिल्ली। तस्वीर- गिरिधर मल्ला।

कारगिल में दिखाई दिया यूरेशियन लिंक्स, बेहतर संरक्षण उपायों की जरूरत

मध्य एशियाई लिंक्स का पहला फोटोग्राफिक प्रमाण लद्दाख के कारगिल जिले में दर्ज किया गया है। मध्यम आकार की यह जंगली बिल्ली अब तक केवल केंद्र शासित प्रदेश के लेह…
असम खरगोश का इलेस्ट्रेशन। विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए तस्वीर।

हिमालयी घास के मैदानों में तेजी से घट रहा ब्रिस्टली खरगोश का आवास

नेपाल, भारत और भूटान में हिमालय की दक्षिणी तलहटी में ब्रिस्टली खरगोश को देखना आसान नहीं है। हालांकि, अगर आप इसे देख लें, तो इसके पीछे के हिस्से पर मोटे,…
असम खरगोश का इलेस्ट्रेशन। विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए तस्वीर।
मेघालय के साउथ गारो हिल्स में बालपक्रम नेशनल पार्क में एक पत्ते पर बैठा बेक्वार्टिना बाइकलर। इसे 2017 में सरकार ने पहली बार देखा था, जिसे चमगादड़ ने अपना शिकार बनाते हुए घायल कर दिया था। तस्वीर- विवेक सरकार 

मेघालय में मिली सिकाडा प्रजाति की दो रंगों वाली तितली

साल 2017 की गर्मी की दोपहर में मेघालय के दक्षिण गारो हिल्स के बालपक्रम नेशनल पार्क में फील्ड एंटोमोलॉजिस्ट विवेक सरकार और उनके सहयोगी तुषार संगमा सिकाडा का अध्ययन करने…
मेघालय के साउथ गारो हिल्स में बालपक्रम नेशनल पार्क में एक पत्ते पर बैठा बेक्वार्टिना बाइकलर। इसे 2017 में सरकार ने पहली बार देखा था, जिसे चमगादड़ ने अपना शिकार बनाते हुए घायल कर दिया था। तस्वीर- विवेक सरकार 
इजिप्शियन गिद्ध। तस्वीर - के.एस. गोपी सुंदर

हर मौसम में खुद को ढाल लेते हैं छोटे शहर के स्थानीय पक्षी: स्टडी

भारत में बड़े शहरों की तुलना में उदयपुर जैसे झीलों और भीड़-भाड़ वाले छोटे शहर पक्षियों की बड़ी आबादी और सैकड़ों प्रजातियों को फलने-फूलने में ज्यादा मदद कर सकते हैं।…
इजिप्शियन गिद्ध। तस्वीर - के.एस. गोपी सुंदर
शिकार खाते हुए लाल सिर वाला गिद्ध। तस्वीर- टिमोथी ए गोंसाल्वेस/विकिमीडिया कॉमन्स

प्रकृति के सफाईकर्मी गिद्ध के योगदान का क्या है मोल?

भारत में गिद्ध संरक्षण की आर्थिक व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने वाले एक नए शोधपत्र में पाया गया है कि पशुओं के शवों के निपटान के प्राकृतिक और किफायती समाधान के…
शिकार खाते हुए लाल सिर वाला गिद्ध। तस्वीर- टिमोथी ए गोंसाल्वेस/विकिमीडिया कॉमन्स
महाराष्ट्र के सोलापुर में नान्नज घास के मैदानों की 2008 को खींची गई एक तस्वीरः तस्वीर- मधुकर बी वी, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0 DEED) 

महाराष्ट्र के सिमटते घास के मैदानों के पक्षी कहां गए?

महाराष्ट्र के नान्नज के घास के मैदान, पेड़ों से भरे छोटे-छोटे जंगलों, मानव बस्तियों, निजी और सार्वजनिक चरागाह भूमि और कृषि क्षेत्रों से घिरे हुए हैं। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभयारण्य…
महाराष्ट्र के सोलापुर में नान्नज घास के मैदानों की 2008 को खींची गई एक तस्वीरः तस्वीर- मधुकर बी वी, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0 DEED) 
तमिलनाडु के अनामलाई पहाड़ियों में सड़क पार करते हुए एक हाथी और उसका बच्चा। खराब तरीके से बनाई गई सड़कों और रेलवे लाइनों की वजह से एशियाई हाथियों की गाड़ियों से टक्कर हो रही है, जिससे वे मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन/NCF

हाथियों की सड़क और रेलवे पटरियों पर होने वाली मौतों को रोकने के लिए नई हैंडबुक जारी

इस साल की शुरुआत में, कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास एक ट्रेन से एक हाथी और उसके बच्चे को टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौत हो गई। कुछ महीने…
तमिलनाडु के अनामलाई पहाड़ियों में सड़क पार करते हुए एक हाथी और उसका बच्चा। खराब तरीके से बनाई गई सड़कों और रेलवे लाइनों की वजह से एशियाई हाथियों की गाड़ियों से टक्कर हो रही है, जिससे वे मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन/NCF
उडुपी के माला गांव में एक तालाब के पास अपने शरीर पर उगे बोनट मशरूम के साथ देखा गया राव्स इंटरमीडिएट गोल्डन बैक्ड फ्रॉग। तस्वीर- लोहित वाई.टी.

मेंढ़क के शरीर पर उग आया मशरूम, वैज्ञानिकों ने बताया बेहद दुर्लभ घटना

हर्पेटोलॉजी (सरीसृप और उभयचरों का अध्ययन) के प्रति जुनून रखने वाले पांच दोस्तों के लिए यह एक सामान्य मानसूनी रात थी। पश्चिमी घाट के कुद्रेमुख पर्वतमाला की तलहटी में तूफान…
उडुपी के माला गांव में एक तालाब के पास अपने शरीर पर उगे बोनट मशरूम के साथ देखा गया राव्स इंटरमीडिएट गोल्डन बैक्ड फ्रॉग। तस्वीर- लोहित वाई.टी.
कन्याकुमारी तट के पास पर्यटक। तस्वीर: के.ए. शाजी।

जैवविविधता से समृद्ध वेड्ज बैंक में तेल और गैस की खोज की योजना चिंता का विषय

इस साल की शुरुआत में भारत सरकार ने हाइड्रोकार्बन अन्वेषण एवं लाइसेंसिंग नीति (HELP) 2016 के प्रावधानों के तहत कन्याकुमारी तट पर तीन तेल और गैस ब्लॉकों में खोज और…
कन्याकुमारी तट के पास पर्यटक। तस्वीर: के.ए. शाजी।

‘ऑपरेशन भेड़िया’ ने उजागर की उत्तर प्रदेश की वन्यजीव संरक्षण की खामियां

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के वन अधिकारियों ने तब राहत की सांस ली जब उन्होंने छः भेड़ियों के एक झुंड में से पांच भेड़ियों को पकड़ लिया। इन भेड़ियों…
रेशमकीट से मूगा रेशम निकालने की प्रक्रिया। तस्वीर विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए मयूरिमदास द्वारा (CC BY-SA 4.0)।

मौसम में बदलाव और जैव विविधता के नुकसान के बीच भारतीय परंपरा को सहेजते जीआई टैग

दार्जिलिंग की चाय, कांचीपुरम का रेशम और ओडिशा पट्टचित्र में कौन-सी चीज एक जैसी है? इन सभी के पास खास भौगोलिक संकेत या जीआई टैग हैं। भौगोलिक संकेत बौद्धिक संपदा…
रेशमकीट से मूगा रेशम निकालने की प्रक्रिया। तस्वीर विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए मयूरिमदास द्वारा (CC BY-SA 4.0)।

नई खोज के साथ छिपकलियों के अध्ययन के नए रास्ते खुले

वैज्ञानिकों की एक टीम एक दशक पहले एक नए प्रकार के मेंढक ‘नासिकबाट्रैचस साह्याड्रेंसिस’ के आवासों की तलाश कर रही थी। यह मेंढक साल में सिर्फ एक बार जमीन से…
2000 के दशक तक, सफेद पूंछ वाले गिद्धों की आबादी में 99.9% की भारी गिरावट देखी गई। तस्वीर- मौसमी घोष।

पशु दवाओं से प्रभावित होती लुप्तप्राय गिद्धों की आबादी

भारत में लुप्तप्राय गिद्धों की आहार संबंधी आदतों की जांच करने वाले एक अध्ययन से पता चलता है कि दक्षिण भारत, जहां गिद्ध मुख्य रूप से जंगली जानवरों के शवों…
2000 के दशक तक, सफेद पूंछ वाले गिद्धों की आबादी में 99.9% की भारी गिरावट देखी गई। तस्वीर- मौसमी घोष।
कॉर्नवाल, यूके में थिक-लेग्ड फ्लावर बीटल। कीट जगत में अपनी अविश्वसनीय विविधता और प्रभुत्व के बावजूद, बीटल्स को अक्सर परागण में उनके योगदान के लिए नहीं पहचाना जाता है। तस्वीर- फ्लैपी पिजन/विकिमीडिया कॉमन्स

परागण के छोटे दिग्गज, ‘बीटल्स’ से मिलिए

परागण का जिक्र आते ही हमारे दिमाग में नेक्टर की तलाश में सुगंधित फूलों के ईर्द-गिर्द मंडराती मधुमक्खियां, तितलियां और लंबी चोंच वाले सनबर्ड घूमने लग जाते हैं। लेकिन एक…
कॉर्नवाल, यूके में थिक-लेग्ड फ्लावर बीटल। कीट जगत में अपनी अविश्वसनीय विविधता और प्रभुत्व के बावजूद, बीटल्स को अक्सर परागण में उनके योगदान के लिए नहीं पहचाना जाता है। तस्वीर- फ्लैपी पिजन/विकिमीडिया कॉमन्स
अध्ययन के मुताबिक, जंगली भारतीय स्टार कछुओं के भौगोलिक वितरण में एक निश्चित पैटर्न है और दोनों आबादियों में मध्यम से उच्च आनुवंशिक विविधता है। तस्वीर -आदित्यमाधव83/विकिमीडिया कॉमन्स

जेनेटिक इंटेलिजेंस से चुना जा सकता है तस्करी से बचाए गए स्टार कछुओं का सही घर

भारतीय स्टार कछुओं को घरों में पालने और उनके अंगों के इस्तेमाल के चलते बड़े पैमाने पर उनकी अवैध तस्करी की जाती रही है। ये कछुए भारतीय उपमहाद्वीप में पाए…
अध्ययन के मुताबिक, जंगली भारतीय स्टार कछुओं के भौगोलिक वितरण में एक निश्चित पैटर्न है और दोनों आबादियों में मध्यम से उच्च आनुवंशिक विविधता है। तस्वीर -आदित्यमाधव83/विकिमीडिया कॉमन्स
अप्रैल 2016 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चितई के पास चीड़ के जंगलों में लगी आग। फाइल तस्वीर- Ramwik/विकिमीडिया कॉमन्स

बकाया वेतन, संसाधनों का अभाव, जंगल की आग से कैसे लड़ेंगे उत्तराखंड के अग्नि प्रहरी

इस साल उत्तराखंड के लगभग सभी जिलों में वनाग्नि के मामले दर्ज किये गए। राज्य की दोनों प्रशासनिक इकाइयों में सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में उत्तरकाशी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, देहरादून…
अप्रैल 2016 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चितई के पास चीड़ के जंगलों में लगी आग। फाइल तस्वीर- Ramwik/विकिमीडिया कॉमन्स
स्पोटेड पोटेटो लेडीबर्ड बीटल जो आलू, टमाटर, बैंगन और मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचाता है। तस्वीर - arian.suresh/विकिमीडिया कॉमन्स।

बढ़ते तापमान से बढ़ेगा फसलों पर कीटों का प्रभाव, पैदावार पर हो सकता है असर

बात पिछले साल सितंबर की है। केरल में वायनाड के थिरुनेली एग्री प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के किसान और सीईओ राजेश कृष्णन ने यहां धान की फसलों में कुछ अजीबो गरीब…
स्पोटेड पोटेटो लेडीबर्ड बीटल जो आलू, टमाटर, बैंगन और मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचाता है। तस्वीर - arian.suresh/विकिमीडिया कॉमन्स।
दुसुमियर का मडस्किपर। बोलेओफथाल्मस दुसुमियरी। तस्वीर-वैथियानाथन कन्नन 

जमीन पर कूदने और रेंगने वाली मडस्किपर मछलियां

मडस्किपर एक अनोखे उभयचर मछलियों का समूह है जो इवोल्यूशन के अनुकूलन के एक चमत्कार के रूप में सामने आया है। ये दलदली इलाकों और मैंग्रोव वनों में रहती हैं।…
दुसुमियर का मडस्किपर। बोलेओफथाल्मस दुसुमियरी। तस्वीर-वैथियानाथन कन्नन 
बर्लिन के एक चिड़ियाघर में तिलापिया मछली। जब इन्हें जंगली इलाकों में छोड़ा जाता है, तो समय के साथ तिलापिया की आबादी तेजी से बढ़ती जाती है, जो संभावित रूप से देशी मछली प्रजातियों को विस्थापित कर देती है। तस्वीर: उडो श्रोटर/विकिमीडिया कॉमन्स। 

मीठे पानी के जलाशयों के बाद समुद्री जल में डेरा डालती तिलापिया मछली

तिलापिया मछली पाक खाड़ी के तटीय जल में अपने लिए नई जगह बना रही हैं। वो न सिर्फ इस नए क्षेत्र में बस रही हैं बल्कि प्रजनन भी कर रही…
बर्लिन के एक चिड़ियाघर में तिलापिया मछली। जब इन्हें जंगली इलाकों में छोड़ा जाता है, तो समय के साथ तिलापिया की आबादी तेजी से बढ़ती जाती है, जो संभावित रूप से देशी मछली प्रजातियों को विस्थापित कर देती है। तस्वीर: उडो श्रोटर/विकिमीडिया कॉमन्स। 
नेपाल में कैमरा ट्रैप द्वारा ली गई बाघों की तस्वीर। तस्वीर सौजन्य: DNPWC/NTNC/Panthera/WWF/ZSL

नेपाल के बाघ वाले जंगल चितवन में भय और कठिनाइयों भरा जीवन

सूर्य प्रसाद पौडेल, 42 वर्षीय एक दुबले-पतले व्यक्ति, जिनकी नाक तीखी, आंखें धंसी हुई और चेहरे पर भूरे बाल हैं। वे अपने मिट्टी के घर के सामने डगमगाते हुए खड़े…
नेपाल में कैमरा ट्रैप द्वारा ली गई बाघों की तस्वीर। तस्वीर सौजन्य: DNPWC/NTNC/Panthera/WWF/ZSL
भारत में पलास कैट की स्थिति के बारे में अभी तक कोई बहुत गहन शोध नहीं हुआ है। लेकिन यह भारत के पार-हिमालयी या ट्रांस-हिमालयी राज्यों जैसे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और सिक्किम में पाई जाती है और अभी तक जो रिकार्ड्स मिले हैं वहीँ से मिले हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर- निकोलस फिशर/विकिमीडिया कॉमन्स

[इंटरव्यू] हिमालयी क्षेत्रों में दिख रही पलासेस कैट के संरक्षण में क्या हैं चुनौतियां

पलासेस कैट या मनुल भारत में पाई जाने वाली जंगली बिल्लियों की प्रजातियों में से एक है। भारत के हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाने वाली यह प्रजाति बहुत ही शर्मीली…
भारत में पलास कैट की स्थिति के बारे में अभी तक कोई बहुत गहन शोध नहीं हुआ है। लेकिन यह भारत के पार-हिमालयी या ट्रांस-हिमालयी राज्यों जैसे लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और सिक्किम में पाई जाती है और अभी तक जो रिकार्ड्स मिले हैं वहीँ से मिले हैं। प्रतीकात्मक तस्वीर- निकोलस फिशर/विकिमीडिया कॉमन्स
सम गांव स्थित गोडावण कृत्रिम प्रजनन केन्द्र के बाहर गोडावण की प्रतिकृति। तस्वीर- कबीर संजय

[समीक्षा] गोडावण, अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करते एक पक्षी की कहानी

राजस्थान के जैसलमेर के आसपास पाए जाने वाले पक्षी गोडावण या ग्रेट इंडियन बस्टर्ड का शिकार करने के लिए कभी लोग इसके अंडे या चूजे को ढूंढते थे। अगर ऐसा…
सम गांव स्थित गोडावण कृत्रिम प्रजनन केन्द्र के बाहर गोडावण की प्रतिकृति। तस्वीर- कबीर संजय
कश्मीर का दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान कई वन्यजीवों का घर है। तस्वीर - मुदस्सिर कुलू।

कश्मीर में बढ़ रहा मानव-वन्यजीव संघर्ष, वन्यजीवों को बचाना हुआ चुनौतीपूर्ण

घटना इस साल फरवरी महीने की है। कश्मीर वन्यजीव विभाग में काम करने वाले शब्बीर अहमद (अनुरोध पर बदला हुआ नाम) को किसी सहकर्मी ने फोन किया और उन्हें मध्य…
कश्मीर का दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान कई वन्यजीवों का घर है। तस्वीर - मुदस्सिर कुलू।
ब्लैक वेटल (अकेशिया मेरनसी)। तस्वीर- फॉरेस्ट और किम स्टार/विकिकिमीडिया कॉमन्स

विलायती बबूल की छाया में पनप रहे देसी शोला के पौधे

पश्चिमी घाट में वैज्ञानिकों की एक टीम ने पाया कि विदेशी पेड़ों की छाया में शोला वनों की मूल प्रजातियों के पुनर्जनन यानी फिर से फलने फूलने की संभावना होती…
ब्लैक वेटल (अकेशिया मेरनसी)। तस्वीर- फॉरेस्ट और किम स्टार/विकिकिमीडिया कॉमन्स
स्लॉथ भालू भारतीय उपमहाद्वीप के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में काफी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। तस्वीर- रुद्राक्ष चोदनकर/विकिमीडिया कॉमन्स 

स्लॉथ भालू के आवासों के लिए खतरा बनी आक्रामक पौधे की एक प्रजाति

गुजरात के जेसोर स्लोथ भालू अभ्यारण्य में हाल ही में हुए एक अध्ययन ने यह जानने की कोशिश की गई कि आक्रामक प्रजाति "प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा", शुष्क इलाके में स्लोथ भालू…
स्लॉथ भालू भारतीय उपमहाद्वीप के अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में काफी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। तस्वीर- रुद्राक्ष चोदनकर/विकिमीडिया कॉमन्स 
गंडक नदी के किनारे मौजूद एक घड़ियाल। इस प्रजाति के लगातार कम होते जाने की वजह इनकी खास प्रकृति, खासकर इनके निवास स्थल को लेकर इनका व्यवहार और इनके संरक्षण के खिलाफ होने वाली कई इंसानी गतिविधियां हैं। तस्वीर- आशीष पांडा।

असंरक्षित नदियों में भी होना चाहिए घड़ियालों का संरक्षण

गेविलियस जीन वाले मगरमच्छों की फैमिली में से बची एकमात्र प्रजाति, घड़ियाल की संख्या कम होती जा रही है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट में…
गंडक नदी के किनारे मौजूद एक घड़ियाल। इस प्रजाति के लगातार कम होते जाने की वजह इनकी खास प्रकृति, खासकर इनके निवास स्थल को लेकर इनका व्यवहार और इनके संरक्षण के खिलाफ होने वाली कई इंसानी गतिविधियां हैं। तस्वीर- आशीष पांडा।
सुंदरबन में स्मूद कोटेड ऊदबिलाव। प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- अनिर्नय/विकिमीडिया कॉमन्स

आंकड़ों के अभाव में भारत के पूर्वोत्तर में प्रभावित हो रहा है ऊदबिलावों का संरक्षण

कामेंग नदी के किनारे खड़े एक बड़े से पेड़ की मोटी-मोटी जड़ों से घिरी कुछ चट्टानों की दरारों की ओर इशारा करते हुए और उत्साहित होते हुए जेहुआ नातुंग कहते…
सुंदरबन में स्मूद कोटेड ऊदबिलाव। प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- अनिर्नय/विकिमीडिया कॉमन्स