लगभग डेढ़ दशक पहले तक ‘मोला मछली’ ओड़िया खाने का अभिन्न अंग थी। यह एक स्वदेशी प्रजाति की मछली है जिसे एंबलीफेरिंगोडोन मोला भी कहा जाता है। लेकिन बदलती जलवायु…
लगभग 1.5 लाख से ज्यादा आबादी वाले दक्षिणी महाराष्ट्र के सांगली जिले के आटपाडी तालुका (प्रशासनिक प्रभाग) में लगभग 60 गाँव हैं। यह इलाका सह्याद्रि के सुदूर पूर्वी हिस्से में…
साल 2030 तक भारत में पानी की जरूरत 1.5 ट्रिलियन क्यूबिक मीटर तक पहुंच जाएगी। भारत में जितना सीवेज या अपशिष्ट जल निकलता है उसमें से सिर्फ 16.8 प्रतिशत की…
ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बसे मेधिपामुआ गांव में दिसंबर की गुनगुनी धूप हर तरफ फैली है। गांव के कुछ पुरुष, महिलाएं और बच्चे झुंड बनाकर जमीन से कुछ फीट ऊपर…
राजस्थान के गंगानगर जिले में लुढ़कता पारा नए रिकॉर्ड बना रहा है। हालात ऐसे हैं कि लोग गर्म रजाई में भी ठिठुर रहे हैं। ऐसे वक्त में मोहनपुरा गांव के…
महाराष्ट्र में पर्यटन को लेकर एक नई पहल लोकप्रिय हो रही है। इसमें पर्यटकों को स्थानीय समुदायों की जीवन शैली और उनके कम कार्बन-फुटप्रिंट यानी किसी इकाई (व्यक्ति या संस्था)…
दिनेश गोले महाराष्ट्र के पेण में रहने वाले एक मूर्तिकार हैं जो कई वर्षों से गणेश उत्सव के लिए मूर्तियां बनाते हैं। पेण, पुणे से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी…
आप साल 2030 में इंदौर या सूरत जैसे शहरों में किसी आवासीय परिसर (रेसिडेंशियल कॉम्पलेक्स) की कल्पना करें। अगर ये इमारतें मौजूदा दौर की गगनचुंबी इमारतों की तरह ही हुईं,…
इस जलवायु परिवर्तन से स्थानीय पारिस्थितिकी, आजीविका और उन्हें बनाए रखने वाले नेटवर्क के लिए खतरा है। वैज्ञानिक नशीमन अशरफ, उल्फत मजीद और महरीन खलील अलग-अलग पृष्ठभूमि से हैं और…
जब ओडिशा के भुवनेश्वर शहर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) के प्रोफेसर बिनाया भूषण जेना ने पहली बार परिसर के चारों ओर देखा, तो उन्हें केवल ईंट-पत्थर के…
घुमावदार रास्तों से सिलपिड़ी गांव में पहुंचने के बाद हमें चर्रा सिंह रठूरिया का घर तलाशने में थोड़ी मुश्किल इसलिए हुई कि पिछली बार की हमारी मुलाकात गांव के एक…
बीते 13 जून को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने हरियाणा सरकार को एक नोटिस जारी किया था। यह नोटिस बंधवारी लैंडफिल के पास भूजल को दूषित करने वाले खतरनाक कचरे…
बीते फरवरी महीने में आम बजट पेश करते हुए केंद्र सरकार ने देशभर में खासकर गंगा नदी की धारा के पांच किलोमीटर के दायरे में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने…
चौहत्तर साल के नारायण गायकवाड़ ने कभी नहीं सोचा था कि खेती के अपने तौर-तरीकों पर उन्हें फिर से विचार करना होगा। वे 60 सालों से भी ज्यादा समय से…
छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले के बोकराकछार गांव में रहने वाले 30 साल के भागबली से बचपन की बात करें तो उनकी आंखों में अभी भी अपना गांव और जंगल तैर…
गोवा में गुड़ी गांव के लोगों ने स्थानीय एनिमल रेस्क्यू स्वॉड को फोन किया। अक्टूबर 2019 की वह कॉल आबादी में घुसे एक सांप के बारे में थी। स्वॉड की…
पीठ तक लटकते लंबे बाल और दोतारा के साथ नरेन हंसदा पहली नजर में किसी रॉकस्टार लगते हैं। लेकिन जब वह गाना शुरू करते हैं तो उनकी यह छवि जाती…
हम में से अधिकतर लोग अपने कूड़े को कचरे के डिब्बों या नगरपालिका के कचरा उठाने वाली गाड़ियों में फेंक देने के बाद भूल जाते हैं। फिर सारी जिम्मेदारी नगर…
उत्तराखंड को देव भूमि के नाम से जाना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में यह राज्य जलवायु परिवर्तन, कुदरती हादसों और उसकी वजह से हो रहे पलायन को लेकर…
बिहार के जैविक पंचायत के नाम से मशहूर सुखेत पंचायत के रहने वाले सत्तन यादव खेत खाली होने के बाद भी कई दिनों तक गेंहू की बुआई नहीं कर पाये…
अभी 2022 दहलीज पर खड़ा है और इसके साथ ओमीक्रॉन भी। पूरी मानव सभ्यता इस उम्मीद में है कि कोविड के डेल्टा ने 2021 में जो तबाही मचाई वैसे आगे…
अभी लॉकडाउन नहीं लगा था और बच्चे स्कूल जा रहे थे। उन्हीं दिनों 11-वर्षीय पवन कुमार निषाद को स्कूल से घर जाते हुए अचानक एक कछुआ दिखा। सड़क पर। उस…
जीवन के 60 वसंत देख चुकी जानकीअम्मा आज एक कृषि उत्पाद कंपनी की डायरेक्टर हैं। दक्षिण भारत के आदिम जनजाति कुरुंबा से वास्ता रखने वाली अम्मा कभी शहद इकट्ठा करने…
खेती-किसानी पर जलवायु परिवर्तन का असर सबसे अधिक होता है। मौसम की अनिश्चितता से किसान काफी परेशानी झेल रहे हैं। पर खेती में नए तरीकों को शामिल करने से इनकी…
सुनने में भी भले ही यह अटपटा लगे, लेकिन मानव मल का इस्तेमाल खाद के तौर पर हिमालय क्षेत्र में लंबे समय से होता आ रहा है। यहां इतनी ठंड…
पूर्वोत्तर महाराष्ट्र में स्थित गढ़चिरौली जिले के आदिवासी परिवार शहद निकालने का एक ऐसा तरीका अपना रहे हैं जिसमें मधुमक्खियों को नुकसान नहीं होता। यहां के आदिवासी परिवार आसपास के…
झारखंड के खूंटी जिले की रहने वाली परमेश्वरी देवी के पास तीन एकड़ खेती योग्य जमीन है पर उन्होंने पहली बार अपने पूरे खेत पर धान की रोपाई की। वह…
पर्वतीय ज़िले पौड़ी के कोट ब्लॉक के कोट गांव के सागर रावत की दिल्ली की आईटी कंपनी की नौकरी छूट गई थी। वह बताते हैं, “लॉकडाउन की वजह से मेरे…
इस साल भारी बारिश से देश के विभिन्न हिस्सों में शहर और गांव बेहाल हैं। चारों तरफ मौसम के मार और उससे होने वाली तकलीफों की चर्चा है। इसी बीच…
सरगुजा ज़िले के मैनपाट के बरपारा के लोकनाथ यादव अपने टूटे हुए घर के सामने खड़े हो कर यही सोच रहे हैं कि अब इस बरसात में टूटे घर की…