कच्छ

संगनारा गांव के 1400 लोगों की आबादी मुख्य रूप से खेती और पशुपालन के साथ गोंद जैसे वनोपज बेचकर गुजर-बसर करती है। तस्वीर- रवलीन कौर

[वीडियो] गुजरातः कच्छ में पवन चक्की विस्तार से मुश्किल में दुर्लभ कांटेदार जंगल

जंगल में प्रवेश करते ही चना राना रबारी लकड़ी का एक टुकड़ा उठाते हैं। उन्हें लकड़ी के सहारे उबड़-खाबड़ और कांटेदार वनस्पतियों से भरे रास्ते को आसानी के साथ पार…
संगनारा गांव के 1400 लोगों की आबादी मुख्य रूप से खेती और पशुपालन के साथ गोंद जैसे वनोपज बेचकर गुजर-बसर करती है। तस्वीर- रवलीन कौर
खारे पानी को पंप के माध्यम से पाटा पर इकट्ठा किया जा रहा है। यहां वाष्पीकरण के बाद नमक बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। आजकल अगरिया सोलर पंप का इस्तेमाल भी करते हैं। तस्वीर- ध्वनित पांड्या/एएचआरएम

नमक की जरूरत सबको पर हाशिए पर है नमक बनाने वाला समुदाय

मानसून ढलान पर है। इस मानसून के आखिरी महीने या कहें सितंबर के आखिरी सोमवार का दिन था। 48-वर्षीय गुणवंत रामजी कोली कच्छ के पूर्वी रण के एक पोखर में…
खारे पानी को पंप के माध्यम से पाटा पर इकट्ठा किया जा रहा है। यहां वाष्पीकरण के बाद नमक बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। आजकल अगरिया सोलर पंप का इस्तेमाल भी करते हैं। तस्वीर- ध्वनित पांड्या/एएचआरएम