कर्नाटक

उडुपी के माला गांव में एक तालाब के पास अपने शरीर पर उगे बोनट मशरूम के साथ देखा गया राव्स इंटरमीडिएट गोल्डन बैक्ड फ्रॉग। तस्वीर- लोहित वाई.टी.

मेंढ़क के शरीर पर उग आया मशरूम, वैज्ञानिकों ने बताया बेहद दुर्लभ घटना

हर्पेटोलॉजी (सरीसृप और उभयचरों का अध्ययन) के प्रति जुनून रखने वाले पांच दोस्तों के लिए यह एक सामान्य मानसूनी रात थी। पश्चिमी घाट के कुद्रेमुख पर्वतमाला की तलहटी में तूफान…
उडुपी के माला गांव में एक तालाब के पास अपने शरीर पर उगे बोनट मशरूम के साथ देखा गया राव्स इंटरमीडिएट गोल्डन बैक्ड फ्रॉग। तस्वीर- लोहित वाई.टी.
भारत में सोलर थर्मल कंसंट्रेटर बनाने वाली कंपनी सनराइज सीएसपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के दीपक गादिया सोलर कुकर के साथ खड़े है। तस्वीर- दीपक गादिया

सौर ऊर्जा से खाना पकाने के तरीकों में भारत अभी काफी पीछे

बेंगलुरु में रहने वाली रेवा मलिक की दिनचर्या थोड़ी अलग है। वह हर दिन सुबह 9 बजे अपने घर की छत पर जाती हैं, एक सौर कुकर लगाती हैं और…
भारत में सोलर थर्मल कंसंट्रेटर बनाने वाली कंपनी सनराइज सीएसपी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के दीपक गादिया सोलर कुकर के साथ खड़े है। तस्वीर- दीपक गादिया
कर्नाटक के कोक्करेबेल्लूर गांव में एक लड़की ने अपने कपड़े सूखने को डाले हैं और पास के पेड़ों पर रंगीन सारस और पेलिकन ने अपने घोंसले बना रखे हैं। शिम्शा नदी के किनारे मौजूद इस गांव में हर साल औसतन 500 पेलिकन और 2000 रंगीन सारस आते हैं और घोंसला लगाते हैं। तस्वीर- अभिषेक एन. चिन्नप्पा/मोंगाबे।

हर समय पक्षियों के झुंड की रक्षा करता है ये गांव

दिसंबर का महीना है और कोक्करेबेल्लूर गांव में सुबह-सुबह चमकदार सूरज निकला होने के बावजूद ठंड अपने चरम पर है। साल 2017 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कम्युनिटी…
कर्नाटक के कोक्करेबेल्लूर गांव में एक लड़की ने अपने कपड़े सूखने को डाले हैं और पास के पेड़ों पर रंगीन सारस और पेलिकन ने अपने घोंसले बना रखे हैं। शिम्शा नदी के किनारे मौजूद इस गांव में हर साल औसतन 500 पेलिकन और 2000 रंगीन सारस आते हैं और घोंसला लगाते हैं। तस्वीर- अभिषेक एन. चिन्नप्पा/मोंगाबे।
बेल्लारी के निवासी जिले के एक नए सोलर पार्क के सामने से गुजरते हुए। तस्वीर - प्रणव कुमार/मोंगाबे।

[वीडियो] कौशल की कमी से नवीन ऊर्जा सेक्टर में काम पाने में पिछड़ रहे बेल्लारी के पूर्व खदान मजदूर

कर्नाटक में बेल्लारी जिले के सेंडूर तालुका का रणजीतपुर गांव लौह-अयस्क खनन के लिए जाना जाता रहा है। यहां रहने वाले 40 वर्षीय पूर्व खदान मजदूर ए. यारीस्वामी इस क्षेत्र…
बेल्लारी के निवासी जिले के एक नए सोलर पार्क के सामने से गुजरते हुए। तस्वीर - प्रणव कुमार/मोंगाबे।

इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों से जुड़ी समस्याओं को कैसे सुलझा रहे हैं बेंगलुरु के ये स्टार्टअप्स

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है और साथ ही इनमें प्रयोग होने वाले बैटरियों की खरीद भी बढ़ रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों को जीवाश्म ईंधन…