खनन

[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों की वकालत

जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन में तेजी: जी-7 के साथ साझेदारी से पहले कोयला श्रमिकों के हितों पर भारत को देना होगा ध्यान

हाल ही में जी-7 देशों ने इंडोनेशिया के साथ एक साझेदारी की घोषणा की है। इसका मकसद जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन (just energy transition) में तेजी लाते हुए जीवाश्म ईंधनों से…
[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों की वकालत
झारखंड, भारत में रांची जिले में हुंडरू झरने से ली गई एक घाटी। तस्वीर- अजय कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स

झारखंड: लैंड बैंक से तैयार हो रही संघर्ष की नई ज़मीन!

इस साल 15 जुलाई को झारखंड में गोंदलपुरा के निवासियों ने हजारीबाग जिला कलेक्टर कार्यालय की ओर से रखी गई जनसुवाई के दौरान ‘अडानी कंपनी वापस जाओ’  के नारे लगाए।…
झारखंड, भारत में रांची जिले में हुंडरू झरने से ली गई एक घाटी। तस्वीर- अजय कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स

जस्ट ट्रांजिशन के बिना झारखंड के खानों में काम कर रहे लाखों लोगों को होगी मुश्किल

बेरमों झारखंड के बोकारो जिले का एक छोटा सा कस्बा है जो प्रदेश के पूर्वी बोकारो कोलफील्ड का एक अंग है। अगर आप रांची से बेरमों के तरफ सड़क मार्ग…
हरियाणा के यमुनानगर में रेत खनन के चलते होने वाली दुर्घटनाओं की खबरें मीडिया में बनी रहती हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह/मोंगाबे

रेत खनन: 16 महीनों में 400 से अधिक मौत, पर्यावरण के साथ जान का भी नुकसान

आमतौर पर नदियों से होने वाले अवैध और अवैज्ञानिक रेत खनन को पर्यावरण और जलीय जीवों पर खतरे के रूप में देखा जाता है। लेकिन इसका एक और स्याह पक्ष…
हरियाणा के यमुनानगर में रेत खनन के चलते होने वाली दुर्घटनाओं की खबरें मीडिया में बनी रहती हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह/मोंगाबे
32 वर्षीय किरण कुमारी, एक दिहाड़ी मजदूर हैं। कहती हैं, “मैं कोयला खनन शुरू होने के बाद विस्थापित हो गयी और एक पुनर्वासित गांव में रहती हूं। यहां वैसे तो एक सिलाई केंद्र है, लेकिन बंद ही रहता है। लोग इसे पार्किंग के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। जब हमारे पास जमीन थी, तो हमें खाने-पीने की चिंता नहीं रहती थी। हम अपना गेहूं खुद उगाते थे। अब मुझे हर दिन काम की तलाश करनी पड़ती है। मैं जल्दी निकल जाती हूं और देर शाम ही घर वापस लौट पाती हूं। हमें अपने गांव में ही कुछ काम मिल जाता तो जीवन थोड़ा आसान रहता। तस्वीर- सैयम खोसला / कार्बन कॉपी

खनन से जुड़े लोग: भविष्य को लेकर बज रही खतरे की घंटी

अंग्रेजी हुकूमत से जुड़े खनन की कहानी में कैनरी पक्षी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उस दौरान इस गाने वाले पक्षी की मदद से यह पता लगाया जाता था कि…
32 वर्षीय किरण कुमारी, एक दिहाड़ी मजदूर हैं। कहती हैं, “मैं कोयला खनन शुरू होने के बाद विस्थापित हो गयी और एक पुनर्वासित गांव में रहती हूं। यहां वैसे तो एक सिलाई केंद्र है, लेकिन बंद ही रहता है। लोग इसे पार्किंग के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। जब हमारे पास जमीन थी, तो हमें खाने-पीने की चिंता नहीं रहती थी। हम अपना गेहूं खुद उगाते थे। अब मुझे हर दिन काम की तलाश करनी पड़ती है। मैं जल्दी निकल जाती हूं और देर शाम ही घर वापस लौट पाती हूं। हमें अपने गांव में ही कुछ काम मिल जाता तो जीवन थोड़ा आसान रहता। तस्वीर- सैयम खोसला / कार्बन कॉपी

कोयला संकट से उजागर होती ऊर्जा क्षेत्र की कुछ बड़ी खामियां

शशांक पाठक झारखंड के रांची शहर में एक फोटोकॉपी की दुकान चलाते हैं। शहर के कोकर इलाके में स्थित उनकी दुकान की आमदनी सीधे बिजली पर निर्भर है। पिछले कुछ…
रोरो गांव के लोग खेती के अलावा जंगल के उत्पाद जैसे महुआ आदि पर निर्भर हैं। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

एसबेस्टस खनन के बंद होने के 39 साल बाद भी क्यों हो रहें हैं झारखंड के आदिवासी बीमार

मोहन सूंडी झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के रोरो गांव के रहने वाले 35 वर्षीय युवक हैं। केरल के एक थिएटर में काम करते हैं और महीने भर पहले अपने…
रोरो गांव के लोग खेती के अलावा जंगल के उत्पाद जैसे महुआ आदि पर निर्भर हैं। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
गुरुग्राम, हरियाणा में एक निर्माण स्थल पर काम करती महिलाएं। प्रतिकात्मक तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स

अवैध खनन से विनाश की तरफ अरावली के अरण्य, हरियाणा सरकार मूकदर्शक

हरियाणा में खनन के दौरान पांच लोगों की मौत ने अरावली पर्वतमाला में अवैध खनन को फिर चर्चा में ला दिया है। इस साल जनवरी में भिवानी जिले के तोशाम…
गुरुग्राम, हरियाणा में एक निर्माण स्थल पर काम करती महिलाएं। प्रतिकात्मक तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स
रांची और रामगढ जिले के बीच सिकदिरी घाटी में सड़क किनारे ऐसे बोर्ड लगे हुए हैं। तस्वीर- राहुल सिंह

झारखंड: खनन से हाथियों का गमन क्षेत्र हो रहा बाधित, बढ़ रही है सबकी मुश्किल

झारखंड के चेड़गा उरांव अब इस दुनिया में नहीं हैं। 55 साल के उरांव 9 नवंबर, 2021 को गुमला जिले के रायकेरा गांव के अपने घर से धान कटाई की…
रांची और रामगढ जिले के बीच सिकदिरी घाटी में सड़क किनारे ऐसे बोर्ड लगे हुए हैं। तस्वीर- राहुल सिंह
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बैलाडीला लौह अयस्क खदानों का एक दृश्य। तस्वीर- सुरेश यादव

छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क के खनन के लिए जंगलों की कटाई

छत्तीसगढ़ में एक बड़े हिस्से में जंगल है जो न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर की आबोहवा के लिए जरूरी है। पर राज्य में लौह अयस्क का प्रचूर भंडार भी…
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बैलाडीला लौह अयस्क खदानों का एक दृश्य। तस्वीर- सुरेश यादव