खेती

चाय बागान में हाथी। तस्वीर- अंशुमा बासुमतारी

चाय की प्याली से जुड़ा है हाथियों का संरक्षण

भारत और भूटान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा 40-एकड़ में फैला है तेंजिंग बोडोसा का चाय बागान। इसे पहली नजर में देखकर असम के तमाम चाय बागानों जैसा एक और…
चाय बागान में हाथी। तस्वीर- अंशुमा बासुमतारी
पलायन रोकने में कामयाब हो रहा मुनस्यारी का इकोटूरिज्म

पलायन रोकने में कामयाब हो रहा मुनस्यारी का इकोटूरिज्म

कहते हैं कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी, पहाड़ में नहीं टिकती। पानी की कहानी तो सबको मालूम है पर यहां जवानी से वास्ता उन युवाओं से है…
पलायन रोकने में कामयाब हो रहा मुनस्यारी का इकोटूरिज्म
सैकड़ों किलोमीटर घूमकर पशु चराने वाले राजस्थान के घुमक्कड़ चरवाहे कोविड-19 से हुए हलकान, बीच में छोड़ी यात्रा

[कॉमेंट्री] कोविड-19 और चारे की कमी से परेशान राजस्थान के घुमक्कड़ चरवाहे, बीच में छोड़ी यात्रा

राजस्थान में करीब चार लाख लोग अपनी रोजी-रोटी के लिए चरवाही पर निर्भर हैं। संसाधनों की कमी समेत तमाम चुनौतियों से निपटने में माहिर होने के लिए मशहूर गडरिया समुदाय…
सैकड़ों किलोमीटर घूमकर पशु चराने वाले राजस्थान के घुमक्कड़ चरवाहे कोविड-19 से हुए हलकान, बीच में छोड़ी यात्रा
घर संभालने के साथ खेतों में पुरुषों के बराबर काम करने से महिलाओं के पोषण पर नकारात्मक असर- शोध

घर संभालने के साथ खेतों में काम बढ़ने से महिलाओं के पोषण पर असर

भारत के खेतों में महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं। लेकिन घरेलू काम निपटाने जैसी पारंपरिक चुनौती हो या बदलते मौसम जैसी नई चुनौती- महिलाओं की…
घर संभालने के साथ खेतों में पुरुषों के बराबर काम करने से महिलाओं के पोषण पर नकारात्मक असर- शोध
बिहार: बाढ़ सुरक्षा के सरकारी प्रयास के विरोध में क्यों है बागमती इलाके के लोग?

बिहार: बाढ़ सुरक्षा के सरकारी प्रयास के विरोध में क्यों है बागमती इलाके के लोग?

बिहार के मुजफ्फरपुर में बागमती नदी के किनारे रहने वाले बाशिंदे एक बार फिर से एकजुट होने लगे हैं। उन्होंने तय किया है कि वे किसी भी सूरत में अपने…
बिहार: बाढ़ सुरक्षा के सरकारी प्रयास के विरोध में क्यों है बागमती इलाके के लोग?
आलू की फसल खोदता इचाक गांव का एक किसान। तस्वीर- दीपांविता गीता नियोगी

आलू उपजाने भर से नहीं बनती बात, सही भंडारण से फायदा ले रहे झारखंड के किसान

अनिता देवी झारखंड के हजारीबाग जिले के चंदा गांव की किसान हैं। यह आलू की खेती करती हैं और यही इनके आजीविका का मुख्य साधन है। साल-डेढ़ साल पहले तक…
आलू की फसल खोदता इचाक गांव का एक किसान। तस्वीर- दीपांविता गीता नियोगी
बीज का संग्रहण, उसकी रोपाई और खेती के अन्य मौके डोंगरिया के लिए त्योहार की तरह हैं।

प्रकृति पूजक डोंगरिया आदिवासी सहेज रहे बीजों की विरासत, बदलते मौसम में भी बरकरार पैदावार

नियमगिरि पहाड़ियों पर सुंदर और घने वनों के बीच आधुनिकता से दूर एक आदिवासी समाज रहता है। अपने में अनोखे इस समाज को डोंगरिया कोंध के नाम से जानते हैं।…
बीज का संग्रहण, उसकी रोपाई और खेती के अन्य मौके डोंगरिया के लिए त्योहार की तरह हैं।
पिथारा गांव के किसान उमेश कुमार अपने हरे-भरे खेत में खड़े होकर फसलों को दिखा रहे हैं। फोटो- सोशल एक्शन फॉर रूरल डेवलपमेंट (एसएआरडीए)

पानी बचाने के छोटे-छोटे प्रयोग से झारखंड के किसानों की बढ़ी आमदनी

उमेश कुमार सिमडेगा जिले के एक मेहनती किसान हैं। पहाड़ियों और हरे जंगल से घिरा उनका गांव एक सकारात्मक परिवर्तन से गुजर रहा है। पिछले कुछ सालों से उमेश अपने…
पिथारा गांव के किसान उमेश कुमार अपने हरे-भरे खेत में खड़े होकर फसलों को दिखा रहे हैं। फोटो- सोशल एक्शन फॉर रूरल डेवलपमेंट (एसएआरडीए)