जलवायु परिवर्तन

शोधकर्ता नेपाल की लंगटांग घाटी में रिखा सांबा ग्लेशियर की निगरानी कर रहे हैं। इस ग्लेशियर की ऊंचाई 5,420-6,440 मीटर है। तस्वीर - दिबश श्रेष्ठ।

हिमालय के ग्लेशियरों की स्थिति जानने के लिए जरूरी है लम्बी निगरानी

हिमालय-काराकोरम (एचके रीजन), 2500 किलोमीटर लम्बी पर्वत श्रृंखला, पूर्व में भारत की सीमा, भूटान और नेपाल, और पश्चिम में पाकिस्तान में फैली हुई है। इस क्षेत्र में 39,660 ग्लेशियर हैं…
शोधकर्ता नेपाल की लंगटांग घाटी में रिखा सांबा ग्लेशियर की निगरानी कर रहे हैं। इस ग्लेशियर की ऊंचाई 5,420-6,440 मीटर है। तस्वीर - दिबश श्रेष्ठ।
शहरी भारत में वाहनों से निकलने वाला धुआं तेजी से अस्थिर हो रही जलवायु के कारण और भी घातक हो रहा है। Pexels के जरिए रवि शर्मा की तस्वीर।

ग्लोबल साउथ में बढ़ते तापमान से प्रदूषण और बीमारियों का खतरा गहराया

पिछले साल दुनिया ने डरावनी उपलब्धि हासिल की। यूरोपीय संघ की कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल बताया है। यह इतिहास में पहला…
शहरी भारत में वाहनों से निकलने वाला धुआं तेजी से अस्थिर हो रही जलवायु के कारण और भी घातक हो रहा है। Pexels के जरिए रवि शर्मा की तस्वीर।
अपने आवास में एक नुब्रा पिका। नुब्रा पिका शर्मीले होते हैं और वनस्पति वाले स्थानों पर रहते हैं। तस्वीर- हर्ष कुमार

हिमालय पिका को रहता है सर्दियों के लिए मौसम के संकेतों का इंतजार

हिमालय पिका में निश्चित रूप से और भी बहुत कुछ है जो आंखों को दिखाई नहीं देता है। एक सामान्य नजर में, बिना पूंछ वाला ये चूहा पहाड़ी इलाकों में…
अपने आवास में एक नुब्रा पिका। नुब्रा पिका शर्मीले होते हैं और वनस्पति वाले स्थानों पर रहते हैं। तस्वीर- हर्ष कुमार
तेजी से शहरीकरण, जनसंख्या वृद्धि, पर्यटन और जलवायु परिवर्तन ने लद्दाख क्षेत्र में भूजल संसाधनों पर तनाव बढ़ा दिया है। तस्वीर -विकिमीडिया कॉमन्स (CC-BY-SA-4.0) के माध्यम से एल्डोजोस19 द्वारा।

शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन से लद्दाख में भूजल संसाधनों पर बढ़ता खतरा

हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि कृषि, घरों और होटलों के लिए मीठे पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत, भूजल कम हो रहा है और इसके…
तेजी से शहरीकरण, जनसंख्या वृद्धि, पर्यटन और जलवायु परिवर्तन ने लद्दाख क्षेत्र में भूजल संसाधनों पर तनाव बढ़ा दिया है। तस्वीर -विकिमीडिया कॉमन्स (CC-BY-SA-4.0) के माध्यम से एल्डोजोस19 द्वारा।
अगस्त 2022 में कर्नाटका के कुर्ग में एक हर्पेटोलॉजी अभियान पर एक पिल बग को हाथ में पकड़े हुए वन्यजीव जीवविज्ञानी केडेन एंथनी। तस्वीर- रोमा ए. त्रिपाठी 

जागरूकता फैलाने के लिए कंटेंट क्रिएटर बने जीवविज्ञानी

बुश फ्रॉग खाते हुए एक मालाबार पिट वाइपर को कैमरे में कैद करना शायद आपकी शाम बिताने का तरीका न हो, लेकिन वन्यजीव जीवविज्ञानी यतिन कल्कि (28) के लिए ये…
अगस्त 2022 में कर्नाटका के कुर्ग में एक हर्पेटोलॉजी अभियान पर एक पिल बग को हाथ में पकड़े हुए वन्यजीव जीवविज्ञानी केडेन एंथनी। तस्वीर- रोमा ए. त्रिपाठी 
केरल के पालक्कड़ में सड़क किनारे नारियल की दुकान। तस्वीर- विकिमीडिया कॉमन्स (CC0 1.0)/Effulgence 108 ।

बढ़ते तापमान के कारण घटता नारियल उत्पादन, कीमतों में वृद्धि

गोवा के पणजी में सड़क किनारे, 31 वर्षीय युवा नारियल विक्रेता समीर करंगी के ठेले पर सिर्फ 10 नारियल हैं, जबकि हमेशा की तरह उनके पास नारियल का बड़ा ढेर…
केरल के पालक्कड़ में सड़क किनारे नारियल की दुकान। तस्वीर- विकिमीडिया कॉमन्स (CC0 1.0)/Effulgence 108 ।
कुरीपिल्ली हैंडलूम वीवर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी में सरिता और आयशा। 2018 में बाढ़ के दौरान सोसाइटी के अध्यक्ष और सचिव के रूप में, उन्होंने सोसाइटी को फिर से खड़ा करने के लिए सभी संसाधन जुटाए। तस्वीर: आरती मेनन/मोंगाबे।

अनिश्चित मौसम से बढ़ती केरला के हथकरघा बुनकरों की परेशानियां

चेंदमंगलम, केरला के एर्नाकुलम जिले में एक पुराना शहर जो कोच्चि शहर से लगभग 40 किमी उत्तर में है, को 2012 में अपने कैथरी या हथकरघा के लिए भारत सरकार…
कुरीपिल्ली हैंडलूम वीवर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी में सरिता और आयशा। 2018 में बाढ़ के दौरान सोसाइटी के अध्यक्ष और सचिव के रूप में, उन्होंने सोसाइटी को फिर से खड़ा करने के लिए सभी संसाधन जुटाए। तस्वीर: आरती मेनन/मोंगाबे।
जैसलमेर में ऊंट। फ्लिकर (CC BY 2.0) के जरिए निनारा की तस्वीर।

प्रकृति के साथ तालमेल बिठा रहे स्वदेशी पशुधन

जलवायु परिवर्तन दुनिया भर खासकर भारत के शुष्क क्षेत्रों में खेती और पशुधन के लिए बड़ा खतरा है। बढ़ता तापमान, अचानक होने वाली बारिश और लगातार बार-बार मौसम से जुड़ी…
जैसलमेर में ऊंट। फ्लिकर (CC BY 2.0) के जरिए निनारा की तस्वीर।
ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में एक बाघ। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) के जरिए अजिंक्य विश्वेकर की तस्वीर। 

इंसानी बस्तियों में बाघों की बढ़ती संख्या से लोगों में बढ़ता मानसिक तनाव

नवंबर की एक रात। रात के करीब 9:30 बज रहे हैं। हमारी कार महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के गांव मुधोली के पास पहुंची, जो मोहरली में हमारे किराए के होमस्टे…
ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में एक बाघ। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) के जरिए अजिंक्य विश्वेकर की तस्वीर। 
कॉप-29 के अध्यक्ष की ओर से आयोजित बैठक के दौरान कमरे का दृश्य। बाकू जलवायु वार्ता का समापन 300 अरब डॉलर के जलवायु वित्त समझौते के साथ हुआ। IISD-ENB | माइक मुज़ुराकिस द्वारा ली गई तस्वीर।

अविश्वास और नाराजगी के साये में 300 अरब डॉलर के वादे के साथ कॉप 29 का समापन

अजरबैजान के बाकू में जलवायु वार्ता रविवार सुबह संपन्न हो गई, जिसमें कई देशों की आपत्तियों के बावजूद, विकासशील देशों को 2035 तक 300 अरब डॉलर की वित्तीय मदद देने…
कॉप-29 के अध्यक्ष की ओर से आयोजित बैठक के दौरान कमरे का दृश्य। बाकू जलवायु वार्ता का समापन 300 अरब डॉलर के जलवायु वित्त समझौते के साथ हुआ। IISD-ENB | माइक मुज़ुराकिस द्वारा ली गई तस्वीर।
कार्बन बाजारों में पारदर्शिता को आगे बढ़ाने पर सत्र। तस्वीर फ्लिकर (CC BY-NC-SA 2.0) के जरिए UNclimatechange द्वारा ।

कॉप 29: आलोचनाओं के बीच कार्बन ट्रेडिंग के लिए नियम बनाने का काम तेज

अजरबैजान की राजधानी बाकू में चल रहे जलवायु सम्मेलन के पहले दिन कार्बन ट्रेडिंग को आसान बनाने से जुड़ा पेरिस समझौते का अनुच्छेद 6.4 अपनाया गया। यह सम्मेलन के शुरुआत…
कार्बन बाजारों में पारदर्शिता को आगे बढ़ाने पर सत्र। तस्वीर फ्लिकर (CC BY-NC-SA 2.0) के जरिए UNclimatechange द्वारा ।
12 जुलाई, 2011 की नासा की एक तस्वीर जो गर्मियों में पिघलते समय आर्कटिक की समुद्री बर्फ को दिखाती है। यह पिघली हुई बर्फ को दिखाती है, मीठे पानी के तालाब जो बर्फ की सतह पर गड्ढों में बनते हैं। ICESCAPE मिशन के शोधकर्ता अध्ययन कर रहे हैं कि ये पिघले हुए तालाब आर्कटिक के महासागर रसायन विज्ञान, प्लवक की बढ़ोतरी और सूरज की रोशनी आने पर किस तरह प्रभावित करते हैं। साथ ही, इस क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY 2.0) के जरिए नासा के गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर की ओर से ली गई तस्वीर।

पिघलते ग्लेशियर: एक्शन प्लान पर जल्द सहमति बनाने की जरूरत

भारतीय हिमालय में उत्तरी सिक्किम के छोटे से शहर चुंगथांग में 4 अक्टूबर, 2023 की आधी रात के आसपास लोग मूसलाधार बारिश के बीच भयावह आवाज से जागे। कुछ ही…
12 जुलाई, 2011 की नासा की एक तस्वीर जो गर्मियों में पिघलते समय आर्कटिक की समुद्री बर्फ को दिखाती है। यह पिघली हुई बर्फ को दिखाती है, मीठे पानी के तालाब जो बर्फ की सतह पर गड्ढों में बनते हैं। ICESCAPE मिशन के शोधकर्ता अध्ययन कर रहे हैं कि ये पिघले हुए तालाब आर्कटिक के महासागर रसायन विज्ञान, प्लवक की बढ़ोतरी और सूरज की रोशनी आने पर किस तरह प्रभावित करते हैं। साथ ही, इस क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY 2.0) के जरिए नासा के गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर की ओर से ली गई तस्वीर।
कॉप-29 11 नवंबर से अजरबैजान की राजधानी बाकू में शुरू हो चुका है। फ्लिकर के जरिए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन की ओर से हबीब समदोव की तस्वीर (CC BY-NC-SA 2.0)।

अजरबैजान में जलवायु शिखर सम्मेलन शुरू, ट्रम्प और वित्त दो बड़े मुद्दे

अजरबैजान की राजधानी बाकू में 11 नवंबर यानी सोमवार से शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के सबसे बड़े एजेंडे को महज एक शब्द में समेटा जा सकता है:…
कॉप-29 11 नवंबर से अजरबैजान की राजधानी बाकू में शुरू हो चुका है। फ्लिकर के जरिए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन की ओर से हबीब समदोव की तस्वीर (CC BY-NC-SA 2.0)।
सूखे की स्थिति और मिट्टी की सतह के टूटने या सूखने से मिट्टी का कार्बन ऑक्सीडेशन के संपर्क में आता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। फ्लिकर के जरिए वंदन देसाई की तस्वीर (CC BY-NC-ND 2.0)।

सूखे और मिट्टी की खराब होती सेहत से बढ़ रहा कार्बन उत्सर्जन

जलवायु विज्ञान से जुड़े शोधकर्ता जलवायु परिवर्तन का असर बढ़ाने वाले फीडबैक लूप के गंभीर होने के बारे में चिंतित हैं। गंभीर या पॉजिटिव फीडबैक लूप ऐसे तंत्र हैं जो…
सूखे की स्थिति और मिट्टी की सतह के टूटने या सूखने से मिट्टी का कार्बन ऑक्सीडेशन के संपर्क में आता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। फ्लिकर के जरिए वंदन देसाई की तस्वीर (CC BY-NC-ND 2.0)।
इजिप्शियन गिद्ध। तस्वीर - के.एस. गोपी सुंदर

हर मौसम में खुद को ढाल लेते हैं छोटे शहर के स्थानीय पक्षी: स्टडी

भारत में बड़े शहरों की तुलना में उदयपुर जैसे झीलों और भीड़-भाड़ वाले छोटे शहर पक्षियों की बड़ी आबादी और सैकड़ों प्रजातियों को फलने-फूलने में ज्यादा मदद कर सकते हैं।…
इजिप्शियन गिद्ध। तस्वीर - के.एस. गोपी सुंदर
जलवायु परिवर्तन के इन दुष्प्रभावों के बीच दुनिया भर में कूलिंग उपकरण यानी एयर कंडीशनर और फ्रिज की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। तस्वीर- विशाल कुमार जैन

बुनियादी जरूरत के बीच कूलिंग के तौर-तरीकों ने बढ़ाई चिंता, पर्यावरण हितैषी बनाने पर जोर

हमारी दुनिया लगातार गर्म हो रही है। इससे हमारी बुनियादी जरूरतें भी तेजी से बदल रही हैं। अब हमें रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा व स्वास्थ्य के साथ-साथ घरों और…
जलवायु परिवर्तन के इन दुष्प्रभावों के बीच दुनिया भर में कूलिंग उपकरण यानी एयर कंडीशनर और फ्रिज की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। तस्वीर- विशाल कुमार जैन
मेलबर्न में जलवायु विरोध प्रदर्शन में ऑस्ट्रेलियाई युवा। अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर के युवा या तो जलवायु परिवर्तन के बारे में चिंतित हैं या इससे पीड़ित हैं। तस्वीर- टैकवर/विकिमीडिया कॉमन्स

बदलते पर्यावरण से इको-एंग्जाइटी के मामले बढ़े

केरला में बाढ़ के बाद सर्वे करते हुए वॉलियंटर मनीजा मुरली एक ऐसी किशोरी से मिलीं जो ऑटिज़्म से जूझ रही थी। वह बाढ़ से बचकर बाहर निकली थी और…
मेलबर्न में जलवायु विरोध प्रदर्शन में ऑस्ट्रेलियाई युवा। अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर के युवा या तो जलवायु परिवर्तन के बारे में चिंतित हैं या इससे पीड़ित हैं। तस्वीर- टैकवर/विकिमीडिया कॉमन्स
बेयरफुट इकोलॉजिस्टों को वैज्ञानिक डेटा संग्रह और विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाता है जिसे वे प्रभावी संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान के साथ एकीकृत कर सकते हैं। तस्वीर- मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा 

पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का मेल: जलवायु परिवर्तन का दस्तावेजीकरण करते पर्यावरणविद्

तमिलनाडु के सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व के गलिथिम्बम गांव के महालिंगम बालन हफ्ते में एक बार कई अलग-अलग वन क्षेत्रों का दौरा करते हैं और विभिन्न पारिस्थितिक पहलुओं का बारीकी से…
बेयरफुट इकोलॉजिस्टों को वैज्ञानिक डेटा संग्रह और विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाता है जिसे वे प्रभावी संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान के साथ एकीकृत कर सकते हैं। तस्वीर- मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा 
हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधकर्ता कंगनी (फोक्सटेल मिलेट) के पौधे की ऊंचाई मापते हुए। तस्वीर - हैदराबाद विश्वविद्यालय के टमाटर जीनोमिक्स रिसोर्सेज की रिपॉजिटरी से।

बदलते मौसम में खेती-बाड़ी के लिए विकसित होती बेहतर तकनीक

भारत में किसान हमेशा मौसम के हिसाब से खेती-बाड़ी का काम करते रहे हैं। हालांकि, हाल के सालों में बारिश और मौसम से जुड़ी भविष्यवाणी करना चुनौती बन गया है।…
हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधकर्ता कंगनी (फोक्सटेल मिलेट) के पौधे की ऊंचाई मापते हुए। तस्वीर - हैदराबाद विश्वविद्यालय के टमाटर जीनोमिक्स रिसोर्सेज की रिपॉजिटरी से।
झाबुआ के सरकारी फार्म पर कड़कनाथ मुर्गा। इसका रंग काला होता है, इनका हर अंग यहां तक कि खून भी काला होता है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

जंगल से जीआई टैग तक, झाबुआ के काले मुर्गे कड़कनाथ की कहानी

किसान वीर सिंह (44) दानों से भरी एक टोकरी लेकर कुट-कुट, कुट-कुट की आवाज लगा रहे हैं। देखते ही देखते कई दर्जन काले मुर्गे चारों तरफ से उनकी तरफ दौड़ते…
झाबुआ के सरकारी फार्म पर कड़कनाथ मुर्गा। इसका रंग काला होता है, इनका हर अंग यहां तक कि खून भी काला होता है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने वाले 54 साल के देव प्रसाद अहिरवार जो हीटस्ट्रोक से बचने में सफल रहे। इलेस्ट्रेशन - हितेश सोनार/मोंगाबे।

भीषण गर्मी में तैनात सुरक्षा गार्ड के हीट-स्ट्रोक से बचने की कहानी

इस साल दिल्ली में गर्मी के दौरान लंबे समय तक चली लू में दिल्ली के अस्पतालों को एक कड़वी सच्चाई का सामना करना पड़ा। जब हीट-स्ट्रोक से गंभीर रूप से…
सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने वाले 54 साल के देव प्रसाद अहिरवार जो हीटस्ट्रोक से बचने में सफल रहे। इलेस्ट्रेशन - हितेश सोनार/मोंगाबे।
स्पोटेड पोटेटो लेडीबर्ड बीटल जो आलू, टमाटर, बैंगन और मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचाता है। तस्वीर - arian.suresh/विकिमीडिया कॉमन्स।

बढ़ते तापमान से बढ़ेगा फसलों पर कीटों का प्रभाव, पैदावार पर हो सकता है असर

बात पिछले साल सितंबर की है। केरल में वायनाड के थिरुनेली एग्री प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के किसान और सीईओ राजेश कृष्णन ने यहां धान की फसलों में कुछ अजीबो गरीब…
स्पोटेड पोटेटो लेडीबर्ड बीटल जो आलू, टमाटर, बैंगन और मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचाता है। तस्वीर - arian.suresh/विकिमीडिया कॉमन्स।
डिब्रूगढ़, असम में बाढ़। तस्वीर- अरुनभ0368/विकिमीडिया कॉमन्स 

जलवायु परिवर्तन के कारण मेघालय में चरम बारिश की घटनाएं चार गुना बढ़ी- अध्ययन

1979 के बाद से, चार दशकों में मेघालय राज्य सहित बांग्लादेश और भारत क्षेत्र के पूर्वोत्तर हिस्सों में एक दिन में होने वाली चरम बारिश की घटनाएं चार गुना बढ़…
डिब्रूगढ़, असम में बाढ़। तस्वीर- अरुनभ0368/विकिमीडिया कॉमन्स 
पृथ्वी का तापमान 1850-1900 के "पूर्व-औद्योगिक" औसत की तुलना में 1.5 और 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करना शुरू कर रहा है। इससे लोगों को गर्मी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तस्वीर-योगेंद्र सिंह/Pexels।

उफ़्फ़ ये गर्मी! क्यों बढ़ता ही जा रहा है पृथ्वी का पारा?

वैज्ञानिक शायराना अंदाज में कहते हैं, “धरती को बुखार हो गया है।” इसका मतलब यह है कि तापमान 1850-1900  के "औद्योगिक क्रांति से पहले" के औसत की तुलना में 1.5…
पृथ्वी का तापमान 1850-1900 के "पूर्व-औद्योगिक" औसत की तुलना में 1.5 और 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करना शुरू कर रहा है। इससे लोगों को गर्मी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तस्वीर-योगेंद्र सिंह/Pexels।
देश से बाहर भेजने के लिए नमक की पैकेजिंग करते मजदूर। नमक उत्पादन को बेमौसम बारिश से बचाने के लिए यांत्रिक टर्बुलेशन, सौर पैनलों की मदद से गर्मी को रेगुलेट करने और खारे पानी के तापमान को बढ़ाने और वाष्पीकरण में मदद करने वाली रासायनिक रंगों जैसी तकनीकों का पता लगाया जा रहा है। तस्वीर- रवलीन कौर/मोंगाबे।

गुजरातः नमक उत्पादन पर अनिश्चित मौसम की मार, बढ़ रही लागत

आषाढ़ी बीज, कच्छी समुदाय का नया साल है। यह दिन गुजरात के कच्छ क्षेत्र में मानसून की शुरुआत का प्रतीक भी है। यह त्योहार जून के आखिर में आता है।…
देश से बाहर भेजने के लिए नमक की पैकेजिंग करते मजदूर। नमक उत्पादन को बेमौसम बारिश से बचाने के लिए यांत्रिक टर्बुलेशन, सौर पैनलों की मदद से गर्मी को रेगुलेट करने और खारे पानी के तापमान को बढ़ाने और वाष्पीकरण में मदद करने वाली रासायनिक रंगों जैसी तकनीकों का पता लगाया जा रहा है। तस्वीर- रवलीन कौर/मोंगाबे।
चुनावी बॉन्ड योजना में बुनियादी ढांचा विकास उद्योग की भागीदारी भारत के पर्यावरण नियमों में कमियों को उजागर करती है, जिन्हें कारोबारी हितों को शामिल करने के लिए खत्म कर दिया गया है। तस्वीर - प्रणव कुमार/मोंगाबे।

भारत के हरित विकास को बढ़ावा देने वाली कंपनियों ने राजनीतिक दलों को दिया करोड़ों का चंदा

साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने खुद को स्थानीय और दुनिया भर में हरित विकास के समर्थक…
चुनावी बॉन्ड योजना में बुनियादी ढांचा विकास उद्योग की भागीदारी भारत के पर्यावरण नियमों में कमियों को उजागर करती है, जिन्हें कारोबारी हितों को शामिल करने के लिए खत्म कर दिया गया है। तस्वीर - प्रणव कुमार/मोंगाबे।
कश्मीर में बर्फ से सूनी पहाड़ी ढलानें। तस्वीर - मुदस्सिर कुल्लू।

कश्मीर में मौसमी बर्फबारी में कमी, जंगल, ग्लेशियर और नदी-झीलों पर पड़ेगा असर

जम्मू और कश्मीर में दिसंबर और जनवरी के महीनों में सूखा मौसम देखा गया। इससे क्षेत्र की जैव विविधता के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। जानकार मौसम में…
कश्मीर में बर्फ से सूनी पहाड़ी ढलानें। तस्वीर - मुदस्सिर कुल्लू।

कम और मध्यम आय वाले देशों में आपदाओं से तबाही का खतरा ज्यादा

साल 2023 ऐसा रहा है जिसमें आपदाओं ने राज्यों के बजट को काफी नुकसान पहुंचाया है। ग्लेशियर वाली झील फटने से आई बाढ़ से प्रभावित हुए सिक्किम में हजारों करोड़…
लाओस में साल 2019 में आई बाढ़। ग्लोबल साउथ में कुछ जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि कम आय वाले देशों को ज्यादा स्थानीय जलवायु अनुमान लाने होंगे ताकि वे बेहतर नीतियां विकसित कर सकें। तस्वीर- बेसिल मोरिन/विकिमीडिया कॉमन्स

आईपीसीसी रिपोर्ट के बजाए भारत को अपने जलवायु अनुमान की जरूरत, क्षेत्रीय क्लाइमेट मॉडल बेहतर

ग्लोबल नॉर्थ की तुलना में ग्लोबल साउथ खासकर दक्षिण एशिया जलवायु परिवर्तन के प्रति ज्यादा संवेदनशील है। साथ ही, यह क्षेत्र ज्यादा समृद्ध और विकसित देशों की तुलना में ग्लोबल…
लाओस में साल 2019 में आई बाढ़। ग्लोबल साउथ में कुछ जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि कम आय वाले देशों को ज्यादा स्थानीय जलवायु अनुमान लाने होंगे ताकि वे बेहतर नीतियां विकसित कर सकें। तस्वीर- बेसिल मोरिन/विकिमीडिया कॉमन्स
13 दिसंबर, 2023 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई  स्थित एक्सपो सिटी में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप28 के समापन समारोह के दौरान प्रतिनिधि। तस्वीर- कॉप28/क्रिस्टोफ़ विसेक्स/फ़्लिकर।

कॉप28 में जीवाश्म ईंधन से ‘दूर जाने’ का वादा लेकिन पूंजी और समान भागीदारी बड़ी चुनौती

कॉप28 में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को खत्म करने पर ऐतिहासिक समझौता हुआ है। यह करार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अध्यक्षता में हुए 28वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी28/कॉप28) में…
13 दिसंबर, 2023 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई  स्थित एक्सपो सिटी में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप28 के समापन समारोह के दौरान प्रतिनिधि। तस्वीर- कॉप28/क्रिस्टोफ़ विसेक्स/फ़्लिकर।