जलवायु परिवर्तन

एसएमएस से मौसम की जानकारी किसानों के लिए कितनी है कारगर?

एसएमएस से मौसम की जानकारी किसानों के लिए कितनी है कारगर?

एक तरफ टिहरी के किसान भागचंद रमोला हैं। रुआंसे होकर अपने अनुभव बताते हैं कि इस साल साफ़ मौसम और खिली धूप देखकर उन्होंने सब्जियों की नर्सरी पर लगी नेट…
एसएमएस से मौसम की जानकारी किसानों के लिए कितनी है कारगर?
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट ने सुझाया, समय रहते क्लाइमेट एक्शन जरूरी

आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट ने सुझाया, समय रहते क्लाइमेट एक्शन जरूरी

अगर त्वरित और बड़े पैमाने पर ग्रीनहाउस गैस कम करने की कोशिश नहीं हुई तो पृथ्वी के बढ़ते तापमान को 1.5 या 2 डिग्री सेल्सियस तक रोकना मुमकिन नहीं होगा।…
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट ने सुझाया, समय रहते क्लाइमेट एक्शन जरूरी
असम में 2012 में भीषण बाढ़ आई थी। तस्वीर- पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार/विकिमीडिया कॉमन्स

[व्याख्या] क्या है आईपीसीसी एआर-6 और भारत के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता?

जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल यानी इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की असेसमेंट रिपोर्ट पर चर्चा शुरू हो गयी है। वर्किंग ग्रुप-1 की बैठक के साथ आईपीसीसी की छठी…
असम में 2012 में भीषण बाढ़ आई थी। तस्वीर- पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार/विकिमीडिया कॉमन्स
लाखों वर्ष से आपदा झेलकर जीवित रहे कीट, एकबार फिर मंडरा रहा खतरा

[वीडियो] लाखों वर्ष से आपदा झेलकर जीवित रहे कीट, एकबार फिर मंडरा रहा खतरा

करीब 5000 लाख वर्ष पहले धरती पर कई उल्लेखनीय परिवर्तन हुए जिन्हें कैम्ब्रियन एक्सप्लोजन कहा जाता है। इस वजह से जीवन के कई स्वरूप सामने आए, जिनमें कुछ बहुत ही…
लाखों वर्ष से आपदा झेलकर जीवित रहे कीट, एकबार फिर मंडरा रहा खतरा
एसडीजी रैंकिंग में पर्यावरण से जुड़े मुद्दे, पर नीति आयोग के तरीके ने बढ़ाई उलझन

एसडीजी रैंकिंग में पर्यावरण से भी जुड़े मुद्दे पर नीति आयोग के तरीके ने बढ़ाई उलझन

कम से कम 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इक्स्ट्रीम वेदर ईवेंट जैसे बाढ़, लू, बिजली गिरने इत्यादि से या तो कोई मौत हुई नहीं है या इन राज्यों…
एसडीजी रैंकिंग में पर्यावरण से जुड़े मुद्दे, पर नीति आयोग के तरीके ने बढ़ाई उलझन
बिहार में वर्ष 2008 में आई भीषण बाढ़ की तस्वीर। मौसम के बिगड़ जाने की स्थिति में प्रति एक करोड़ में होने वाली मौत के मामले में तो बिहार के आंकड़े ही उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन हर साल सैकड़ों लोगों की जान जाती है। तस्वीर- पब्लिक रिसोर्स डॉट ऑर्ग/फ्लिकर

जलवायु संकट के सवाल पर बिहार को क्यों सौ में सिर्फ 16 नंबर मिले?

नीति आयोग की सतत विकास लक्ष्य से जुड़ी रिपोर्ट में बिहार के इस बार भी सबसे आखिरी पायदान पर होने की खबर तो चर्चा में है ही, इस रिपोर्ट की…
बिहार में वर्ष 2008 में आई भीषण बाढ़ की तस्वीर। मौसम के बिगड़ जाने की स्थिति में प्रति एक करोड़ में होने वाली मौत के मामले में तो बिहार के आंकड़े ही उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन हर साल सैकड़ों लोगों की जान जाती है। तस्वीर- पब्लिक रिसोर्स डॉट ऑर्ग/फ्लिकर
साबुन-शैम्पू से लेकर खाद्य पदार्थ तक, कहां नहीं है पाम ऑयल!

साबुन-शैम्पू से लेकर खाद्य पदार्थ तक, कहां नहीं है पाम ऑयल!

भारतीय बाजार में पाम ऑयल कहां नहीं हैं! सरकार की सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लेकर हमारे दैनिक उपभोग की वस्तुएं जैसे शैम्पू, सौंदर्य प्रसाधन के सामान, साबुन, डिटर्जेंट, टूथपेस्ट और…
साबुन-शैम्पू से लेकर खाद्य पदार्थ तक, कहां नहीं है पाम ऑयल!
लक्षद्वीप की कोरल रीफ या प्रवाल समूह को समुद्र का पानी गर्म होने की वजह से सफेद होते हुए देखा जा रहा है। इसका मतलब प्रवाल भित्तियां बीमार हो रही हैं। तस्वीर- रोहन आर्थर

[कॉमेंट्री] लक्षद्वीप के अनकहे संकट

लक्षद्वीप में चल रहे ताजा घटनाक्रमों के बीच एक ऐसी त्रासदी धीरे-धीरे इस जगह को प्रभावित कर रही है, जिससे आने वाले दिनों में इन द्वीपों पर मनुष्य का निवास…
लक्षद्वीप की कोरल रीफ या प्रवाल समूह को समुद्र का पानी गर्म होने की वजह से सफेद होते हुए देखा जा रहा है। इसका मतलब प्रवाल भित्तियां बीमार हो रही हैं। तस्वीर- रोहन आर्थर
नीतियों में अनिश्चितता से जा सकती है भारत के सौर ऊर्जा क्षेत्र की चमक

नीतियों में अनिश्चितता से जा सकती है भारत के सौर ऊर्जा क्षेत्र की चमक

एक तरफ तो देश में अक्षय ऊर्जा के बड़े-बड़े लक्ष्य तय किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ इस क्षेत्र में तय नियम-कानून को लेकर लापरवाही बरती जा रही है।…
नीतियों में अनिश्चितता से जा सकती है भारत के सौर ऊर्जा क्षेत्र की चमक

ताउते के बाद अब यास तूफान ने मचाई तबाही, बढ़ता तापमान बढ़ा रहा मुसीबत

पश्चिम बंगाल की बुजुर्ग महिला शिल्पा गायेन का घर चक्रवाती तूफान यास ने उजाड़ दिया। 26 मई 2021 को हवा के तेज थपेड़ों को उनका कच्चा घर सह नहीं पाया…
सुन्दरलाल बहुगुणा: भारतीय पर्यावरणवाद के एक युग का अंत

[श्रद्धांजलि] सुन्दरलाल बहुगुणा: भारतीय पर्यावरणवाद के एक युग का अंत

क्या हैं जंगल के उपकार, मिट्टी, पानी और बयार। मिट्टी, पानी और बयार, जिन्दा रहने के आधार। यह नारा सत्तर के दशक से हिमालय की वादियों में गूंज रहा है।…
सुन्दरलाल बहुगुणा: भारतीय पर्यावरणवाद के एक युग का अंत
पीएम किसान योजना: क्या झारखंड के आदिवासी किसानों के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार?

पीएम किसान योजना: क्या झारखंड के आदिवासी किसानों के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार?

झारखंड के खूंटी जिले के रहने वाले साठ वर्षीय समसोन तोपनो को जब खबर मिली की केंद्र सरकार अब किसानों को हर साल 6,000 रुपये देगी तो उन्हें लगा कि…
पीएम किसान योजना: क्या झारखंड के आदिवासी किसानों के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार?
जलवायु परिवर्तन की चपेट में बिहार, लेकिन बचाव का कोई एक्शन प्लान नहीं

जलवायु परिवर्तन की चपेट में बिहार, लेकिन बचाव का कोई एक्शन प्लान नहीं

तमाम समस्याओं से जूझते बिहार के लिए एक और बुरी खबर! क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन की मार भी राज्य पर सबसे अधिक पड़ने वाली है। यह खुलासा हुआ है…
जलवायु परिवर्तन की चपेट में बिहार, लेकिन बचाव का कोई एक्शन प्लान नहीं
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

इक्कसवीं सदी के पहले दशक के मध्य में, मैं हैदराबाद से दूर, पाटनचेरू में मौजूद अंतर्राष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान के वैश्विक मुख्यालय में कार्यरत था। इस संस्था का…
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?
बहस नेट जीरो की: कार्बन उत्सर्जन की लड़ाई में भारत के राज्य कहां खड़े हैं!

बहस नेट जीरो की: कार्बन उत्सर्जन की लड़ाई में भारत के राज्य कहां खड़े हैं!

संयुक्त राज्य अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के आह्वान पर, अप्रैल में लगभग 40 देशों ने नेट-जीरो हासिल करने के लिए समय-सीमा की घोषणा की। भारत के प्रधानमंत्री…
बहस नेट जीरो की: कार्बन उत्सर्जन की लड़ाई में भारत के राज्य कहां खड़े हैं!
बिहार: अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी साबित हो रहा रुकतापुर, 4 साल में महज 0.5 प्रतिशत लक्ष्य हुआ हासिल

अक्षय ऊर्जा: यहां भी बिहार साबित हो रहा रुकतापुर, 4 साल में 0.5% लक्ष्य हुआ हासिल

इस वक्त कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जब पूरे देश में कोरोना के इलाज के लिए अस्पतालों में एक सीट नहीं मिल रही, ऐसे में बिहार के एक छोटे…
बिहार: अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी साबित हो रहा रुकतापुर, 4 साल में महज 0.5 प्रतिशत लक्ष्य हुआ हासिल
प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए रिसाइकल के साथ प्लास्टिक निर्माताओं की जिम्मेदारी भी करनी होगी तय

प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए रिसाइकल के साथ प्लास्टिक निर्माताओं की जिम्मेदारी भी करनी होगी तय

बिहार की राजधानी पटना को जल्द ही प्लास्टिक कचरा के निपटारे के लिए रिसाइकलिंग प्लांट मिलने वाला है। 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट में पटना के अलावा अहमदाबाद, बैंगलुरु और…
प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए रिसाइकल के साथ प्लास्टिक निर्माताओं की जिम्मेदारी भी करनी होगी तय

[कमेंट्री] स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य: सिर्फ मंजिल नहीं रास्तों की भी करनी होगी परवाह

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के पदभार संभालने के बाद, जलवायु परिवर्तन भारत और अमरीका के संबंधों के बीच फिर से एक धुरी बनकर उभर रहा है। चतुर्भुज सुरक्षा संवाद…
बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में प्राकृतिक आपदा लोगों का जनजीवन प्रभावित करती है। तस्वीर में मौजूद लोग कोसी नदी में आई बाढ़ की वजह से सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। तस्वीर- चंदन सिंह/फ्लिकर

पचास साल में हुई डेढ़ लाख मौत, हर प्राकृतिक आपदा लेती है औसतन 20 लोगों की जान

जलवायु परिवर्तन की वजह से प्राकृतिक आपदा जैसी घटना अब आम-बात हो गयी है और इसमें होने वाले जान-माल की क्षति भी। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पता…
बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में प्राकृतिक आपदा लोगों का जनजीवन प्रभावित करती है। तस्वीर में मौजूद लोग कोसी नदी में आई बाढ़ की वजह से सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। तस्वीर- चंदन सिंह/फ्लिकर
उत्तरकाशी स्थित हर्षिल इलाके के सेब। तस्वीरः सचेंद्र पंवार

[वीडियो] उत्तराखंड: बर्फ़बारी की बढ़ती अनिश्चितता से सेब बागवान निराश

एक तरफ उत्तराखंड के चमोली में आए सैलाब और उससे हुए जान-माल से सब आहत हैं। दूसरी तरफ वहां के किसान बर्फबारी में अनियमितता और उससे खेती-किसानी पर पड़ने वाले…
उत्तरकाशी स्थित हर्षिल इलाके के सेब। तस्वीरः सचेंद्र पंवार
बीज का संग्रहण, उसकी रोपाई और खेती के अन्य मौके डोंगरिया के लिए त्योहार की तरह हैं।

प्रकृति पूजक डोंगरिया आदिवासी सहेज रहे बीजों की विरासत, बदलते मौसम में भी बरकरार पैदावार

नियमगिरि पहाड़ियों पर सुंदर और घने वनों के बीच आधुनिकता से दूर एक आदिवासी समाज रहता है। अपने में अनोखे इस समाज को डोंगरिया कोंध के नाम से जानते हैं।…
बीज का संग्रहण, उसकी रोपाई और खेती के अन्य मौके डोंगरिया के लिए त्योहार की तरह हैं।

संपादक की नजर में 2020: वायरस से जुड़ी चिंता के बीच पर्यावरण को लेकर मिले मौके चूक जाने का वर्ष

आधिकारिक तौर पर भारत में कोविड-19 का पहला मामला केरल के थ्रीसुर में जनवरी 2020 में दर्ज किया गया था। अभी दिसंबर 2020 में 90-वर्षीय ब्रिटेन का एक नागरिक इस…
कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान झिरिया घाट गांव के लोगो ने श्रमदान कर नया कुआं खोदा। फोटो- मनीष चन्द्र मिश्र

मध्यप्रदेश के इस गांव में कुओं के सामने हैंडपंप और बोरवेल फेल, पारंपरिक साधन से सूखे का समाधान

हरियाली ओढ़े विंध्याचल के पर्वत मध्यप्रदेश की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। मध्यप्रदेश के सतना जिले का मझगवां तहसील भी इसी खूबसूरत जंगल के बीच है। यहां के गांवों…
कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान झिरिया घाट गांव के लोगो ने श्रमदान कर नया कुआं खोदा। फोटो- मनीष चन्द्र मिश्र
तीस्ता नदी के किनारे शोधकर्ताओं ने मेढ़क की प्रजातियों की पहचान की। फोटो-

जलवायु परिवर्तन और शिकार की वजह से खत्म हो रहे सिक्किम के तीस्ता नदी के मेढ़क

जलवायु परिवर्तन की मार अब मेढकों पर भी। हाल ही में आए शोध से पता चला है कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की वजह से तीस्ता नदी के आसपास…
तीस्ता नदी के किनारे शोधकर्ताओं ने मेढ़क की प्रजातियों की पहचान की। फोटो-