जलवायु

असम के नागांव के एक गांव पहुकाता में धान की खेती। तस्वीर: दिगंता तालुकदार/विकिमीडिया कॉमन्स।

बढ़ते जलवायु संबंधी खतरों के साथ, अनुकूलन के लिए तैयार होते किसान

फरवरी के अंत में, भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR), गेहूं के लिए एक प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान, ने भारत में किसानों को तापमान में अचानक वृद्धि के मामले में…
असम के नागांव के एक गांव पहुकाता में धान की खेती। तस्वीर: दिगंता तालुकदार/विकिमीडिया कॉमन्स।
एक नए अध्ययन में हर साल के अधिकतर दिनों में उच्च स्तर की खतरनाक गर्मी होने का संकेत दिया गया है। इससे गर्मी से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफ़ा होगा। ख़ास तौर से बुजुर्गों, आउटडोर काम करने वाले श्रमिकों और कम आय वाले लोगों में। तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स।

लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा बढ़ती गर्मी का असर, बड़े प्रयासों की जरूरत

“गर्मी में पंखा चलाने पर, कमरे के अंदर की हवा आग की तरह उठती है,” भारत में कोलकाता महानगर के उत्तरी भाग में प्लास्टिक के तिरपाल, बांस और टिन से…
एक नए अध्ययन में हर साल के अधिकतर दिनों में उच्च स्तर की खतरनाक गर्मी होने का संकेत दिया गया है। इससे गर्मी से होने वाली बीमारियों में काफी इजाफ़ा होगा। ख़ास तौर से बुजुर्गों, आउटडोर काम करने वाले श्रमिकों और कम आय वाले लोगों में। तस्वीर- माइकल कैनन/विकिमीडिया कॉमन्स।
ब्राजील के अमेज़ॅन में बेलो मोंटे मेगा बांध। तस्वीर- ज़ो सुलिवन/ मोंगाबे

बांध दुनिया के लिए ज़ोखिम भरी ज़रूरत हैं पर क्या इनका बेहतर प्रबंधन संभव है?

दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क के जैव विविधता संरक्षण के प्रबंधक स्टीफन मिड्ज़ी को लगता है कि नदियों को वैसा ही होना चाहिए जैसी नदियां होती हैं। मिड्ज़ी निर्बाध…
ब्राजील के अमेज़ॅन में बेलो मोंटे मेगा बांध। तस्वीर- ज़ो सुलिवन/ मोंगाबे
आईपीसीसी की रिपोर्ट कहती है कि महज मीडिया कवरेज बढ़ाने से जलवायु परिवर्तन से लड़ाई का अधिक सटीक कवरेज नहीं होता है। गलत सूचना के प्रसार भी बढ़ सकता है। तस्वीर- स्नेहा/पिक्साहाइव

फेक न्यूज या गलत जानकारी से जलवायु परिवर्तन से लड़ना हो रहा मुश्किल: आईपीसीसी

जलवायु परिवर्तन के बारे में मिसइंफॉर्मेशन या गलत सूचना से लोगों की धारणा पर गलत असर होता है। ये गलत सूचनाएं फेक न्यूज या गलत जानकारी के रूप में समाज…
आईपीसीसी की रिपोर्ट कहती है कि महज मीडिया कवरेज बढ़ाने से जलवायु परिवर्तन से लड़ाई का अधिक सटीक कवरेज नहीं होता है। गलत सूचना के प्रसार भी बढ़ सकता है। तस्वीर- स्नेहा/पिक्साहाइव