जल संरक्षण

रांची शहर की तस्वीर रांची हिल्स से ली गई है। यह समुद्र तल से 2064 फुट की ऊंचाई पर बसा है। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स

हिल स्टेशन रांची में पानी के लिए क्यों मच रहा हाहाकार?

रांची में रहने वाली चालीस साल की सुगन बिन्हा ने पानी का भीषण संकट कई बार देखा है लेकिन इस बार जैसी परेशानी उन्होंने पहले कभी नहीं झेली। इस गर्मी…
रांची शहर की तस्वीर रांची हिल्स से ली गई है। यह समुद्र तल से 2064 फुट की ऊंचाई पर बसा है। तस्वीर- बिश्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स
उद्घाटन के समय पार्क से 30,000 नौकरियां पैदा होने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज गांव के महज 60 लोग सुरक्षा गार्ड, तकनीशियन, घास कटाई और पैनल धोने का काम करते हैं। तस्वीर- रवलीन कौर

[वीडियो] देश का पहला सोलर पार्क, 10 साल बाद भी कई वादे हक़ीक़त से दूर

"आपको बारिश के दिनों में यहां आना चाहिए था। तब आपको पता चलता कि हमारी गौचर (चराई भूमि) कितनी बड़ी थी।" गुजरात में रहने वाली 60 साल की नानू रबारी…
उद्घाटन के समय पार्क से 30,000 नौकरियां पैदा होने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज गांव के महज 60 लोग सुरक्षा गार्ड, तकनीशियन, घास कटाई और पैनल धोने का काम करते हैं। तस्वीर- रवलीन कौर
चंडीगढ़ का सुखना झील। तस्वीर- विशेष प्रबंध

पंजाब और हरियाणा की लेटलतीफी से असुरक्षित है चंडीगढ़ का सुखना वन्यजीव अभयारण्य

चंडीगढ़ को देश के पहला सुनियोजित तरीके से बसाये गए शहर का खिताब हासिल है। इस शहर की बाहरी सीमा में सुखमा वन्यजीव अभयारण्य बसा है जो कई दुर्लभ वनस्पतियों…
चंडीगढ़ का सुखना झील। तस्वीर- विशेष प्रबंध
महानदी की कछार पर ताप विद्युत गृह और साथ में धान के खेत। यहां पानी का बेतहाशा इस्तेमाल होता है। तस्वीर- रंजन पांडा

महानदी को लेकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ में खींचतान, क्या बच पाएगी नदी?

ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित संबलपुर में हीराकुंड बांध का पानी दोनों राज्यों के लिए खींचतान का विषय बना हुआ है। ओडिशा का आरोप है कि महानदी पर…
महानदी की कछार पर ताप विद्युत गृह और साथ में धान के खेत। यहां पानी का बेतहाशा इस्तेमाल होता है। तस्वीर- रंजन पांडा
उम्मीद की किरण हैं देश के वेटलैंड्स चैंपियन्स की ये कहानियां

[कॉमेंट्री] वेटलैंड चैंपियन्स: उम्मीद की किरणें

वर्ष 1940 में दूसरा विश्व युद्ध खत्म होते ही विज्ञान को एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल मिली। हुआ यह कि सदियों से चली आ रही जानलेवा बीमारी के खिलाफ जंग में…
उम्मीद की किरण हैं देश के वेटलैंड्स चैंपियन्स की ये कहानियां
गंडक नदी में रेत के टापू पर आराप फरमाता एक घड़ियाल। नदी में घड़ियाल संरक्षण की कोशिशें चल रही हैं। वर्ष 2018 में नदी में 211 घड़ियाल पाए गए, जो कि एक समय में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके थे। तस्वीर- समीर कुमार सिन्हा

गंडक नदी के घड़ियालों का आशियाना उजाड़ सकता है यह अंतर्राष्ट्रीय जलमार्ग

बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने 18 मार्च, 2021 को लोकसभा में यह जानकारी दी थी कि बिहार के सारण जिले के कालू…
गंडक नदी में रेत के टापू पर आराप फरमाता एक घड़ियाल। नदी में घड़ियाल संरक्षण की कोशिशें चल रही हैं। वर्ष 2018 में नदी में 211 घड़ियाल पाए गए, जो कि एक समय में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके थे। तस्वीर- समीर कुमार सिन्हा
जलवायु परिवर्तन की चपेट में बिहार, लेकिन बचाव का कोई एक्शन प्लान नहीं

जलवायु परिवर्तन की चपेट में बिहार, लेकिन बचाव का कोई एक्शन प्लान नहीं

तमाम समस्याओं से जूझते बिहार के लिए एक और बुरी खबर! क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन की मार भी राज्य पर सबसे अधिक पड़ने वाली है। यह खुलासा हुआ है…
जलवायु परिवर्तन की चपेट में बिहार, लेकिन बचाव का कोई एक्शन प्लान नहीं
राजस्थानः बारिश की बूंद बचाकर हजारों परिवार ने पाई लोहे तक को गला देने वाले पानी से निजात

[वीडियो] राजस्थानः बारिश की बूंद बचाकर हजारों परिवार ने पाई लोहे तक को गला देने वाले पानी से निजात

मिलिये 60-साल की प्रेम दरोगा से जो जयपुर जिले की दूदू पंचायत समिति के भोजपुर गांव की रहने वाली हैं। चार साल पहले तक इनको प्रतिदिन आठ किलोमीटर पैदल चलना…
राजस्थानः बारिश की बूंद बचाकर हजारों परिवार ने पाई लोहे तक को गला देने वाले पानी से निजात
कतरनियाघाट में रह रहे घड़ियालों के निवास पर हरियाली का छापा

कतरनियाघाट में रह रहे घड़ियालों के निवास पर हरियाली का छापा

उत्तर प्रदेश और नेपाल सीमा से सटे कतरनियाघाट वन्यजीव अभ्यारण्य के समीप से गुजरती गिरवा नदी के बहाव में कमी आयी और इसके किनारे हरियाली उग आई। यूं तो हरियाली…
कतरनियाघाट में रह रहे घड़ियालों के निवास पर हरियाली का छापा
छोटी आसन नामक स्थानीय जंगली नदी सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। इन प्रयासों के बाद नदी का जलस्तर बढ़ा। तस्वीर- वर्षा सिंह

[वीडियो] क्या शुक्लापुर मॉडल उत्तराखंड के धधकते जंगल को बचा सकता है!

“पहले यहां गर्मियों में पूरा जंगल जलकर राख हो जाया करता था। यहां लैंटाना की झाड़ियां होती थीं और उनमें आग लग जाया करती थी। ये आग हमारे खेत और…
छोटी आसन नामक स्थानीय जंगली नदी सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। इन प्रयासों के बाद नदी का जलस्तर बढ़ा। तस्वीर- वर्षा सिंह