आषाढ़ी बीज, कच्छी समुदाय का नया साल है। यह दिन गुजरात के कच्छ क्षेत्र में मानसून की शुरुआत का प्रतीक भी है। यह त्योहार जून के आखिर में आता है।…
“मिट्ठू बराबर छे?” (क्या नमक ठीक है?) रुकसाना ने झींगा चावल परोसते हुए पूछा। इस सवाल पर सभी खाने वालों के चेहरे पर एक व्यंग्यपूर्ण मुस्कुराहट आई। इसकी वजह है…
गुजरात के कच्छ का सूरजबाड़ी ब्रिज डीजल का धुआं, धूल, ट्रक और ट्रेन की आवाज से आपका स्वागत करता है। आगे बढ़ने पर उस ब्रिज से नमक का मैदान दिखना…
नमक के मैदानों में डेरा डालने के लिए तेजल मकवाना अपना सामान पैक कर रही हैं। दशहरा के त्यौहार के बाद वह और उनके पति दानाभाई मकवाना किराए पर एक…
समुद्र के इको-सिस्टम के लिए प्लास्टिक प्रदूषण चिंता का मुद्दा है। हालांकि, समुद्र में बहाए जाने वाले प्लास्टिक की मात्रा का सही अंदाजा लगाना कठिन है। लेकिन अनुमान है कि…