ओडिशा

हाथीपाखना गांव का निवासी हुंडी या मंदिर में प्रार्थना कर रहा है। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 

घटते फॉरेस्ट कॉमन्स, कोरापुट के आदिवासी समुदायों के लिए त्यौहार मनाना हुआ मुश्किल

ओडिशा के कोरापुट जिले में चैता परब का मौसम है। इन दिनों ज्यादातर आदिवासी महुआ के पेड़ के फूलों से बनी स्थानीय शराब महुली का लुत्फ उठाने के लिए बेताब…
हाथीपाखना गांव का निवासी हुंडी या मंदिर में प्रार्थना कर रहा है। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 
ओडिशा में महानदी। नदी पर हजारों मछुआरे और किसान आश्रित हैं। साल 1937 में पहली बार महानदी के पानी को लेकर बात शुरु हुई थी, जब ओडिशा में हीराकुंड बांध बनाने की बात चली। तस्वीर- कमलाकांत नायक/विकिमीडिया कॉमन्स

महानदी: 86 सालों बाद भी क्यों नहीं सुलझ पा रहा छत्तीसगढ़, ओडिशा जल विवाद

बारिश के इस मौसम में छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाइगढ़ ज़िले के कलमा बैराज के दोनों तरफ़ पानी नज़र आ रहा है। लेकिन दो-तीन महीने पहले तक तस्वीर ऐसी नहीं थी। छत्तीसगढ़…
ओडिशा में महानदी। नदी पर हजारों मछुआरे और किसान आश्रित हैं। साल 1937 में पहली बार महानदी के पानी को लेकर बात शुरु हुई थी, जब ओडिशा में हीराकुंड बांध बनाने की बात चली। तस्वीर- कमलाकांत नायक/विकिमीडिया कॉमन्स
धिनकिया में पोस्को के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (2017 से पहले)। जेएसडब्ल्यू परियोजना के लिए भूमि पहले दक्षिण कोरियाई इस्पात प्रमुख पोस्को की परियोजना के लिए ली गई थी। समुदायों के एक दशक लंबे विरोध के चलते साल 2017 में पोस्को ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। तस्वीर - विशेष व्यवस्था के तहत।

ओडिशा में जेएसडबल्यू के प्रोजेक्ट पर एनजीटी ने लगाई रोक, प्रदर्शनकारियों को राहत

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के पारादीप बंदरगाह पर जिंदल स्टील वर्क्स की सहायक कंपनी जेएसडब्ल्यू उत्कल की परियोजना को दी गई पर्यावरण मंजूरी (ईसी/EC) पर…
धिनकिया में पोस्को के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (2017 से पहले)। जेएसडब्ल्यू परियोजना के लिए भूमि पहले दक्षिण कोरियाई इस्पात प्रमुख पोस्को की परियोजना के लिए ली गई थी। समुदायों के एक दशक लंबे विरोध के चलते साल 2017 में पोस्को ने अपने कदम पीछे खींच लिए थे। तस्वीर - विशेष व्यवस्था के तहत।
ओडिशा के नुआपाड़ा जिलें के खोलीभीतर गाँव में लगा एक विकेंद्रीकित सौर ऊर्जा का एक प्लांट। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे

प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो तो बढ़ सकती है ओडिशा की नवीन ऊर्जा क्षमता

नई दिल्ली के थिंक टैंक इंटरनेशनल फोरम फॉर एन्वायरनमेंट, सस्टेनेबिलिटी एंड टेक्नोलॉजी (iFOREST) ने अपनी हालिया स्टडी में दावा किया है नवीन और नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय ने ओडिशा में सौर…
ओडिशा के नुआपाड़ा जिलें के खोलीभीतर गाँव में लगा एक विकेंद्रीकित सौर ऊर्जा का एक प्लांट। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे
ओडिशा में लगभग 7,829 महिला स्वयं सहायता समूह पिछले पांच सालों से गांव के तालाबों में पोषण-संवेदनशील मछली पालन में शामिल हैं। तस्वीर- डेटौर ओडिशा/वर्ल्डफिश 

मछली पालन से पोषण को प्रोत्साहित करती ओडिशा की महिलाएं

लगभग डेढ़ दशक पहले तक ‘मोला मछली’ ओड़िया खाने का अभिन्न अंग थी। यह एक स्वदेशी प्रजाति की मछली है जिसे एंबलीफेरिंगोडोन मोला भी कहा जाता है। लेकिन बदलती जलवायु…
ओडिशा में लगभग 7,829 महिला स्वयं सहायता समूह पिछले पांच सालों से गांव के तालाबों में पोषण-संवेदनशील मछली पालन में शामिल हैं। तस्वीर- डेटौर ओडिशा/वर्ल्डफिश 
ओडिशा के नुआपाड़ा जिलें के खोलीभीतर गाँव में लगा एक विकेंद्रीकित सौर ऊर्जा का एक प्लांट। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे

ओडिशा की नई अक्षय ऊर्जा नीति और 10 गीगावाट का लक्ष्य

ओडिशा को भले ही अक्षय ऊर्जा की उच्च क्षमता वाला राज्य नहीं माना जाता हो, लेकिन राज्य सरकार अपनी नई ऊर्जा नीति के साथ इसी तरफ बढ़ती नज़र आ रही…
ओडिशा के नुआपाड़ा जिलें के खोलीभीतर गाँव में लगा एक विकेंद्रीकित सौर ऊर्जा का एक प्लांट। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे
मछुआरा समुदाय की महिलाएं मछली को नमक से धो कर उन्हें धूप में सुखाती हैं। इन सूखी मछलियों को 'सुखुआ' या सूखी मछली के रूप में बेचा जाता है। तस्वीर- ऐश्वर्या मोहंती/मोंगाबे

आजीविका और वजूद की लड़ाई लड़ रहीं ओड़िशा की तटीय महिलाएं

देश के पूर्वी समुद्र-तट पर स्थित ओड़िशा राज्य की 480 किलोमीटर लंबी तटरेखा पर मछली पकड़ने पर साल में दो तरह का प्रतिबंध लगाया जाता है। मछलियों के संरक्षण के…
मछुआरा समुदाय की महिलाएं मछली को नमक से धो कर उन्हें धूप में सुखाती हैं। इन सूखी मछलियों को 'सुखुआ' या सूखी मछली के रूप में बेचा जाता है। तस्वीर- ऐश्वर्या मोहंती/मोंगाबे
ओडिशा के भुवनेश्वर शहर में एक सोलर रूफटॉप के एक उपभोक्ता। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे

आखिर क्यों धीमी है ओडिशा में सोलर नेट मीटर के विकास की रफ्तार?

राइरंगपुर, ओडिशा के मयूरभंज जिले का एक छोटा सा शहर है। यह शहर हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान चर्चा में रहा। इधर इस स्थान से नाता…
ओडिशा के भुवनेश्वर शहर में एक सोलर रूफटॉप के एक उपभोक्ता। तस्वीर-मनीष कुमार/मोंगाबे
ग्राम सभा की बैठक के दौरान ग्रामीण और सुरक्षाबल। तस्वीर- राजाराम सुंदरेसन

ओडिशा: बॉक्साइट खनन को लेकर पुलिस तंत्र के साये में ग्राम सभा, आदिवासियों में रोष

मणिमा पटनायक एक आदिवासी समाज की महिला हैं जो कई वर्षो से माली पर्वत के नीचे स्थित अपने गांव मे अपने परिवार के साथ रहती हैं। पिछले महीने, नवम्बर 22…
ग्राम सभा की बैठक के दौरान ग्रामीण और सुरक्षाबल। तस्वीर- राजाराम सुंदरेसन
कोणार्क में लगा सौर ऊर्जा से संचालित वाटर एटीएम। शहर मे 40 सौर पेयजल एटीएम लगाने का लक्ष्य था। इसमें 25 एटीएम ने काम करना भी शुरू भी कर दिया है। तस्वीर- मनीष कुमार

ओडिशा: कोणार्क के सोलर योजना के लिए काटे जाएंगे कालाहांडी के वृक्ष

पिछले एक दशक से विपुल बहेरा कोणार्क मंदिर के पास अपनी एक छोटी सी दुकान चला रहे हैं। कोणार्क मंदिर, भारत के उन 3,691 इमारतों में शामिल है जिसका संरक्षण…
कोणार्क में लगा सौर ऊर्जा से संचालित वाटर एटीएम। शहर मे 40 सौर पेयजल एटीएम लगाने का लक्ष्य था। इसमें 25 एटीएम ने काम करना भी शुरू भी कर दिया है। तस्वीर- मनीष कुमार
बैनर तस्वीर- कुल्हिया वाइल्ड लाइफ सेंचुरी ओडिशा से लगी सड़क पर हाथी। फोटो - अरिंदम भट्टाचार्य/फ्लिकर

तकनीक के सहारे हाथियों से बचाव, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में हो रहे नए प्रयोग

मनोरम पठारी क्षेत्र में बसे जशपुर जिले के गांव अमूमन शांत रहते हैं। यहां जंगल के सटे गांवों में तो चिड़ियों की आवाज के अलावा घंटों कोई दूसरी आवाज नहीं…
बैनर तस्वीर- कुल्हिया वाइल्ड लाइफ सेंचुरी ओडिशा से लगी सड़क पर हाथी। फोटो - अरिंदम भट्टाचार्य/फ्लिकर