Water

कर्नाटका के कोलार जिले में जलकुंभी से पटी कोलारम्मा झील का ड्रोन शॉट। कर्नाटक सरकार का केसी वैली प्रोजेक्ट बेंगलुरु के सेकेंडरी ट्रीटेड वेस्टवाटर को कोलार क्षेत्र में लाता है और उसे जलाशयों औऱ झीलों में भरता है ताकि इससे भूजल रीचार्ज किया जा सके। तस्वीर- आंजनेय रेड्डी।

क्या शहरों का गंदा पानी पिएंगे ग्रामीण भारत के लोग?

अगस्त के शुरुआती दिनों में कोलार भूरे और हरे रंग का दिख रहा था। जुलाई के महीने हुई अप्रत्याशित बारिश ने यहां के किसानों की उम्मीदें जगा दी थीं। कर्नाटक…
कर्नाटका के कोलार जिले में जलकुंभी से पटी कोलारम्मा झील का ड्रोन शॉट। कर्नाटक सरकार का केसी वैली प्रोजेक्ट बेंगलुरु के सेकेंडरी ट्रीटेड वेस्टवाटर को कोलार क्षेत्र में लाता है और उसे जलाशयों औऱ झीलों में भरता है ताकि इससे भूजल रीचार्ज किया जा सके। तस्वीर- आंजनेय रेड्डी।
ओडिशा में महानदी। नदी पर हजारों मछुआरे और किसान आश्रित हैं। साल 1937 में पहली बार महानदी के पानी को लेकर बात शुरु हुई थी, जब ओडिशा में हीराकुंड बांध बनाने की बात चली। तस्वीर- कमलाकांत नायक/विकिमीडिया कॉमन्स

महानदी: 86 सालों बाद भी क्यों नहीं सुलझ पा रहा छत्तीसगढ़, ओडिशा जल विवाद

बारिश के इस मौसम में छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाइगढ़ ज़िले के कलमा बैराज के दोनों तरफ़ पानी नज़र आ रहा है। लेकिन दो-तीन महीने पहले तक तस्वीर ऐसी नहीं थी। छत्तीसगढ़…
ओडिशा में महानदी। नदी पर हजारों मछुआरे और किसान आश्रित हैं। साल 1937 में पहली बार महानदी के पानी को लेकर बात शुरु हुई थी, जब ओडिशा में हीराकुंड बांध बनाने की बात चली। तस्वीर- कमलाकांत नायक/विकिमीडिया कॉमन्स
छड़उवा खेड़ा से तीन किलोमीटर दूर सीधे हैंडपंप से पीने का पानी लेता ग्रामीण। तस्वीर- सुमित यादव

उत्तर प्रदेश: रखरखाव के अभाव में बंद पड़े आरओ प्लांट्स, दूषित पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

“पानी मुँह में डाल कर देखिए, बिल्कुल नमक के घोल जैसा है। कोई इसे एक गिलास नहीं पी सकता,” हैंडपंप से पानी निकालते हुए 52 वर्षीय रामदुलारी कहने लगीं। देश…
छड़उवा खेड़ा से तीन किलोमीटर दूर सीधे हैंडपंप से पीने का पानी लेता ग्रामीण। तस्वीर- सुमित यादव
कहलगांव के 65 वर्षीय दशरथ सहनी डॉल्फिन मित्र के तौर पर संरक्षण का काम करते हैं। वह हर दिन नाव से आठ से दस किमी की गश्त करके संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हैं। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे

[वीडियो] गंगा डॉल्फिन को बचाने की डगर में कई मुश्किलें, प्रदूषण और बांध बड़ी समस्या

कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन के बाद मीडिया ने गंगा में इंसानी गतिविधियों में कमी के चलते नदी के स्वच्छ होने की खबरें दीं। कहा गया कि इससे देश के…
कहलगांव के 65 वर्षीय दशरथ सहनी डॉल्फिन मित्र के तौर पर संरक्षण का काम करते हैं। वह हर दिन नाव से आठ से दस किमी की गश्त करके संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हैं। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे
दूषित भूजल के संपर्क में आने के कारण अपनी त्वचा पर चकत्ते दिखाती महिला। तस्वीर-  सत सिंह/मोंगाबे।

हरियाणा में कुंडली इलाके के लोग दूषित पानी से बेहाल

हरियाणा के सोनीपत जिले के कुंडली क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्र ने पिछले 40 वर्षों में कई लोगों को रोजी-रोटी दी है। एक गुमनाम गांव से कुंडली एक प्रमुख-औद्योगिक क्षेत्र में…
दूषित भूजल के संपर्क में आने के कारण अपनी त्वचा पर चकत्ते दिखाती महिला। तस्वीर-  सत सिंह/मोंगाबे।
विशेषज्ञ चेतावनी देते हुए कहते हैं कि जैसे-जैसे जलभृतो से पानी गायब होता जायेगा, वैसे ही भूमि या तो अचानक रूप से या फिर आहिस्ता-आहिस्ता बैठती जाएगी। इससे भूमि का क्षरण हो सकता है।

भूजल स्तर में गिरावट से धंस रही जमीन, भविष्य में बढ़ेंगी मुश्किलें

भारत का उत्तरी क्षेत्र का मैदानी इलाका बेहद उपजाऊ है। हालांकि इस उपजाऊ क्षेत्र में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जमीन के नीचे का जल स्तर तेजी से खत्म होता…
विशेषज्ञ चेतावनी देते हुए कहते हैं कि जैसे-जैसे जलभृतो से पानी गायब होता जायेगा, वैसे ही भूमि या तो अचानक रूप से या फिर आहिस्ता-आहिस्ता बैठती जाएगी। इससे भूमि का क्षरण हो सकता है।
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

विश्व जल दिवसः नर्मदा नदी के किनारे क्यों सूखने लगे बोर, गिरता जा रहा भूजल स्तर

नर्मदापुरम (होशंदाबाद) जिले के पिपरिया में बीजनवाड़ा गांव के निवासी सत्यनारायण पटेल का घर पासा नदी के बिल्कुल करीब है। मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र के लिए नदी के इतने…
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे