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पैदावार बढ़ाने, संसाधनों के कुशल इस्तेमाल और कीट से बचने के लिए ड्रोन और डिजिटल तकनीक से खेती

ड्रोन पायलट अजित बाबू सुबह-सुबह केरला के अथानी में केरला एग्रो मशीनरी कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KAMCO/ केमको) के धान के खेत में पहुंचते हैं। वे अपने साथ खेती में काम आने…
गोवा के पंजिम में एक पेड़ को मापते शोधकर्ता। तस्वीर: नंदिनी वेल्हो।

बड़े होते शहरों में सिकुड़ती हरियाली

इस साल की रिकॉर्ड तोड़ गर्मी में किसी भी भारतीय शहर की सड़कों पर चलते हुए आपको चिलचिलाती गर्मी में चक्कर आ सकता है। हालांकि, पेड़ों से भरी सड़क पर…
गोवा के पंजिम में एक पेड़ को मापते शोधकर्ता। तस्वीर: नंदिनी वेल्हो।
सी बकथ्रॉन झाड़ी में एक लिंक्स। चंबा ने आठ अलग-अलग मौकों पर यूरेशियन लिंक्स को देखा और कई तस्वीरें खींचीं। तस्वीर- स्टैनज़िन चंबा

भारत में पाई जाने वाली दो जंगली बिल्लियाँ को मिला अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण का दर्जा

भारत में पाई जाने वाली दो जंगली बिल्लियाँ - पलासेस कैट और मध्य एशियाई लिंक्स - को इस साल हुए 14वें  प्रवासी प्रजातियों (सीएमएस) के संरक्षण पर कन्वेंशन में जंगली…
सी बकथ्रॉन झाड़ी में एक लिंक्स। चंबा ने आठ अलग-अलग मौकों पर यूरेशियन लिंक्स को देखा और कई तस्वीरें खींचीं। तस्वीर- स्टैनज़िन चंबा

क्यों बढ़ रही हैं केरला के वायनाड में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं

केरला का उत्तरी जिला वायनाड इस साल फिर मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं के कारण चर्चा में है। जिले में जंगली हाथियों के साथ संघर्ष में इस साल जनवरी और फरवरी…
मध्य प्रदेश की बैगा आदिवासी महिलाएं। बैगा मूलतः वनवासी हैं, जो जंगलों में प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में वनों की कटाई और विकास की गति ने उन्हें शहरों के नजदीकी स्थानों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया है। (प्रतीकात्मक इमेज) तस्वीर-सैंडी और व्याज/विकिमीडिया कॉमन्स

बेहतर वन प्रबंधन के लिए आदिवासी समुदाय का नजरिया शामिल करना जरूरी

भारत में जंगल में रहने वाले आदिवासी समुदायों के लिए जंगल का क्या मतलब है? क्या वे वन पारिस्थितिकी तंत्र को उसी तरह देखते हैं जैसे जंगल के बाहर के…
मध्य प्रदेश की बैगा आदिवासी महिलाएं। बैगा मूलतः वनवासी हैं, जो जंगलों में प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में वनों की कटाई और विकास की गति ने उन्हें शहरों के नजदीकी स्थानों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया है। (प्रतीकात्मक इमेज) तस्वीर-सैंडी और व्याज/विकिमीडिया कॉमन्स
पचास साल में हुई डेढ़ लाख मौत, हर प्राकृतिक आपदा लेती है औसतन 20 लोगों की जान

कॉप28 ने अपनाया हानि और क्षति फंड, लेकिन प्रस्तावित राशि काफी कम

जलवायु परिवर्तन के टाले ना जा सकने वाले प्रभावों का सामना कर रहे कमजोर देशों की जरूरतों पर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, वार्षिक संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन 30…
पचास साल में हुई डेढ़ लाख मौत, हर प्राकृतिक आपदा लेती है औसतन 20 लोगों की जान

दुबई कॉप28: हानि और क्षति, जलवायु कार्रवाई और जीवाश्म ईंधन का चरणबद्ध होना प्रमुख मुद्दे

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क के लिए पार्टियों का 28वां वार्षिक सम्मेलन कॉप28 (COP28) शुरू हो रहा है। इस दौरान देश और पार्टी ब्लॉक उन विषयों पर अपनी स्थिति…

हिल स्टेशनों पर कचरे का बेहतर प्रबंधन जरूरी, सिर्फ प्लास्टिक बैन से नहीं बनेगा काम

तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के मशहूर हिल स्टेशन कोडईकनाल की लैंडफिल साइट पर लगभग चार महीने पहले आग लग गई थी। इसे बुझाने की खूब कोशिशें की गईं लेकिन महीनों…
मुंबई में बारिश का दिन। अन्य महासागरों की तुलना में गर्म हो रहे अरब सागर को स्पस्ट तौर पर पहचाना जा रहा है। हिंद महासागर बहुत तेजी से गर्म हो रहा है। तस्वीर- सौमित्र शिंदे/मोंगाबे।

भीषण तूफान और अनियमित बारिश, मौसम में बदलाव से बढ़ रही चिंता?

पिछली सदी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के चलते महासागर भी गर्म हो रहे हैं। कुछ स्थानों पर ज्यादा तो कुछ जगहों पर कम। 1901 से 2020 के बीच, समुद्र…
मुंबई में बारिश का दिन। अन्य महासागरों की तुलना में गर्म हो रहे अरब सागर को स्पस्ट तौर पर पहचाना जा रहा है। हिंद महासागर बहुत तेजी से गर्म हो रहा है। तस्वीर- सौमित्र शिंदे/मोंगाबे।

जम्मू-कश्मीर के जलाशयों में माइक्रोप्लास्टिक, इंसान और पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा

जम्मू और कश्मीर में किया गया एक नया अध्ययन प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीरता की तरफ इशारा करता है। अध्ययन में स्थानीय तौर पर व्येथ के नाम से जानी जाने वाली…
तमिलनाडु में खाने-पीने की ऑर्गेनिक चीजों का स्टॉल। तस्वीर- थमिझप्परिथि मारी/विकिपीडिया कॉमन्स

क्या है ऑर्गेनिक फूड और कैसे करें इसकी पहचान?

आपने अपने मोहल्ले की किराना दुकान पर खाने-पीने की ऑर्गेनिक चीजें देखी होंगी। लेकिन इन उत्पादों को ऑर्गेनिक का तमगा किस तरह दिया जाता है? और इनकी कीमत बहुत ज़्यादा…
तमिलनाडु में खाने-पीने की ऑर्गेनिक चीजों का स्टॉल। तस्वीर- थमिझप्परिथि मारी/विकिपीडिया कॉमन्स

शहरों के बाद भारत के गांवों में बढ़ता वायु प्रदूषण, वाहन और शहरीकरण सबसे अधिक जिम्मेदार

बिहार के ऐतिहासिक शहर सासाराम के बीच से गुजरती ग्रैंड ट्रंक रोड का नजारा इस साल के 23 अप्रैल को भी आम दिनों जैसा ही था। एशिया के सबसे लम्बे…
बल्ली द्वीप पर मृत मैंग्रोव के बगल में लगाए गए नए मैंग्रोव। विशेषज्ञों का कहना है कि उन क्षेत्रों में जहां लहर का वेग अधिक है, और कटाव तेज है, वहां मैंग्रोव तब तक नहीं बचेंगे जब तक कि मैंग्रोव को लहरों से सुरक्षित नहीं किया जाता। तस्वीर- सुभ्रजीत सेन/मोंगाबे।

[वीडियो] सुंदरबनः तटीय कटाव और मवेशियों की वजह से मुश्किल में मैंग्रोव के नए पौधे

भारत के सुंदरबन में स्थित एक द्वीप पखिरालय घाट के पश्चिम में 700 से 800 मीटर हिस्से में मैंग्रोव (समुद्री तट पर उगने वाला पौधा या झाड़ी) को लगाना, 2020…
बल्ली द्वीप पर मृत मैंग्रोव के बगल में लगाए गए नए मैंग्रोव। विशेषज्ञों का कहना है कि उन क्षेत्रों में जहां लहर का वेग अधिक है, और कटाव तेज है, वहां मैंग्रोव तब तक नहीं बचेंगे जब तक कि मैंग्रोव को लहरों से सुरक्षित नहीं किया जाता। तस्वीर- सुभ्रजीत सेन/मोंगाबे।

सुंदरबन: दूरदर्शी नीति के अभाव में ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण का गंवाया बेहतर अवसर

सीमेंट ब्लॉक की लाइनें एक लावारिस कब्रिस्तान के पत्थर की तरह दिखती हैं। एक खेत से सटा पुराना टूटा-फूटा एक मंजिला घर किसी डरावनी फिल्म के सेट जैसा दिखता है।…
जूनागढ़, गुजरात में एक धान के खेत में काम करती महिलाएँ। अगर भारत के स्वच्छ वायु लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाता है तो प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 53 प्रतिशत से गिरकर 39.5% हो जाएगा। तस्वीर- बर्नार्ड गगनोन/विकिमीडिया कॉमन्स

गहराते वायु प्रदूषण से महिलाओं में बढ़ा एनीमिया का खतरा, जल्द कदम उठाने की जरूरत

अगर भारत साफ-सुथरी हवा और ऊर्जा के लक्ष्यों को पूरा करता है तो इससे कई तरह के फायदे होंगे। एक लाभ यह होगा कि प्रजनन वाली आयु की महिलाओं में…
जूनागढ़, गुजरात में एक धान के खेत में काम करती महिलाएँ। अगर भारत के स्वच्छ वायु लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाता है तो प्रजनन आयु की महिलाओं में एनीमिया का प्रसार 53 प्रतिशत से गिरकर 39.5% हो जाएगा। तस्वीर- बर्नार्ड गगनोन/विकिमीडिया कॉमन्स
कॉप27 के दौरान मिस्र के शर्म-अल-शेख में विभिन्न संगठनों ने जीवाश्म ईंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। तस्वीर- आईआईएसडी

कॉप27: जीवाश्म ईंधनों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के भारत के आह्वान में शामिल हुए कई देश

मिस्र में शर्म अल-शेख में आयोजित संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन (कॉप27) में भारत द्वारा कोयले के अलावा सभी जीवाश्म ईंधनों के इस्तेमाल में तेजी से कमी लाने के प्रस्ताव को…
कॉप27 के दौरान मिस्र के शर्म-अल-शेख में विभिन्न संगठनों ने जीवाश्म ईंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। तस्वीर- आईआईएसडी
आशा के साथ शुरू हुए कॉप27 का समापन निराशाजनक न रह जाए

आशा के साथ शुरू हुए कॉप27 का समापन निराशाजनक न रह जाए

मिस्र के शर्म-अल-शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन – कॉप27 बीते एक सप्ताह से चल रहा है। बैठक की शुरुआत लॉस एंड डैमेज के मुद्दे के आधिकारिक एजेंडे में…
आशा के साथ शुरू हुए कॉप27 का समापन निराशाजनक न रह जाए
मुरलेन नेशनल पार्क में एक मार्बल बिल्ली। इस जंगल में अमित कुमार बल ने तेंदुआ, पीले गले वाला मार्टन, केकड़ा खाने वाला नेवला, असामी मकाक (बन्दर), भौंकने वाले हिरण, जंगली सूअर सहित कई वन्यजीव देखे। तस्वीर- अमित कुमार बल

[साक्षात्कार] अमेजन के जंगल से क्यों होती है मिजोरम के घने जंगलों की तुलना

साल 2019 में सितंबर की एक सुबह मिजोरम के चंफाई जिले के छोटे और खूबसूरत मुरलेन गांव के 240 निवासी हैरान थे। छब्बीस साल के शोधकर्ता अमित कुमार बल बहुत…
मुरलेन नेशनल पार्क में एक मार्बल बिल्ली। इस जंगल में अमित कुमार बल ने तेंदुआ, पीले गले वाला मार्टन, केकड़ा खाने वाला नेवला, असामी मकाक (बन्दर), भौंकने वाले हिरण, जंगली सूअर सहित कई वन्यजीव देखे। तस्वीर- अमित कुमार बल
सीएआईएफ 20 से अधिक भारतीय और वैश्विक ब्रांडों के साथ विभिन्न पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और 'हरित सूक्ष्म-उद्यमियों' को तैयार करने की पहल में सक्रिय रूप लगी हुई है। फोटो: सीएआईएफ।

‘टेक, मेक, वियर एंड थ्रो’ के दौर में भारत की सर्कुलर फैशन का अर्थतंत्र

हाल के वर्षों में, कपड़ा उद्योग से होने वाले पर्यावरण और सामाजिक नकारात्मक प्रभावों की आलोचना होती रही है। कपड़ा उद्योग का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव कई वजहों से हुआ…
सीएआईएफ 20 से अधिक भारतीय और वैश्विक ब्रांडों के साथ विभिन्न पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और 'हरित सूक्ष्म-उद्यमियों' को तैयार करने की पहल में सक्रिय रूप लगी हुई है। फोटो: सीएआईएफ।
गर्मियों के महीनों के दौरान मनरेगा मजदूर सुबह होने से पहले काम शुरू करते हैं, और दोपहर से पहले काम खत्म करने की कोशिश करते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के उपाय टिकाऊ नहीं हैं।

क्या मनरेगा गर्म क्षेत्र में महिलाओं के सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप में काम कर सकता है?

राजस्थान के उदयपुर जिले के केरपुरा गांव के लोग भावना देवी या भूरी का नाम अच्छी तरह से जानते हैं। जो खुशी-खुशी अपने घर में जंग लगे लोहे के दरवाजे…
गर्मियों के महीनों के दौरान मनरेगा मजदूर सुबह होने से पहले काम शुरू करते हैं, और दोपहर से पहले काम खत्म करने की कोशिश करते हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के उपाय टिकाऊ नहीं हैं।
साइकिल से ट्रैफिक जाम के बीच स्कूल जाता हुआ बच्चा। देहरादून में वर्ष 2017 में स्मार्ट सिटी का कार्य शुरू हुआ था। मिशन के पांचवे साल में भी देहरादून में साइकिल लेन नहीं बन सकी हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह

कई स्मार्ट शहरों में 5 सालों में भी नहीं बन पाए साइकिल ट्रैक, वापसी पर लग रहा ब्रेक

बढ़ता तापमान, ट्रैफिक जाम, वाहनों से निकलने वाला धुआं और बीमारियों के चंगुल में फंसते शहर अब राहत भरी सांस के लिए तरस रहे हैं। सड़क पर वाहनों की भीड़…
साइकिल से ट्रैफिक जाम के बीच स्कूल जाता हुआ बच्चा। देहरादून में वर्ष 2017 में स्मार्ट सिटी का कार्य शुरू हुआ था। मिशन के पांचवे साल में भी देहरादून में साइकिल लेन नहीं बन सकी हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह

निकोबार द्वीप की तबाही की वजह बन सकता है कंटेनर टर्मिनल

भारत सरकार ग्रेट निकोबार द्वीप (जीएनआई) पर विकास की कई बड़ी परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रही है। इस द्वीप पर एक अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट टर्मिनल, एक सैन्य और…
रूफस-थ्रोटेड व्रेन-बब्बलर (Spelaeornis caudatus)। तस्वीर- माइक प्रिंस / फ़्लिकर

नेपाल और भारत में निर्माण के नियम ‘वन्यजीवों के हित में’ पर पक्षियों के नहीं

भारत और नेपाल जैसे विकासशील देशों के लिए बिजली, सड़क, पुल, रेलवे लाइन जैसे मूलभूत ढ़ांचा का निर्माण बहुत जरूरी है। हालांकि, ये निर्माण अक्सर जंगलों के बीच से गुजरते…
रूफस-थ्रोटेड व्रेन-बब्बलर (Spelaeornis caudatus)। तस्वीर- माइक प्रिंस / फ़्लिकर
गोमती किनारे बसा लखनऊ शहर।

लखनऊ में सदा के लिए खत्म होता भूजल, धंस रही है जमीन

गंगा की सहायक नदी गोमती के किनारे बसा शहर लखनऊ में भूजल की भारी कमी आ रही है। एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि लखनऊ में भूजल निरंतर…
गोमती किनारे बसा लखनऊ शहर।
बायोचार बनाने की प्रक्रिया। बायोचार को पेड़ों और फसलों से जुड़े अपशिष्ट पदार्थों (पराली, भूसा, डंठल सूखे पत्तों आदि) से बनाया जाता है और लंबे वक्त तक जमीन में दबाकर रखा जाता है। तस्वीर- लोरेन इशाक/पर्माकल्चर एसोसिएशन/फ्लिकर

बायोचार में बिगड़ते मौसम को बचाने की ताकत, लेकिन लागत बड़ी बाधा

मौसम में हो रहे बदलावों से निपटने के लिए आजकल बायोचार की खूब चर्चा हो रही है। एक नए रिव्यू के मुताबिक इससे टिकाऊ विकास के लक्ष्यों को भी हासिल…
बायोचार बनाने की प्रक्रिया। बायोचार को पेड़ों और फसलों से जुड़े अपशिष्ट पदार्थों (पराली, भूसा, डंठल सूखे पत्तों आदि) से बनाया जाता है और लंबे वक्त तक जमीन में दबाकर रखा जाता है। तस्वीर- लोरेन इशाक/पर्माकल्चर एसोसिएशन/फ्लिकर

नवीन ऊर्जा का वित्तीय संकट: बढ़ रहा है टैक्स, घटती जा रही है सब्सिडी

भारत के नवीन ऊर्जा के क्षेत्र में अब निवेश बढ़ता दिख रहा है। कोरोना महामारी के बाद अब इस क्षेत्र के बाज़ार में फिर से उछाल देखने को मिला है।…
11 देशों के 41 संगठनों से जुड़े 57 शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने 60 देशों से ली गई चने की 3,366 जीनोम रेखाओं की सिक्वेंसिंग की। तस्वीर- जॉर्ज रॉयन/विकिमीडिया कॉमन्स

वैज्ञानिकों ने तैयार किया चने का जीनोम सीक्वेंस, फसलों में सुधार से जुड़े प्रयासों को मिलेगा बढ़ावा

शोधकर्ताओं ने चने की अनुवांशिक सिक्वेंसिंग की है। इस तरह उन्होंने प्रोटीन युक्त चने का एक विस्तृत जीनोम मैप तैयार किया है। इस मैप ने उसके माइग्रेशन और उद्गम की…
11 देशों के 41 संगठनों से जुड़े 57 शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने 60 देशों से ली गई चने की 3,366 जीनोम रेखाओं की सिक्वेंसिंग की। तस्वीर- जॉर्ज रॉयन/विकिमीडिया कॉमन्स
हसदेव अरण्य को हाथियों का घर कहा जाता है। यह करीब 1,70,000 हेक्टेयर में फैला जैव विविधता से भरा हुआ जंगल है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

महुआ बीनने के मौसम में छत्तीसगढ़ से मध्य प्रदेश के जंगल में आ गए हाथी, इंसानों के साथ द्वंद रोकना बड़ी चुनौती

जंगल से सटा गांव मसियारी के लोगों के लिए मार्च-अप्रैल का महीना व्यस्तताओं भरा रहता है। वजह हैं महुआ के फूल। इन दो महीनों में हर कोई अधिक से अधिक…
हसदेव अरण्य को हाथियों का घर कहा जाता है। यह करीब 1,70,000 हेक्टेयर में फैला जैव विविधता से भरा हुआ जंगल है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
बारापुल्ला नाले की पहले और बाद की स्थिति। तस्वीर- एकेटीसी

दिल्ली की 700 साल पुरानी निजामुद्दीन बस्ती में लौट रही पुरानी रौनक

दिल्ली की निजामुद्दीन बस्ती अपने आप में एक अलग दुनिया है। इसे सूफी संतों और धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। लोधी कॉलोनी और खान मार्केट जैसे पड़ोसी…
बारापुल्ला नाले की पहले और बाद की स्थिति। तस्वीर- एकेटीसी
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

विश्व जल दिवसः नर्मदा नदी के किनारे क्यों सूखने लगे बोर, गिरता जा रहा भूजल स्तर

नर्मदापुरम (होशंदाबाद) जिले के पिपरिया में बीजनवाड़ा गांव के निवासी सत्यनारायण पटेल का घर पासा नदी के बिल्कुल करीब है। मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र के लिए नदी के इतने…
तवा नदी नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी है। गर्मियों में यह नदी अब सूखने लगी है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे