IPCC AR6

प्रयागराज स्थित संगम का एक दृष्य। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गर्मी की वजह से मौसम की चरम घटनाओं में वृद्धि होगी। इससे स्थलीय, मीठे पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के जैव विविधता का नुकसान होगा। तस्वीर- प्रियम/विकिमीडिया कॉमन्स

जलवायु परिवर्तन का असर जैवविविधता से लेकर समाज तक, नई आईपीसीसी रिपोर्ट में आया सामने

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज या आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट बता रही है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से लोगों के स्वास्थ्य के साथ पृथ्वी की सेहत भी खराब हो…
प्रयागराज स्थित संगम का एक दृष्य। आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले समय में गर्मी की वजह से मौसम की चरम घटनाओं में वृद्धि होगी। इससे स्थलीय, मीठे पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के जैव विविधता का नुकसान होगा। तस्वीर- प्रियम/विकिमीडिया कॉमन्स
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट ने सुझाया, समय रहते क्लाइमेट एक्शन जरूरी

आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट ने सुझाया, समय रहते क्लाइमेट एक्शन जरूरी

अगर त्वरित और बड़े पैमाने पर ग्रीनहाउस गैस कम करने की कोशिश नहीं हुई तो पृथ्वी के बढ़ते तापमान को 1.5 या 2 डिग्री सेल्सियस तक रोकना मुमकिन नहीं होगा।…
आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट ने सुझाया, समय रहते क्लाइमेट एक्शन जरूरी
असम में 2012 में भीषण बाढ़ आई थी। तस्वीर- पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार/विकिमीडिया कॉमन्स

[व्याख्या] क्या है आईपीसीसी एआर-6 और भारत के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता?

जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल यानी इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की असेसमेंट रिपोर्ट पर चर्चा शुरू हो गयी है। वर्किंग ग्रुप-1 की बैठक के साथ आईपीसीसी की छठी…
असम में 2012 में भीषण बाढ़ आई थी। तस्वीर- पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार/विकिमीडिया कॉमन्स