आशीष लोया ने हैदरपुर वेटलैंड की मौजूदगी को वर्ष 2013 में काफी प्रयासों के बाद खोजा है। 47-वर्षीय लोया मूल रूप से महाराष्ट्र के अकोला से हैं। इलस्ट्रेशनः रश्मि त्यागी

पर्यटकों के लिए हो रहे कई बदलाव

वर्ष 2020 में विश्व डॉलफिन दिवस पर पांच अक्टूबर को रिवर डॉलफिन सफारी की शुरुआत की गई। इसे गंगा सफाई अभियान नमामि गंगे के तहत वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के द्वारा किया जा रहा है। हैदरपुर के पक्षियों पर एक किताब डब्लूडब्लूएफ की ओर से तैयार किया जा रहा है लजिसमें 301 पक्षियों का जिक्र किया जाएगा। इसमें 100 से अधिक प्रवासी पक्षी शामिल किए जाएंगे।

उत्तरप्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से इस स्थान को रामसर स्थल बनाने की सिफारिश भी की है। रामसर स्थल के लिए जरूरी 10 में से पांच से छह मापदंडों पर यह स्थान खरा उतरता है। इस प्रस्ताव को डब्लूडब्लूएफ इंडिया ने वन विभाग के साथ मिलकर तैयार किया है।

रहमानी पर्यटन की तरफ सरकार का जोर देखकर संरक्षण को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हैं। “पर्यटन से हैदरपुर का नुकसान होगा। पानी में पर्यटक या फिर बड़े अधिकारियों को भी नहीं घुसने देना चाहिए, सिर्फ गार्ड के साधारण बोट यहां निगरानी के लिए प्रवेश करें तो संरक्षण सफल होगा,” उन्होंने कहा।

रहमानी मानते हैं कि यहां पानी की निगरानी भी होनी चाहिए। सिंचाई के लिए पानी छोड़ते रहना चाहिए, क्योंकि पक्षियों को उथले पानी वाले स्थान अधिक पसंद हैं, उन्होंने कहा।

रहमानी के मुताबिक बोट के बजाए पक्षियों को वाच टावर से देखना बेहतर रहेगा। अगर पर्यटक अंदर गए तो प्लास्टिक और दूसरी गंदगी से जीव-जंतुओं पर बुरा असर होगा।

बैनर तस्वीरः इलस्ट्रेशन- रश्मि त्यागी। त्यागी प्रकृति से प्रेरणा लेकर अपने चित्र बनाती हैं। उनके चित्र पर्यावरण को बचाने की कहानियों को रंगों के साथ बयां करते हैं।

Article published by Manish Chandra Mishra
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