
Articles by Manish Chandra Mishra
Manish Chandra Mishra is an Assistant Editor at Mongabay India, currently based in Delhi. A multimedia journalist with over a decade of experience in mainstream media, he has established himself as a versatile reporter focused on environmental issues. Manish began his career with radio and soon transitioned to electronic media, later moving to print journalism. He has worked with prominent newspapers, including DB Post, Dainik Bhaskar, Dainik Jagran, and Haribhoomi. In 2019, he embraced freelancing, collaborating with notable outlets such as Firstpost, Down to Earth, Zenger, Ozy, India Spend, and 101 Reporters. Hailing from an agricultural family in Madhubani, Bihar, Manish feels a profound connection to nature, which inspires his reporting. You can follow him on Twitter at @hellomishra.


पूरे देश में भूजल प्रदूषण गहराया, सरकारी रिपोर्ट से खुलासा

संघर्ष के बावजूद दिल में हाथियों के लिए श्रद्धा और सहानुभूति

क्लाउडेड लेपर्ड की घटती आबादी पर नए अध्ययन में सामने आया संरक्षण का रोडमैप

ग्लोबल साउथ में बढ़ते तापमान से प्रदूषण और बीमारियों का खतरा गहराया

छत्तीसगढ़: अनुसूचित जनजाति आयोग ने हसदेव अरण्य में खनन के लिए सहमति को बताया फर्जी

गहरे समुद्र में खनन से जुड़ी तकनीक में आगे बढ़ रहा भारत

प्रकृति के साथ तालमेल बिठा रहे स्वदेशी पशुधन

इंसानी बस्तियों में बाघों की बढ़ती संख्या से लोगों में बढ़ता मानसिक तनाव
![कोयले के ढेर से कोयला चुनती महिला। फ्लिकर [CC BY-NC-SA 2.0] के जरिए लेसरकल की तस्वीर।](https://imgs.mongabay.com/wp-content/uploads/sites/35/2024/12/12070121/6352526980_142954dcc2_k-2048x890-1-768x512.jpg)
जस्ट ट्रांजिशन में सामाजिक बुनियादी ढांचे के साथ वैकल्पिक रोजगार पर हो फोकस

गर्मी और अनियमित बारिश से फूल उत्पादकों और विक्रेताओं की आजीविका पर असर

बिहार में बाढ़ की एक बड़ी वजह कोसी में जमी गाद, क्या है समाधान?

बिहार: बाढ़ के बाद कोसी तटबंध के बीच टापुओं पर बसे गांवों में नहीं पहुंचती सरकारी राहत

पर्यावरण हितैषी उत्पादों के नाम पर ग्रीनवाशिंग रोकने में कितने कारगर होंगे नए गाइडलाइन्स

[कमेंट्री] नर्मदा नदी पर क्रूज: क्या यह वैध, उचित या न्यायोचित है?

वाटर डिवाइनिंगः नारियल और सूखी टहनियों से भूजल खोजने का पारंपरिक तरीका

मौसम में बदलाव और जैव विविधता के नुकसान के बीच भारतीय परंपरा को सहेजते जीआई टैग

नई तकनीक से हवा से तैयार हो रहा किफायती पीने योग्य पानी

किसानों की आय और बायोगैस उत्पादन के लिए झांसी में स्पाइनलेस कैक्टस से हो रहे प्रयोग

[वीडियो] उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा की चकाचौंध के पीछे छुपी सोलर कचरे की बड़ी समस्या

बदलते मौसम में खेती-बाड़ी के लिए विकसित होती बेहतर तकनीक

बन्नी की खाने वाली घासों के खतरा बन रहा है विलायती बबूल का फैलाव

कच्छ के कुम्हार बेहतर भट्टियों के साथ बदलाव के लिए तैयार

मछुआरों के विरोध के बावजूद महाराष्ट्र में बंदरगाह परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी

[इंटरव्यू] हिमालयी क्षेत्रों में दिख रही पलासेस कैट के संरक्षण में क्या हैं चुनौतियां

भारत में अमीरों और गरीबों के उपभोग का पर्यावरण पर दुष्प्रभाव अलग-अलग- अध्ययन

कश्मीर में बढ़ रहा मानव-वन्यजीव संघर्ष, वन्यजीवों को बचाना हुआ चुनौतीपूर्ण

मोटे अनाज से क्यों दूर हो रहे हैं मध्य प्रदेश के आदिवासी?

[इंटरव्यू] गोल्डमैन पुरस्कार से नवाजे गए आलोक शुक्ला ने कहा, “यह जल, जंगल, जमीन के लिए संघर्ष कर रहे आदिवासियों का सम्मान”
