समाधान News

बेड़ो में मनरेगा के तहत हुए कामों को चित्र के जरिए उकेरा गया है। तस्वीर – विशाल कुमार जैन

दुनियाभर में आकार ले रहे कार्बन बाजार में शामिल हुआ झारखंड

पिछले साल जब अजरबैजान की राजधानी बाकू में दुनिया भर के देश और कई संगठन कार्बन ट्रेडिंग के नियमों पर मुहर लगा रहे थे, तब वहां से करीब 3,800 किलोमीटर…
बेड़ो में मनरेगा के तहत हुए कामों को चित्र के जरिए उकेरा गया है। तस्वीर – विशाल कुमार जैन
मेघालय के एक गांव मावकिरनॉट में एक लिविंग रूट ब्रिज को पार करती हुई कुछ खासी महिलाएं। तस्वीर: बरशा दास, मोंगाबे

मेघालयः जड़ों से जुड़ी परंपरा की कहानी बयां करते लिविंग रूट ब्रिज

बाहरी दुनिया के लिए मेघालय प्रकृति का अजूबा है, जो अपने धुंध से ढके पहाड़ों, कैनियन, घाटियों और झरनों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। लेकिन जो लोग यहां के…
मेघालय के एक गांव मावकिरनॉट में एक लिविंग रूट ब्रिज को पार करती हुई कुछ खासी महिलाएं। तस्वीर: बरशा दास, मोंगाबे
एक कारखाने में जलकुंभी से उत्पाद बनाती महिला श्रमिक। तस्वीर: रोप इंटरनेशनल से साभार।

जलकुम्भी जैसी खरपतवार से खुलते सफलता के रास्ते

असम के कामरूप जिले की रहने वाली मोरोमि हाज़ोवारी का सपना एक बेहतर ज़िन्दगी के साथ अपने बेटे को अच्छी शिक्षा देना है। लेकिन इस सपने को सच करने में…
एक कारखाने में जलकुंभी से उत्पाद बनाती महिला श्रमिक। तस्वीर: रोप इंटरनेशनल से साभार।
लेप्चा परिवार में खाना पकाने के लिए बेहतर बनाया गया चूल्हा। ऐसे चूल्हे रसोई के लिए स्थायी समाधान उपलब्ध कराते हैं, बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और गांव और उसके आसपास वनों की कटाई को कम करते हैं। तस्वीर अभिषेक प्रधान द्वारा।

लेप्चा घरों में बेहतर चूल्हों से परंपरा को बचाकर संरक्षण की कोशिश [कमेंट्री]

पूर्वी हिमालय की तलहटी में बसा भारत के कलिम्पोंग जिले का लेप्चा समुदाय उन स्थानीय समूहों में शामिल है जो अपनी खास संस्कृति, भाषा और प्रकृति में रची-बसी जीवनशैली के…
लेप्चा परिवार में खाना पकाने के लिए बेहतर बनाया गया चूल्हा। ऐसे चूल्हे रसोई के लिए स्थायी समाधान उपलब्ध कराते हैं, बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और गांव और उसके आसपास वनों की कटाई को कम करते हैं। तस्वीर अभिषेक प्रधान द्वारा।
तेलंगाना में रागी का खेत। लंबे होते गर्मी के मौसम और ठंड के कम होते दिनों जैसे जलवायु के दुष्प्रभाव तमिलनाडु के किसानों को रागी जैसी लंबी अवधि के मोटे अनाज से चेना या कंगनी जैसे कम अवधि में तैयार होने वाले मोटे अनाज की ओर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। विकिमीडिया कॉमन्स  (CC BY-SA 4.0) के जरिए कावली चंद्रकांत KCK की तस्वीर।

मौसम के बारे में जानकारी, विविधता से मोटा अनाज उगाने वाले आदिवासियों को होगा फायदा

तमिलनाडु के नमक्कल जिले का पहाड़ी इलाका कोल्ली हिल्स समुद्र तल से 1,200 मीटर की ऊंचाई पर है। यह इलाका मोटे अनाज की खेती का गढ़ है। यहां की पहाड़ियों…
तेलंगाना में रागी का खेत। लंबे होते गर्मी के मौसम और ठंड के कम होते दिनों जैसे जलवायु के दुष्प्रभाव तमिलनाडु के किसानों को रागी जैसी लंबी अवधि के मोटे अनाज से चेना या कंगनी जैसे कम अवधि में तैयार होने वाले मोटे अनाज की ओर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। विकिमीडिया कॉमन्स  (CC BY-SA 4.0) के जरिए कावली चंद्रकांत KCK की तस्वीर।
धान के अपने खेत में देवलाल मुंडा। तस्वीर- विशाल कुमार जैन/मोंगाबे

प्राकृतिक खेती: उत्पादों के लिए बाजार सबसे बड़ी चुनौती, अलग एमएसपी की मांग

झारखंड में रामगढ़ जिले के कौड़ी गांव में रहने वाले देवलाल मुंडा डेढ़ एकड़ पुश्तैनी जमीन पर साल 2023 तक रसायनिक खेती कर रहे थे। जलवायु परिवर्तन और रासायनिक खाद…
धान के अपने खेत में देवलाल मुंडा। तस्वीर- विशाल कुमार जैन/मोंगाबे
नागा कार्यकर्ता सेनो त्सुहा व्याख्यान देती हुई। सेनो त्सुहा के सौजन्य से तस्वीर।

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पारंपरिक तरीकों को जीवनदान देती नागालैंड की एक कार्यकर्ता [इंटरव्यू]

नागालैंड की हरी-भरी पहाड़ियों में बसे फेक जिले में, समुदाय की भावनाएं हर गांव में गूंजती हैं। पूर्वोत्तर-भारतीय राज्य के इन गांवों में कई युवा और महिला समाज और आदिवासी…
नागा कार्यकर्ता सेनो त्सुहा व्याख्यान देती हुई। सेनो त्सुहा के सौजन्य से तस्वीर।
अदिया समुदाय की महिलाओं का एक समूह धान की रोपाई करता हुआ। तस्वीर: विपिनदास।

धान के खेतों में उगते साग को थाली तक लाने की कोशिश

साल 2014 में तमिलनाडु के पोलाची शहर में अपने खेतों से गुजरते समय श्रीदेवी लक्ष्मीकुट्टी ने दिलचस्प बात देखी। आस-पास के खेतों की कई महिलाएं खर-पतवार के रूप में उगने…
अदिया समुदाय की महिलाओं का एक समूह धान की रोपाई करता हुआ। तस्वीर: विपिनदास।
सेमियालता पौधा अधिकतम सात फीट तक होता है। इसकी आयु 10 वर्ष होती है। तस्वीर- आदित्य कुमार

झारखंडः कुसुम, पलाश और बेर के पेड़ की कमी, लाख कीटों का नया ठिकाना सेमियालता

झारखंड के लातेहार जिला के सुदूर मनिका प्रखंड में शीला उरांव अपने खेत में छोटे-छोटे पौधों के चारों ओर मिट्टी हटा रही हैं। बगल वाली क्यारी में उनकी बेटी रीना…
सेमियालता पौधा अधिकतम सात फीट तक होता है। इसकी आयु 10 वर्ष होती है। तस्वीर- आदित्य कुमार
डूडलेज द्वारा डेडस्टॉक कपड़े से बनी एक पोशाक। आमतौर पर, डेडस्टॉक कपड़े गोदामों में पड़े रहते हैं या जला दिए जाते हैं या लैंडफिल में डाल दिए जाते हैं, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तस्वीर - डूडलेज।

सस्टेनेबल फैशन: पुराने कपड़ों को देते नई जान, नई पहचान

डिजाइनर गौतम गुप्ता के दक्षिण दिल्ली के आलीशान स्टूडियो की दूसरी मंजिल पर ग्राहकों की भीड़ कपड़ों के ढेर में से सबसे ट्रेंडी कपड़ों की तलाश कर रही है। इसके…
डूडलेज द्वारा डेडस्टॉक कपड़े से बनी एक पोशाक। आमतौर पर, डेडस्टॉक कपड़े गोदामों में पड़े रहते हैं या जला दिए जाते हैं या लैंडफिल में डाल दिए जाते हैं, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तस्वीर - डूडलेज।
ड्रोन उपयोगी हैं, लेकिन भारतीय वनों में उन्हें इस्तेमाल करने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। तस्वीर- वल्लभदूटवटन, विकिमीडिया कॉमन्स पर (CC BY-SA 4.0)

वनों के संरक्षण में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा, लेकिन समस्याओं से पार पाना होगा

साल 2023 में असम में आई बाढ़ के दौरान राज्य के वन विभाग ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की कोहारा रेंज में मिट्टी के कटाव का पता लगाने के लिए ड्रोन…
ड्रोन उपयोगी हैं, लेकिन भारतीय वनों में उन्हें इस्तेमाल करने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। तस्वीर- वल्लभदूटवटन, विकिमीडिया कॉमन्स पर (CC BY-SA 4.0)
अगस्त 2022 में कर्नाटका के कुर्ग में एक हर्पेटोलॉजी अभियान पर एक पिल बग को हाथ में पकड़े हुए वन्यजीव जीवविज्ञानी केडेन एंथनी। तस्वीर- रोमा ए. त्रिपाठी 

जागरूकता फैलाने के लिए कंटेंट क्रिएटर बने जीवविज्ञानी

बुश फ्रॉग खाते हुए एक मालाबार पिट वाइपर को कैमरे में कैद करना शायद आपकी शाम बिताने का तरीका न हो, लेकिन वन्यजीव जीवविज्ञानी यतिन कल्कि (28) के लिए ये…
अगस्त 2022 में कर्नाटका के कुर्ग में एक हर्पेटोलॉजी अभियान पर एक पिल बग को हाथ में पकड़े हुए वन्यजीव जीवविज्ञानी केडेन एंथनी। तस्वीर- रोमा ए. त्रिपाठी 
जैसलमेर में ऊंट। फ्लिकर (CC BY 2.0) के जरिए निनारा की तस्वीर।

प्रकृति के साथ तालमेल बिठा रहे स्वदेशी पशुधन

जलवायु परिवर्तन दुनिया भर खासकर भारत के शुष्क क्षेत्रों में खेती और पशुधन के लिए बड़ा खतरा है। बढ़ता तापमान, अचानक होने वाली बारिश और लगातार बार-बार मौसम से जुड़ी…
जैसलमेर में ऊंट। फ्लिकर (CC BY 2.0) के जरिए निनारा की तस्वीर।
कश्मीर के खेतों में अपने छत्ता ले जाता हुआ एक मधुमक्खी पालक। तस्वीर- फैज़ल साइमन 

मौसमी प्रवास की वजह से कश्मीर में फलता-फूलता मधुमक्खी पालन

अक्टूबर के महीने में, जैसे ही घाटी में सर्दी का आगाज़ होता है, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में रहने वाले 45 वर्षीय मधुमक्खी पालक मोहम्मद अमीन वानी, अपने दो सहयोगियों…
कश्मीर के खेतों में अपने छत्ता ले जाता हुआ एक मधुमक्खी पालक। तस्वीर- फैज़ल साइमन 
मारुथाचलम के खेत में तेज गर्मी में भी अजोला पनपता है, जो उनके चार एकड़ के जैविक खेत में उपलब्ध प्राकृतिक रेत और ताजे पानी की बदौलत नारियल के पेड़ों की छाया में मज़बूती से बढ़ता है। तस्वीर- गौतमी सुब्रमण्यम द्वारा मोंगाबे के लिए।

जलीय पौधे अज़ोला से हो सकता है चारे की कमी का समाधान

लगभग सात साल पहले, तमिलनाडु के थेनी के 41 वर्षीय पोल्ट्री किसान सुरुलीनाथन एस. ने मुर्गियों के चारे के रूप में अज़ोला नामक जलीय पौधे का उपयोग करना सीखा। वह…
मारुथाचलम के खेत में तेज गर्मी में भी अजोला पनपता है, जो उनके चार एकड़ के जैविक खेत में उपलब्ध प्राकृतिक रेत और ताजे पानी की बदौलत नारियल के पेड़ों की छाया में मज़बूती से बढ़ता है। तस्वीर- गौतमी सुब्रमण्यम द्वारा मोंगाबे के लिए।
सूखे की स्थिति और मिट्टी की सतह के टूटने या सूखने से मिट्टी का कार्बन ऑक्सीडेशन के संपर्क में आता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। फ्लिकर के जरिए वंदन देसाई की तस्वीर (CC BY-NC-ND 2.0)।

सूखे और मिट्टी की खराब होती सेहत से बढ़ रहा कार्बन उत्सर्जन

जलवायु विज्ञान से जुड़े शोधकर्ता जलवायु परिवर्तन का असर बढ़ाने वाले फीडबैक लूप के गंभीर होने के बारे में चिंतित हैं। गंभीर या पॉजिटिव फीडबैक लूप ऐसे तंत्र हैं जो…
सूखे की स्थिति और मिट्टी की सतह के टूटने या सूखने से मिट्टी का कार्बन ऑक्सीडेशन के संपर्क में आता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। फ्लिकर के जरिए वंदन देसाई की तस्वीर (CC BY-NC-ND 2.0)।
बार-बार मौसम की प्रतिकूल घटनाओं और फसल के नुकसान ने वायनाड के किसानों को नया कृषि कैलेंडर तैयार करने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें खेती-बाड़ी के पारंपरिक ज्ञान और मौसम में बदलाव को शामिल किया गया है। तस्वीर - अभिषेक एन. चिन्नाप्पा/मोंगाबे।

मौसम में बदलाव से पार पाने के लिए नए कृषि कैलेंडर से किसानों को उम्मीदें

वायनाड के किसान राजेश कृष्णन कहते हैं, " शायद हम जिंदगी में बहुत सारी चीजें अपनी चिंता की वजह से करते हैं।" वह खेती के उन "मुश्किल सालों" को याद…
बार-बार मौसम की प्रतिकूल घटनाओं और फसल के नुकसान ने वायनाड के किसानों को नया कृषि कैलेंडर तैयार करने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें खेती-बाड़ी के पारंपरिक ज्ञान और मौसम में बदलाव को शामिल किया गया है। तस्वीर - अभिषेक एन. चिन्नाप्पा/मोंगाबे।
कृत्रिम रीफ लगाते हुए। 2023 में, केंद्र सरकार ने मछली की आबादी को बढ़ावा देने के लिए भारत के समुद्र तट पर कृत्रिम रीफ लगाने की घोषणा की थी। तस्वीर- कुडल लाइफ फाउंडेशन

मछलीपालन को बढ़ावा देने लिए आर्टिफिशियल रीफ कितनी कामयाब

मुंबई में इस साल फरवरी में वर्ली कोलीवाड़ा में 200 से अधिक आर्टिफिशियल रीफ यानी कृत्रिम रीफ का पहला सेट स्थापित किया गया। ये कृत्रिम संरचनाएं प्राकृतिक रीफ की तरह…
कृत्रिम रीफ लगाते हुए। 2023 में, केंद्र सरकार ने मछली की आबादी को बढ़ावा देने के लिए भारत के समुद्र तट पर कृत्रिम रीफ लगाने की घोषणा की थी। तस्वीर- कुडल लाइफ फाउंडेशन
हरियाणा के सिरसा में तालाब से मिट्टी हटाने का काम करते हुए मनरेगा मजदूर। तस्वीर- मुल्ख सिंह/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।

वनक्षेत्र को बढ़ाने में मददगार हैं मनरेगा जैसी ग्रामीण रोजगार योजनाएं

वृक्षारोपण और आजीविका के बीच संबंधों की पड़ताल करने वाले एक नए शोध पत्र से पता चलता है कि मनरेगा जैसी सामाजिक कल्याणकारी योजनाएं आय और रोजगार प्रदान करने के…
हरियाणा के सिरसा में तालाब से मिट्टी हटाने का काम करते हुए मनरेगा मजदूर। तस्वीर- मुल्ख सिंह/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।
नेपााल के सप्तसरी जिले में कोसी नदी से लकड़ियां ले जाता एक ग्रामीण। कोसी नदी में भारी मात्रा में लकड़ियां पहाड़ पर से बहकर आयी हैं, जिसे जगह-जगह लोग नदी से चुनते दिखे। तस्वीर- राहुल सिंह मोंगाबे के लिए

बिहार में बाढ़ की एक बड़ी वजह कोसी में जमी गाद, क्या है समाधान?

नेपाल के सप्तरी जिले के 63 वर्षीय रामेश्वर यादव माहुली नदी के एक नंबर पुल से कुछ दूरी पर एक पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठे हैं। उनके साथ हैं 74…
नेपााल के सप्तसरी जिले में कोसी नदी से लकड़ियां ले जाता एक ग्रामीण। कोसी नदी में भारी मात्रा में लकड़ियां पहाड़ पर से बहकर आयी हैं, जिसे जगह-जगह लोग नदी से चुनते दिखे। तस्वीर- राहुल सिंह मोंगाबे के लिए
चक्रवात आलिया के बाद बाढ़ के पानी में चलती हुई महिला। तस्वीर अनिल गुलाटी/इंडिया वाटर पोर्टल/ फ्लिकर  (CC BY-NC-SA 2.0)।

क्या है प्राकृतिक आपदाओं से निपटने वाला पैरामीट्रिक इंश्योरेंस और भारत में क्यों हो रहा प्रचलित?

पिछले दो दशकों यानी साल 2000 से 2019 के बीच भारत कुदरती आपदाओं का सामना करने के मामले में तीसरे नंबर पर है। आने वाले समय और ज़्यादा भयावह होने…
चक्रवात आलिया के बाद बाढ़ के पानी में चलती हुई महिला। तस्वीर अनिल गुलाटी/इंडिया वाटर पोर्टल/ फ्लिकर  (CC BY-NC-SA 2.0)।
देवमति सिंह अपने घर के नजदीक किचन गार्डन में अपने बच्चों के साथ। तस्वीर-ऐश्वर्या मोहंती

सौर ऊर्जा से जीवन में बड़ा बदलाव, दूर हुआ कुपोषण

छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव में रहने वाली 30 वर्षीय देवमती सिंह पिछले कई सालों से अपनी एक एकड़ की जमीन पर धान और आलू की खेती करती आ…
देवमति सिंह अपने घर के नजदीक किचन गार्डन में अपने बच्चों के साथ। तस्वीर-ऐश्वर्या मोहंती
गांव के तालाब में पानी पीते मवेशी और कपड़े धोती हुई महिलाएं। तस्वीर- स्टीवी मान/विकिमीडिया कॉमन्स।

गर्मी की मार से डेयरी किसान बेहाल, महिला संगठन ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ

अप्रैल के आखिरी दिनों में तेज धूप से आंगन तप रहा था। तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। एम. थायरम्मा पास के एक कुएं से पानी भर कर लाईं…
गांव के तालाब में पानी पीते मवेशी और कपड़े धोती हुई महिलाएं। तस्वीर- स्टीवी मान/विकिमीडिया कॉमन्स।
तमिलनाडु के अनामलाई पहाड़ियों में सड़क पार करते हुए एक हाथी और उसका बच्चा। खराब तरीके से बनाई गई सड़कों और रेलवे लाइनों की वजह से एशियाई हाथियों की गाड़ियों से टक्कर हो रही है, जिससे वे मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन/NCF

हाथियों की सड़क और रेलवे पटरियों पर होने वाली मौतों को रोकने के लिए नई हैंडबुक जारी

इस साल की शुरुआत में, कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास एक ट्रेन से एक हाथी और उसके बच्चे को टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौत हो गई। कुछ महीने…
तमिलनाडु के अनामलाई पहाड़ियों में सड़क पार करते हुए एक हाथी और उसका बच्चा। खराब तरीके से बनाई गई सड़कों और रेलवे लाइनों की वजह से एशियाई हाथियों की गाड़ियों से टक्कर हो रही है, जिससे वे मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन/NCF
लास वेगास में सुपरमार्केट। तस्वीर- हैरिसन कीली/ विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY 4.0 DEED)। 

पर्यावरण हितैषी उत्पादों के नाम पर ग्रीनवाशिंग रोकने में कितने कारगर होंगे नए गाइडलाइन्स

क्या पर्यावरण हितैषी होने का दावा करने वाले उत्पाद पर्यावरण के लिहाज से उतने ही अच्छे हैं जितना कि बताया जाता है? जैसे-जैसे पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है,…
लास वेगास में सुपरमार्केट। तस्वीर- हैरिसन कीली/ विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY 4.0 DEED)। 
बेंगलुरु के रहने वाले वॉटर डिवाइनर एस. सैमसन तांबे के उपकरण से बोर पॉइंट खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पास ही खड़े बच्चे उन्हें काम करते हुए देख रहे हैं। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 

वाटर डिवाइनिंगः नारियल और सूखी टहनियों से भूजल खोजने का पारंपरिक तरीका

शनमुगन ने अपनी धोती ऊपर उठाई और बड़ी ही सावधानी से अपना एक पैर जमीन पर रखा। कुछ महसूस न होने पर वह दूसरी दिशा की ओर बढ़ गए। फिर…
बेंगलुरु के रहने वाले वॉटर डिवाइनर एस. सैमसन तांबे के उपकरण से बोर पॉइंट खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पास ही खड़े बच्चे उन्हें काम करते हुए देख रहे हैं। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 
ऑटोमेटिक सिंचाई सिस्टम के पास खड़े हुए बिनोद कुमार महतो। तस्वीर- विशाल कुमार जैन

झारखंड में तकनीक की मदद से खेती में मिलती सिंचाई, मौसम और बीमारियों की सटीक जानकारी

बात साल 2020 की है, जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी और काम-धंधे बंद हो रहे थे। इन सबके बीच 10 साल से पुणे में बैंक मार्केटिंग का…
ऑटोमेटिक सिंचाई सिस्टम के पास खड़े हुए बिनोद कुमार महतो। तस्वीर- विशाल कुमार जैन
राम-मोल किसान खरपतवार हटाने के लिए हल्की जुताई जैसी प्राकृतिक खेती तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। इसे स्थानीय भाषा में विखेड़ा कहा जाता है। तस्वीर- सात्विक-प्रमोटिंग इकोलॉजिकल एग्रीकल्चर के सौजन्य से।

सूखे इलाकों में फसल उगाने के लिए परंपरागत राम-मोल कृषि तकनीक पर भरोसा

मई का महीना करीब है और कच्छ के धरमपुर गांव में सूरज अभी से आग बरसा रहा था। इसकी परवाह किए बिना मवाभाई डांगर अपने अरंडी की फसल का जायजा…
राम-मोल किसान खरपतवार हटाने के लिए हल्की जुताई जैसी प्राकृतिक खेती तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। इसे स्थानीय भाषा में विखेड़ा कहा जाता है। तस्वीर- सात्विक-प्रमोटिंग इकोलॉजिकल एग्रीकल्चर के सौजन्य से।
हाथीपाखना गांव का निवासी हुंडी या मंदिर में प्रार्थना कर रहा है। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 

घटते फॉरेस्ट कॉमन्स, कोरापुट के आदिवासी समुदायों के लिए त्यौहार मनाना हुआ मुश्किल

ओडिशा के कोरापुट जिले में चैता परब का मौसम है। इन दिनों ज्यादातर आदिवासी महुआ के पेड़ के फूलों से बनी स्थानीय शराब महुली का लुत्फ उठाने के लिए बेताब…
हाथीपाखना गांव का निवासी हुंडी या मंदिर में प्रार्थना कर रहा है। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 
बेयरफुट इकोलॉजिस्टों को वैज्ञानिक डेटा संग्रह और विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाता है जिसे वे प्रभावी संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान के साथ एकीकृत कर सकते हैं। तस्वीर- मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा 

पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का मेल: जलवायु परिवर्तन का दस्तावेजीकरण करते पर्यावरणविद्

तमिलनाडु के सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व के गलिथिम्बम गांव के महालिंगम बालन हफ्ते में एक बार कई अलग-अलग वन क्षेत्रों का दौरा करते हैं और विभिन्न पारिस्थितिक पहलुओं का बारीकी से…
बेयरफुट इकोलॉजिस्टों को वैज्ञानिक डेटा संग्रह और विश्लेषण में प्रशिक्षित किया जाता है जिसे वे प्रभावी संरक्षण प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान के साथ एकीकृत कर सकते हैं। तस्वीर- मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा