बुश फ्रॉग खाते हुए एक मालाबार पिट वाइपर को कैमरे में कैद करना शायद आपकी शाम बिताने का तरीका न हो, लेकिन वन्यजीव जीवविज्ञानी यतिन कल्कि (28) के लिए ये…
जलवायु परिवर्तन दुनिया भर खासकर भारत के शुष्क क्षेत्रों में खेती और पशुधन के लिए बड़ा खतरा है। बढ़ता तापमान, अचानक होने वाली बारिश और लगातार बार-बार मौसम से जुड़ी…
अक्टूबर के महीने में, जैसे ही घाटी में सर्दी का आगाज़ होता है, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में रहने वाले 45 वर्षीय मधुमक्खी पालक मोहम्मद अमीन वानी, अपने दो सहयोगियों…
लगभग सात साल पहले, तमिलनाडु के थेनी के 41 वर्षीय पोल्ट्री किसान सुरुलीनाथन एस. ने मुर्गियों के चारे के रूप में अज़ोला नामक जलीय पौधे का उपयोग करना सीखा। वह…
जलवायु विज्ञान से जुड़े शोधकर्ता जलवायु परिवर्तन का असर बढ़ाने वाले फीडबैक लूप के गंभीर होने के बारे में चिंतित हैं। गंभीर या पॉजिटिव फीडबैक लूप ऐसे तंत्र हैं जो…
वायनाड के किसान राजेश कृष्णन कहते हैं, " शायद हम जिंदगी में बहुत सारी चीजें अपनी चिंता की वजह से करते हैं।" वह खेती के उन "मुश्किल सालों" को याद…
मुंबई में इस साल फरवरी में वर्ली कोलीवाड़ा में 200 से अधिक आर्टिफिशियल रीफ यानी कृत्रिम रीफ का पहला सेट स्थापित किया गया। ये कृत्रिम संरचनाएं प्राकृतिक रीफ की तरह…
वृक्षारोपण और आजीविका के बीच संबंधों की पड़ताल करने वाले एक नए शोध पत्र से पता चलता है कि मनरेगा जैसी सामाजिक कल्याणकारी योजनाएं आय और रोजगार प्रदान करने के…
नेपाल के सप्तरी जिले के 63 वर्षीय रामेश्वर यादव माहुली नदी के एक नंबर पुल से कुछ दूरी पर एक पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठे हैं। उनके साथ हैं 74…
पिछले दो दशकों यानी साल 2000 से 2019 के बीच भारत कुदरती आपदाओं का सामना करने के मामले में तीसरे नंबर पर है। आने वाले समय और ज़्यादा भयावह होने…
छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव में रहने वाली 30 वर्षीय देवमती सिंह पिछले कई सालों से अपनी एक एकड़ की जमीन पर धान और आलू की खेती करती आ…
अप्रैल के आखिरी दिनों में तेज धूप से आंगन तप रहा था। तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। एम. थायरम्मा पास के एक कुएं से पानी भर कर लाईं…
इस साल की शुरुआत में, कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास एक ट्रेन से एक हाथी और उसके बच्चे को टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौत हो गई। कुछ महीने…
क्या पर्यावरण हितैषी होने का दावा करने वाले उत्पाद पर्यावरण के लिहाज से उतने ही अच्छे हैं जितना कि बताया जाता है? जैसे-जैसे पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है,…
शनमुगन ने अपनी धोती ऊपर उठाई और बड़ी ही सावधानी से अपना एक पैर जमीन पर रखा। कुछ महसूस न होने पर वह दूसरी दिशा की ओर बढ़ गए। फिर…
बात साल 2020 की है, जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी और काम-धंधे बंद हो रहे थे। इन सबके बीच 10 साल से पुणे में बैंक मार्केटिंग का…
मई का महीना करीब है और कच्छ के धरमपुर गांव में सूरज अभी से आग बरसा रहा था। इसकी परवाह किए बिना मवाभाई डांगर अपने अरंडी की फसल का जायजा…
ओडिशा के कोरापुट जिले में चैता परब का मौसम है। इन दिनों ज्यादातर आदिवासी महुआ के पेड़ के फूलों से बनी स्थानीय शराब महुली का लुत्फ उठाने के लिए बेताब…
तमिलनाडु के सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व के गलिथिम्बम गांव के महालिंगम बालन हफ्ते में एक बार कई अलग-अलग वन क्षेत्रों का दौरा करते हैं और विभिन्न पारिस्थितिक पहलुओं का बारीकी से…
बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव प्रखंड के सिमरो गांव के 50 वर्षीय कृष्णानंद सिंह एक ऐसे किसान हैं जिन्होंने खुद को परंपरागत खेती से आम की खेती की ओर…
कल्पना कीजिए कि आप टमाटर की खेती करने वाले किसान हैं। आपको सूखे का सामना करना पड़ा है। इससे पैदावार कम हुई है। फसल की गुणवत्ता भी खराब हुई है।…
जैसे ही जम्मू-कश्मीर के सुंदरबनी के जंगलों में बसंत का सूरज लंबे-लंबे चीड़ (Pinus roxburgii) के पेड़ों पर चमकना शुरू होता है, वैसे ही जंगल के पास रहने वाले लोग…
50 साल के सैय्यद अहमद का मिट्टी के बर्तनों को आकार देने का तरीका पारंपरिक तरीके से अलग है जबकि ज्यादातर कारीगर पारंपरिक तरीके से ही बर्तन बनाते हैं। बर्तनों…
गुजरात के कच्छ में कुम्हारों के लिए ईंधन का कम खपत करने वाली भट्टियों की शुरुआत हुई है। इससे पकाने में लगने वाले समय और जलावन की जरूरत कम हो…
साजिदा शेख की उम्र 45 साल है। वो 17 साल से गुजरात के सूरत जिले के पलसाना में स्थित कपड़ा क्लस्टर गुजरात ईको टेक्सटाइल पार्क में रंगाई के लिए आने…
मई और जून के महीनों में बाहर पड़ रही भीषण गर्मी के बावजूद भी भोपाल के एकलव्य फाउंडेशन के कर्मचारी एक पंखे के नीचे खुश हैं। उन्हें दूसरे दफ्तरों के…
सुंडी बाई उइके मध्य प्रदेश के मांडला जिले के केवलारी गांव में रहती हैं। गांव में उनकी झोपड़ी मिट्टी और गाय के गोबर से लीपकर बनाई गई है। झोपड़ी के…
रूपा बौद्ध मठ में काफी चहल पहल है। उत्तर पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले के रूपा उप-मंडल में रहने वाली एक प्रमुख जनजाति शेरटुकपेन अपने सबसे लोकप्रिय…
हर साल जनवरी में फसलों के त्योहार मकर संक्रांति को मनाने के साथ ही पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना का मथुरापुर गांव एक अनोखे मेले की तैयारियों में जुट…
दिसंबर का महीना है और कोक्करेबेल्लूर गांव में सुबह-सुबह चमकदार सूरज निकला होने के बावजूद ठंड अपने चरम पर है। साल 2017 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कम्युनिटी…