Articles by Satyam Shrivastava

मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में जंगल से सटे गांव के खेत। ऐसे गांव में किसान पुश्तों से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन वनाधिकार कानून के ठीक से लागू न होने की वजह से उनके अधिकार छिनने का खतरा है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

[कॉमेंट्री] बीते सदी में वन अधिकार को लेकर बदलता नजरिया और उससे जूझते लोग

कोविड-19 के दौरान न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था कि जब तक कोरोना है तब तक लोगों उनके रहवास से बेदखल नहीं किया जाए। उदाहरण के लिए जबलपुर उच्च न्यायालय…
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में जंगल से सटे गांव के खेत। ऐसे गांव में किसान पुश्तों से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन वनाधिकार कानून के ठीक से लागू न होने की वजह से उनके अधिकार छिनने का खतरा है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
[कॉमेंट्री] मार्फत कामोद सिंह गोंड, मध्य प्रदेश में वन अधिकारों की जमीनी सच्चाई

[कॉमेंट्री] मार्फत कामोद सिंह गोंड, मध्य प्रदेश में वन अधिकारों की जमीनी सच्चाई

50 वर्षीय कामोद सिंह गोंड अब हताश हो चुके हैं। दमोह जिले की तेंदूखेड़ा तहसील के गुबरा गांव के रहने वाले कामोद सिंह का दसियों साल का संघर्ष दाव पर…
[कॉमेंट्री] मार्फत कामोद सिंह गोंड, मध्य प्रदेश में वन अधिकारों की जमीनी सच्चाई
जम्मू-कश्मीर: दो विरोधाभासी कानून के साथ लागू होने से वन-अधिकार को लेकर धुंधलाती तस्वीर

जम्मू-कश्मीर: दो विरोधाभासी कानून के साथ लागू होने से वन-अधिकार को लेकर धुंधलाती तस्वीर

कैपरान, अनंतनाग जिले का एक सरहदी कस्बाई गांव है जो चारों तरफ से पहाड़ों और घास के मैदानों से घिरा है। यहां आस-पास के तकरीबन दस गांवों के बाशिंदों के…
जम्मू-कश्मीर: दो विरोधाभासी कानून के साथ लागू होने से वन-अधिकार को लेकर धुंधलाती तस्वीर
पन्ना टाइगर रिजर्व के इलाके में जंगल से मवेशी चराकर आते आदिवासी। मध्यप्रदेश के जंगल आदिवासियों की जीवनरेखा है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी

मध्य प्रदेश में वनों को कॉर्पोरेट को देने की कोशिश हुई तेज, हो सकता है मुखर विरोध

देश की राजधानी दिल्ली में किसान सड़कों पर हैं और आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया तीन कृषि कानून किसान-विरोधी है और निजी कंपनियों को फायदा…
पन्ना टाइगर रिजर्व के इलाके में जंगल से मवेशी चराकर आते आदिवासी। मध्यप्रदेश के जंगल आदिवासियों की जीवनरेखा है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी