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सुखेत मॉडल के तहत गांव के किसानों से 1200 किलो गोबर और खेतों-घरों से निकलने वाला कचरा लिया जाता है। इन किसानों को बदले में रसोई गैस सिलेंडर के लिए पैसे दिए जाते हैं। तस्वीर- राहुल कुमार गौरव

जैविक खेती में बिहार के सुखेत मॉडल से कैसा दिखता है भविष्य?

बिहार के जैविक पंचायत के नाम से मशहूर सुखेत पंचायत के रहने वाले सत्तन यादव खेत खाली होने के बाद भी कई दिनों तक गेंहू की बुआई नहीं कर पाये…
सुखेत मॉडल के तहत गांव के किसानों से 1200 किलो गोबर और खेतों-घरों से निकलने वाला कचरा लिया जाता है। इन किसानों को बदले में रसोई गैस सिलेंडर के लिए पैसे दिए जाते हैं। तस्वीर- राहुल कुमार गौरव
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

कोविड, किसान आंदोलन, उदारीकरण, पेसा, नेट जीरो से जोड़कर देखा जाएगा साल 2021

अभी 2022 दहलीज पर खड़ा है और इसके साथ ओमीक्रॉन भी। पूरी मानव सभ्यता इस उम्मीद में है कि कोविड के डेल्टा ने 2021 में जो तबाही मचाई वैसे आगे…
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?
बहराइच जिले के इस स्कूल में बच्चों को कछुआ संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाता है। स्कूल के बच्चों ने कई कछुओं की जान बचाई है। तस्वीर- अजीम मिर्ज़ा

उत्तर प्रदेश में एक ऐसा स्कूल जहां पढ़ाई के साथ लगती है कछुआ संरक्षण की क्लास

अभी लॉकडाउन नहीं लगा था और बच्चे स्कूल जा रहे थे। उन्हीं दिनों 11-वर्षीय पवन कुमार निषाद को स्कूल से घर जाते हुए अचानक एक कछुआ दिखा। सड़क पर। उस…
बहराइच जिले के इस स्कूल में बच्चों को कछुआ संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाता है। स्कूल के बच्चों ने कई कछुओं की जान बचाई है। तस्वीर- अजीम मिर्ज़ा
60 वर्षीय जानकीअम्मा कभी शहद इकट्ठा करने का काम करती थीं, लेकिन आज वे एक अवॉर्ड विनिंग कंपनी की डायरेक्टर हैं। तस्वीर- आरथी मेनन

जानकीअम्माः शहद बटोरने वाली निरक्षर महिला से कंपनी डायरेक्टर का सफर, यूएन से मिला सम्मान

जीवन के 60 वसंत देख चुकी जानकीअम्मा आज एक कृषि उत्पाद कंपनी की डायरेक्टर हैं। दक्षिण भारत के आदिम जनजाति कुरुंबा से वास्ता रखने वाली अम्मा कभी शहद इकट्ठा करने…
60 वर्षीय जानकीअम्मा कभी शहद इकट्ठा करने का काम करती थीं, लेकिन आज वे एक अवॉर्ड विनिंग कंपनी की डायरेक्टर हैं। तस्वीर- आरथी मेनन
भारत के अरुणाचल प्रदेश में धान के खेत में मछलीपालन भी होता है। यह समन्वित खेती का एक उदाहरण है। तस्वीर- अश्वनी कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स

खेती में तालाब को शामिल कर अच्छी फसल ले रहे कई किसान

खेती-किसानी पर जलवायु परिवर्तन का असर सबसे अधिक होता है। मौसम की अनिश्चितता से किसान काफी परेशानी झेल रहे हैं। पर खेती में नए तरीकों को शामिल करने से इनकी…
भारत के अरुणाचल प्रदेश में धान के खेत में मछलीपालन भी होता है। यह समन्वित खेती का एक उदाहरण है। तस्वीर- अश्वनी कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स
सूखे शौचालय से निकला खाद। तस्वीर- रक्षक कुमार आचार्य

हिमालय क्षेत्र में जैविक खाद की बढ़ी संभावना, सफल रहा शौचालय के साथ प्रयोग

सुनने में भी भले ही यह अटपटा लगे, लेकिन मानव मल का इस्तेमाल खाद के तौर पर हिमालय क्षेत्र में लंबे समय से होता आ रहा है। यहां इतनी ठंड…
सूखे शौचालय से निकला खाद। तस्वीर- रक्षक कुमार आचार्य
आदिवासी जंगल में जाते हुए। गढ़चिरौली के क्षेत्र में इन दिनों नए तरीके से शहद निकाला जा रहा है जो न केवल टिकाऊ है बल्कि रोजगार देने वाला भी है। तस्वीर तस्वीर- सौरभ कटकुरुवार

महाराष्ट्र के आदिवासी जिलों में शहद निकालने का आया एक नया टिकाऊ तरीका

पूर्वोत्तर महाराष्ट्र में स्थित गढ़चिरौली जिले के आदिवासी परिवार शहद निकालने का एक ऐसा तरीका अपना रहे हैं जिसमें मधुमक्खियों को नुकसान नहीं होता। यहां के आदिवासी परिवार आसपास के…
आदिवासी जंगल में जाते हुए। गढ़चिरौली के क्षेत्र में इन दिनों नए तरीके से शहद निकाला जा रहा है जो न केवल टिकाऊ है बल्कि रोजगार देने वाला भी है। तस्वीर तस्वीर- सौरभ कटकुरुवार
झारखंड में जोहार योजना के तहत उच्च क्षमता वाले सोलर पंप जिसमें 5 से 7.5 हॉर्स पावर (एचपी) क्षमता वाले सोलर पंप दिए जा रहे हैं। तस्वीर- श्रीकांत चौधरी

[वीडियो] सौर ऊर्जा पंप: क्या झारखंड के जोहार योजना से बदलेगी किसानों की तकदीर?

झारखंड के खूंटी जिले की रहने वाली परमेश्वरी देवी के पास तीन एकड़ खेती योग्य जमीन है पर उन्होंने पहली बार अपने पूरे खेत पर धान की रोपाई की। वह…
झारखंड में जोहार योजना के तहत उच्च क्षमता वाले सोलर पंप जिसमें 5 से 7.5 हॉर्स पावर (एचपी) क्षमता वाले सोलर पंप दिए जा रहे हैं। तस्वीर- श्रीकांत चौधरी
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। राज्य सरकार ने कोविड-19 की वजह से बेरोजगार हुए लोगों को पलायन से रोकने के लिए सौर स्वरोज़गार योजना की शुरुआत की थी। तस्वीर- वर्षा सिंह

[वीडियो] उत्तराखंड: सौर स्वरोज़गार योजना की इस रफ़्तार से कैसे रुकेंगे रोज़गार की तलाश कर रहे प्रवासी

पर्वतीय ज़िले पौड़ी के कोट ब्लॉक के कोट गांव के सागर रावत की दिल्ली की आईटी कंपनी की नौकरी छूट गई थी। वह बताते हैं, “लॉकडाउन की वजह से मेरे…
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। राज्य सरकार ने कोविड-19 की वजह से बेरोजगार हुए लोगों को पलायन से रोकने के लिए सौर स्वरोज़गार योजना की शुरुआत की थी। तस्वीर- वर्षा सिंह
वर्ष 2020 में मैंग्रोव लगाने की अभियान चलाया गया था। तस्वीर- साबिज बाहिनी

[वीडियो] देखने में अक्षम पर अपने नेतृत्व से गांव को चक्रवात झेलने में बनाया सक्षम

इस साल भारी बारिश से देश के विभिन्न हिस्सों में शहर और गांव बेहाल हैं। चारों तरफ मौसम के मार और उससे होने वाली तकलीफों की चर्चा है। इसी बीच…
वर्ष 2020 में मैंग्रोव लगाने की अभियान चलाया गया था। तस्वीर- साबिज बाहिनी
हसदेव अरण्य को हाथियों का घर कहा जाता है। यह करीब 1,70,000 हेक्टेयर में फैला जैव विविधता से भरा हुआ जंगल है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

[वीडियो] छत्तीसगढ़ के जंगलों में हाथियों के लिए छोड़ा जा रहा धान, जानकारों को अजीब लग रहा यह फैसला

सरगुजा ज़िले के मैनपाट के बरपारा के लोकनाथ यादव अपने टूटे हुए घर के सामने खड़े हो कर यही सोच रहे हैं कि अब इस बरसात में टूटे घर की…
हसदेव अरण्य को हाथियों का घर कहा जाता है। यह करीब 1,70,000 हेक्टेयर में फैला जैव विविधता से भरा हुआ जंगल है। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

[वीडियो] गिद्ध संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा महाराष्ट्र का यह गांव

महाराष्ट्र के रायगढ़ इलाके का चिरगांव नाम का एक गांव आजकल चर्चा में है। वजह है, गिद्ध संरक्षण को लेकर इसकी कोशिश। गांव में एक समय गिद्ध खत्म होने लगे…
पलायन रोकने में कामयाब हो रहा मुनस्यारी का इकोटूरिज्म

पलायन रोकने में कामयाब हो रहा मुनस्यारी का इकोटूरिज्म

कहते हैं कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी, पहाड़ में नहीं टिकती। पानी की कहानी तो सबको मालूम है पर यहां जवानी से वास्ता उन युवाओं से है…
पलायन रोकने में कामयाब हो रहा मुनस्यारी का इकोटूरिज्म
राजस्थानः बारिश की बूंद बचाकर हजारों परिवार ने पाई लोहे तक को गला देने वाले पानी से निजात

[वीडियो] राजस्थानः बारिश की बूंद बचाकर हजारों परिवार ने पाई लोहे तक को गला देने वाले पानी से निजात

मिलिये 60-साल की प्रेम दरोगा से जो जयपुर जिले की दूदू पंचायत समिति के भोजपुर गांव की रहने वाली हैं। चार साल पहले तक इनको प्रतिदिन आठ किलोमीटर पैदल चलना…
राजस्थानः बारिश की बूंद बचाकर हजारों परिवार ने पाई लोहे तक को गला देने वाले पानी से निजात
छोटी आसन नामक स्थानीय जंगली नदी सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। इन प्रयासों के बाद नदी का जलस्तर बढ़ा। तस्वीर- वर्षा सिंह

[वीडियो] क्या शुक्लापुर मॉडल उत्तराखंड के धधकते जंगल को बचा सकता है!

“पहले यहां गर्मियों में पूरा जंगल जलकर राख हो जाया करता था। यहां लैंटाना की झाड़ियां होती थीं और उनमें आग लग जाया करती थी। ये आग हमारे खेत और…
छोटी आसन नामक स्थानीय जंगली नदी सूखने की कगार पर पहुंच गई थी। इन प्रयासों के बाद नदी का जलस्तर बढ़ा। तस्वीर- वर्षा सिंह
झारखंड में कोयला खदान से तहस-नहस हुई जमीन को वापस संवारने की कोशिश

[वीडियो] झारखंड: कोयला खदान से बर्बाद हुई जमीन के सुधार से सुधरी कई परिवारों की जिंदगी

बीते कुछ वर्षों में झारखंड के चतरा जिले की बेंती गांव निवासी कठपुतली देवी का जीवन बदला है। कुछ महीनों पहले तक गांव के समीप पिपरवार कोयला खदान की वजह…
झारखंड में कोयला खदान से तहस-नहस हुई जमीन को वापस संवारने की कोशिश
गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की द्रौपदी के पास 65 गाय हैं। वह हर महीने सरकार को गोबर बेचती हैं। तस्वीर- डीपीआर छत्तीसगढ़

[वीडियो] छत्तीसगढ़ के गोबर खरीद योजना को केंद्र से मिली वाहवाही लेकिन जमीन पर नहीं मिल रहे खरीदार

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इन दिनों इस बात से ख़ुश हैं कि राज्य में गोबर ख़रीदी की जिस महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने…
गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की द्रौपदी के पास 65 गाय हैं। वह हर महीने सरकार को गोबर बेचती हैं। तस्वीर- डीपीआर छत्तीसगढ़

भारत में बढ़ रही माहवारी से संबंधित कचरे की समस्या

भारत में करीब 33 करोड़ 60 लाख महिलाएं उस उम्र में हैं जहां माहवारी उनके जीवन का एक नियमित हिस्सा है। यह बात वर्ष 2018 में आए वाटर एड और…
हिमाचल के वादियों को स्वच्छ बना रहे हरियाणा के प्रदीप

हिमाचल की वादियों को स्वच्छ बना रहे हरियाणा के प्रदीप सांगवान

हिमाचल की खूबसूरत वादियों का लुत्फ लेने देश-दुनिया से लाखों लोग हर साल आते हैं। शहर की भागदौड़ से परेशान लोग यहां चैन की तलाश में आते हैं पर लौटते…
हिमाचल के वादियों को स्वच्छ बना रहे हरियाणा के प्रदीप
मवेशी

कमाल कर रही मवेशियों की देसी नस्ल, क्या यही है क्लाइमेट चेंज का समाधान!

क्लाइमेट चेंज यानी मौसम में अनियमित बदलाव की बात अब जगजाहिर है। खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है। आने वाले समय में मौसम का…
मवेशी
आलू की फसल खोदता इचाक गांव का एक किसान। तस्वीर- दीपांविता गीता नियोगी

आलू उपजाने भर से नहीं बनती बात, सही भंडारण से फायदा ले रहे झारखंड के किसान

अनिता देवी झारखंड के हजारीबाग जिले के चंदा गांव की किसान हैं। यह आलू की खेती करती हैं और यही इनके आजीविका का मुख्य साधन है। साल-डेढ़ साल पहले तक…
आलू की फसल खोदता इचाक गांव का एक किसान। तस्वीर- दीपांविता गीता नियोगी
जीरो बजट प्राकृतिक खेती

ये है आंध्रपदेश का जीरो बजट प्राकृतिक खेती का तरीका, रसायन मुक्त खेती से जुड़ेंगे 60 लाख किसान

भारत की खेती व्यवस्था में कीटनाशकों का प्रयोग काफी हो चला है। देश में उन कीटनाशकों का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है जो अन्य देशों में प्रतिबंधित हैं। खेतों में…
जीरो बजट प्राकृतिक खेती
इलस्ट्रेशन- देबांशु मौलिक। मौलिक पुणे से हैं और उन्हें कहानियों, किताब और वीडियो के लिए इलस्ट्रेशन और एनिमेशन बनाना पसंद है।

बेशरम के पौधे से बेहाल विदर्भ के 300 साल पुराने तालाबों को बचा रहे मछुआरे

बेहया, बेशरम या थेथर, देश के विभिन्न इलाकों में अलग नामों से प्रचलित यह पौधा तमाम जल-स्रोतों को लील रहा है। इसके प्रकोप से महाराष्ट्र का विदर्भ जैसा सूखा प्रभावित…
इलस्ट्रेशन- देबांशु मौलिक। मौलिक पुणे से हैं और उन्हें कहानियों, किताब और वीडियो के लिए इलस्ट्रेशन और एनिमेशन बनाना पसंद है।
बीज का संग्रहण, उसकी रोपाई और खेती के अन्य मौके डोंगरिया के लिए त्योहार की तरह हैं।

प्रकृति पूजक डोंगरिया आदिवासी सहेज रहे बीजों की विरासत, बदलते मौसम में भी बरकरार पैदावार

नियमगिरि पहाड़ियों पर सुंदर और घने वनों के बीच आधुनिकता से दूर एक आदिवासी समाज रहता है। अपने में अनोखे इस समाज को डोंगरिया कोंध के नाम से जानते हैं।…
बीज का संग्रहण, उसकी रोपाई और खेती के अन्य मौके डोंगरिया के लिए त्योहार की तरह हैं।
बुंदेलखंड

जल सहेलीः पानी को तरसते बुंदेलखंड में महिलाओं के अभियान से जगी नई उम्मीद

मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की महिलाएं पानी की तलाश में दूर-दूर तक भटकती हैं। गर्मी के दिनों में यह तस्वीर काफी आम है। छतरपुर जिले के चौधरीखेरा गांव की गंगा…
बुंदेलखंड
हैदरपुर वेटलैंड

एक पक्षी प्रेमी ने समाज और सरकार को जोड़कर दिया हैदरपुर तालाब को नया जीवनदान

पिछले तीन दशक में अनगिनत लोगों का बिजनौर के गंगा बैराज से गुजरना हुआ होगा। कभी पक्षियों को देखने तो कभी बैराज के खुशनुमा माहौल का आनंद लेने। पर किसी…
हैदरपुर वेटलैंड
लद्दाख का गड़ेरिया। हिमालय में भेड़ जैसे शाकाहारी जीव पालने वाले लोगों के साथ ही कई दूसरे मांसाहारी जीव भी रहते हैं। ऐसे में उनका मांसाहारी जीवों के साथ संबंध काफी नाजुक होता है। फोटो- कोशी/फ्लिकर

जंगली जानवर और इंसान क्यों बन जाते हैं जानी-दुश्मन, हिमालय में हुए अध्ययन से सामने आया जवाब

कल्पना कीजिए आपके घर के आसपास कोई मांसाहारी जीव नजर आ जाए। ऐसे जीव को देखकर आपकी क्या प्रतिक्रिया होगी! आपको गुस्सा आ सकता है, आप डर सकते हैं या…
लद्दाख का गड़ेरिया। हिमालय में भेड़ जैसे शाकाहारी जीव पालने वाले लोगों के साथ ही कई दूसरे मांसाहारी जीव भी रहते हैं। ऐसे में उनका मांसाहारी जीवों के साथ संबंध काफी नाजुक होता है। फोटो- कोशी/फ्लिकर
कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान झिरिया घाट गांव के लोगो ने श्रमदान कर नया कुआं खोदा। फोटो- मनीष चन्द्र मिश्र

मध्यप्रदेश के इस गांव में कुओं के सामने हैंडपंप और बोरवेल फेल, पारंपरिक साधन से सूखे का समाधान

हरियाली ओढ़े विंध्याचल के पर्वत मध्यप्रदेश की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। मध्यप्रदेश के सतना जिले का मझगवां तहसील भी इसी खूबसूरत जंगल के बीच है। यहां के गांवों…
कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान झिरिया घाट गांव के लोगो ने श्रमदान कर नया कुआं खोदा। फोटो- मनीष चन्द्र मिश्र
बूंद-बूंद पानी बचाने वाले आबिद सूरती की कहानी, पानी बचाने में लगाई पूरी जिंदगी

बूंद बूंद का संघर्ष: 85 वर्ष के आबिद सुरती ने अपने 13 सालों के प्रयास से बचाया करोड़ों लीटर पानी

आपके घर में नल से पानी गिरने की टप-टप की आवाज़ आती है तो आप क्या करते हैं? सामान्यतः लोग अनसुना कर देते हैं। लेकिन देश में एक 85 साल…
बूंद-बूंद पानी बचाने वाले आबिद सूरती की कहानी, पानी बचाने में लगाई पूरी जिंदगी
बैनर इलस्ट्रेशन- कश्मीर में जन्मे गजल कादरी ने इस तस्वीर को बनाया है। अब वे अमेरिका में रहते हैं।

लोग आते गए और कारवां बनता गया: श्रीनगर के डल झील की सफाई के लिए बाप-बेटी आये आगे तो शहर को मिली प्रेरणा

एक सिगरेट की ठूंठ ने श्रीनगर के तारिक ए पतलू का जीवन बदल दिया। अब रोजाना जब अपनी सेहत की चिंता में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकलते हैं तो…
बैनर इलस्ट्रेशन- कश्मीर में जन्मे गजल कादरी ने इस तस्वीर को बनाया है। अब वे अमेरिका में रहते हैं।