तमिलनाडु

कन्याकुमारी में मछली पकड़ने के घाट पर खड़े रॉबिन्सन जॉनसन और अन्य मछुआरे। तस्वीर: नारायण स्वामी सुब्बारामन/मोंगाबे

तमिलनाडु में चक्रवात ओखी के छह साल बाद भी मानसिक स्वास्थ्य से जूझते लोग

इस लेख में आपदा से बचे लोगों की मानसिक सेहत पर चर्चा की जा रही है। कुछ घटनाएं पाठकों को परेशान कर देने वाली हो सकती हैं। 30 नवंबर, 2017…
कन्याकुमारी में मछली पकड़ने के घाट पर खड़े रॉबिन्सन जॉनसन और अन्य मछुआरे। तस्वीर: नारायण स्वामी सुब्बारामन/मोंगाबे
रामेश्वरम में ओलाईकुडा तट पर समुद्री शैवाल निकालती हुई उषा। तस्वीर- अलमास मसूद/मोंगाबे

मुश्किल में समुद्री शैवाल की खेती से जुड़ी महिलाएं

“मेरी मां समुद्री शैवाल इकट्ठा किया करती थीं। उस समय मेरी उम्र काफी कम थी लेकिन फिर भी उन के साथ जाती और उनकी मदद करती थी। तभी से मैं…
रामेश्वरम में ओलाईकुडा तट पर समुद्री शैवाल निकालती हुई उषा। तस्वीर- अलमास मसूद/मोंगाबे
एक चमगादड़ का एक मंदिर में बसेरा। तस्वीर-एस. लोकेश/मोंगाबे

[वीडियो] अंधेरे में रहने वाले चमगादड़ों के लिए कृत्रिम रोशनी कितनी नुकसानदायक

जब 2022 में चो धर्मन का उपन्यास ‘वाव्वल देसम’ (चमगादड़ों की दुनिया) प्रकाशित हुआ, तो इसने चमगादड़ों के भयानक चित्रण के लिए तमिल साहित्यिक हलकों में सनसनी फैला दी थी।…
एक चमगादड़ का एक मंदिर में बसेरा। तस्वीर-एस. लोकेश/मोंगाबे
पंचनथंगी के पास मौजूद अभयारण्य में स्लेंडर लोरिस। तस्वीर- SEEDS ट्रस्ट।

वन समुदाय के अधिकार और तमिलनाडु में स्लेंडर लोरिस का संरक्षण, समझिए क्या है समस्या

तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले का पंचनथंगी इलाका सुदूर क्षेत्र में बसा हुआ एक छोटा सा गांव है। यह गांव हरी-भरी और छोटी-मोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यहां पहुंचना बेहद…
पंचनथंगी के पास मौजूद अभयारण्य में स्लेंडर लोरिस। तस्वीर- SEEDS ट्रस्ट।