प्रकृति

वाइल्डलाइफ एसओएस के प्रांगण में टहलते हुए दो हाथी। तस्वीर साभार- वाइल्डलाइफ एसओएस

कैसे काम करता है भीख मांगने और सर्कस से बचाए गए हाथियों का संरक्षण केंद्र

आज से 14 साल पहले हरियाणा के पलवल हाईवे पर एक हथिनी चोटिल घूम रही थी। वन्यजीवों को बचाने वाली एक टीम ने उसकी देखभाल की। गंभीर चोट की वजह…
वाइल्डलाइफ एसओएस के प्रांगण में टहलते हुए दो हाथी। तस्वीर साभार- वाइल्डलाइफ एसओएस
पहाड़ी नाली बनाने में अन्य मजदूरों का सहयोग करतीं चामी मुर्मू। पहाड़ पर जब बारिश होती है तो पानी तेजी से नीचे आता है, जिसे इस नाली की मदद से इकट्ठा किया जाता है। तस्वीर साभार- सहयोगी महिला

चामी मुर्मू: पेड़ और पानी से होते हुए पद्म श्री तक का सफर

32 साल में लगाए 30 लाख पेड़। हर दिन करीब 257 पौधे।   71 गांवों में चार अमृत सरोवर सहित कुल 217 तालाबों का निर्माण।  263 गांवों में बनाए 2873 स्वयं…
पहाड़ी नाली बनाने में अन्य मजदूरों का सहयोग करतीं चामी मुर्मू। पहाड़ पर जब बारिश होती है तो पानी तेजी से नीचे आता है, जिसे इस नाली की मदद से इकट्ठा किया जाता है। तस्वीर साभार- सहयोगी महिला
राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र में दीवार पर 'माण्डणा' कला बनाती एक राजस्थानी महिला। इस कला में खड़ी, गेरू और चूने से आंगन और दीवारों पर मोर, बिल्ली, शेर, कोयल ,पेड़-पौधों को बनाकर घरों को सजाया जाता है। तस्वीर- मदन मीणा

राजस्थान: लोकगीतों के संसार से दिखता प्रकृति का अद्भुत नजारा

जेठ का महीना था और रात के इस चौथे पहर में भी झुलस जाने का डर तारी था। दिन भर की चिलचिलाती धूप में तपने के बाद आम लोगों की…
राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र में दीवार पर 'माण्डणा' कला बनाती एक राजस्थानी महिला। इस कला में खड़ी, गेरू और चूने से आंगन और दीवारों पर मोर, बिल्ली, शेर, कोयल ,पेड़-पौधों को बनाकर घरों को सजाया जाता है। तस्वीर- मदन मीणा