Forest Right Act

जंगल जाती एक बैगा महिला। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल

सात साल में कितना बदला देश में पहले हैबिटेट राइट्स वाला बैगाचक?

घुमावदार रास्तों से सिलपिड़ी गांव में पहुंचने के बाद हमें चर्रा सिंह रठूरिया का घर तलाशने में थोड़ी मुश्किल इसलिए हुई कि पिछली बार की हमारी मुलाकात गांव के एक…
जंगल जाती एक बैगा महिला। तस्वीर- आलोक प्रकाश पुतुल
इंडियन स्किमर पक्षी का एक झुंड। इनकी लंबी चोंच पानी को चीरने का काम करती है ताकि ये अंदर तैर रही मछलियों का शिकार कर सके। तस्वीर- वाइल्डमिश्रा/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] रियो सम्मेलन के तीस साल, बिगड़ते हालात में भी दिख रही उम्मीद की किरण

इस गर्मी में रियो अर्थ समिट के तीस साल पूरे हो जाएंगे। इस समिट के हरेक दशक के पूरा होने पर संयुक्त राष्ट्र एक बड़ा आयोजन करता रहा है। पर…
इंडियन स्किमर पक्षी का एक झुंड। इनकी लंबी चोंच पानी को चीरने का काम करती है ताकि ये अंदर तैर रही मछलियों का शिकार कर सके। तस्वीर- वाइल्डमिश्रा/विकिमीडिया कॉमन्स
लातेहार समाहरणालय के बाहर रांकीकला पंचायत के आदिवासी बहुल लंका गांव के लोग। इनके हाथों में निजी पट्टा के दस्तावेज हैं। तस्वीर- असगर खान

झारखंड में वन अधिकार कानून बेहाल, दावा एकड़ में लेकिन पट्टा डिसमिल में

जतन सिंह खरवार की उम्र साठ छूने वाली है और इन पर परिवार के आठ लोगों की जिम्मेदारी है। जीविका का साधन सिर्फ खेती है। जिस जमीन को जोतकर जतन…
लातेहार समाहरणालय के बाहर रांकीकला पंचायत के आदिवासी बहुल लंका गांव के लोग। इनके हाथों में निजी पट्टा के दस्तावेज हैं। तस्वीर- असगर खान
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में जंगल से सटे गांव के खेत। ऐसे गांव में किसान पुश्तों से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन वनाधिकार कानून के ठीक से लागू न होने की वजह से उनके अधिकार छिनने का खतरा है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे

[कॉमेंट्री] बीते सदी में वन अधिकार को लेकर बदलता नजरिया और उससे जूझते लोग

कोविड-19 के दौरान न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था कि जब तक कोरोना है तब तक लोगों उनके रहवास से बेदखल नहीं किया जाए। उदाहरण के लिए जबलपुर उच्च न्यायालय…
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में जंगल से सटे गांव के खेत। ऐसे गांव में किसान पुश्तों से खेती करते आ रहे हैं, लेकिन वनाधिकार कानून के ठीक से लागू न होने की वजह से उनके अधिकार छिनने का खतरा है। तस्वीर- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे
खारे पानी को पंप के माध्यम से पाटा पर इकट्ठा किया जा रहा है। यहां वाष्पीकरण के बाद नमक बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। आजकल अगरिया सोलर पंप का इस्तेमाल भी करते हैं। तस्वीर- ध्वनित पांड्या/एएचआरएम

नमक की जरूरत सबको पर हाशिए पर है नमक बनाने वाला समुदाय

मानसून ढलान पर है। इस मानसून के आखिरी महीने या कहें सितंबर के आखिरी सोमवार का दिन था। 48-वर्षीय गुणवंत रामजी कोली कच्छ के पूर्वी रण के एक पोखर में…
खारे पानी को पंप के माध्यम से पाटा पर इकट्ठा किया जा रहा है। यहां वाष्पीकरण के बाद नमक बनने की प्रक्रिया शुरू होगी। आजकल अगरिया सोलर पंप का इस्तेमाल भी करते हैं। तस्वीर- ध्वनित पांड्या/एएचआरएम
[कॉमेंट्री] मार्फत कामोद सिंह गोंड, मध्य प्रदेश में वन अधिकारों की जमीनी सच्चाई

[कॉमेंट्री] मार्फत कामोद सिंह गोंड, मध्य प्रदेश में वन अधिकारों की जमीनी सच्चाई

50 वर्षीय कामोद सिंह गोंड अब हताश हो चुके हैं। दमोह जिले की तेंदूखेड़ा तहसील के गुबरा गांव के रहने वाले कामोद सिंह का दसियों साल का संघर्ष दाव पर…
[कॉमेंट्री] मार्फत कामोद सिंह गोंड, मध्य प्रदेश में वन अधिकारों की जमीनी सच्चाई
रोजी-रोटी के लिए वन गुज्जर मवेशियों पर निर्भर है। वन विभाग की सख्ती की वजह से वे मवेशी चराने के लिए जंगल नहीं जा सकते। तस्वीर- निशांत सैनी

जंगल की रक्षा करने वाले शिवालिक के टोंगिया और वन गुर्जरों का वनाधिकार अधर में

अप्रैल की अलसाई दोपहरी में उत्तराखंड के हरिद्वार के हरिपुर टोंगिया गांव की महिला पाल्लो देवी (52) बैठी जूट की रस्सियां बुन रही थीं। बदन पर गुलाबी सलवार-कुर्ती और चेहरे…
रोजी-रोटी के लिए वन गुज्जर मवेशियों पर निर्भर है। वन विभाग की सख्ती की वजह से वे मवेशी चराने के लिए जंगल नहीं जा सकते। तस्वीर- निशांत सैनी
जम्मू-कश्मीर: दो विरोधाभासी कानून के साथ लागू होने से वन-अधिकार को लेकर धुंधलाती तस्वीर

जम्मू-कश्मीर: दो विरोधाभासी कानून के साथ लागू होने से वन-अधिकार को लेकर धुंधलाती तस्वीर

कैपरान, अनंतनाग जिले का एक सरहदी कस्बाई गांव है जो चारों तरफ से पहाड़ों और घास के मैदानों से घिरा है। यहां आस-पास के तकरीबन दस गांवों के बाशिंदों के…
जम्मू-कश्मीर: दो विरोधाभासी कानून के साथ लागू होने से वन-अधिकार को लेकर धुंधलाती तस्वीर
सिमलीपाल जंगल में लगी आगः वन विभाग या वनवासी, कौन है जिम्मेवार?

सिमलीपाल जंगल में लगी आगः वन विभाग या वनवासी, कौन है जिम्मेवार?

ओडिशा के सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में भीषण आग लगी हुई है। वन विभाग तकरीबन एक महीने से यहां आग बुझाने की कोशिश कर रहा है पर सफलता…
सिमलीपाल जंगल में लगी आगः वन विभाग या वनवासी, कौन है जिम्मेवार?