Articles by Azera Parveen Rahman

गुजरात के कच्छ में पनीर बनाने वाले अर्पण कलोत्रा और पंचाल डेयरी के भीमसिंहभाई घांघल बकरी के दूध से पनीर बनाते हुए। तस्वीर - पांचाल डेयरी।

भेड़, बकरी और ऊंटनी के दूध से बने चीज़ में बढ़ रही दिलचस्पी, बड़ा हो रहा बाजार

पिछले दिनों चेन्नई में अलग-अलग मवेशियों के दूध से बने चीज़ को टेस्ट करने का एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। यहां रखी गई चीज़ की किस्मों में से एक ताजा…
गुजरात के कच्छ में पनीर बनाने वाले अर्पण कलोत्रा और पंचाल डेयरी के भीमसिंहभाई घांघल बकरी के दूध से पनीर बनाते हुए। तस्वीर - पांचाल डेयरी।
अपने खेत में कॉमिफोरा वाइटी (गुग्गल) से लगाई गई बाड़ के पास खड़े किसान महिपतसिंह सिंधल। तस्वीर- अजरा परवीन रहमान 

कच्छ के औषधीय पौधे ‘गुग्गल’ की कहानी, विलुप्ति के खतरे से आया बाहर

"यह बिल्कुल एक इंसान की तरह है। जिस तरह एक व्यक्ति का खून बह जाने के बाद वह जिंदा नहीं रह पाता, उसी तरह गुग्गल भी अपनी राल खो देने…
अपने खेत में कॉमिफोरा वाइटी (गुग्गल) से लगाई गई बाड़ के पास खड़े किसान महिपतसिंह सिंधल। तस्वीर- अजरा परवीन रहमान 

स्थानीय जलवायु में बदलाव की वजह से प्रभावित हो रहे कच्छ के कारीगर और उनका पारंपरिक काम

गुजरात के कच्छ में समुद्र के निचले इलाको में बसे गांव टुना में रहने वाले रजाक भाई बैठे-बैठे आसमान में उमड़ते बादलों को देख रहे हैं। रजाक भाई कुम्हार का…
गुजरात की स्वदेशी पाटनवाड़ी भेड़। तस्वीर-अज़रा परवीन रहमान 

गुजरात की स्थानीय पाटनवाड़ी ऊन और भेड़ों की मांग में गिरावट

जब हम गुजरात की देशी नस्ल की भेड़ पाटनवाड़ी की तलाश में निकले, तो हमें कच्छ का वह एक दिन काफी लंबा लगा था। काफी तलाश के बाद हमें कुछ…
गुजरात की स्वदेशी पाटनवाड़ी भेड़। तस्वीर-अज़रा परवीन रहमान 
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद क्षतिग्रस्त सड़क के बगल में खड़ी एक महिला। यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैश्विक सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन से महिलाएं अनुपातहीन रूप से प्रभावित हैं। तस्वीर- सुमिता रॉय दत्ता / विकिमीडिया कॉमन्स

महिलाएं और बच्चे जलवायु परिवर्तन से काफी प्रभावित, पर नीति से हैं गायब

साक्ष्यों से पता चलता है कि जैसे-जैसे तेजी के साथ जलवायु से संबंधित समस्याएं बढ़ रही है, वैसे-वैसे महिलाओं और बच्चों पर इसका बोझ भी जाहिर होता जा रहा है। …
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद क्षतिग्रस्त सड़क के बगल में खड़ी एक महिला। यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैश्विक सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन से महिलाएं अनुपातहीन रूप से प्रभावित हैं। तस्वीर- सुमिता रॉय दत्ता / विकिमीडिया कॉमन्स
राजस्थान के जैसलमेर में ऊंट के साथ पालक। राज्य में ऊंट लगातार कम हो रहे हैं। वर्ष 2012 से 2019 के दौरान राजस्थान में ऊंटों की संख्या में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। तस्वीर- मनोज वसंथ/फ्लिकर

[वीडियो] राजस्थानः ऊंट के संरक्षण के लिए आया कानून ही बन रहा उसकी तबाही की वजह

राजस्थान में ऊंट पालना कभी काफी मुनाफे का सौदा हुआ करता था और ऊंट, संपत्ति की तरह देखे जाते थे। पाली जिले के माधवराम रायका बताते हैं कि उनके पिता…
राजस्थान के जैसलमेर में ऊंट के साथ पालक। राज्य में ऊंट लगातार कम हो रहे हैं। वर्ष 2012 से 2019 के दौरान राजस्थान में ऊंटों की संख्या में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। तस्वीर- मनोज वसंथ/फ्लिकर
कच्छ के रण स्थित बन्नी घास मैदान में भैसों के समूह के साथ मालधारी चरवाहा। तस्वीर- एजेटी जॉनसिंह, डब्लूडब्लूएफ-इंडिया और एनसीएफ

गुजरात: बन्नी घास मैदान से जुड़ी विरासत की लड़ाई में मालधारी समुदाय को मिली जीत

गुजरात के कच्छ के रण स्थित बन्नी घास के मैदान (ग्रासलैंड) को एशिया का सबसे बड़ा ग्रासलैंड कहा जाता है। यह करीब 2500 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र में…
कच्छ के रण स्थित बन्नी घास मैदान में भैसों के समूह के साथ मालधारी चरवाहा। तस्वीर- एजेटी जॉनसिंह, डब्लूडब्लूएफ-इंडिया और एनसीएफ
खराई ऊंट

गुजरात में पाए जाते हैं तैरने वाले ऊंट, मंडराने लगा है इनके अस्तित्व पर खतरा

ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि ऊंचे गर्दन वाला यह जीव रेत के बीच भी तेजी से भागता है। गर्म दिनों में कई दिनों तक…
खराई ऊंट
प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज के लिए बगीचे में औषधि तैयार करती महिलाएं

छत्तीसगढ़ के जंगलों की प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को लोगों तक पहुंचा रही यह आदिवासी महिला

आज से करीब तीस साल पहले सरोजिनी गोयल के माता-पिता जड़ी-बूटी और इलाज में काम आने वाली फूल-पत्तियों की तलाश में घने जंगलों की ख़ाक छाना करते थे। तब नौ…
प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज के लिए बगीचे में औषधि तैयार करती महिलाएं