Articles by Snigdhendu Bhattacharya

दिबांग नदी। एटालिन परियोजना विवादास्पद रही है क्योंकि इसकी योजना जैव विविधता समृद्ध क्षेत्र में बनाई गई है। तस्वीर- अनु बोरा/विकिमीडिया कॉमन्स

मंजूरी नहीं मिलने से अटकी अरुणाचल की एटालिन पनबिजली परियोजना, खतरे में थे 2.5 लाख पेड़

अरुणाचल प्रदेश के दिबांग नदी घाटी क्षेत्र में पनबिजली परियोजना को लेकर चिंतित पर्यावरणविदों और स्थानीय आबादी को बड़ी राहत मिली है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) की…
दिबांग नदी। एटालिन परियोजना विवादास्पद रही है क्योंकि इसकी योजना जैव विविधता समृद्ध क्षेत्र में बनाई गई है। तस्वीर- अनु बोरा/विकिमीडिया कॉमन्स
बल्ली द्वीप पर मृत मैंग्रोव के बगल में लगाए गए नए मैंग्रोव। विशेषज्ञों का कहना है कि उन क्षेत्रों में जहां लहर का वेग अधिक है, और कटाव तेज है, वहां मैंग्रोव तब तक नहीं बचेंगे जब तक कि मैंग्रोव को लहरों से सुरक्षित नहीं किया जाता। तस्वीर- सुभ्रजीत सेन/मोंगाबे।

[वीडियो] सुंदरबनः तटीय कटाव और मवेशियों की वजह से मुश्किल में मैंग्रोव के नए पौधे

भारत के सुंदरबन में स्थित एक द्वीप पखिरालय घाट के पश्चिम में 700 से 800 मीटर हिस्से में मैंग्रोव (समुद्री तट पर उगने वाला पौधा या झाड़ी) को लगाना, 2020…
बल्ली द्वीप पर मृत मैंग्रोव के बगल में लगाए गए नए मैंग्रोव। विशेषज्ञों का कहना है कि उन क्षेत्रों में जहां लहर का वेग अधिक है, और कटाव तेज है, वहां मैंग्रोव तब तक नहीं बचेंगे जब तक कि मैंग्रोव को लहरों से सुरक्षित नहीं किया जाता। तस्वीर- सुभ्रजीत सेन/मोंगाबे।

सुंदरबन: दूरदर्शी नीति के अभाव में ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण का गंवाया बेहतर अवसर

सीमेंट ब्लॉक की लाइनें एक लावारिस कब्रिस्तान के पत्थर की तरह दिखती हैं। एक खेत से सटा पुराना टूटा-फूटा एक मंजिला घर किसी डरावनी फिल्म के सेट जैसा दिखता है।…
ताजमहल के बगल में बहती यमुना नदी। तस्वीर- एस. गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे

ताजमहल की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाली यमुना अब इसके बदरंग होने की जिम्मेदार

आगरा में ताजमहल देखने आने वाले लोग काफी समय से यह शिकायत करते हैं कि इस परिसर में एक खास तरह की दुर्गंध आती है। दुनिया के सात अजूबों में…
ताजमहल के बगल में बहती यमुना नदी। तस्वीर- एस. गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे
खनन के बाद बाजार में भेजने के तैयार क्ले। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से इसे देश के कई हिस्सो में भेजा जाता है। इस खनिज का इस्तेमाल सीमेंट, सिरेमिक, प्लास्टिक, पेंट और कई अन्य उत्पाद बनाने में किया जाता है। तस्वीर- सुभ्रजीत सेन

[वीडियो] पश्चिम बंगाल: सफेद क्ले का काला संसार

पांच लोगों के परिवार में अकेले कमाने वाले 30 वर्षीय रबी बागडी पश्चिम बंगाल के काबिलपुर गांव के रहने वाले हैं। हर रोज काम के लिए वे घर से तीन…
खनन के बाद बाजार में भेजने के तैयार क्ले। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से इसे देश के कई हिस्सो में भेजा जाता है। इस खनिज का इस्तेमाल सीमेंट, सिरेमिक, प्लास्टिक, पेंट और कई अन्य उत्पाद बनाने में किया जाता है। तस्वीर- सुभ्रजीत सेन