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पैंगोंग हिमनद झील, लद्दाख। पर्माफ्रॉस्ट डिग्रेडेशन हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम में पर्याप्त बदलाव के लिए जिम्मेदार है। तस्वीर- वजाहत इकबाल/विकिमीडिया कॉमन्स।

खतरे की आहट: ग्लोबल वार्मिंग से हिमालय में भूमिगत हलचल

अप्रैल 2022 के अंत तक नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में समुद्र तल से 3555 मीटर की ऊँचाई पर बेस शहर – नामचे बाज़ार – में जीवन और व्यवसाय पहले जैसा…
पैंगोंग हिमनद झील, लद्दाख। पर्माफ्रॉस्ट डिग्रेडेशन हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम में पर्याप्त बदलाव के लिए जिम्मेदार है। तस्वीर- वजाहत इकबाल/विकिमीडिया कॉमन्स।
कार्बन उत्सर्जन की कीमत इसलिए है क्योंकि कार्बन आधारित गैसें, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड है, उत्सर्जन में सबसे प्रचुर मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें हैं। तस्वीर-  मार्सिनजोज़्विआक/पिक्साबे

कार्बन मूल्य-निर्धारण क्या है?

उन्नीस सौ बीस के दशक में एक ब्रिटिश अर्थशास्त्री आर्थर पिगौ ने उद्योगों को उनके द्वारा किए गए प्रदूषण की लागत के लिए भुगतान करने के सामाजिक लाभों पर प्रकाश…
कार्बन उत्सर्जन की कीमत इसलिए है क्योंकि कार्बन आधारित गैसें, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड है, उत्सर्जन में सबसे प्रचुर मात्रा में ग्रीनहाउस गैसें हैं। तस्वीर-  मार्सिनजोज़्विआक/पिक्साबे
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे

जैव-विविधता वित्त और इसकी अहमियत

जैव-विविधता के संरक्षण के लिए पूंजी जुटाना और उसका प्रबंधन करना जैव विविधता वित्त या बायो डायवर्सिटी फाइनेंस है। यह संरक्षण वित्त के जैसे व्यापक विषय के तहत आता है,…
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सरसो के खेत। सीक्वेंस की जानकारी के आधार पर, स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड्स का उत्पादन करने वाले जैवसंश्लेषण जीन पर पेटेंट का मालिकाना हक स्विस मुख्यालय वाली बायोटेक कंपनी इवोल्वा के पास है। तस्वीर- अभिजीत कर गुप्ता/विकिमीडिया कॉमन्स

कॉप15: छाया रहेगा डिजिटल जेनेटिक इन्फॉर्मेशन से समान लाभ का मुद्दा

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) में डिजिटल सीक्वेंस इन्फॉर्मेशन (डीएसाई) पर जोरदार बहस चल रही है। सम्मेलन में शामिल सभी पक्ष जेनेटिक स्रोतों (डीएसाई) तक पहुंच और लाभ साझाकरण…
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सरसो के खेत। सीक्वेंस की जानकारी के आधार पर, स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड्स का उत्पादन करने वाले जैवसंश्लेषण जीन पर पेटेंट का मालिकाना हक स्विस मुख्यालय वाली बायोटेक कंपनी इवोल्वा के पास है। तस्वीर- अभिजीत कर गुप्ता/विकिमीडिया कॉमन्स
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।

कॉप15: साल 2030 तक 30% जैव-विविधता को बचाने पर भारत का जोर, सहमति बनाना बड़ी चुनौती

संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन (कॉप15) को लेकर आयोजक देश कनाडा में गहमागहमी बढ़ गई है। जैव विविधता को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए यहां ऐतिहासिक समझौते पर…
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के समापन के दो सप्ताह बाद जैव विविधता शिखर सम्मेलन हो रहा है। तस्वीर: संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता/फ़्लिकर।
[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों की वकालत

जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन में तेजी: जी-7 के साथ साझेदारी से पहले कोयला श्रमिकों के हितों पर भारत को देना होगा ध्यान

हाल ही में जी-7 देशों ने इंडोनेशिया के साथ एक साझेदारी की घोषणा की है। इसका मकसद जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन (just energy transition) में तेजी लाते हुए जीवाश्म ईंधनों से…
[व्याख्या] जस्ट ट्रांजिशन: जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में पीछे छूटते लोगों की वकालत
प्याज की फसल की कटाई करते किसान। जीबी-9 ने ‘फसल विविधता के संरक्षक’ के रूप में किसानों की भूमिका को मान्यता देते हुए एक प्रस्ताव का अंतिम रूप दिया। तस्वीर- मीना631/विकिमीडिया कॉमन्स।

प्लांट जेनेटिक पर अंतरराष्ट्रीय संधि में किसानों के अधिकारों पर बनी आम सहमति

खाद्य और कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों (प्लांट जेनेटिक रिसोर्से फॉर फ़ूड एंड एग्रीकल्चर) पर हुई अंतरराष्ट्रीय संधि में खाद्य और कृषि में पौधों के आनुवंशिक संसाधनों पर किसानों…
प्याज की फसल की कटाई करते किसान। जीबी-9 ने ‘फसल विविधता के संरक्षक’ के रूप में किसानों की भूमिका को मान्यता देते हुए एक प्रस्ताव का अंतिम रूप दिया। तस्वीर- मीना631/विकिमीडिया कॉमन्स।
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान की सीमा को पहुंच के भीतर रखने के लिए उत्सर्जन में भारी कटौती जरूरी है। तस्वीर- आईआईएसडी/ईएनबी।

कॉप27: लॉस एंड डैमेज फंड पर सहमति, अन्य मुद्दों पर अटका जलवायु शिखर सम्मेलन

मिस्र में संपन्न हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन - कॉप27 में सालों तक न-नुकुर के बाद आखिरकार अमीर देशों को गरीब देशों की मदद के लिए आगे आना पड़ा…
पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने और 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान की सीमा को पहुंच के भीतर रखने के लिए उत्सर्जन में भारी कटौती जरूरी है। तस्वीर- आईआईएसडी/ईएनबी।
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में ग्रीन हाइड्रोजन और डीकार्बोनाइजिंग अर्थव्यवस्थाओं में इसकी भूमिका चर्चा का एक अहम बिंदु रहा है। तस्वीर: आईआईएसडी/ईएनबी

कॉप27ः ग्रीन हाइड्रोजन पर भारत की पहल, दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में कर सकता है मदद

भारत ने लंबी अवधि के लिए अपनी कम उत्सर्जन वाली विकास रणनीति की घोषणा कर दी है। इसकी घोषणा मिस्र में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन कॉप27 में…
मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में ग्रीन हाइड्रोजन और डीकार्बोनाइजिंग अर्थव्यवस्थाओं में इसकी भूमिका चर्चा का एक अहम बिंदु रहा है। तस्वीर: आईआईएसडी/ईएनबी
कॉप27 के दौरान मिस्र के शर्म-अल-शेख में विभिन्न संगठनों ने जीवाश्म ईंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। तस्वीर- आईआईएसडी

कॉप27: जीवाश्म ईंधनों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के भारत के आह्वान में शामिल हुए कई देश

मिस्र में शर्म अल-शेख में आयोजित संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन (कॉप27) में भारत द्वारा कोयले के अलावा सभी जीवाश्म ईंधनों के इस्तेमाल में तेजी से कमी लाने के प्रस्ताव को…
कॉप27 के दौरान मिस्र के शर्म-अल-शेख में विभिन्न संगठनों ने जीवाश्म ईंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। तस्वीर- आईआईएसडी
आशा के साथ शुरू हुए कॉप27 का समापन निराशाजनक न रह जाए

आशा के साथ शुरू हुए कॉप27 का समापन निराशाजनक न रह जाए

मिस्र के शर्म-अल-शेख में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन – कॉप27 बीते एक सप्ताह से चल रहा है। बैठक की शुरुआत लॉस एंड डैमेज के मुद्दे के आधिकारिक एजेंडे में…
आशा के साथ शुरू हुए कॉप27 का समापन निराशाजनक न रह जाए

कॉप27: जलवायु एजेंडा में शामिल हुआ ‘लॉस एंड डैमेज’ का मुद्दा, रंग लाई भारत की कोशिशें

पूर्वी मिस्र में शर्म-अल-शेख में आयोजित कॉप27 (COP27) संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन से एक आशावादी जानकारी सामने आई है। सभी भाग लेने वाले देशों ने सम्मेलन के आधिकारिक एजेंडे पर…
फ्राइडे फॉर फ्यूचर नामक समूह ने कॉप 26 सम्मेलन स्थल के बाहर मार्च में हिस्सा लिया। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे

कॉप27: जलवायु संकट में फंसी दुनिया क्या मिस्र में खोज पाएगी समाधान

मध्य भारत में स्थित छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य के घने जंगलों में एक कोयला खनन परियोजना का विरोध चल रहा है। इसका विरोध करने वाले गोंड आदिवासी नहीं जानते कि…
फ्राइडे फॉर फ्यूचर नामक समूह ने कॉप 26 सम्मेलन स्थल के बाहर मार्च में हिस्सा लिया। तस्वीर- प्रियंका शंकर/मोंगाबे
औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई लौह और इस्पात क्षेत्र से होता है। तस्वीर- जॉन ब्यूफोर्ट/Publicdomainpictures.net

ऑटोमोबाइल से लेकर अंतरिक्ष अभियान तक उपयोग हो सकेगी ‘स्मार्ट मटेरियल्स’ से बनी बिजली

औद्योगिक गतिविधियों और ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रियाओं में बड़े पैमाने पर अपशिष्ट-ताप उत्सर्जित होता है। यह गर्मी वायुमंडल में अवशोषित हो जाती है। भारत में वैज्ञानिकों का एक समूह कुछ…
औद्योगिक क्षेत्र से होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन का लगभग एक तिहाई लौह और इस्पात क्षेत्र से होता है। तस्वीर- जॉन ब्यूफोर्ट/Publicdomainpictures.net
भारत में रणथंभौर के शुष्क पर्णपाती वन। 2001 से 2010 के बीच वनों ने वैश्विक CO2 उत्सर्जन का लगभग 20-30% अवशोषित कर लिया है। 2001 और 2019 के बीच वनों ने प्रति वर्ष लगभग 7.6 गीगाटन CO2 को अवशोषित किया। तस्वीर- पाहुल महाजन/विकिमीडिया कॉमन्स।

कार्बन सिंक क्या हैं?

कार्बन सिंक ऐसे स्थान या उत्पाद हैं जो कार्बन को ऑर्गेनिक या इनऑर्गेनिक यौगिकों के रूप में अलग-अलग समय के लिए संग्रहित करते हैं। प्राकृतिक या कृत्रिम प्रक्रियाओं के माध्यम…
भारत में रणथंभौर के शुष्क पर्णपाती वन। 2001 से 2010 के बीच वनों ने वैश्विक CO2 उत्सर्जन का लगभग 20-30% अवशोषित कर लिया है। 2001 और 2019 के बीच वनों ने प्रति वर्ष लगभग 7.6 गीगाटन CO2 को अवशोषित किया। तस्वीर- पाहुल महाजन/विकिमीडिया कॉमन्स।

[वीडियो] पृथ्वी के लिए ‘कोड रेड’, ताजे पानी के जलीय जीवों की संख्या में 83% की गिरावट: रिपोर्ट

बीते 50 वर्षों में दुनिया में ताजे पानी के जलीय जीवों की संख्या में 83% की कमी आई है। जंगली जीवों के मामले में यह आंकड़ा 69% का है। यानी…
हैचलिंग की रखवाली करता एक नर घड़ियाल। तस्वीर:घड़ियाल पारिस्थितिकी परियोजना / एमसीबीटी।

नेपाल: क्या बाघों की बढ़ती संख्या विलुप्त होते घड़ियालों के संरक्षण के लिए एक चुनौती है?

जुलाई 31 की सुबह नेपाल के चितवन नेशनल पार्क स्थित कसारा घड़ियाल प्रजनन केंद्र के बाड़े में एक बाघ (वैज्ञानिक नाम-पैंथेरा टाइग्रिस) घुस गया। इसने कुछ देर तक घड़ियालों के…
हैचलिंग की रखवाली करता एक नर घड़ियाल। तस्वीर:घड़ियाल पारिस्थितिकी परियोजना / एमसीबीटी।
सीएआईएफ 20 से अधिक भारतीय और वैश्विक ब्रांडों के साथ विभिन्न पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और 'हरित सूक्ष्म-उद्यमियों' को तैयार करने की पहल में सक्रिय रूप लगी हुई है। फोटो: सीएआईएफ।

‘टेक, मेक, वियर एंड थ्रो’ के दौर में भारत की सर्कुलर फैशन का अर्थतंत्र

हाल के वर्षों में, कपड़ा उद्योग से होने वाले पर्यावरण और सामाजिक नकारात्मक प्रभावों की आलोचना होती रही है। कपड़ा उद्योग का पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव कई वजहों से हुआ…
सीएआईएफ 20 से अधिक भारतीय और वैश्विक ब्रांडों के साथ विभिन्न पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और 'हरित सूक्ष्म-उद्यमियों' को तैयार करने की पहल में सक्रिय रूप लगी हुई है। फोटो: सीएआईएफ।
श्रीलंका की व्यावसायिक राजधानी कोलंबो के मध्य में राष्ट्रपति कार्यालय के सामने बड़े पैमाने पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन। तस्वीर : दिलरुक्षी हंडुनेट्टी 

श्रीलंका: पर्यावरण नीतियों की विफलताओं ने भी जन-क्रांति को दी हवा

जून की शुरुआत में श्रीलंका में एक जन-आंदोलन ने वहां के शायद अब तक के सबसे अलोकप्रिय राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को पद से हटने पर मजबूर कर दिया। इस आंदोलन…
श्रीलंका की व्यावसायिक राजधानी कोलंबो के मध्य में राष्ट्रपति कार्यालय के सामने बड़े पैमाने पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन। तस्वीर : दिलरुक्षी हंडुनेट्टी 
ब्लास्ट के बाद समुद्र तल पर मरी हुई मछलियों को इकट्ठा करता हुआ एक मछुआरा। तस्वीर- दर्शन जयवर्धने

श्रीलंका में ब्लास्ट फिशिंग से तबाह हो रहे समुद्री जीव, भारत से अवैध तरीके से लाया जा रहा विस्फोटक

समुद्र के किनारे एक सुहानी सुबह थी, पूर्वी श्रीलंका के पिजन आइलैंड नेशनल पार्क में नौका विहार करने वाले पर्यटकों के एक समूह को एक असामान्य झटका महसूस हुआ। इतने…
ब्लास्ट के बाद समुद्र तल पर मरी हुई मछलियों को इकट्ठा करता हुआ एक मछुआरा। तस्वीर- दर्शन जयवर्धने
ब्राजील के अमेज़ॅन में बेलो मोंटे मेगा बांध। तस्वीर- ज़ो सुलिवन/ मोंगाबे

बांध दुनिया के लिए ज़ोखिम भरी ज़रूरत हैं पर क्या इनका बेहतर प्रबंधन संभव है?

दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क के जैव विविधता संरक्षण के प्रबंधक स्टीफन मिड्ज़ी को लगता है कि नदियों को वैसा ही होना चाहिए जैसी नदियां होती हैं। मिड्ज़ी निर्बाध…
ब्राजील के अमेज़ॅन में बेलो मोंटे मेगा बांध। तस्वीर- ज़ो सुलिवन/ मोंगाबे
बैनर तस्वीर: झील में बड़े पैमाने पर मृत मछलियां।

तालाबों और झीलों में एकसाथ भारी तादात में क्यों मर रही हैं मछलियां

अप्रैल 2022 में, मुंबई के मालाबार पहाड़ी क्षेत्र में स्थित बाणगंगा टैंक में तैरती मृत मछलियों की कई तस्वीरें समाचार साइटों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हुईं। स्थानीय लोगों…
बैनर तस्वीर: झील में बड़े पैमाने पर मृत मछलियां।
2019 के दौरान बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान में आग।

जंगल में लगने वाली आग के नुकसान और फायदे

जंगल की आग यानि  फॉरेस्ट फायर्स को अनियंत्रित आग माना जाता है। इससे अक्सर जंगलों, घास के मैदानों, ब्रशलैंड और टुंड्रा प्रदेश के पेड़-पौधों की व्यापक तबाही के रूप में…
2019 के दौरान बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान में आग।
अधिकांश मैंटिस्पिड्स छोटे होते हैं। इनकी लंबाई तकरीबन 15 मिमी से भी कम होती है। तस्वीर- एंडी रीगो और क्रिसी मैकक्लेरेन/विकिमीडिया कॉमन्स

मैंटिस्पिड्स: जालीदार पंखों वाले कीड़े का एक परिचय

मैंटिस्पिड्स को देखने पर इसके शरीर का आकार ततैया जैसा और पंख ऐसा जैसे फीता बनाने वाला कोई जीव। मांटिसिड्स या मैन्टिडफ्लाइज़ अकशेरुकी वर्ग के कीड़ों पर बहुत कम अध्ययन…
अधिकांश मैंटिस्पिड्स छोटे होते हैं। इनकी लंबाई तकरीबन 15 मिमी से भी कम होती है। तस्वीर- एंडी रीगो और क्रिसी मैकक्लेरेन/विकिमीडिया कॉमन्स
नेपाल के पहले पक्षी अभयारण्य में ग्रेट हॉर्नबिल, सारस और भारतीय चिततीदार चील जैसे पक्षियों को आसरा मिल रहा है। तस्वीर- प्रताप गुरुंग/विकिमीडिया कॉमन्स

यह है नेपाल का पहला पक्षी अभयारण्य, भारतीय पर्यटकों के लिए नया आकर्षण

भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित घोड़ाघोड़ी वेटलैंड की पहचान एक रामसर स्थल के रूप में होती है। यह स्थान नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत (सुदूरपश्चिम प्रदेश) में है। सुदूरपश्चिम नेपाल…
नेपाल के पहले पक्षी अभयारण्य में ग्रेट हॉर्नबिल, सारस और भारतीय चिततीदार चील जैसे पक्षियों को आसरा मिल रहा है। तस्वीर- प्रताप गुरुंग/विकिमीडिया कॉमन्स
रूफस-थ्रोटेड व्रेन-बब्बलर (Spelaeornis caudatus)। तस्वीर- माइक प्रिंस / फ़्लिकर

नेपाल और भारत में निर्माण के नियम ‘वन्यजीवों के हित में’ पर पक्षियों के नहीं

भारत और नेपाल जैसे विकासशील देशों के लिए बिजली, सड़क, पुल, रेलवे लाइन जैसे मूलभूत ढ़ांचा का निर्माण बहुत जरूरी है। हालांकि, ये निर्माण अक्सर जंगलों के बीच से गुजरते…
रूफस-थ्रोटेड व्रेन-बब्बलर (Spelaeornis caudatus)। तस्वीर- माइक प्रिंस / फ़्लिकर
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद क्षतिग्रस्त सड़क के बगल में खड़ी एक महिला। यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैश्विक सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन से महिलाएं अनुपातहीन रूप से प्रभावित हैं। तस्वीर- सुमिता रॉय दत्ता / विकिमीडिया कॉमन्स

महिलाएं और बच्चे जलवायु परिवर्तन से काफी प्रभावित, पर नीति से हैं गायब

साक्ष्यों से पता चलता है कि जैसे-जैसे तेजी के साथ जलवायु से संबंधित समस्याएं बढ़ रही है, वैसे-वैसे महिलाओं और बच्चों पर इसका बोझ भी जाहिर होता जा रहा है। …
पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास के बाद क्षतिग्रस्त सड़क के बगल में खड़ी एक महिला। यह साबित करने के लिए पर्याप्त वैश्विक सबूत हैं कि जलवायु परिवर्तन से महिलाएं अनुपातहीन रूप से प्रभावित हैं। तस्वीर- सुमिता रॉय दत्ता / विकिमीडिया कॉमन्स
बायोचार बनाने की प्रक्रिया। बायोचार को पेड़ों और फसलों से जुड़े अपशिष्ट पदार्थों (पराली, भूसा, डंठल सूखे पत्तों आदि) से बनाया जाता है और लंबे वक्त तक जमीन में दबाकर रखा जाता है। तस्वीर- लोरेन इशाक/पर्माकल्चर एसोसिएशन/फ्लिकर

बायोचार में बिगड़ते मौसम को बचाने की ताकत, लेकिन लागत बड़ी बाधा

मौसम में हो रहे बदलावों से निपटने के लिए आजकल बायोचार की खूब चर्चा हो रही है। एक नए रिव्यू के मुताबिक इससे टिकाऊ विकास के लक्ष्यों को भी हासिल…
बायोचार बनाने की प्रक्रिया। बायोचार को पेड़ों और फसलों से जुड़े अपशिष्ट पदार्थों (पराली, भूसा, डंठल सूखे पत्तों आदि) से बनाया जाता है और लंबे वक्त तक जमीन में दबाकर रखा जाता है। तस्वीर- लोरेन इशाक/पर्माकल्चर एसोसिएशन/फ्लिकर
अफ्रीकी कैटफ़िश को नए और कठिन माहौल पसंद है और वे यहां आसानी से अपना विकास कर सकती हैं। तस्वीर– सौम्यब्रत रॉय / विकिमीडिया कॉमन्स

बढ़ते तापमान के सहारे गंगा में बढ़ रही घुसपैठिए मछलियों की संख्या

गंगा नदी घाटी में 25 किलोमीटर के दायरे में क्षेत्रीय जलवायु मॉडल (रीजनल क्लाइमेट मॉडल) के जरिए अध्ययन किया गया। अध्ययन के नतीजों के आधार पर भविष्यवाणी की गई कि…
अफ्रीकी कैटफ़िश को नए और कठिन माहौल पसंद है और वे यहां आसानी से अपना विकास कर सकती हैं। तस्वीर– सौम्यब्रत रॉय / विकिमीडिया कॉमन्स
प्लास्टिक का उत्पादन जीवाश्म ईंधन उद्योग से मजबूती से जुड़ा हुआ है और जैसे-जैसे तेल की मांग घट रही है वैसे-वैसे पेट्रोकैमिकल उद्योग प्लास्टिक के उत्पादन में तेजी ला रहे हैं। तस्वीर- लुई वेस्ट / फ़्लिकर।

हमने पृथ्वी पर रासायनिक प्रदूषण की निर्धारित सीमा-रेखा पार कर ली है- अध्ययन

पूरी दुनिया में उत्पादन के क्षेत्रों में मानव-निर्मित रसायन और सिंथैटिक प्रदूषक तत्वों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। जबकि हमारे प्लेनेट पर पहले से ही ऐसे हजारों रसायन इस्तेमाल…
प्लास्टिक का उत्पादन जीवाश्म ईंधन उद्योग से मजबूती से जुड़ा हुआ है और जैसे-जैसे तेल की मांग घट रही है वैसे-वैसे पेट्रोकैमिकल उद्योग प्लास्टिक के उत्पादन में तेजी ला रहे हैं। तस्वीर- लुई वेस्ट / फ़्लिकर।