प्राकृतिक संसाधन News

झारखंड के खनन क्षेत्र में एक महिला कोयला चुनते हुए

खनन का दंश झेल रही देश की महिलाएं, स्वास्थ्य से लेकर अस्मिता तक खतरे में

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिला खनन के लिए जाना जाता है। खदान क्षेत्र की सैकड़ों महिलाओं को जबरन देह-व्यापार में घसीट लिया गया। खनन के फायदे और नुकसान पर हो रही…
झारखंड के खनन क्षेत्र में एक महिला कोयला चुनते हुए
बीज का संग्रहण, उसकी रोपाई और खेती के अन्य मौके डोंगरिया के लिए त्योहार की तरह हैं।

प्रकृति पूजक डोंगरिया आदिवासी सहेज रहे बीजों की विरासत, बदलते मौसम में भी बरकरार पैदावार

नियमगिरि पहाड़ियों पर सुंदर और घने वनों के बीच आधुनिकता से दूर एक आदिवासी समाज रहता है। अपने में अनोखे इस समाज को डोंगरिया कोंध के नाम से जानते हैं।…
बीज का संग्रहण, उसकी रोपाई और खेती के अन्य मौके डोंगरिया के लिए त्योहार की तरह हैं।
बुंदेलखंड

जल सहेलीः पानी को तरसते बुंदेलखंड में महिलाओं के अभियान से जगी नई उम्मीद

मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र की महिलाएं पानी की तलाश में दूर-दूर तक भटकती हैं। गर्मी के दिनों में यह तस्वीर काफी आम है। छतरपुर जिले के चौधरीखेरा गांव की गंगा…
बुंदेलखंड
भोरमदेव

विस्थापन के भय से छत्तीसगढ़ के भोरमदेव जंगल को टाइगर रिजर्व बनाने के विरोध में बैगा आदिवासी

छत्तीसगढ़ में मध्यप्रदेश की सीमा से सटा भोरमदेव का जंगल अपने इतिहास और बाघ समेत दर्जनों अन्य प्रजाति के जीवों की उपस्थिति को लेकर चर्चा में रहा है। मध्यप्रदेश कान्हा…
भोरमदेव
गंगा डॉल्फिन

जिस गंगा डॉल्फिन का जिक्र पौराणिक कथाओं में उसे क्यों भूलने लगे हम

पिछले सप्ताह एक बेचैन करने वाला विडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ लोग एक डॉल्फिन पर लाठी, डंडे और कुल्हाड़ी जैसे हथियार से अंधाधुंध हमला करते दिखे। उसपर हमला करने वाले…
गंगा डॉल्फिन
खराई ऊंट

गुजरात में पाए जाते हैं तैरने वाले ऊंट, मंडराने लगा है इनके अस्तित्व पर खतरा

ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि ऊंचे गर्दन वाला यह जीव रेत के बीच भी तेजी से भागता है। गर्म दिनों में कई दिनों तक…
खराई ऊंट
भालू

राजस्थान-गुजरात के बीच जंगल का गलियारा अब इको सेंसेटिव जोन, क्या आसान होगा भालुओं का सफर?

राजस्थान और गुजरात के बीच अरावली की पहाड़ियों पर बसा इकलौता हिल स्टेशन है माउंट आबू। यहां दूर-दूर से सैलानी आते है। इस खूबसूरत हिल स्टेशन के आसपास के जंगल…
भालू

संपादक की नजर में 2020: वायरस से जुड़ी चिंता के बीच पर्यावरण को लेकर मिले मौके चूक जाने का वर्ष

आधिकारिक तौर पर भारत में कोविड-19 का पहला मामला केरल के थ्रीसुर में जनवरी 2020 में दर्ज किया गया था। अभी दिसंबर 2020 में 90-वर्षीय ब्रिटेन का एक नागरिक इस…
कॉमन क्रो। भोपाल के वन विहार में नेक्टर प्लांट पर तितलियां फूलों का रस लेती हुई नजर आती हैं। फोटो- मोहम्मद खालिक

सुंदरता बनी जी का जंजाल: क्या तितली पार्क बनाने से बचेगा यह जीता-जागता फूल!

क्यारियों में लगे रंग-बिरंगे फूल और उसपर मंडराती अनगिनत तितलियां। एक साथ हजारों तितलियों को उड़ता देखकर लगता है मानो खूबसूरत फूल हवा में तैर रहे हों। यह दृश्य भोपाल…
कॉमन क्रो। भोपाल के वन विहार में नेक्टर प्लांट पर तितलियां फूलों का रस लेती हुई नजर आती हैं। फोटो- मोहम्मद खालिक
भारतीय भेड़िया की प्रतिकात्मक तस्वीर। फोटो- डेविस क्वान/फ्लिकर

बॉक्साइट खनन से सूख रही छत्तीसगढ़ और झारखंड की बुरहा नदी, भेड़ियों के एक मात्र ठिकाने पर भी खतरा

छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बॉक्साइट की खनन की वजह से देश के एक मात्र भेड़िया अभ्यारण्य के लिए खतरा उत्पन्न होने लगा है। चमकते एल्युमीनियम बनाने के लिए…
भारतीय भेड़िया की प्रतिकात्मक तस्वीर। फोटो- डेविस क्वान/फ्लिकर
कावर झील के आसपास रहने वाले मछुआरों के लिए यह आजीविका का साधन है। फोटो- समीर वर्मा

बिहार को मिले पहले रामसर स्थल से क्यों खुश है मछुआरे

बिहार की राजधानी पटना से तकरीबन डेढ़ सौ किलोमीटर दूर बेगुसराय में एशिया का सबसे बड़ा गोखुर झील है। इसका नाम कावर ताल है। जब नदी अपना रास्ता बदल देती…
कावर झील के आसपास रहने वाले मछुआरों के लिए यह आजीविका का साधन है। फोटो- समीर वर्मा
सूर्यास्त के समय केन नदी का दृष्य। केन-बेतबा लिंक परियोजना के दूसरे चरण में 40 मीटर ऊंचा और 2,218 मीटर लंबा बांध प्रस्तावित है। फोटो- क्रिस्टोफर क्रे/फ्लिकर 

केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना पर पर्यावरण मंत्रालय ने मांगे नए आंकड़े, नए सिरे से होगा आंकलन

भारत की पहली नदी जोड़ो परियोजना के तहत केन-बेतवा लिंक के दूसरे चरण में बांध बनने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। हालांकि पर्यावरण मंत्रालय इसको लेकर कुछ असहज है।…
सूर्यास्त के समय केन नदी का दृष्य। केन-बेतबा लिंक परियोजना के दूसरे चरण में 40 मीटर ऊंचा और 2,218 मीटर लंबा बांध प्रस्तावित है। फोटो- क्रिस्टोफर क्रे/फ्लिकर 
पन्ना टाइगर रिजर्व के इलाके में जंगल से मवेशी चराकर आते आदिवासी। मध्यप्रदेश के जंगल आदिवासियों की जीवनरेखा है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी

मध्य प्रदेश में वनों को कॉर्पोरेट को देने की कोशिश हुई तेज, हो सकता है मुखर विरोध

देश की राजधानी दिल्ली में किसान सड़कों पर हैं और आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया तीन कृषि कानून किसान-विरोधी है और निजी कंपनियों को फायदा…
पन्ना टाइगर रिजर्व के इलाके में जंगल से मवेशी चराकर आते आदिवासी। मध्यप्रदेश के जंगल आदिवासियों की जीवनरेखा है। फोटो- मनीष चंद्र मिश्र/मोंगाबे हिन्दी
बुद्गम जंगल से गुजरता हुआ पावर लाइन। इन बिजली के तारों की वजह से पेड़ों को काटा गया। फोटो- अथर परवेज

आदिवासियों को जंगल से उजाड़ने वाली जम्मू-कश्मीर सरकार को क्या वाकई है पर्यावरण की चिंता

जम्मू-कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों पर घने जंगलों के किनारे बेहद छोटी-छोटी झोपड़ियां नजर आती हैं। पत्थर, मिट्टी और घास-फूस से बने ये घर गुज्जर समुदाय के लोगों का आशियाना है।…
बुद्गम जंगल से गुजरता हुआ पावर लाइन। इन बिजली के तारों की वजह से पेड़ों को काटा गया। फोटो- अथर परवेज
महरौली पुरातत्व पार्क से कुतुब मिनार का एक दृष्य। फोटो- दीपन्विता गीता नियोगी।

अंग्रेजों का पीपल-बरगद के डर से लेकर मुगलों के 600 साल पुराने पेड़, दिल्ली की हरियाली को कितना जानते हैं आप

‘ट्रेन टू पाकिस्तान’ जैसे उपन्यास लिखने वाले और अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक रह चुके खुशवंत सिंह ने दिल्ली को दुनिया की सबसे हरी-भरी राजधानी का खिताब दिया था।…
महरौली पुरातत्व पार्क से कुतुब मिनार का एक दृष्य। फोटो- दीपन्विता गीता नियोगी।
राजस्थान के बीकानेर में ऊंट पालने का स्थान फोटो- नीडपिक्स

सात साल में 37 फीसदी कम हो गई ऊंटों की आबादी, क्या दूध व्यापार से बदलेगी तस्वीर

जब देश में लॉकडाउन सख्ती से लागू था उन्हीं दिनों मुंबई की एक महिला ने प्रधानमंत्री को टैग करते हुए ट्वीट किया। ऑटिज्म से ग्रसित अपने साढ़े तीन साल के…
राजस्थान के बीकानेर में ऊंट पालने का स्थान फोटो- नीडपिक्स
जादूगौड़ा की पहाड़ियों में वर्ष 1967 से ही खनन का काम होता आ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि लोगों का जीवन स्तर सुधरने के बजाए यहां के लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो गए हैं। फोटो- - सुभ्रजीत सेन

[वीडियो] भारत के परमाणु सपनों को उड़ान देने वाले क्षेत्र की हृदय विदारक दास्तान

जादूगोड़ा, झारखंड। सोलह साल की अनामिका ओराम का एक मासूम सा सपना है कि वो भी अन्य बच्चों की तरह पढ़े-लिखे। पर इस बच्ची का यह छोटा सा सपना भी…
जादूगौड़ा की पहाड़ियों में वर्ष 1967 से ही खनन का काम होता आ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि लोगों का जीवन स्तर सुधरने के बजाए यहां के लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो गए हैं। फोटो- - सुभ्रजीत सेन