पर्यावरण से जुड़ी सुर्खियां

प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों की खोज खबर। मोंगाबे एक गैर-लाभकारी संस्था है।

महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित मयूरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय भेड़िया। तस्वीर- रुद्राक्ष चोडनकर/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] बाघों से भी कम बचे भेड़ियों के संरक्षण से रुकेगा मानव-वन्यजीव संघर्ष

क्या भेड़िया सियार से अलग दिखता है? क्या सियार डरावने होते हैं? क्या भेड़िये खून के प्यासे होते हैं?  उत्तर प्रदेश के बहराइच में ग्रामीणों पर जंगली जानवरों के हमले…
महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित मयूरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय भेड़िया। तस्वीर- रुद्राक्ष चोडनकर/विकिमीडिया कॉमन्स
मुंबई में एक फूल विक्रेता। परिवहन और मजदूरी की लागत के अलावा, पिछले 5-10 सालों में मौसम की मार ने असली फूलों की कीमतें बढ़ा दी हैं। तस्वीर: डिंपल बहल।

गर्मी और अनियमित बारिश से फूल उत्पादकों और विक्रेताओं की आजीविका पर असर

महाराष्ट्र में मौसम के बदलते मिजाज ने फूल विक्रेताओं की रोजी-रोटी पर असर डाला है। एक तरफ जहां, बेमौसम बारिश और तेज गर्मी से फूलों की फसल खराब हो रही…
मुंबई में एक फूल विक्रेता। परिवहन और मजदूरी की लागत के अलावा, पिछले 5-10 सालों में मौसम की मार ने असली फूलों की कीमतें बढ़ा दी हैं। तस्वीर: डिंपल बहल।
स्मूद-कोटेड ऑटर की प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- आर. थायनंथ, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) 

पूर्वोत्तर भारत में तस्करों के निशाने पर ऊदबिलाव

इस साल 23 मई को, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) के अधिकारियों और धेमाजी वन विभाग ने असम के धेमाजी जिले के जोनाई में एक व्यक्ति से ऊदबिलाव की चार…
स्मूद-कोटेड ऑटर की प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- आर. थायनंथ, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) 
मुतपा गांव में ग्राम सभा का आयोजन। तस्वीर- जॉन केरकेट्टा

झारखंड: 3.77 लाख करोड़ सालाना से भी ज़्यादा है राज्य के कॉमन्स से मिलने वाली सेवाओं की कीमत

“आज भी जंगल से हमें जरूरत की तीन-चौथाई चीजें मिल जाती हैं। पंद्रह साल पहले तक जंगल से ही हमें हमारी जरूरत की सभी चीजें मिल जाती थी।” झारखंड के…
मुतपा गांव में ग्राम सभा का आयोजन। तस्वीर- जॉन केरकेट्टा
थाईलैंड में एक एशियाई पाम सिवेट। एक नए अध्ययन ने इस प्रचलित धारणा को तोड़ दिया है कि सिवेट खुले में मल करना पसंद करते हैं। तस्वीर- फ्रांस से बर्नार्ड ड्यूपॉंट, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 2.0) 

छायादार जगहों पर मल त्याग जंगल बढ़ाने में मदद करते सिवेट

विज्ञान को लंबे समय से सिवेट और उनके मल में रुचि रही है, क्योंकि वे प्राकृतिक दुनिया में सबसे कुशल बीज वितरकों में से एक माने जाते हैं। उनके मल…
थाईलैंड में एक एशियाई पाम सिवेट। एक नए अध्ययन ने इस प्रचलित धारणा को तोड़ दिया है कि सिवेट खुले में मल करना पसंद करते हैं। तस्वीर- फ्रांस से बर्नार्ड ड्यूपॉंट, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 2.0) 
कॉप-29 के अध्यक्ष की ओर से आयोजित बैठक के दौरान कमरे का दृश्य। बाकू जलवायु वार्ता का समापन 300 अरब डॉलर के जलवायु वित्त समझौते के साथ हुआ। IISD-ENB | माइक मुज़ुराकिस द्वारा ली गई तस्वीर।

अविश्वास और नाराजगी के साये में 300 अरब डॉलर के वादे के साथ कॉप 29 का समापन

अजरबैजान के बाकू में जलवायु वार्ता रविवार सुबह संपन्न हो गई, जिसमें कई देशों की आपत्तियों के बावजूद, विकासशील देशों को 2035 तक 300 अरब डॉलर की वित्तीय मदद देने…
कॉप-29 के अध्यक्ष की ओर से आयोजित बैठक के दौरान कमरे का दृश्य। बाकू जलवायु वार्ता का समापन 300 अरब डॉलर के जलवायु वित्त समझौते के साथ हुआ। IISD-ENB | माइक मुज़ुराकिस द्वारा ली गई तस्वीर।
वन विभाग को हाथियों के बीमार होने की सूचना मिलने के बाद कई चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक हाथियों को बचाने की कोशिश हुई लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। तस्वीर साभार- पुष्पेंद्र द्विवेदी

कोदो नहीं, फंगस है मध्य प्रदेश में हाथियों की मौत की वजह, क्या है समाधान

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 अक्टूबर की सुबह एक सूचना ने इलाके में हलचल मचा दी। सूचना थी कि खितौली और पतौर रेंज…
वन विभाग को हाथियों के बीमार होने की सूचना मिलने के बाद कई चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक हाथियों को बचाने की कोशिश हुई लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। तस्वीर साभार- पुष्पेंद्र द्विवेदी

कॉप-29: जलवायु उपायों के लिए शहर जरूरी और शहरों को चाहिए फंड

बाकू में चल रही जलवायु वार्ता में शहर जलवायु से जुड़े उपाय (क्लाइमेट ऐक्शन) के लिए अहम धुरी के रूप में सामने आ रहे हैं। दुनिया भर के कार्बन उत्सर्जन…

ब्राजील में जी-20 देशों की बैठक के बावजूद बाकू शिखर सम्मेलन में जलवायु वित्त पर वार्ता गतिरोध में

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और उसके अनुकूल होने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने पर सहमति बनाने के लिए बाकू में एकत्रित हुए लगभग 200 देशों के…
कार्बन बाजारों में पारदर्शिता को आगे बढ़ाने पर सत्र। तस्वीर फ्लिकर (CC BY-NC-SA 2.0) के जरिए UNclimatechange द्वारा ।

कॉप 29: आलोचनाओं के बीच कार्बन ट्रेडिंग के लिए नियम बनाने का काम तेज

अजरबैजान की राजधानी बाकू में चल रहे जलवायु सम्मेलन के पहले दिन कार्बन ट्रेडिंग को आसान बनाने से जुड़ा पेरिस समझौते का अनुच्छेद 6.4 अपनाया गया। यह सम्मेलन के शुरुआत…
कार्बन बाजारों में पारदर्शिता को आगे बढ़ाने पर सत्र। तस्वीर फ्लिकर (CC BY-NC-SA 2.0) के जरिए UNclimatechange द्वारा ।
12 जुलाई, 2011 की नासा की एक तस्वीर जो गर्मियों में पिघलते समय आर्कटिक की समुद्री बर्फ को दिखाती है। यह पिघली हुई बर्फ को दिखाती है, मीठे पानी के तालाब जो बर्फ की सतह पर गड्ढों में बनते हैं। ICESCAPE मिशन के शोधकर्ता अध्ययन कर रहे हैं कि ये पिघले हुए तालाब आर्कटिक के महासागर रसायन विज्ञान, प्लवक की बढ़ोतरी और सूरज की रोशनी आने पर किस तरह प्रभावित करते हैं। साथ ही, इस क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY 2.0) के जरिए नासा के गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर की ओर से ली गई तस्वीर।

पिघलते ग्लेशियर: एक्शन प्लान पर जल्द सहमति बनाने की जरूरत

भारतीय हिमालय में उत्तरी सिक्किम के छोटे से शहर चुंगथांग में 4 अक्टूबर, 2023 की आधी रात के आसपास लोग मूसलाधार बारिश के बीच भयावह आवाज से जागे। कुछ ही…
12 जुलाई, 2011 की नासा की एक तस्वीर जो गर्मियों में पिघलते समय आर्कटिक की समुद्री बर्फ को दिखाती है। यह पिघली हुई बर्फ को दिखाती है, मीठे पानी के तालाब जो बर्फ की सतह पर गड्ढों में बनते हैं। ICESCAPE मिशन के शोधकर्ता अध्ययन कर रहे हैं कि ये पिघले हुए तालाब आर्कटिक के महासागर रसायन विज्ञान, प्लवक की बढ़ोतरी और सूरज की रोशनी आने पर किस तरह प्रभावित करते हैं। साथ ही, इस क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY 2.0) के जरिए नासा के गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर की ओर से ली गई तस्वीर।
सुंदरबन में दुर्लभ जलीय कृषि स्थलों में से एक जहां वैज्ञानिक तरीकों का पालन किया जा रहा है। तस्वीर- मोंगाबे के लिए नीलाद्री सरकार।

अनियंत्रित झींगा पालन से बदलता सुंदरबन में भूमि उपयोग

पश्चिम बंगाल के सुंदरबन बायोस्फीयर रिजर्व (एसबीआर) में स्थित नागेंद्रपुर गांव में एक संकरी, छह फुट चौड़ी गली एक बड़ी आद्रभूमि (वेटलैंड), जिसका इस्तेमाल जलकृषि के लिए किया जाता है,…
सुंदरबन में दुर्लभ जलीय कृषि स्थलों में से एक जहां वैज्ञानिक तरीकों का पालन किया जा रहा है। तस्वीर- मोंगाबे के लिए नीलाद्री सरकार।
कोरिंगा वाइल्डलाइफ़ अभयारण्य में मछली पकड़ने वाली बिल्ली। तस्वीर- गिरिधर मल्ला।

खाने में क्या है? फिशिंग कैट का आहार से बनती संरक्षण की समझ

भारत के मैंग्रोव, दलदल, आर्द्रभूमि और नदी के किनारे के आवासों के जटिल पारिस्थितिकी तंत्रों में एक शांत शिकारी घूमता है: रहस्यमय फिशिंग कैट। प्रारंभिक शोध इसकी मछली खाने वाली…
कोरिंगा वाइल्डलाइफ़ अभयारण्य में मछली पकड़ने वाली बिल्ली। तस्वीर- गिरिधर मल्ला।
कॉप-29 11 नवंबर से अजरबैजान की राजधानी बाकू में शुरू हो चुका है। फ्लिकर के जरिए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन की ओर से हबीब समदोव की तस्वीर (CC BY-NC-SA 2.0)।

अजरबैजान में जलवायु शिखर सम्मेलन शुरू, ट्रम्प और वित्त दो बड़े मुद्दे

अजरबैजान की राजधानी बाकू में 11 नवंबर यानी सोमवार से शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन के सबसे बड़े एजेंडे को महज एक शब्द में समेटा जा सकता है:…
कॉप-29 11 नवंबर से अजरबैजान की राजधानी बाकू में शुरू हो चुका है। फ्लिकर के जरिए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन की ओर से हबीब समदोव की तस्वीर (CC BY-NC-SA 2.0)।
मारुथाचलम के खेत में तेज गर्मी में भी अजोला पनपता है, जो उनके चार एकड़ के जैविक खेत में उपलब्ध प्राकृतिक रेत और ताजे पानी की बदौलत नारियल के पेड़ों की छाया में मज़बूती से बढ़ता है। तस्वीर- गौतमी सुब्रमण्यम द्वारा मोंगाबे के लिए।

जलीय पौधे अज़ोला से हो सकता है चारे की कमी का समाधान

लगभग सात साल पहले, तमिलनाडु के थेनी के 41 वर्षीय पोल्ट्री किसान सुरुलीनाथन एस. ने मुर्गियों के चारे के रूप में अज़ोला नामक जलीय पौधे का उपयोग करना सीखा। वह…
मारुथाचलम के खेत में तेज गर्मी में भी अजोला पनपता है, जो उनके चार एकड़ के जैविक खेत में उपलब्ध प्राकृतिक रेत और ताजे पानी की बदौलत नारियल के पेड़ों की छाया में मज़बूती से बढ़ता है। तस्वीर- गौतमी सुब्रमण्यम द्वारा मोंगाबे के लिए।

कारगिल में दिखाई दिया यूरेशियन लिंक्स, बेहतर संरक्षण उपायों की जरूरत

मध्य एशियाई लिंक्स का पहला फोटोग्राफिक प्रमाण लद्दाख के कारगिल जिले में दर्ज किया गया है। मध्यम आकार की यह जंगली बिल्ली अब तक केवल केंद्र शासित प्रदेश के लेह…
जोरपुखुरी, गुवाहाटी में फ्लोटिंग सोलर पीवी इंस्टॉलेशन। तस्वीर: सुरजीत शर्मा

असम में अक्षय ऊर्जा की संभावना सरकारी अनुमान से कहीं अधिक है: अध्ययन

असम हरित ऊर्जा ग्रिडों में बदलाव करके अपने जलवायु कार्रवाई प्रयासों को तेज कर रहा है, जिसका लक्ष्य नवीकरणीय या स्वच्छ स्रोतों से ग्रिड से जुड़ी ऊर्जा की अपनी क्षमता…
जोरपुखुरी, गुवाहाटी में फ्लोटिंग सोलर पीवी इंस्टॉलेशन। तस्वीर: सुरजीत शर्मा
सूखे की स्थिति और मिट्टी की सतह के टूटने या सूखने से मिट्टी का कार्बन ऑक्सीडेशन के संपर्क में आता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। फ्लिकर के जरिए वंदन देसाई की तस्वीर (CC BY-NC-ND 2.0)।

सूखे और मिट्टी की खराब होती सेहत से बढ़ रहा कार्बन उत्सर्जन

जलवायु विज्ञान से जुड़े शोधकर्ता जलवायु परिवर्तन का असर बढ़ाने वाले फीडबैक लूप के गंभीर होने के बारे में चिंतित हैं। गंभीर या पॉजिटिव फीडबैक लूप ऐसे तंत्र हैं जो…
सूखे की स्थिति और मिट्टी की सतह के टूटने या सूखने से मिट्टी का कार्बन ऑक्सीडेशन के संपर्क में आता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। फ्लिकर के जरिए वंदन देसाई की तस्वीर (CC BY-NC-ND 2.0)।
रुद्रप्रयाग संगम पर मंदाकिनी नदी पर बने फुटब्रिज का टूटा हुआ सिरा। भूस्खलन की संवेदनशीलता का नया नक्शा पूर्वी घाट की भूस्खलन की संवेदनशीलता को दिखाता है, जो इस क्षेत्र के जोखिमों को समझने के लिए अहम जानकारी है। विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए मुखर्जी की तस्वीर (CC BY-SA 3.0)।

भारत के नए भूस्खलन मानचित्र में हुआ पूर्वी घाटों का उल्लेख

भूस्खलन को जमीन पर सबसे विनाशकारी खतरों में से एक माना जाता है। इससे जान-माल का बहुत ज्यादा नुकसान होता है। कई विकासशील देशों में भूस्खलन से होने वाला आर्थिक…
रुद्रप्रयाग संगम पर मंदाकिनी नदी पर बने फुटब्रिज का टूटा हुआ सिरा। भूस्खलन की संवेदनशीलता का नया नक्शा पूर्वी घाट की भूस्खलन की संवेदनशीलता को दिखाता है, जो इस क्षेत्र के जोखिमों को समझने के लिए अहम जानकारी है। विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए मुखर्जी की तस्वीर (CC BY-SA 3.0)।
असम खरगोश का इलेस्ट्रेशन। विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए तस्वीर।

हिमालयी घास के मैदानों में तेजी से घट रहा ब्रिस्टली खरगोश का आवास

नेपाल, भारत और भूटान में हिमालय की दक्षिणी तलहटी में ब्रिस्टली खरगोश को देखना आसान नहीं है। हालांकि, अगर आप इसे देख लें, तो इसके पीछे के हिस्से पर मोटे,…
असम खरगोश का इलेस्ट्रेशन। विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए तस्वीर।
बार-बार मौसम की प्रतिकूल घटनाओं और फसल के नुकसान ने वायनाड के किसानों को नया कृषि कैलेंडर तैयार करने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें खेती-बाड़ी के पारंपरिक ज्ञान और मौसम में बदलाव को शामिल किया गया है। तस्वीर - अभिषेक एन. चिन्नाप्पा/मोंगाबे।

मौसम में बदलाव से पार पाने के लिए नए कृषि कैलेंडर से किसानों को उम्मीदें

वायनाड के किसान राजेश कृष्णन कहते हैं, " शायद हम जिंदगी में बहुत सारी चीजें अपनी चिंता की वजह से करते हैं।" वह खेती के उन "मुश्किल सालों" को याद…
बार-बार मौसम की प्रतिकूल घटनाओं और फसल के नुकसान ने वायनाड के किसानों को नया कृषि कैलेंडर तैयार करने के लिए प्रेरित किया है, जिसमें खेती-बाड़ी के पारंपरिक ज्ञान और मौसम में बदलाव को शामिल किया गया है। तस्वीर - अभिषेक एन. चिन्नाप्पा/मोंगाबे।
कृत्रिम रीफ लगाते हुए। 2023 में, केंद्र सरकार ने मछली की आबादी को बढ़ावा देने के लिए भारत के समुद्र तट पर कृत्रिम रीफ लगाने की घोषणा की थी। तस्वीर- कुडल लाइफ फाउंडेशन

मछलीपालन को बढ़ावा देने लिए आर्टिफिशियल रीफ कितनी कामयाब

मुंबई में इस साल फरवरी में वर्ली कोलीवाड़ा में 200 से अधिक आर्टिफिशियल रीफ यानी कृत्रिम रीफ का पहला सेट स्थापित किया गया। ये कृत्रिम संरचनाएं प्राकृतिक रीफ की तरह…
कृत्रिम रीफ लगाते हुए। 2023 में, केंद्र सरकार ने मछली की आबादी को बढ़ावा देने के लिए भारत के समुद्र तट पर कृत्रिम रीफ लगाने की घोषणा की थी। तस्वीर- कुडल लाइफ फाउंडेशन
हरियाणा के सिरसा में तालाब से मिट्टी हटाने का काम करते हुए मनरेगा मजदूर। तस्वीर- मुल्ख सिंह/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।

वनक्षेत्र को बढ़ाने में मददगार हैं मनरेगा जैसी ग्रामीण रोजगार योजनाएं

वृक्षारोपण और आजीविका के बीच संबंधों की पड़ताल करने वाले एक नए शोध पत्र से पता चलता है कि मनरेगा जैसी सामाजिक कल्याणकारी योजनाएं आय और रोजगार प्रदान करने के…
हरियाणा के सिरसा में तालाब से मिट्टी हटाने का काम करते हुए मनरेगा मजदूर। तस्वीर- मुल्ख सिंह/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।
नेपााल के सप्तसरी जिले में कोसी नदी से लकड़ियां ले जाता एक ग्रामीण। कोसी नदी में भारी मात्रा में लकड़ियां पहाड़ पर से बहकर आयी हैं, जिसे जगह-जगह लोग नदी से चुनते दिखे। तस्वीर- राहुल सिंह मोंगाबे के लिए

बिहार में बाढ़ की एक बड़ी वजह कोसी में जमी गाद, क्या है समाधान?

नेपाल के सप्तरी जिले के 63 वर्षीय रामेश्वर यादव माहुली नदी के एक नंबर पुल से कुछ दूरी पर एक पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठे हैं। उनके साथ हैं 74…
नेपााल के सप्तसरी जिले में कोसी नदी से लकड़ियां ले जाता एक ग्रामीण। कोसी नदी में भारी मात्रा में लकड़ियां पहाड़ पर से बहकर आयी हैं, जिसे जगह-जगह लोग नदी से चुनते दिखे। तस्वीर- राहुल सिंह मोंगाबे के लिए
चक्रवात आलिया के बाद बाढ़ के पानी में चलती हुई महिला। तस्वीर अनिल गुलाटी/इंडिया वाटर पोर्टल/ फ्लिकर  (CC BY-NC-SA 2.0)।

क्या है प्राकृतिक आपदाओं से निपटने वाला पैरामीट्रिक इंश्योरेंस और भारत में क्यों हो रहा प्रचलित?

पिछले दो दशकों यानी साल 2000 से 2019 के बीच भारत कुदरती आपदाओं का सामना करने के मामले में तीसरे नंबर पर है। आने वाले समय और ज़्यादा भयावह होने…
चक्रवात आलिया के बाद बाढ़ के पानी में चलती हुई महिला। तस्वीर अनिल गुलाटी/इंडिया वाटर पोर्टल/ फ्लिकर  (CC BY-NC-SA 2.0)।
मेघालय के साउथ गारो हिल्स में बालपक्रम नेशनल पार्क में एक पत्ते पर बैठा बेक्वार्टिना बाइकलर। इसे 2017 में सरकार ने पहली बार देखा था, जिसे चमगादड़ ने अपना शिकार बनाते हुए घायल कर दिया था। तस्वीर- विवेक सरकार 

मेघालय में मिली सिकाडा प्रजाति की दो रंगों वाली तितली

साल 2017 की गर्मी की दोपहर में मेघालय के दक्षिण गारो हिल्स के बालपक्रम नेशनल पार्क में फील्ड एंटोमोलॉजिस्ट विवेक सरकार और उनके सहयोगी तुषार संगमा सिकाडा का अध्ययन करने…
मेघालय के साउथ गारो हिल्स में बालपक्रम नेशनल पार्क में एक पत्ते पर बैठा बेक्वार्टिना बाइकलर। इसे 2017 में सरकार ने पहली बार देखा था, जिसे चमगादड़ ने अपना शिकार बनाते हुए घायल कर दिया था। तस्वीर- विवेक सरकार 
देवमति सिंह अपने घर के नजदीक किचन गार्डन में अपने बच्चों के साथ। तस्वीर-ऐश्वर्या मोहंती

सौर ऊर्जा से जीवन में बड़ा बदलाव, दूर हुआ कुपोषण

छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव में रहने वाली 30 वर्षीय देवमती सिंह पिछले कई सालों से अपनी एक एकड़ की जमीन पर धान और आलू की खेती करती आ…
देवमति सिंह अपने घर के नजदीक किचन गार्डन में अपने बच्चों के साथ। तस्वीर-ऐश्वर्या मोहंती
इजिप्शियन गिद्ध। तस्वीर - के.एस. गोपी सुंदर

हर मौसम में खुद को ढाल लेते हैं छोटे शहर के स्थानीय पक्षी: स्टडी

भारत में बड़े शहरों की तुलना में उदयपुर जैसे झीलों और भीड़-भाड़ वाले छोटे शहर पक्षियों की बड़ी आबादी और सैकड़ों प्रजातियों को फलने-फूलने में ज्यादा मदद कर सकते हैं।…
इजिप्शियन गिद्ध। तस्वीर - के.एस. गोपी सुंदर
शिकार खाते हुए लाल सिर वाला गिद्ध। तस्वीर- टिमोथी ए गोंसाल्वेस/विकिमीडिया कॉमन्स

प्रकृति के सफाईकर्मी गिद्ध के योगदान का क्या है मोल?

भारत में गिद्ध संरक्षण की आर्थिक व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने वाले एक नए शोधपत्र में पाया गया है कि पशुओं के शवों के निपटान के प्राकृतिक और किफायती समाधान के…
शिकार खाते हुए लाल सिर वाला गिद्ध। तस्वीर- टिमोथी ए गोंसाल्वेस/विकिमीडिया कॉमन्स
गांव के तालाब में पानी पीते मवेशी और कपड़े धोती हुई महिलाएं। तस्वीर- स्टीवी मान/विकिमीडिया कॉमन्स।

गर्मी की मार से डेयरी किसान बेहाल, महिला संगठन ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ

अप्रैल के आखिरी दिनों में तेज धूप से आंगन तप रहा था। तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। एम. थायरम्मा पास के एक कुएं से पानी भर कर लाईं…
गांव के तालाब में पानी पीते मवेशी और कपड़े धोती हुई महिलाएं। तस्वीर- स्टीवी मान/विकिमीडिया कॉमन्स।