पर्यावरण से जुड़ी सुर्खियां

प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों की खोज खबर। मोंगाबे एक गैर-लाभकारी संस्था है।

बरनीहाट में एक घर। दोनों तरफ पहाड़ियां, नदी की बंद धाराएं और कम दबाव वाले क्षेत्र से यहां प्रदूषण बढ़ता है। सीमेंट और कोक कारखाने और डिस्टिलरी पर्यावरण उल्लंघन के साथ-साथ प्रदूषण के असर को बढ़ाते हैं।

असमः उस शहर का सूरत-ए–हाल जो बन गया दुनिया में सबसे प्रदूषित

"भले ही हम अपनी सभी खिड़कियां, दरवाजे और वेंटिलेटर बंद कर दें, धूल अंदर आ ही जाती है। हम अपने कपड़े बाहर नहीं सुखा सकते, बच्चे बाहर नहीं खेल सकते।…
बरनीहाट में एक घर। दोनों तरफ पहाड़ियां, नदी की बंद धाराएं और कम दबाव वाले क्षेत्र से यहां प्रदूषण बढ़ता है। सीमेंट और कोक कारखाने और डिस्टिलरी पर्यावरण उल्लंघन के साथ-साथ प्रदूषण के असर को बढ़ाते हैं।
खोज अभियान के सदस्य पतंगों और अन्य कीटों के नमूने एकत्र करते हुए। संदेश कदुर/फेलिस इमेजेज (CC BY-ND 4.0) द्वारा ली गई तस्वीर।

[वीडियो] अरुणाचल में सौ साल पुराने ब्रिटिश आर्मी के रूट पर मिला प्रकृति का खजाना

ब्रिटिश सेना की ओर से 16 जुलाई, 1912 को प्रकाशित एक अधिसूचना में मौजूदा अरुणाचल प्रदेश के मध्य हिस्से में अपने खोज अभियान की सफलता की घोषणा की गई थी।…
खोज अभियान के सदस्य पतंगों और अन्य कीटों के नमूने एकत्र करते हुए। संदेश कदुर/फेलिस इमेजेज (CC BY-ND 4.0) द्वारा ली गई तस्वीर।
कर्नाटका के उत्तर कन्नड़ के अंकोला में केनी गांव में काम करते हुए मछुआरे। तस्वीर- वैष्णवी सुरेश।

कर्नाटका में नई बंदरगाह परियोजना का विरोध

"क्या आप जैक-अप बार्ज (समुद्र में बनाया गया एक तरह का प्लेटफॉर्म) के बगल में उस द्वीप को देख रहे हैं? यहीं पर हमारे कुल देवता कुकुदेश्वर का मंदिर है।…
कर्नाटका के उत्तर कन्नड़ के अंकोला में केनी गांव में काम करते हुए मछुआरे। तस्वीर- वैष्णवी सुरेश।
गिर राष्ट्रीय उद्यान में एक शेर। तस्वीर: उदय किरण28/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।

गुजरात में 25 वर्षों 172% बढ़ी शेरों की आबादी, संरक्षण की चुनौतियां बरकरार

गुजरात में एशियाटिक शेरों की आबादी में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मई 2025 में जारी आंकड़ों के अनुसार, अब राज्य में अनुमानित 891 शेर हैं। पिछली बार 2020 में…
गिर राष्ट्रीय उद्यान में एक शेर। तस्वीर: उदय किरण28/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।
अक्सर हिमालयी लंगूर मान लिए जाने वाले कश्मीर ग्रे लंगूर के अस्तित्व को बचाने के लिए इसके व्यवहार और पारिस्थितिकी पर अधिक शोध की ज़रुरत है। तस्वीर: शाहिद हामिद।

कश्मीर की वादियों में धुंधलाता ग्रे लंगूर का अस्तित्व

कश्मीर में पाए जाने वाले ग्रे लंगूर इस प्रजाति की वर्गीकरण की स्थिति के अनिश्चित होने के कारण अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। भारतीय प्राइमेट वैज्ञानिक वर्तमान में…
अक्सर हिमालयी लंगूर मान लिए जाने वाले कश्मीर ग्रे लंगूर के अस्तित्व को बचाने के लिए इसके व्यवहार और पारिस्थितिकी पर अधिक शोध की ज़रुरत है। तस्वीर: शाहिद हामिद।
पंकज पाटिल ऊंचे पेड़ों से जामुन तोड़ने के लिए बांस से बनी संरचना का इस्तेमाल करते हैं। बहाडोली के जामुन मीठे होते हैं, जिनमें छोटे बीज और गूदा ज्यादा होता है। वे एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर माने जाते हैं। तस्वीर – ऋषिकेश मोरे।

जलवायु परिवर्तन से जामुन की मीठी विरासत पर खतरा

हर साल गर्मियों में महाराष्ट्र के फल बाजारों में ताजे, चमकीले, गहरे बैंगनी जामुन दिखाई देते हैं। अपने खट्टे-मीठे स्वाद के कारण इस फल की दुनिया भर में मांग है।…
पंकज पाटिल ऊंचे पेड़ों से जामुन तोड़ने के लिए बांस से बनी संरचना का इस्तेमाल करते हैं। बहाडोली के जामुन मीठे होते हैं, जिनमें छोटे बीज और गूदा ज्यादा होता है। वे एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर माने जाते हैं। तस्वीर – ऋषिकेश मोरे।
वाल्मिक थापर मुंबई में आयोजित सैंचुरी वाइल्डलाइफ़ अवॉर्ड्स को संबोधित करते हुए। तस्वीर- सैंचुरी नेचर फाउंडेशन के सौजन्य से।

बाघ संरक्षण के लिए समर्पित वाल्मिक थापर नहीं रहे, 73 वर्ष की उम्र में हुआ निधन

प्रसिद्ध संरक्षणवादी, प्रकृतिवादी, टेलीविजन निर्माता और लेखक वाल्मिक थापर का 31 मई 2025 को नई दिल्ली में 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। पांच दशकों तक वे भारत…
वाल्मिक थापर मुंबई में आयोजित सैंचुरी वाइल्डलाइफ़ अवॉर्ड्स को संबोधित करते हुए। तस्वीर- सैंचुरी नेचर फाउंडेशन के सौजन्य से।
सुंदरबन में एक द्वीप जहां पहली कटाव-रोधी संरचना बनाई जा रही है। तस्वीर: सैफिस।

[वीडियो] टेराकोटा के छल्लों से सुदंरबन के मैंग्रोव को बचाने की सफल कोशिश

काल्पनिक उपन्यास ‘द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ में एक जादुई अंगूठी ही सब काम के लिए काफी है। "एक अंगूठी सब पर शासन करने के लिए, एक अंगूठी उन्हें खोजने…
सुंदरबन में एक द्वीप जहां पहली कटाव-रोधी संरचना बनाई जा रही है। तस्वीर: सैफिस।
जोधपुर में बने देश के पहले कूलिंग स्टेशन में बैठकर गर्मी से राहत पाते लोग। तस्वीर साभार- महिला हाउसिंग ट्रस्ट

बढ़ती गर्मी, लू से निपटने के लिए कूलिंग स्टेशन जैसी सुविधाओं को तेजी से अपनाना जरूरी

जगदीश जोधपुर नगर निगम का ट्रैक्टर चलाते हैं। थार रेगिस्तान का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले इस शहर में मार्च से जून के दौरान भीषण गर्मी पड़ती है। इन महीनों…
जोधपुर में बने देश के पहले कूलिंग स्टेशन में बैठकर गर्मी से राहत पाते लोग। तस्वीर साभार- महिला हाउसिंग ट्रस्ट
हाल ही में पश्चिमी घाट के स्थानिक मालाबार ट्री टॉड के फैलाव और भविष्य के निवास स्थान की उपयुक्तता के मॉडल पर किए गए एक अध्ययन में लगभग 85 सह-लेखक हैं, जिनमें से कई लोग ऐसे हैं जो वैज्ञानिक नहीं हैं लेकिन नागरिक विज्ञान के माध्यम से इस शोध से जुड़े हैं। तस्वीर: गुरुराजा के.वी. द्वारा।

मालाबार ट्री टॉडः आम लोगों के योगदान से आगे बढ़ता वैज्ञानिक शोध

विज्ञान में आम जनता कितना योगदान दे सकती है? शायद, बहुत कुछ — यह एक ऐसी बात है जिसे वैज्ञानिक तेज़ी से स्वीकार कर रहे हैं। पश्चिमी घाट में पाए…
हाल ही में पश्चिमी घाट के स्थानिक मालाबार ट्री टॉड के फैलाव और भविष्य के निवास स्थान की उपयुक्तता के मॉडल पर किए गए एक अध्ययन में लगभग 85 सह-लेखक हैं, जिनमें से कई लोग ऐसे हैं जो वैज्ञानिक नहीं हैं लेकिन नागरिक विज्ञान के माध्यम से इस शोध से जुड़े हैं। तस्वीर: गुरुराजा के.वी. द्वारा।
(प्रतिकात्मक तस्वीर) कोविड-19 आउटरीच कार्यक्रम। तस्वीर- ट्रिनिटी केयर फाउंडेशन, फ्लिकर (CC BY-NC-ND 2.0)।

अच्छे हेल्थ रिकॉर्ड के बावजूद केरल में क्यों बढ़ रही हैं संक्रामक और जूनोटिक बीमारियां

भारत में कोविड-19 का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था। मरीज 20 साल की एक महिला थी जिसे केरल के त्रिशूर जिले के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती…
(प्रतिकात्मक तस्वीर) कोविड-19 आउटरीच कार्यक्रम। तस्वीर- ट्रिनिटी केयर फाउंडेशन, फ्लिकर (CC BY-NC-ND 2.0)।
गोडावण कम्युनिटी कंजर्वेशन प्रोजेक्ट से जुड़े राधेश्याम बिश्नोई डेटा एकत्र करते हुए। तस्वीर सौजन्य- राधेश्याम बिश्नोई

थार में वन्यजीवों के रक्षक राधेश्याम बिश्नोई, ‘बड़ी जल्दी कर दी जाने में’ [श्रद्धांजलि]

थार के इलाके में जो कोई भी वन्यजीव संरक्षण से जुड़ा है, उसके लिए राधेश्याम पेमाणी बिश्नोई का नाम जाना-पहचाना है। राजस्थान के पोखरण तहसील के ढोलिया गांव से आने…
गोडावण कम्युनिटी कंजर्वेशन प्रोजेक्ट से जुड़े राधेश्याम बिश्नोई डेटा एकत्र करते हुए। तस्वीर सौजन्य- राधेश्याम बिश्नोई
जलवायु में बदलाव आम की गुणवत्ता पर असर डालते हैं, जिसका असर अक्सर फलों के खराब होने या उनमें स्पंजी टिशू बनने के रूप में दिखता है, जैसा कि यहां देखा जा सकता है। तस्वीर- लिसैन डायस

लू की चपेट में आमों का राजा अल्फांसो

महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग ज़िले के एक छोटे से गांव, कसाल में ज़मीन सूखी पड़ी है। पूरे कोंकण की तरह, कसाल में भी इस साल फरवरी से लगातार हीटवेव चल रही…
जलवायु में बदलाव आम की गुणवत्ता पर असर डालते हैं, जिसका असर अक्सर फलों के खराब होने या उनमें स्पंजी टिशू बनने के रूप में दिखता है, जैसा कि यहां देखा जा सकता है। तस्वीर- लिसैन डायस
नमामि गंगे, उत्तर प्रदेश वन विभाग, और इंडिया टर्टल कंज़र्वेशन प्रोग्राम (ITCP) के सहयोग से 20 बटागुर कछुगा को ऊपरी गंगा में छोड़ा गया है। इन कछुओं की सुरक्षा और प्रवास पर नजर रखने के लिए उन्हें सोनिक उपकरणों से टैग किया गया है। तस्वीर साभार- TSAFI

30 साल बाद गंगा में बटागुर कछुगा की वापसी, पहली बार कछुओं में लगाया सोनिक ट्रांसमीटर

गंगा नदी में लगभग विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुके रेड-क्राउन्ड रूफ्ड टर्टल या बटागुर कछुगा की 30 साल बाद वापसी हुई है। इस साल अप्रैल में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य,…
नमामि गंगे, उत्तर प्रदेश वन विभाग, और इंडिया टर्टल कंज़र्वेशन प्रोग्राम (ITCP) के सहयोग से 20 बटागुर कछुगा को ऊपरी गंगा में छोड़ा गया है। इन कछुओं की सुरक्षा और प्रवास पर नजर रखने के लिए उन्हें सोनिक उपकरणों से टैग किया गया है। तस्वीर साभार- TSAFI
सुनहरे सियार की आबादी का दायरा काफी व्यापक है, लेकिन संरक्षणवादियों का इस पर कम ही ध्यान जाता है। तस्वीर-ज़ाकिर हुसैन नाजर

‘जो मिला सो खा लिया’- जीवित रहने के लिए सुनहरे सियार की खानपान की खास आदतें

संसाधनों की कमी और प्रतिस्पर्धा से भरी दुनिया में जीवित रहने के लिए, सुनहरा सियार एक सीधी-सादी रणनीति अपनाता है: जो मिले, खा लो। उनकी आबादी का दूर-दूर तक फैला…
सुनहरे सियार की आबादी का दायरा काफी व्यापक है, लेकिन संरक्षणवादियों का इस पर कम ही ध्यान जाता है। तस्वीर-ज़ाकिर हुसैन नाजर
झारखंड में पलामू के निवासियों का कहना है कि राजहरा उत्तरी कोयला खदान के फिर से खुलने से भले ही कुछ अस्थायी लाभ मिल सकते हैं, लेकिन इससे विस्थापन और पर्यावरण को नुकसान का सिलसिला फिर से शुरू होने का जोखिम है। बिंदु देवी का कहना है कि वह उचित मुआवजे के लिए लड़ेंगी (दाएं)। सरकार ने फेयरमाइन कार्बन्स को खनन ब्लॉक आवंटित किए हैं, जिसने खनन शुरू कर दिया है (बाएं)। तस्वीर - अश्विनी कुमार शुक्ला\मोंगाबे।

झारखंड: उम्मीद और डर के साये में में बंद कोयला खदान से खनन शुरू

एक दशक से ज्यादा समय से बंद झारखंड में राजहरा उत्तर कोयला खदान अब निजी स्वामित्व में फिर से खोल दी गई है। इसके शुरू होने से स्थानीय स्तर पर…
झारखंड में पलामू के निवासियों का कहना है कि राजहरा उत्तरी कोयला खदान के फिर से खुलने से भले ही कुछ अस्थायी लाभ मिल सकते हैं, लेकिन इससे विस्थापन और पर्यावरण को नुकसान का सिलसिला फिर से शुरू होने का जोखिम है। बिंदु देवी का कहना है कि वह उचित मुआवजे के लिए लड़ेंगी (दाएं)। सरकार ने फेयरमाइन कार्बन्स को खनन ब्लॉक आवंटित किए हैं, जिसने खनन शुरू कर दिया है (बाएं)। तस्वीर - अश्विनी कुमार शुक्ला\मोंगाबे।
याक एवरेस्ट बेस कैंप तक आवश्यक सामान पहुंचाते हैं। ये जानवर न केवल कृषि जैव विविधता के संरक्षण और ऊंचाई पर स्थित चारागाहों के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि हिमालय के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में सांस्कृतिक परंपराओं, आजीविका और सामाजिक-आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण हैं। तस्वीर: चेंको डेमा द्वारा।

बदलते मौसम से कैसे प्रभावित हो रहा है याक का प्रजनन

नामचे बाजार नेपाल में स्थानीय शेरपा समुदाय का एक गांव है। यहां से एक खड़ी चढाई वाला रास्ता नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में स्यांगबोचे के घास के मैदानों तक ले…
याक एवरेस्ट बेस कैंप तक आवश्यक सामान पहुंचाते हैं। ये जानवर न केवल कृषि जैव विविधता के संरक्षण और ऊंचाई पर स्थित चारागाहों के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि हिमालय के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में सांस्कृतिक परंपराओं, आजीविका और सामाजिक-आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण हैं। तस्वीर: चेंको डेमा द्वारा।
नागौरी पान मेथी से डंठल निकालती महिलाएं। पान मेथी में पहली पांच कटिंग तक डंठल बहुत कम आते हैं। इसके बाद डंठल बढ़ने लगते हैं। तस्वीर- विशाल कुमार जैन/मोंगाबे

पाकिस्तानी कसूरी मेथी नहीं, नागौरी पान मेथी कहिए, राजस्थान में जीआई टैग की मांग

राजस्थान के नागौर जिले की रेतीली मिट्टी में उगने वाली पान मेथी अपनी खुशबू और स्वाद के लिए दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन हैरानी की बात है कि यह…
नागौरी पान मेथी से डंठल निकालती महिलाएं। पान मेथी में पहली पांच कटिंग तक डंठल बहुत कम आते हैं। इसके बाद डंठल बढ़ने लगते हैं। तस्वीर- विशाल कुमार जैन/मोंगाबे
महाराष्ट्र के पुणे में इंद्रायणी नदी पर बना एक तटबंध। तस्वीर- चकितनव्यास, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।

बाढ़ सुरक्षा संरचनाओं के बावजूद, बाढ़ की स्थिति और गंभीर क्यों हो रही है?

बाढ़ नियंत्रण हमेशा से ही भारतीय सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण मिशन रहा है। 2007 से अब तक राष्ट्रीय योजनाओं के जरिए बाढ़ सुरक्षा उपायों पर 13,000 करोड़ रुपये (130…
महाराष्ट्र के पुणे में इंद्रायणी नदी पर बना एक तटबंध। तस्वीर- चकितनव्यास, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।
जागरूकता पैदा करने के अपने लक्ष्य के एक हिस्से के तौर पर बीएमसी सरकार की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्यकर्ताओं को आक्रामक प्रजातियों की पहचान करने और उन्हें हटाने के लिए प्रशिक्षित करता है। तस्वीर: पुल्लूर पेरिया पंचायत बीएमसी के सौजन्य से।

स्थानीय सहयोग से एक सहायक नदी को फिर से जीवित करने की कहानी

केरल का कासरगोड जिला 12 नदियों का घर है, जिनमें से चिथारी इसके तटीय इलाके से होकर गुजरने वाली एक छोटी सी नदी है। चिथारी नदी इरिया कस्बे के पास…
जागरूकता पैदा करने के अपने लक्ष्य के एक हिस्से के तौर पर बीएमसी सरकार की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्यकर्ताओं को आक्रामक प्रजातियों की पहचान करने और उन्हें हटाने के लिए प्रशिक्षित करता है। तस्वीर: पुल्लूर पेरिया पंचायत बीएमसी के सौजन्य से।

बदलते भूमि उपयोग और नई सड़कों से प्रभावित होती जंगली शाकाहारी जानवरों की आबादी

बड़े स्तनधारियों की धीमी प्रजनन दर और जगह बदलते रहने की आदत की वजह से उन्हें बड़े परिक्षेत्र की आवश्यकता होती है। इसी के चलते उनके रहने की जगहों के…
स्पाइनी-टेल्ड लिजार्ड। तस्वीर- टी.आर.शंकर रमन, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) 

अवैध तेल व्यापार और घटते आवास ने राजस्थान की स्पाइनी टेल्ड लिजार्ड को खतरे में डाला

राजस्थान के पोखरण इलाके के विशाल, शुष्क घास के मैदानों में एक ऐसा छोटा, बिल में रहने वाला सरीसृप पाया जाता है, जिसे ढूंढ पाना आसान नहीं होता। स्पाइनली टेल्ड…
स्पाइनी-टेल्ड लिजार्ड। तस्वीर- टी.आर.शंकर रमन, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) 
मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कृपेकापुरा गांव में खेत में काम करते किसान। तस्वीर: नरवरिया, विकिमीडिया कॉमन्स (CC-BY-SA 4.0) द्वारा।

ओजोन प्रदूषण से फसलों के उत्पादन पर होगा असर, गेहूं पर सबसे अधिक प्रभाव

असामान्य मौसम की वजह से हर साल गेहूं की खेती करने वाले किसान कई चुनौतियों का सामना कर रहे है, लेकिन भविष्य में फसल के साथ चुनौतियां बढ़ने की वाली…
मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कृपेकापुरा गांव में खेत में काम करते किसान। तस्वीर: नरवरिया, विकिमीडिया कॉमन्स (CC-BY-SA 4.0) द्वारा।
गुजरात में एक सौर ऊर्जा संयंत्र। सोलर बिजली का उत्पादन स्थापित सोलर पैनल क्षमता और साइट की सोलर क्षमता पर निर्भर करता है। तस्वीर: Citizenmj द्वारा विकिमीडिआ कॉमन्स (CC-BY-SA-3.0) के माध्यम से।

बढ़ती गर्मी और प्रदूषण से प्रभावित होगी सोलर पैनलों की उत्पादन क्षमता: अध्ययन

भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के अपने प्रयासों में सौर ऊर्जा को सबसे महत्वपूर्ण माना है। इसी के चलते भारत ने साल 2030 तक 100 गीगावाट सौर बिजली के…
गुजरात में एक सौर ऊर्जा संयंत्र। सोलर बिजली का उत्पादन स्थापित सोलर पैनल क्षमता और साइट की सोलर क्षमता पर निर्भर करता है। तस्वीर: Citizenmj द्वारा विकिमीडिआ कॉमन्स (CC-BY-SA-3.0) के माध्यम से।
पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में टीबी के मरीज का एक्स-रे देखता हुआ डॉक्टर। फ्लिकर (CC BY-NC-ND 2.0) के जरिए ILO एशिया-पैसिफिक की तस्वीर।

टीबी के मामले बढ़ाने में जलवायु परिवर्तन का परोक्ष हाथ, मिल रहे संकेत

वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया भर में तापमान में बढ़ोतरी का दुष्प्रभाव टीबी पर भी दिख रहा है जिस पर अब तक कम ध्यान दिया गया है। इसलिए इस…
पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में टीबी के मरीज का एक्स-रे देखता हुआ डॉक्टर। फ्लिकर (CC BY-NC-ND 2.0) के जरिए ILO एशिया-पैसिफिक की तस्वीर।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के धान, गेहूं और गन्ने की खेती वाली पट्टी में मानसून के 12 में से सिर्फ दो हफ़्तों में सामान्य बारिश हुई। किसान इससे बड़ी दिक्कत में हैं। तस्वीर: ঈশান জ্যোতি বৰা, Wikimedia Commons (CC BY-SA 4.0) द्वारा।

सिंधु-गंगा के मैदानों में बारिश के बदलाव से खेती पर पड़ता प्रभाव

धान की खेती के लिए मशहूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले के किसान मोहसिन खान जानते हैं कि आने वाला समय उनके लिए दिक्कतों से भरा होने वाला है।…
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के धान, गेहूं और गन्ने की खेती वाली पट्टी में मानसून के 12 में से सिर्फ दो हफ़्तों में सामान्य बारिश हुई। किसान इससे बड़ी दिक्कत में हैं। तस्वीर: ঈশান জ্যোতি বৰা, Wikimedia Commons (CC BY-SA 4.0) द्वारा।
काली गाजर की सफाई करते तुलसी राम माली। तस्वीर- विशाल कुमार जैन

काली गाजर की खेती को बढ़ावा देने की कोशिश, पोषण सुरक्षा के लिए काम की चीज

राजस्थान में चूरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे में रेलवे फाटक संख्या चार से आगे जाने वाली सड़क के दोनों तरफ आपको पक्के मकान दिखेंगे। डेढ़ किलोमीटर लंबी इस सड़क पर…
काली गाजर की सफाई करते तुलसी राम माली। तस्वीर- विशाल कुमार जैन
रेहड़ी वाले और दिहाड़ी मजदूर बढ़ती गर्मी से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले तबकों में से एक हैं। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY SA 4.0) के जरिए अवात्रावा की तस्वीर।

सरकारी विभागों में तालमेल का अभाव से बेअसर होते भीषण गर्मी से निपटने के उपाय

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का पूर्वानुमान है कि इस साल गर्मियों में देश के ज्यादातर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। दिन और रात में ज्यादा तापमान के अलावा,…
रेहड़ी वाले और दिहाड़ी मजदूर बढ़ती गर्मी से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले तबकों में से एक हैं। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY SA 4.0) के जरिए अवात्रावा की तस्वीर।
मजबूत बाजार मांग के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश मसाला चीन और वियतनाम से आता है, क्योंकि स्थानीय उत्पादन घट रहा है। तस्वीर- सुरजीत शर्मा

[वीडियो] अरुणाचल प्रदेश में जायकेदार मसाला चक्र फूल की हो रही वापसी

अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी हिमालय पर समुद्र तल से 2,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित न्युकमाडुंग गाँव में करीब 100 परिवार रहते हैं। जब पहाड़ों की चोटियों पर सुबह की…
मजबूत बाजार मांग के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश मसाला चीन और वियतनाम से आता है, क्योंकि स्थानीय उत्पादन घट रहा है। तस्वीर- सुरजीत शर्मा
नीलगिरी तमिलनाडु का एक महत्वपूर्ण कृषि जिला है जो पूरे दक्षिण भारत में कृषि उपज वितरित करता है। यहाँ खेती में रसायनों का अत्यधिक उपयोग एक गंभीर चिंता का विषय है। तस्वीर- अभिषेक एन. चिन्नाप्पा द्वारा मोंगाबे के लिए।

क्या ऑर्गेनिक फसलों के बाजार दिला पाएंगे नीलगिरि को रासायनिक खेती से मुक्ति?

तमिलनाडु के कूनूर में मशहूर सिम्स पार्क के सामने स्थित हॉर्टिकल्चर केंद्र पिछले साल जून में प्रदेश के नीलगिरि जिले से आए आर्गेनिक या जैविक खेती करने वाले किसानों के…
नीलगिरी तमिलनाडु का एक महत्वपूर्ण कृषि जिला है जो पूरे दक्षिण भारत में कृषि उपज वितरित करता है। यहाँ खेती में रसायनों का अत्यधिक उपयोग एक गंभीर चिंता का विषय है। तस्वीर- अभिषेक एन. चिन्नाप्पा द्वारा मोंगाबे के लिए।