पर्यावरण

युवा जलवायु इंटर्नशिप सत्र के दौरान तटीय खतरों पर चर्चा करते प्रतिभागी। तस्वीर- अपर्णा गणेशन।

चेन्नई में पर्यावरण और जलवायु साक्षरता बेहतर कर रहा प्रकृति-आधारित पढ़ाई का तरीका

प्रकृतिवादी, शिक्षक और कार्यकर्ता, युवान एवेस बच्चों के 18 सदस्यीय समूह के साथ तमिलनाडु के चेन्नई में इलियट समुद्र तट के किनारे घूम रहे हैं। वह बच्चों को एक सीप…
युवा जलवायु इंटर्नशिप सत्र के दौरान तटीय खतरों पर चर्चा करते प्रतिभागी। तस्वीर- अपर्णा गणेशन।
कर्नाटक के बेल्लारी में थर्मल पॉवर प्लांट। तस्वीर- प्रणव कुमार/मोंगाबे।

ग्रीन क्रेडिट से पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन, लेकिन चाहिए मजबूत नियामक तंत्र

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने टिकाऊ विकास और पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़ाने के लिए "ग्रीन क्रेडिट" स्कीम का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत व्यक्ति, संगठन और उद्योग पर्यावरण के…
कर्नाटक के बेल्लारी में थर्मल पॉवर प्लांट। तस्वीर- प्रणव कुमार/मोंगाबे।
लद्दाख के नाजुक पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अभियान के तहत सोनम वांगचुक ने जून 2023 में क्लाइमेट फास्ट (जलवायु उपवास) रखा। तस्वीर- सोनम वांगचुक/ट्विटर

[साक्षात्कार] छठवीं अनुसूची में संरक्षण मिलने से कैसे बचेगी नाजुक लद्दाख की आबोहवा, समझा रहे हैं पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक

ग्लेशियर की वजह से लद्दाख में जीवन संभव है। सबसे बड़ा मुद्दा ग्लेशियर के तेजी से पिघलने का है। यह एक ठंडा रेगिस्तान है और यहां जिंदगी मुमकिन है तो…
लद्दाख के नाजुक पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अभियान के तहत सोनम वांगचुक ने जून 2023 में क्लाइमेट फास्ट (जलवायु उपवास) रखा। तस्वीर- सोनम वांगचुक/ट्विटर
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे

जैव-विविधता वित्त और इसकी अहमियत

जैव-विविधता के संरक्षण के लिए पूंजी जुटाना और उसका प्रबंधन करना जैव विविधता वित्त या बायो डायवर्सिटी फाइनेंस है। यह संरक्षण वित्त के जैसे व्यापक विषय के तहत आता है,…
पेड़ों के भीतर छिपता हुआ हाथी। भारत की राष्ट्रीय जैव-विविधता कार्य योजना को लागू करने के लिए 12 अरब डॉलर वार्षिक का अनुमान लगाया गया है। तस्वीर- एस गोपीकृष्ण वारियर/मोंगाबे
रंग लाई गैंड़ा संरक्षण की कोशिशें, यूपी के दुधवा में चार दशक में आठ गुना बढ़ी गैंडों की आबादी

[वीडियो] रंग लाई गैंडा संरक्षण की कोशिशें, यूपी के दुधवा में चार दशक में आठ गुना बढ़ी गैंडों की आबादी

भारत में जब भी एक सींग वाले गैंडे (राइनो) की बात होती है, तो हमारे दिमाग में एक नाम ही आता है। वो है असम का काजीरंगा नेशनल पार्क। लेकिन…
रंग लाई गैंड़ा संरक्षण की कोशिशें, यूपी के दुधवा में चार दशक में आठ गुना बढ़ी गैंडों की आबादी
लेह और हिमालयी क्षेत्र में बढ़ते पर्यटन से बढ़ता कचरा। तस्वीर- जुआन डेल रियो/लोकल फ्यूचर्स।

लेह में पर्यटकों की बढ़ती भीड़ से पर्यावरण प्रभावित होने की आशंका

अक्टूबर 2020 में रोहतांग दर्रे पर अटल सुरंग (टनल) खुलने के बाद पिछले दो वर्षों के दौरान इस क्षेत्र में वाहनों का आवागमन बहुत बढ़ा है। लद्दाख के लेह शहर…
लेह और हिमालयी क्षेत्र में बढ़ते पर्यटन से बढ़ता कचरा। तस्वीर- जुआन डेल रियो/लोकल फ्यूचर्स।
मानसून धान के खेत में स्वेच्छा से कोंकणी रान माणूस अतिथि। तस्वीर- कोंकणी रान माणूस

पर्यावरण को सहेजते हुए आगे बढ़ता कोंकण का इको-टूरिज्म

महाराष्ट्र में पर्यटन को लेकर एक नई पहल लोकप्रिय हो रही है। इसमें पर्यटकों को स्थानीय समुदायों की जीवन शैली और उनके कम कार्बन-फुटप्रिंट यानी किसी इकाई (व्यक्ति या संस्था)…
मानसून धान के खेत में स्वेच्छा से कोंकणी रान माणूस अतिथि। तस्वीर- कोंकणी रान माणूस
राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र में दीवार पर 'माण्डणा' कला बनाती एक राजस्थानी महिला। इस कला में खड़ी, गेरू और चूने से आंगन और दीवारों पर मोर, बिल्ली, शेर, कोयल ,पेड़-पौधों को बनाकर घरों को सजाया जाता है। तस्वीर- मदन मीणा

राजस्थान: लोकगीतों के संसार से दिखता प्रकृति का अद्भुत नजारा

जेठ का महीना था और रात के इस चौथे पहर में भी झुलस जाने का डर तारी था। दिन भर की चिलचिलाती धूप में तपने के बाद आम लोगों की…
राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र में दीवार पर 'माण्डणा' कला बनाती एक राजस्थानी महिला। इस कला में खड़ी, गेरू और चूने से आंगन और दीवारों पर मोर, बिल्ली, शेर, कोयल ,पेड़-पौधों को बनाकर घरों को सजाया जाता है। तस्वीर- मदन मीणा
रूफस-थ्रोटेड व्रेन-बब्बलर (Spelaeornis caudatus)। तस्वीर- माइक प्रिंस / फ़्लिकर

नेपाल और भारत में निर्माण के नियम ‘वन्यजीवों के हित में’ पर पक्षियों के नहीं

भारत और नेपाल जैसे विकासशील देशों के लिए बिजली, सड़क, पुल, रेलवे लाइन जैसे मूलभूत ढ़ांचा का निर्माण बहुत जरूरी है। हालांकि, ये निर्माण अक्सर जंगलों के बीच से गुजरते…
रूफस-थ्रोटेड व्रेन-बब्बलर (Spelaeornis caudatus)। तस्वीर- माइक प्रिंस / फ़्लिकर