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86 खबरें

महाराष्ट्र के आदिवासी जिलों में शहद निकालने का आया एक नया टिकाऊ तरीका

[कॉमेंट्री] बीते सदी में वन अधिकार को लेकर बदलता नजरिया और उससे जूझते लोग

झारखंड: पत्थर उत्खनन से राजमहल की पहाड़ी के साथ आदिम जनजाति का अस्तित्व संकट में

क्या देश में कोयला संकट से तैयार हो रहा कानूनों में परिवर्तन का रास्ता?

मार्फत बोधघाट परियोजना, छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज और कांग्रेस सरकार के ढाई साल

अचानकमार टाइगर रिजर्वः जिस जंगल में बचपन बीता वहीं फॉरेस्ट गाइड बन गईं ये महिलाएं

[साक्षात्कार] संरक्षण और मानव-वन्यजीव टकराव की ओर ध्यान आकर्षित करने का एक गंभीर प्रयास है शेरनी

[कॉमेंट्री] लक्षद्वीप के अनकहे संकट

अपने घर में ही दर-बदर हो गए उत्तराखंड के वन गुर्जर

साल 2021 वनवासियों पर भारी, कोविड-19 लॉकडाउन के साथ पड़ी जंगल की आग की मार

लघु वनोपज संग्रहण का मॉडल राज्य छत्तीसगढ़ में कितनी सुधरी आदिवासियों की स्थिति?

पीएम किसान योजना: क्या झारखंड के आदिवासी किसानों के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार?

[वीडियो] हसदेव अरण्य और लेमरु हाथी रिजर्व: कोयले की चाह, सरकारी चक्र और पंद्रह साल का लंबा इंतजार

हरियाली बचाने के वास्ते गोंड समुदाय ने शवों को नहीं जलाने का लिया फैसला

सुंदरबन में भ्रांति और अनदेखी के बीच पिसती ‘बाघ विधवाएं’

छत्तीसगढ़ और कोयला खनन: पेसा कानून की अनदेखी पर फिर उठे सवाल, सरकार और ग्रामीण आमने-सामने

खनन ने लील लिया परिवार पर पापी पेट की वजह से खदान में वापस आने को मजबूर हैं महिलाएं

ग्राम: छोटे किसानों को सही दाम दिलाने के लिए तीन साल पहले लायी गयी योजना कागजों तक सीमित

खनन का दंश झेल रही देश की महिलाएं, स्वास्थ्य से लेकर अस्मिता तक खतरे में

प्रकृति पूजक डोंगरिया आदिवासी सहेज रहे बीजों की विरासत, बदलते मौसम में भी बरकरार पैदावार

विस्थापन के भय से छत्तीसगढ़ के भोरमदेव जंगल को टाइगर रिजर्व बनाने के विरोध में बैगा आदिवासी

गुजरात में पाए जाते हैं तैरने वाले ऊंट, मंडराने लगा है इनके अस्तित्व पर खतरा

राजस्थान-गुजरात के बीच जंगल का गलियारा अब इको सेंसेटिव जोन, क्या आसान होगा भालुओं का सफर?

संपादक की नजर में 2020: वायरस से जुड़ी चिंता के बीच पर्यावरण को लेकर मिले मौके चूक जाने का वर्ष

मध्य प्रदेश में वनों को कॉर्पोरेट को देने की कोशिश हुई तेज, हो सकता है मुखर विरोध

आदिवासियों को जंगल से उजाड़ने वाली जम्मू-कश्मीर सरकार को क्या वाकई है पर्यावरण की चिंता