उत्तराखंड  News

अप्रैल 2016 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चितई के पास चीड़ के जंगलों में लगी आग। फाइल तस्वीर- Ramwik/विकिमीडिया कॉमन्स

बकाया वेतन, संसाधनों का अभाव, जंगल की आग से कैसे लड़ेंगे उत्तराखंड के अग्नि प्रहरी

इस साल उत्तराखंड के लगभग सभी जिलों में वनाग्नि के मामले दर्ज किये गए। राज्य की दोनों प्रशासनिक इकाइयों में सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में उत्तरकाशी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, देहरादून…
अप्रैल 2016 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के चितई के पास चीड़ के जंगलों में लगी आग। फाइल तस्वीर- Ramwik/विकिमीडिया कॉमन्स
पर्यटन के चरम सीजन के दौरान उजाड़ जोशीमठ बाजार से गुजरता एक व्यक्ति। तस्वीर-कुलदीप सिंह।

उत्तराखंडः पर्यटकों की कमी से जोशीमठ की अर्थव्यवस्था चरमराई

उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में फरवरी की एक धूप भरी दोपहर में  65 साल के मोतीराम जोशी अपने जनरल स्टोर पर लोगों के आने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि,…
पर्यटन के चरम सीजन के दौरान उजाड़ जोशीमठ बाजार से गुजरता एक व्यक्ति। तस्वीर-कुलदीप सिंह।
उत्तराखंड के पौड़ी जिले स्थित श्रीनगर वैली का दृश्य। ब्लैक कार्बन अब उच्च हिमालयीय क्षेत्रों में स्थित ग्लेशियरों तक पहुंच रहा है, जिसके कारण ग्लेशियरों के पिघलने की गति बढ़ रही है। तस्वीर- सत्यम कुमार/मोंगाबे

बढ़ते वाहन, जंगल की आग से निकलने वाला ब्लैक कार्बन ग्लेशियरों के लिए बनता बड़ा ख़तरा

ब्लैक कार्बन हाल ही में वैश्विक जलवायु परिवर्तन में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में उभर कर सामने आया है, जो संभवतः वैश्विक जलवायु परिवर्तन के मुख्य चालक कार्बन डाइऑक्साइड…
उत्तराखंड के पौड़ी जिले स्थित श्रीनगर वैली का दृश्य। ब्लैक कार्बन अब उच्च हिमालयीय क्षेत्रों में स्थित ग्लेशियरों तक पहुंच रहा है, जिसके कारण ग्लेशियरों के पिघलने की गति बढ़ रही है। तस्वीर- सत्यम कुमार/मोंगाबे
स्यूसाल गांव के लोगों ने अपने गांव में प्लास्टिक डिस्पोजेबल के इस्तेमाल को पूर्ण रूप से बंद कर दिया है। अब गांव में होने वाले किसी भी छोटे या बड़े समारोह में प्लास्टिक के दोने, प्लेट और ग्लास के स्थान पर स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। तस्वीर- सत्यम कुमार/मोंगाबे

प्लास्टिक कचरे का स्थानीय स्तर पर समाधान ढूंढते उत्तराखंड के गांव

भीम सिंह रावत (41) उत्तराखंड के पौड़ी जिला मुख्यालय से लगभग 150 किमी दूर थलीसैण विकास खंड के स्यूसाल गांव के रहने वाले हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नौकरी करने…
स्यूसाल गांव के लोगों ने अपने गांव में प्लास्टिक डिस्पोजेबल के इस्तेमाल को पूर्ण रूप से बंद कर दिया है। अब गांव में होने वाले किसी भी छोटे या बड़े समारोह में प्लास्टिक के दोने, प्लेट और ग्लास के स्थान पर स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। तस्वीर- सत्यम कुमार/मोंगाबे
खेत में मिलेट्स निकालती एक महिला किसान। तस्वीर- वर्षा सिंह/मोंगाबे

उत्तराखंडः आहार संस्कृति, कृषि विविधता और आजीविका से जुडा गढ़भोज अभियान

मंडुवे की रोटी, गहत की दाल, लिंगुड़े की भुज्जी, लाल भात, रायते में जख्या का तडका। देहरादून के 40 वीं वाहिनी पीएसी की पुलिस कैंटीन में जवान पूरी गर्मजोशी के…
खेत में मिलेट्स निकालती एक महिला किसान। तस्वीर- वर्षा सिंह/मोंगाबे
जोशीमठ में एक क्षतिग्रस्त घर। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

उत्तराखंड: आपदा के बाद मुआवजे की धीमी रफ़्तार, जटिल प्रक्रिया से परेशान जोशीमठ के लोग

"हमारा मकान मिट्टी का बना था, जो आपदा के कारण रहने लायक नहीं बचा। अब जब हम मुआवजे के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो हमें कहा जा रहा है…
जोशीमठ में एक क्षतिग्रस्त घर। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
जोशीमठ आपदा से प्रभावित सुनैना सकलानी का मकान। राहत शिविर में हो रही परेशानियों की वजह से उन्होंने इसी मकान में वापस रहने का फैसला किया है। तस्वीर- सत्यम कुमार

[वीडियो] उत्तराखंड: जोशीमठ संकट के चार महीने बाद किस हाल में हैं प्रभावित लोग

“हमें अपने खेतों और पशुओं की देखभाल के लिए दिन में कई बार अपने राहत शिविर से अपने घर आना पड़ता था और अब तो शिविर में खाना भी नहीं…
जोशीमठ आपदा से प्रभावित सुनैना सकलानी का मकान। राहत शिविर में हो रही परेशानियों की वजह से उन्होंने इसी मकान में वापस रहने का फैसला किया है। तस्वीर- सत्यम कुमार
मटर के खेत में निराई-गुराई का काम करतीं पोखरा ब्लॉक के वीणा धार गांव में रहने वाली महिलाएं। तस्वीर- सत्यम कुमार/मोंगाबे

उत्तराखंड में किसानों को क्यों नहीं मिल पा रहा जैविक खेती का लाभ

उत्तराखंड में कोटद्वार से लगभग 100 किलोमीटर दूर पोखरा ब्लॉक के वीणाधार गांव में रहने वाली लता देवी पूरे दिन व्यस्त रहती हैं। अहले सुबह वो अपनी गाय को दूहती…
मटर के खेत में निराई-गुराई का काम करतीं पोखरा ब्लॉक के वीणा धार गांव में रहने वाली महिलाएं। तस्वीर- सत्यम कुमार/मोंगाबे
उत्तराखंड में देवप्रयाग में ढलान के किनारे बने भवन। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे

उत्तराखंड : हिमालयी क्षेत्र में आपदाओं को न्योता देती बिना योजना के बन रही इमारतें

अड़तालीस साल की बिमला देवी जोशीमठ में रहती हैं। उनका घर इस पहाड़ी शहर तक आने वाली रोड से कुछ दूर ऊबड़-खाबड़ ढलान पर है। बिमला देवी का दो मंजिला…
उत्तराखंड में देवप्रयाग में ढलान के किनारे बने भवन। तस्वीर- मनीष कुमार / मोंगाबे
जोशीमठ के बाजार में चहलकदमी करता एक आदमी। फोटो: मनीष कुमार/मोंगाबे।

उत्तराखंडः धंसती जमीन और अस्थायी पुनर्वास के बीच फंसे जोशीमठ के लोग

फौज से रिटायर होने के बाद अब्बल सिंह (65) ने जोशीमठ में अपने सपनों का घर बनाया। कस्बे की पहाड़ी ढलानों पर बने इस तीन मंजिला घर में उन्होंने लगभग…
जोशीमठ के बाजार में चहलकदमी करता एक आदमी। फोटो: मनीष कुमार/मोंगाबे।
हरिद्वार के श्यामपुर रेंज में राजाजी नेशनल पार्क की सीमा पर लगा वॉच टॉवर। तस्वीर- वर्षा सिंह (बाएं) गुलदार की प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स

कोशिशों पर करोड़ों खर्च, उत्तराखंड में काबू के बाहर मानव-वन्यजीव संघर्ष

इस साल एक जनवरी को जब सभी लोग नए साल की ख़ुशियां मना रहे थे, तभी उत्तराखंड के पौड़ी के चौबट्टाखाल तहसील का पांथर गांव गुस्से में था। इस गाँव…
हरिद्वार के श्यामपुर रेंज में राजाजी नेशनल पार्क की सीमा पर लगा वॉच टॉवर। तस्वीर- वर्षा सिंह (बाएं) गुलदार की प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स
जोशीमठ के बाद अब उत्तराखंड के कर्णप्रयाग से भी मकान धंसने की तस्वीरें आ रही हैं। तस्वीर- सत्यम कुमार

[वीडियो] उत्तराखंड में जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग में भी सामने आईं दरारें

उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में रहने वाली सुशीला कोठियाल के घर में कभी पांच सदस्य रहते थे, लेकिन अब सिर्फ पति-पत्नी रहते हैं। वजह है उनका दरकता हुआ मकान। उन्होंने मकान…
जोशीमठ के बाद अब उत्तराखंड के कर्णप्रयाग से भी मकान धंसने की तस्वीरें आ रही हैं। तस्वीर- सत्यम कुमार
स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ जगह की कमी की समस्या नहीं है, बल्कि, डॉक्टरों की कमी, खून उपलब्ध न होना, और अल्ट्रा साउंड मशीन के तकनीकी स्टाफ का न होना भी मरीजों की परेशानी का कारण है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

जोशीमठ संकटः खतरे की जद में जोशीमठ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, परेशानी में गर्भवती महिलाएं

जोशीमठ निवासी उषा शाही पर मकानों में आई दरार की समस्या का असर कहीं अधिक हुआ। दरारों की वजह से खतरनाक हो चुके मकानों को छोड़कर जब लोग सुरक्षित स्थानों…
स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ जगह की कमी की समस्या नहीं है, बल्कि, डॉक्टरों की कमी, खून उपलब्ध न होना, और अल्ट्रा साउंड मशीन के तकनीकी स्टाफ का न होना भी मरीजों की परेशानी का कारण है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
जोशीमठ में दरारों की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर में अब तक 849 मकानों में दरारें देखी गईं। शहर के 838 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे

जोशीमठ संकटः 46 सालों से बनती आ रही कमेटियां, क्या इस बार नहीं होगी सुझावों की अनदेखी

जैसे ही उत्तराखंड के जोशीमठ से मकानों में दरारों की ख़बरों की शुरुआत हुई, वैसे ही राज्य और केंद्र सरकारें हरकत में आयीं और आनन-फानन में जोशीमठ में हो रहे…
जोशीमठ में दरारों की वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शहर में अब तक 849 मकानों में दरारें देखी गईं। शहर के 838 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है। तस्वीर- मनीष कुमार/मोंगाबे
जोशीमठ के तकरीबन 700 सौ मकानों में दरारें आ रही हैं। यहां के मकान तेजी से धंस रहे हैं। तस्वीर- सत्यम कुमार

उत्तराखंड का एक दरकता शहरः कैसे बदतर हुए जोशीमठ के हालात

ऋषि देवी (37) के परिवार के लिए जोशीमठ का सरकारी स्कूल इन दिनों आशियाना बना हुआ है। सर्द रातों में जब पारा -3 डिग्री सेल्सियस पहुँच जाता है, ऋषि देवी…
जोशीमठ के तकरीबन 700 सौ मकानों में दरारें आ रही हैं। यहां के मकान तेजी से धंस रहे हैं। तस्वीर- सत्यम कुमार
जोशीमठ में 678 मकान जर्जर हो गए हैं। वहां से लोगों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है। तस्वीर- सत्यम कुमार

[वीडियो] ढह रहा उत्तराखंड का जोशीमठ, किस हाल में हैं वहां के लोग?

उत्तराखंड के शहर जोशीमठ में हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। कोई अपने घर से फर्नीचर निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचा रहा है तो कोई अपने परिवार समेत घर छोड़ने की…
जोशीमठ में 678 मकान जर्जर हो गए हैं। वहां से लोगों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है। तस्वीर- सत्यम कुमार
देश का 30% भौगोलिक क्षेत्र संरक्षित करने के लिए अब निजी प्रयासों से जैव-विविधता समृद्ध क्षेत्र चिन्हित किए जा रहे हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह

जैव-विविधता को सहेजने के लिए सामुदायिक भागीदारी से बढ़ेगा संरक्षित क्षेत्र

जैव-विविधता पर गहराते संकट को हल करने के लिए दुनिया भर में कई तरह की कोशिशें चल रही हैं। इन्हीं में से एक है  साल 2030 तक धरती के 30…
देश का 30% भौगोलिक क्षेत्र संरक्षित करने के लिए अब निजी प्रयासों से जैव-विविधता समृद्ध क्षेत्र चिन्हित किए जा रहे हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह
सरखेत गांव के प्राथमिक विद्यालय का आधा से ज्यादा हिस्सा मलबे दब गया है। तस्वीर-त्रिलोचन भट्ट

गुजरते मॉनसून ने उत्तराखंड में मचाई तबाही, जान-माल का भारी नुकसान

भले ही इस साल उत्तराखंड में मॉनसून में बारिश औसत से कम हुई है। लेकिन बारिश और भूस्खलन से जान-माल का नुकसान जारी है। राज्य में 15 जून से 28…
सरखेत गांव के प्राथमिक विद्यालय का आधा से ज्यादा हिस्सा मलबे दब गया है। तस्वीर-त्रिलोचन भट्ट
साइकिल से ट्रैफिक जाम के बीच स्कूल जाता हुआ बच्चा। देहरादून में वर्ष 2017 में स्मार्ट सिटी का कार्य शुरू हुआ था। मिशन के पांचवे साल में भी देहरादून में साइकिल लेन नहीं बन सकी हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह

कई स्मार्ट शहरों में 5 सालों में भी नहीं बन पाए साइकिल ट्रैक, वापसी पर लग रहा ब्रेक

बढ़ता तापमान, ट्रैफिक जाम, वाहनों से निकलने वाला धुआं और बीमारियों के चंगुल में फंसते शहर अब राहत भरी सांस के लिए तरस रहे हैं। सड़क पर वाहनों की भीड़…
साइकिल से ट्रैफिक जाम के बीच स्कूल जाता हुआ बच्चा। देहरादून में वर्ष 2017 में स्मार्ट सिटी का कार्य शुरू हुआ था। मिशन के पांचवे साल में भी देहरादून में साइकिल लेन नहीं बन सकी हैं। तस्वीर- वर्षा सिंह
राजाजी नेशनल पार्क उत्तराखंड में विचरण करता एक हाथी। तस्वीर- Achat1999/विकिमीडिया कॉमन्स

उत्तराखंड में हाथियों की लीद में मिला प्लास्टिक, कांच और अन्य कचरा

द जर्नल फॉर नेचर कंजर्वेशन में पिछले महीने छपे एक अध्ययन में उत्तराखंड के जंगलों में हाथी के लीद में प्लास्टिक और अन्य मानव निर्मित सामग्री के मौजूद होने का…
राजाजी नेशनल पार्क उत्तराखंड में विचरण करता एक हाथी। तस्वीर- Achat1999/विकिमीडिया कॉमन्स
तिलाड़ी मेमोरियल की तस्वीर। तिलाड़ी विद्रोह टिहरी राजशाही की क्रूरता और जंगल से लोगों को बेदखल किये जाने के खिलाफ था। तस्वीर- हृदयेश जोशी

तिलाड़ी विद्रोह की 92वीं बरसी, आज भी जंगल और वन अधिकारों का वही संघर्ष

करीब 100 साल पहले जिस वक्त महाराष्ट्र में मुलशी पेटा के किसान देश का पहला बांध विरोधी आंदोलन चला रहे थे, सुदूर उत्तर के हिमालयी पहाड़ों में भी जन-संघर्ष मुखर…
तिलाड़ी मेमोरियल की तस्वीर। तिलाड़ी विद्रोह टिहरी राजशाही की क्रूरता और जंगल से लोगों को बेदखल किये जाने के खिलाफ था। तस्वीर- हृदयेश जोशी
भागीरथी इको सेंसटिव ज़ोन के इस क्षेत्र में हज़ारों पेड़ सड़क चौड़ीकरण के लिये कटेंगे। तस्वीर- हृदयेश जोशी

उत्तराखंडः गंगोत्री मार्ग के घने जंगल मुश्किल में, भागीरथी इको सेंसेटिव जोन में पेड़ों पर मंडराता खतरा

उत्तरकाशी ज़िले के भटवाड़ी ब्लॉक में रहने वाले मोहन सिंह राणा ने 17 साल सेना में नौकरी की। अब यह रिटायर फौजी संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में अपने जंगलों को बचाने…
भागीरथी इको सेंसटिव ज़ोन के इस क्षेत्र में हज़ारों पेड़ सड़क चौड़ीकरण के लिये कटेंगे। तस्वीर- हृदयेश जोशी
भुवनेश्वरी चंदोला, रावतगांव की आखिरी बची हुई ग्रामीणों में से एक हैं। वह अपने पति ओमप्रकाश चंदोला और मेजर गोर्की के साथ ऐसे फल और सब्जियां उगाने की कोशिश कर रहीं हैं जो अब उनके गांव में नहीं उगती हैं। तस्वीर- अर्चना सिंह

एक फौजी की कोशिश से दोबारा आबाद हुए उत्तराखंड के ‘भुतहा गांव’

उत्तराखंड को देव भूमि के नाम से जाना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में यह राज्य जलवायु परिवर्तन, कुदरती हादसों और उसकी वजह से हो रहे पलायन को लेकर…
भुवनेश्वरी चंदोला, रावतगांव की आखिरी बची हुई ग्रामीणों में से एक हैं। वह अपने पति ओमप्रकाश चंदोला और मेजर गोर्की के साथ ऐसे फल और सब्जियां उगाने की कोशिश कर रहीं हैं जो अब उनके गांव में नहीं उगती हैं। तस्वीर- अर्चना सिंह
सूखे शौचालय से निकला खाद। तस्वीर- रक्षक कुमार आचार्य

हिमालय क्षेत्र में जैविक खाद की बढ़ी संभावना, सफल रहा शौचालय के साथ प्रयोग

सुनने में भी भले ही यह अटपटा लगे, लेकिन मानव मल का इस्तेमाल खाद के तौर पर हिमालय क्षेत्र में लंबे समय से होता आ रहा है। यहां इतनी ठंड…
सूखे शौचालय से निकला खाद। तस्वीर- रक्षक कुमार आचार्य
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। तस्वीर- वर्षा सिंह।

सौर ऊर्जा से पूरी हो सकती है उत्तराखंड की ऊर्जा जरूरत

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का डर हमेशा बना ही रहता है। वैसे तो इसके लिए अन्य प्राकृतिक वजहें भी हैं पर अब इसके साथ यहां जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी…
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। तस्वीर- वर्षा सिंह।

नदियां कैसे बन गई प्लास्टिक कचरे की हाइवे, हरिद्वार, आगरा और प्रयागराज में हुआ सर्वे

गंगा नदी में प्लास्टिक कचरे के स्रोत को समझने के लिए हाल ही में उत्तर भारत के तीन शहरों में एक सर्वे किया गया। इससे सामने आया कि 10 से…
उत्तराखंड के रामगढ़ तल्ला में तबाही के अवशेष। तस्वीर- त्रिलोचन भट्ट

बेमौसम बरसात से तबाह उत्तराखंड, जान-माल की भारी क्षति, केरल में भी बड़ी तबाही

मॉनसून बीत चुका था और उत्तराखंड में सामान्य जन-जीवन पटरी पर लौटने लगा था। इस बार 117 दिन तक सक्रिय रहे मॉनसून के बाकायदा, विदा होने की घोषणा हो चुकी…
उत्तराखंड के रामगढ़ तल्ला में तबाही के अवशेष। तस्वीर- त्रिलोचन भट्ट
पिछले दो दशकों में उत्तराखंड ने 1,200 से अधिक तेंदुओं को खोया है। तस्वीर- डेविड राजू/विकिमीडिया कॉमन्स

उत्तराखंड में तेंदुओं के साथ जीवन और जिम कार्बेट की विरासत

लगभग सौ साल पुरानी बात है। एक आदमखोर तेंदुए ने रुद्रप्रयाग के क्षेत्र में भारी तबाही मचा रखी थी। आठ साल में कम से कम 125 लोगों की जान लेने…
पिछले दो दशकों में उत्तराखंड ने 1,200 से अधिक तेंदुओं को खोया है। तस्वीर- डेविड राजू/विकिमीडिया कॉमन्स
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। राज्य सरकार ने कोविड-19 की वजह से बेरोजगार हुए लोगों को पलायन से रोकने के लिए सौर स्वरोज़गार योजना की शुरुआत की थी। तस्वीर- वर्षा सिंह

[वीडियो] उत्तराखंड: सौर स्वरोज़गार योजना की इस रफ़्तार से कैसे रुकेंगे रोज़गार की तलाश कर रहे प्रवासी

पर्वतीय ज़िले पौड़ी के कोट ब्लॉक के कोट गांव के सागर रावत की दिल्ली की आईटी कंपनी की नौकरी छूट गई थी। वह बताते हैं, “लॉकडाउन की वजह से मेरे…
उत्तराखंड की वादियों में लगे सोलर पैनल्स। राज्य सरकार ने कोविड-19 की वजह से बेरोजगार हुए लोगों को पलायन से रोकने के लिए सौर स्वरोज़गार योजना की शुरुआत की थी। तस्वीर- वर्षा सिंह
रोजी-रोटी के लिए वन गुज्जर मवेशियों पर निर्भर है। वन विभाग की सख्ती की वजह से वे मवेशी चराने के लिए जंगल नहीं जा सकते। तस्वीर- निशांत सैनी

जंगल की रक्षा करने वाले शिवालिक के टोंगिया और वन गुर्जरों का वनाधिकार अधर में

अप्रैल की अलसाई दोपहरी में उत्तराखंड के हरिद्वार के हरिपुर टोंगिया गांव की महिला पाल्लो देवी (52) बैठी जूट की रस्सियां बुन रही थीं। बदन पर गुलाबी सलवार-कुर्ती और चेहरे…
रोजी-रोटी के लिए वन गुज्जर मवेशियों पर निर्भर है। वन विभाग की सख्ती की वजह से वे मवेशी चराने के लिए जंगल नहीं जा सकते। तस्वीर- निशांत सैनी