Environment

[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?

इक्कसवीं सदी के पहले दशक के मध्य में, मैं हैदराबाद से दूर, पाटनचेरू में मौजूद अंतर्राष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान के वैश्विक मुख्यालय में कार्यरत था। इस संस्था का…
[कॉमेंट्री] उदारीकरण के 30 साल: क्या कोविड-19 की दूसरी लहर भारतीय मध्य वर्ग की दिशा बदलेगी?
कोविड के साथ राष्ट्रीय कार्यक्रम से जैव-विविधता और इसके संरक्षण की बढ़ी उम्मीद

कोविड के साथ राष्ट्रीय कार्यक्रम से जैव-विविधता और इसके संरक्षण की बढ़ी उम्मीद

जैव-विविधता वैसे तो हमारे जीवन को वृहत्तर तौर पर प्रभावित करती है पर आम-जन में इसकी चर्चा कम ही होती है। जब से कोरोना महामारी ने इंसानी समाज को अपने…
कोविड के साथ राष्ट्रीय कार्यक्रम से जैव-विविधता और इसके संरक्षण की बढ़ी उम्मीद
म्यांमार के रास्ते भारत पहुंच रहे विदेशी नस्ल के वन्यजीव, पूर्वोत्तर राज्य बन रहे तस्करी का अड्डा

[वीडियो] म्यांमार के रास्ते भारत पहुंच रहे विदेशी नस्ल के वन्यजीव, पूर्वोत्तर राज्य बन रहे तस्करी का अड्डा

असम के गोलाघाट जिले के घिलाधारी में चुनाव को लेकर चेकपोस्ट पर वाहनों की चेकिंग के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि सुरक्षाकर्मी भी चौंक गए। हाल ही में संपन्न विधानसभा…
म्यांमार के रास्ते भारत पहुंच रहे विदेशी नस्ल के वन्यजीव, पूर्वोत्तर राज्य बन रहे तस्करी का अड्डा
प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए रिसाइकल के साथ प्लास्टिक निर्माताओं की जिम्मेदारी भी करनी होगी तय

प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए रिसाइकल के साथ प्लास्टिक निर्माताओं की जिम्मेदारी भी करनी होगी तय

बिहार की राजधानी पटना को जल्द ही प्लास्टिक कचरा के निपटारे के लिए रिसाइकलिंग प्लांट मिलने वाला है। 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट में पटना के अलावा अहमदाबाद, बैंगलुरु और…
प्लास्टिक प्रदूषण रोकने के लिए रिसाइकल के साथ प्लास्टिक निर्माताओं की जिम्मेदारी भी करनी होगी तय
पेट्रोल-डीजल से होती है सरकार को मोटी कमाई, फिर कैसे होगा एनर्जी ट्रांजिशन!

पेट्रोल-डीजल से होती है सरकार को मोटी कमाई, फिर कैसे होगा एनर्जी ट्रांजिशन!

हाल में हुए पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि ने कई तरह के सवाल खड़े किए। तब भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े रहे जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की…
पेट्रोल-डीजल से होती है सरकार को मोटी कमाई, फिर कैसे होगा एनर्जी ट्रांजिशन!
बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में प्राकृतिक आपदा लोगों का जनजीवन प्रभावित करती है। तस्वीर में मौजूद लोग कोसी नदी में आई बाढ़ की वजह से सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। तस्वीर- चंदन सिंह/फ्लिकर

पचास साल में हुई डेढ़ लाख मौत, हर प्राकृतिक आपदा लेती है औसतन 20 लोगों की जान

जलवायु परिवर्तन की वजह से प्राकृतिक आपदा जैसी घटना अब आम-बात हो गयी है और इसमें होने वाले जान-माल की क्षति भी। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पता…
बिहार में हर साल बाढ़ के रूप में प्राकृतिक आपदा लोगों का जनजीवन प्रभावित करती है। तस्वीर में मौजूद लोग कोसी नदी में आई बाढ़ की वजह से सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। तस्वीर- चंदन सिंह/फ्लिकर
सुंदरबन

सुंदरबनः कहानी एक शिकारी के हृदयपरिवर्तन की, हत्या छोड़ अपनाई संरक्षण की राह

यह कहानी एक शिकारी के हृदय परिवर्तन की है। ऐसा हृदय परिवर्तन जिसने पूरे गांव को अपना पुश्तैनी शिकार का काम छोड़, वन्यजीवों के संरक्षण के लिए प्रेरित किया। यह…
सुंदरबन
गोवा बीच पर पर्यटकों की भीड़। तस्वीरः पामेला डी'मेलो

[वीडियो] कांच की बोतलों से बेहाल हैं गोवा के खूबसूरत बीच

अपने खूबसूरत समुद्री किनारों यानी बीच की वजह से गोवा लंबे समय से एक बड़े पर्यटक वर्ग की पहली पसंद रहा है। पूरे साल यहां भारी मात्रा में पर्यटकों का…
गोवा बीच पर पर्यटकों की भीड़। तस्वीरः पामेला डी'मेलो
जमुई जिले के केड़िया गांव में 16 नये कुओं की खुदाई हुई। यह तस्वीर खुदाई के समय की है। तस्वीर- इश्तेयाक अहमद

[वीडियो] बिहार: कुएं तो नये हो जायेंगे, मगर क्या इनके पाटों पर लौटेगी रौनक

बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग ने हाल ही में तय किया है कि वह राज्य के 69768 सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार करायेगी। इनमें से 67,554 कुओं का जीर्णोद्धार जून,…
जमुई जिले के केड़िया गांव में 16 नये कुओं की खुदाई हुई। यह तस्वीर खुदाई के समय की है। तस्वीर- इश्तेयाक अहमद
घड़ियाल

भारत-नेपाल के बीच हुई संरक्षण की साझेदारी, फिर बेखौफ तैरने लगे घड़ियाल

बिहार और बंगाल की सीमा पर बसे एक गांव में अजीब खलबली मची थी। कोई चिल्ला रहा था- घड़ियाल देख लो, घड़ियाल देख लो। देखने वालों में अजीबोगरीब उत्साह था।…
घड़ियाल
चंबल सफारी में चौकीदार का काम करने वाले जगदीश इंडियन स्किमर के घोसलों की रक्षा करते हैं। एक दशक पहले इन्होंने घड़ियाल से संरक्षण का काम शुरू किया था। इलस्ट्रेशन- तान्या टिम्बले

अंडों की चौकीदारी: चम्बल के बीहड़ में मेहमान पक्षी को बचाने का संघर्ष

चम्बल के एक गांव जैतपुर से जगदीश जब लाठी, टॉर्च, कलम और डायरी लेकर निकलते हैं तो ऐसा लगता है कि गांव की चौकीदारी करने निकल रहें हैं। कुछ हद…
चंबल सफारी में चौकीदार का काम करने वाले जगदीश इंडियन स्किमर के घोसलों की रक्षा करते हैं। एक दशक पहले इन्होंने घड़ियाल से संरक्षण का काम शुरू किया था। इलस्ट्रेशन- तान्या टिम्बले
काशी के गंगा घाट पर प्रवासी पक्षियों की वजह से प्रकृति का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। तस्वीर- प्रभु बी/फ्लिकर

क्या है वेटलैंड और इसे बचाना क्यों है जरूरी?

जंगल को धरती का फेफड़ा कहा जाता है क्योंकि यही जंगल वातावरण में फैले कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण कर ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं। इस आधार पर कहें तो वेटलैंड्स…
काशी के गंगा घाट पर प्रवासी पक्षियों की वजह से प्रकृति का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। तस्वीर- प्रभु बी/फ्लिकर
इलस्ट्रेशन- देबांशु मौलिक। मौलिक पुणे से हैं और उन्हें कहानियों, किताब और वीडियो के लिए इलस्ट्रेशन और एनिमेशन बनाना पसंद है।

बेशरम के पौधे से बेहाल विदर्भ के 300 साल पुराने तालाबों को बचा रहे मछुआरे

बेहया, बेशरम या थेथर, देश के विभिन्न इलाकों में अलग नामों से प्रचलित यह पौधा तमाम जल-स्रोतों को लील रहा है। इसके प्रकोप से महाराष्ट्र का विदर्भ जैसा सूखा प्रभावित…
इलस्ट्रेशन- देबांशु मौलिक। मौलिक पुणे से हैं और उन्हें कहानियों, किताब और वीडियो के लिए इलस्ट्रेशन और एनिमेशन बनाना पसंद है।
बीज का संग्रहण, उसकी रोपाई और खेती के अन्य मौके डोंगरिया के लिए त्योहार की तरह हैं।

प्रकृति पूजक डोंगरिया आदिवासी सहेज रहे बीजों की विरासत, बदलते मौसम में भी बरकरार पैदावार

नियमगिरि पहाड़ियों पर सुंदर और घने वनों के बीच आधुनिकता से दूर एक आदिवासी समाज रहता है। अपने में अनोखे इस समाज को डोंगरिया कोंध के नाम से जानते हैं।…
बीज का संग्रहण, उसकी रोपाई और खेती के अन्य मौके डोंगरिया के लिए त्योहार की तरह हैं।
बोनट मकाक खाना मांगने के लिए इस तरह हाथ फैलाता है। तस्वीर- श्रीजाता गुप्ता

बांदीपुर टाइगर रिजर्व के बंदरों ने सीख लिया है हाथ फैलाकर भीख मांगना

कर्नाटक के बांदीपुर टाइगर रिजर्व में पर्यटकों और यहां पाए जाने वाले बोनट मकाक (Macaca radiata) यानी बंदर की एक विशेष प्रजाति के बीच नोंकझोंक रोज की बात हो गई…
बोनट मकाक खाना मांगने के लिए इस तरह हाथ फैलाता है। तस्वीर- श्रीजाता गुप्ता
लेह के जंगलों में घूमते आवारा कुत्ते। जानकार मानते हैं कि घरेलू कुत्तों से वन्यजीवन को खतरा है। तस्वीर- अथर परवेज

कुत्ते इंसानों के बेहतरीन दोस्त पर वन्यजीवों की 80 प्रजातियों के लिए खतरा

कुत्तों को इंसानों का सबसे पुराना दोस्त होने का दर्जा मिला हुआ है। पर इंसानों से दोस्ताना व्यवहार रखने वाले कुत्ते जंगली जीवों से ऐसी दोस्ती नहीं निभाते। देश में…
लेह के जंगलों में घूमते आवारा कुत्ते। जानकार मानते हैं कि घरेलू कुत्तों से वन्यजीवन को खतरा है। तस्वीर- अथर परवेज

संपादक की नजर में 2020: वायरस से जुड़ी चिंता के बीच पर्यावरण को लेकर मिले मौके चूक जाने का वर्ष

आधिकारिक तौर पर भारत में कोविड-19 का पहला मामला केरल के थ्रीसुर में जनवरी 2020 में दर्ज किया गया था। अभी दिसंबर 2020 में 90-वर्षीय ब्रिटेन का एक नागरिक इस…