कॉप15: साल 2030 तक 30% जैव-विविधता को बचाने पर भारत का जोर, सहमति बनाना बड़ी चुनौती

लिथियम-कोबाल्ट जैसी खनिज जरूरतों को पूरा करने भारत का बड़ा कदम

पपीते के बीज और सहजन से डेयरी अपशिष्ट जल को स्वच्छ बनाने की कोशिश

[कमेंट्री] कुत्तों के प्रति हमारा आधा-अधूरा प्रेम

एआई और सैटेलाइट डेटा से जंगलों की कटाई की वजहें सामने आईं

किसानों का मित्र मद्रास हेजहॉग, लेकिन घटती संख्या बढ़ा रही चिंता

प्लास्टिक संकट और समुद्री कचरा, भारत के लिए नई रणनीति जरूरी

किसानों ने रबर छोड़कर विदेशी फलों की खेती अपनाई, अधिक मुनाफे की तलाश

भारत में बढ़ते गुलियन-बैरी सिंड्रोम के पीछे बैक्टीरिया और जलवायु परिवर्तन

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सोलर पैनल, ई-रिक्शा: असम में स्कूली शिक्षा के दो नए समर्थक

राजस्थान में महिला सशक्तिकरण के आधार ‘केर’ पर विकास की मार, घट रही पैदावार

संरक्षित क्षेत्रों के बाहर फल-फूल रहे काले हिरण, घास के मैदानों को बचाने पर जोर

धनबाद: भूजल स्तर गिरा, पुराने कुओं के पुनर्जीवन से जगी उम्मीद

इस्तेमाल किए गए सैनेटरी पैड से पहाड़ों में बढ़ रहा कचरा

बोडोलैंड संघर्ष के 20 साल बाद, मानस में होती वन्यजीवों की वापसी

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