Articles by Shailesh Shrivastava

बढ़ती गर्मी और बदलते बाज़ार से बढ़ी मध्य प्रदेश के कुम्हारों की तकलीफें

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के रानापुर शहर का कुम्हार मोहल्ला घरों के सामने सजे मिट्टी के बर्तनों के लिए जाना जाता है। लेकिन इस मोहल्ले की अंदरूनी गलियों में…
शोधकर्ता नेपाल की लंगटांग घाटी में रिखा सांबा ग्लेशियर की निगरानी कर रहे हैं। इस ग्लेशियर की ऊंचाई 5,420-6,440 मीटर है। तस्वीर - दिबश श्रेष्ठ।

हिमालय के ग्लेशियरों की स्थिति जानने के लिए जरूरी है लम्बी निगरानी

हिमालय-काराकोरम (एचके रीजन), 2500 किलोमीटर लम्बी पर्वत श्रृंखला, पूर्व में भारत की सीमा, भूटान और नेपाल, और पश्चिम में पाकिस्तान में फैली हुई है। इस क्षेत्र में 39,660 ग्लेशियर हैं…
शोधकर्ता नेपाल की लंगटांग घाटी में रिखा सांबा ग्लेशियर की निगरानी कर रहे हैं। इस ग्लेशियर की ऊंचाई 5,420-6,440 मीटर है। तस्वीर - दिबश श्रेष्ठ।
डूडलेज द्वारा डेडस्टॉक कपड़े से बनी एक पोशाक। आमतौर पर, डेडस्टॉक कपड़े गोदामों में पड़े रहते हैं या जला दिए जाते हैं या लैंडफिल में डाल दिए जाते हैं, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तस्वीर - डूडलेज।

सस्टेनेबल फैशन: पुराने कपड़ों को देते नई जान, नई पहचान

डिजाइनर गौतम गुप्ता के दक्षिण दिल्ली के आलीशान स्टूडियो की दूसरी मंजिल पर ग्राहकों की भीड़ कपड़ों के ढेर में से सबसे ट्रेंडी कपड़ों की तलाश कर रही है। इसके…
डूडलेज द्वारा डेडस्टॉक कपड़े से बनी एक पोशाक। आमतौर पर, डेडस्टॉक कपड़े गोदामों में पड़े रहते हैं या जला दिए जाते हैं या लैंडफिल में डाल दिए जाते हैं, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तस्वीर - डूडलेज।
थाईलैंड का ओ. हन्नाह। अभी तक, सभी चार प्रकार के किंग कोबरा को एक ही प्रजाति का माना जाता था, लेकिन नए अध्ययन में चार अलग-अलग आनुवंशिक प्रजातियां पाई गई हैं। तस्वीर- गौरी शंकर

किंग कोबरा: अब एक नहीं, चार अलग-अलग प्रजातियां

एक नए अध्ययन में पता चला है कि दुनिया का सबसे लंबा जहरीला सांप ‘किंग कोबरा’ जो अब तक एक प्रजाति माना जाता रहा है, एक नहीं बल्कि आनुवंशिक रूप…
थाईलैंड का ओ. हन्नाह। अभी तक, सभी चार प्रकार के किंग कोबरा को एक ही प्रजाति का माना जाता था, लेकिन नए अध्ययन में चार अलग-अलग आनुवंशिक प्रजातियां पाई गई हैं। तस्वीर- गौरी शंकर
महाराष्ट्र में 2022 में लैंगेलुरिलस टर्टियस। ये मकड़ियाँ झाड़ीदार इलाकों में चट्टानी इलाकों में पाई गईं।  तस्वीर- राजेश सनप

मिथकों और डर से मकड़ियों की रक्षा के लिए अधिक शोध और जागरूकता की जरूरत

टारेंटयुला, एक बालों से भरी निशाचर मकड़ी है। इसका काटना बेहद दर्दनाक हो सकता है, लेकिन इन मकड़ियों द्वारा काटे जाने की संभावना दुर्लभ है, क्योंकि ये मकड़ियाँ आमतौर पर…
महाराष्ट्र में 2022 में लैंगेलुरिलस टर्टियस। ये मकड़ियाँ झाड़ीदार इलाकों में चट्टानी इलाकों में पाई गईं।  तस्वीर- राजेश सनप
सर्वे से पता चला है कि सिंधु नदी डॉल्फिन केवल ब्यास नदी के निचले तीसरे हिस्से में पाई जाती हैं, जिनकी संख्या एक से आठ तक है। तस्वीर-डॉ. संदीप बेहेरा 

सिंधु नदी डॉल्फिन की आबादी घटी, आवास भी सुरक्षित नहीं

उत्तरी भारत में ब्यास नदी का पानी सिंधु नदी डॉल्फिन की एक छोटी, लुप्तप्राय आबादी का घर है। लेकिन अब उनकी संख्या कम हो रही है और उनके आवास खतरे…
सर्वे से पता चला है कि सिंधु नदी डॉल्फिन केवल ब्यास नदी के निचले तीसरे हिस्से में पाई जाती हैं, जिनकी संख्या एक से आठ तक है। तस्वीर-डॉ. संदीप बेहेरा 
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के भांडेली गांव के किसान मुकेश मीणा के खेत में सोयाबीन की फसल में कीटनाशकों का छिड़काव करते मजदूर। तस्वीर- मुकेश मीणा 

बढ़ती लागत, घटता भरोसा- नैनो यूरिया की राह में चुनौतियां भी कम नहीं

जब 2021 में उर्वरक की कमी के चलते किसान हताश हो गए और सोशल मीडिया पर ट्रकों से उर्वरक की बोरियां लूटने के वीडियो वायरल होने लगे, तब मध्य प्रदेश…
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के भांडेली गांव के किसान मुकेश मीणा के खेत में सोयाबीन की फसल में कीटनाशकों का छिड़काव करते मजदूर। तस्वीर- मुकेश मीणा 
ड्रोन उपयोगी हैं, लेकिन भारतीय वनों में उन्हें इस्तेमाल करने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। तस्वीर- वल्लभदूटवटन, विकिमीडिया कॉमन्स पर (CC BY-SA 4.0)

वनों के संरक्षण में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा, लेकिन समस्याओं से पार पाना होगा

साल 2023 में असम में आई बाढ़ के दौरान राज्य के वन विभाग ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की कोहारा रेंज में मिट्टी के कटाव का पता लगाने के लिए ड्रोन…
ड्रोन उपयोगी हैं, लेकिन भारतीय वनों में उन्हें इस्तेमाल करने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। तस्वीर- वल्लभदूटवटन, विकिमीडिया कॉमन्स पर (CC BY-SA 4.0)
अपने आवास में एक नुब्रा पिका। नुब्रा पिका शर्मीले होते हैं और वनस्पति वाले स्थानों पर रहते हैं। तस्वीर- हर्ष कुमार

हिमालय पिका को रहता है सर्दियों के लिए मौसम के संकेतों का इंतजार

हिमालय पिका में निश्चित रूप से और भी बहुत कुछ है जो आंखों को दिखाई नहीं देता है। एक सामान्य नजर में, बिना पूंछ वाला ये चूहा पहाड़ी इलाकों में…
अपने आवास में एक नुब्रा पिका। नुब्रा पिका शर्मीले होते हैं और वनस्पति वाले स्थानों पर रहते हैं। तस्वीर- हर्ष कुमार
रस निकलने के बाद गन्ने की खोई का इस्तेमाल रस को गर्म करने के लिए क्या जाता है। तस्वीर- विमल राय

झारखंडः बड़कागांव के गुड़ की मांग काफी, लेकिन गन्ने में बढ़ रहा कीटों का प्रकोप

फट-फट की आवाज करती मशीन के पहिए तेजी से चल रहे हैं। मशीन के नजदीक बैठी एक महिला के हाथ तेजी से गन्नों को मशीन के दो पहियों के बीच…
रस निकलने के बाद गन्ने की खोई का इस्तेमाल रस को गर्म करने के लिए क्या जाता है। तस्वीर- विमल राय
तेजी से शहरीकरण, जनसंख्या वृद्धि, पर्यटन और जलवायु परिवर्तन ने लद्दाख क्षेत्र में भूजल संसाधनों पर तनाव बढ़ा दिया है। तस्वीर -विकिमीडिया कॉमन्स (CC-BY-SA-4.0) के माध्यम से एल्डोजोस19 द्वारा।

शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन से लद्दाख में भूजल संसाधनों पर बढ़ता खतरा

हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि कृषि, घरों और होटलों के लिए मीठे पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत, भूजल कम हो रहा है और इसके…
तेजी से शहरीकरण, जनसंख्या वृद्धि, पर्यटन और जलवायु परिवर्तन ने लद्दाख क्षेत्र में भूजल संसाधनों पर तनाव बढ़ा दिया है। तस्वीर -विकिमीडिया कॉमन्स (CC-BY-SA-4.0) के माध्यम से एल्डोजोस19 द्वारा।
अगस्त 2022 में कर्नाटका के कुर्ग में एक हर्पेटोलॉजी अभियान पर एक पिल बग को हाथ में पकड़े हुए वन्यजीव जीवविज्ञानी केडेन एंथनी। तस्वीर- रोमा ए. त्रिपाठी 

जागरूकता फैलाने के लिए कंटेंट क्रिएटर बने जीवविज्ञानी

बुश फ्रॉग खाते हुए एक मालाबार पिट वाइपर को कैमरे में कैद करना शायद आपकी शाम बिताने का तरीका न हो, लेकिन वन्यजीव जीवविज्ञानी यतिन कल्कि (28) के लिए ये…
अगस्त 2022 में कर्नाटका के कुर्ग में एक हर्पेटोलॉजी अभियान पर एक पिल बग को हाथ में पकड़े हुए वन्यजीव जीवविज्ञानी केडेन एंथनी। तस्वीर- रोमा ए. त्रिपाठी 
केरल के पालक्कड़ में सड़क किनारे नारियल की दुकान। तस्वीर- विकिमीडिया कॉमन्स (CC0 1.0)/Effulgence 108 ।

बढ़ते तापमान के कारण घटता नारियल उत्पादन, कीमतों में वृद्धि

गोवा के पणजी में सड़क किनारे, 31 वर्षीय युवा नारियल विक्रेता समीर करंगी के ठेले पर सिर्फ 10 नारियल हैं, जबकि हमेशा की तरह उनके पास नारियल का बड़ा ढेर…
केरल के पालक्कड़ में सड़क किनारे नारियल की दुकान। तस्वीर- विकिमीडिया कॉमन्स (CC0 1.0)/Effulgence 108 ।
अनियमित पर्यटन को इस क्षेत्र में बाढ़ से होने वाले भारी आर्थिक नुकसान के मुख्य कारणों में से एक के रूप में पहचाना गया है। तस्वीर- केसर चंद

हिमालय घाटी में बाढ़ की एक वजह अनियमित पर्यटन – अध्ययन

शहर की भागदौड़ से दूर, लोग सुकून की तलाश में कुल्लू घाटी की ओर रुख करते हैं और छुट्टियां बिताकर वापस लौट जाते हैं। स्थानीय लोगों का स्वभाव, सुहावना मौसम…
अनियमित पर्यटन को इस क्षेत्र में बाढ़ से होने वाले भारी आर्थिक नुकसान के मुख्य कारणों में से एक के रूप में पहचाना गया है। तस्वीर- केसर चंद
पटना जिले के कुरकुरी ग्राम पंचायत के अलीपुर गांव में लगाई गई सौर स्ट्रीट लाइट। तस्वीर- मोहम्मद इमरान खान

बिहार की सोलर स्ट्रीट लाइट योजना की रफ्तार धीमी, लक्ष्य से चूकी सरकार

बिहार के गया जिले के मोहनपुर ब्लॉक के सिरियावां में रहने वाले बुजुर्ग गुरुदयाल यादव के लिए, गांव की अंधेरी गलियों में बाहर निकलना आसान नहीं है, बरसात के मौसम…
पटना जिले के कुरकुरी ग्राम पंचायत के अलीपुर गांव में लगाई गई सौर स्ट्रीट लाइट। तस्वीर- मोहम्मद इमरान खान
दक्षिणपूर्व कर्नाटक में बिलीगिरिंगा पहाड़ी का तेंदुआ। देशभर में कर्नाटक तेंदुए की अनुमानित संख्या (1,783) में दूसरे स्थान पर है। फोटो- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स

घने जंगलों और इंसानी बस्तियों के पास तेंदुए के शिकार का अलग-अलग पैटर्न

उत्तराखंड में राजाजी टाइगर रिजर्व (RTR) के जंगल जैव विविधता से भरपूर है। यहां आपको सुनहरे सियार से लेकर, सांभर, बार्किंग डियर, रीसस मैकाक, नीलगाय और हाथी जैसे बहुत से…
दक्षिणपूर्व कर्नाटक में बिलीगिरिंगा पहाड़ी का तेंदुआ। देशभर में कर्नाटक तेंदुए की अनुमानित संख्या (1,783) में दूसरे स्थान पर है। फोटो- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स
गंगा नदी में प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ विरोध दर्ज कराती एक कार्यकर्ता। तस्वीर- आकाशरनीसन, विकिमीडिया कॉमन्स [CC BY-SA 4.0] 

भारत की प्रदूषित नदियां दुनियाभर के लिए समस्या बनीं

भारत में दशकों से चले आ रहे खराब तरीके से कचरे के प्रबंधन के कारण कूड़े के बड़े-बड़े पहाड़ हर जगह दिखाई पड़ जाते हैं। लेकिन इस बढ़ते हुए ‘बिना…
गंगा नदी में प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ विरोध दर्ज कराती एक कार्यकर्ता। तस्वीर- आकाशरनीसन, विकिमीडिया कॉमन्स [CC BY-SA 4.0] 
कुरीपिल्ली हैंडलूम वीवर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी में सरिता और आयशा। 2018 में बाढ़ के दौरान सोसाइटी के अध्यक्ष और सचिव के रूप में, उन्होंने सोसाइटी को फिर से खड़ा करने के लिए सभी संसाधन जुटाए। तस्वीर: आरती मेनन/मोंगाबे।

अनिश्चित मौसम से बढ़ती केरला के हथकरघा बुनकरों की परेशानियां

चेंदमंगलम, केरला के एर्नाकुलम जिले में एक पुराना शहर जो कोच्चि शहर से लगभग 40 किमी उत्तर में है, को 2012 में अपने कैथरी या हथकरघा के लिए भारत सरकार…
कुरीपिल्ली हैंडलूम वीवर्स को-ऑपरेटिव सोसाइटी में सरिता और आयशा। 2018 में बाढ़ के दौरान सोसाइटी के अध्यक्ष और सचिव के रूप में, उन्होंने सोसाइटी को फिर से खड़ा करने के लिए सभी संसाधन जुटाए। तस्वीर: आरती मेनन/मोंगाबे।
फुला के पति नितिन पवार की 2022 में मृत्यु हो गई। संजना खंडारे द्वारा ली गई तस्वीर।

मराठवाड़ा में पति की मृत्यु के बाद किसान विधवा के जीवन में एक दिन

यह कहानी कृषि संकट से संबंधित किसानों की मौतों की चर्चा करती है। यह कुछ पाठकों को परेशान कर सकती है।   स्थान: गांधीनगर बस्ती, मराठवाड़ा समय: सुबह फुलाबाई पवार…
फुला के पति नितिन पवार की 2022 में मृत्यु हो गई। संजना खंडारे द्वारा ली गई तस्वीर।
जटायु केन्द्र में बने पहले जोड़े की तस्वीर। तस्वीर- मोंगाबे के लिए दयाशंकर शुक्ल सागर

उत्तर प्रदेशः संरक्षण केंद्र में आकर नई मुसीबतों में फंस गए राज गिद्ध

विलुप्त होते एशियाई राज गिद्धों (रेड हेडड वल्चर) को बचाने की मुहिम के तहत सितम्बर 2024 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित कैम्पियरगंज में जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का…
जटायु केन्द्र में बने पहले जोड़े की तस्वीर। तस्वीर- मोंगाबे के लिए दयाशंकर शुक्ल सागर
कश्मीर के खेतों में अपने छत्ता ले जाता हुआ एक मधुमक्खी पालक। तस्वीर- फैज़ल साइमन 

मौसमी प्रवास की वजह से कश्मीर में फलता-फूलता मधुमक्खी पालन

अक्टूबर के महीने में, जैसे ही घाटी में सर्दी का आगाज़ होता है, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में रहने वाले 45 वर्षीय मधुमक्खी पालक मोहम्मद अमीन वानी, अपने दो सहयोगियों…
कश्मीर के खेतों में अपने छत्ता ले जाता हुआ एक मधुमक्खी पालक। तस्वीर- फैज़ल साइमन 
कूथापाडी-कुलथरामपट्टी वनम की ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित पानी के टबों से पानी पीता अलाम्बडी नस्ल के मवेशियों का एक झुंड। धर्मपुरी जिले के पेनागरम तालुक के पहाड़ी क्षेत्र और कृष्णगिरि जिले के देनकनिकोट्टाई में आलम्बादी मवेशियों का असमान वितरण है। तस्वीर: डी. मुनीराज, मोंगाबे के लिए

तमिलनाडु में चराई पर प्रतिबंध से वनवासियों के अधिकारों और आजीविका को खतरा

थानथाई पेरियार वन्यजीव अभयारण्य की घोषणा और 2022 के मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा वन क्षेत्रों में मवेशियों को चराने पर प्रतिबंध लगाने के बाद से तमिलनाडु के इरोड जिले में…
कूथापाडी-कुलथरामपट्टी वनम की ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित पानी के टबों से पानी पीता अलाम्बडी नस्ल के मवेशियों का एक झुंड। धर्मपुरी जिले के पेनागरम तालुक के पहाड़ी क्षेत्र और कृष्णगिरि जिले के देनकनिकोट्टाई में आलम्बादी मवेशियों का असमान वितरण है। तस्वीर: डी. मुनीराज, मोंगाबे के लिए
महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित मयूरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय भेड़िया। तस्वीर- रुद्राक्ष चोडनकर/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] बाघों से भी कम बचे भेड़ियों के संरक्षण से रुकेगा मानव-वन्यजीव संघर्ष

क्या भेड़िया सियार से अलग दिखता है? क्या सियार डरावने होते हैं? क्या भेड़िये खून के प्यासे होते हैं?  उत्तर प्रदेश के बहराइच में ग्रामीणों पर जंगली जानवरों के हमले…
महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित मयूरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय भेड़िया। तस्वीर- रुद्राक्ष चोडनकर/विकिमीडिया कॉमन्स
स्मूद-कोटेड ऑटर की प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- आर. थायनंथ, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) 

पूर्वोत्तर भारत में तस्करों के निशाने पर ऊदबिलाव

इस साल 23 मई को, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) के अधिकारियों और धेमाजी वन विभाग ने असम के धेमाजी जिले के जोनाई में एक व्यक्ति से ऊदबिलाव की चार…
स्मूद-कोटेड ऑटर की प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- आर. थायनंथ, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) 
मुतपा गांव में ग्राम सभा का आयोजन। तस्वीर- जॉन केरकेट्टा

झारखंड: 3.77 लाख करोड़ सालाना से भी ज़्यादा है राज्य के कॉमन्स से मिलने वाली सेवाओं की कीमत

“आज भी जंगल से हमें जरूरत की तीन-चौथाई चीजें मिल जाती हैं। पंद्रह साल पहले तक जंगल से ही हमें हमारी जरूरत की सभी चीजें मिल जाती थी।” झारखंड के…
मुतपा गांव में ग्राम सभा का आयोजन। तस्वीर- जॉन केरकेट्टा
थाईलैंड में एक एशियाई पाम सिवेट। एक नए अध्ययन ने इस प्रचलित धारणा को तोड़ दिया है कि सिवेट खुले में मल करना पसंद करते हैं। तस्वीर- फ्रांस से बर्नार्ड ड्यूपॉंट, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 2.0) 

छायादार जगहों पर मल त्याग जंगल बढ़ाने में मदद करते सिवेट

विज्ञान को लंबे समय से सिवेट और उनके मल में रुचि रही है, क्योंकि वे प्राकृतिक दुनिया में सबसे कुशल बीज वितरकों में से एक माने जाते हैं। उनके मल…
थाईलैंड में एक एशियाई पाम सिवेट। एक नए अध्ययन ने इस प्रचलित धारणा को तोड़ दिया है कि सिवेट खुले में मल करना पसंद करते हैं। तस्वीर- फ्रांस से बर्नार्ड ड्यूपॉंट, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 2.0) 
कॉप-29 के अध्यक्ष की ओर से आयोजित बैठक के दौरान कमरे का दृश्य। बाकू जलवायु वार्ता का समापन 300 अरब डॉलर के जलवायु वित्त समझौते के साथ हुआ। IISD-ENB | माइक मुज़ुराकिस द्वारा ली गई तस्वीर।

अविश्वास और नाराजगी के साये में 300 अरब डॉलर के वादे के साथ कॉप 29 का समापन

अजरबैजान के बाकू में जलवायु वार्ता रविवार सुबह संपन्न हो गई, जिसमें कई देशों की आपत्तियों के बावजूद, विकासशील देशों को 2035 तक 300 अरब डॉलर की वित्तीय मदद देने…
कॉप-29 के अध्यक्ष की ओर से आयोजित बैठक के दौरान कमरे का दृश्य। बाकू जलवायु वार्ता का समापन 300 अरब डॉलर के जलवायु वित्त समझौते के साथ हुआ। IISD-ENB | माइक मुज़ुराकिस द्वारा ली गई तस्वीर।
वन विभाग को हाथियों के बीमार होने की सूचना मिलने के बाद कई चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक हाथियों को बचाने की कोशिश हुई लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। तस्वीर साभार- पुष्पेंद्र द्विवेदी

कोदो नहीं, फंगस है मध्य प्रदेश में हाथियों की मौत की वजह, क्या है समाधान

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 अक्टूबर की सुबह एक सूचना ने इलाके में हलचल मचा दी। सूचना थी कि खितौली और पतौर रेंज…
वन विभाग को हाथियों के बीमार होने की सूचना मिलने के बाद कई चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक हाथियों को बचाने की कोशिश हुई लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। तस्वीर साभार- पुष्पेंद्र द्विवेदी

कॉप-29: जलवायु उपायों के लिए शहर जरूरी और शहरों को चाहिए फंड

बाकू में चल रही जलवायु वार्ता में शहर जलवायु से जुड़े उपाय (क्लाइमेट ऐक्शन) के लिए अहम धुरी के रूप में सामने आ रहे हैं। दुनिया भर के कार्बन उत्सर्जन…