कैसे प्राकृतिक रंग पैदा करने वाले पौधों के खत्म होने से आया ग्रामीण अभयारण्य का विचार by Bikash Kumar Bhattacharya 5 अप्रैल 2024 असम के चराईदेव जिले के चाला गांव में सफराई नदी के किनारे घोड़े के खुर के आकार में बना यह हरा-भरा जंगल 680 हेक्टेयर का है। यहीं पर एक 152…
अरुणाचल प्रदेश की सैंक्चरी में घास के मैदान घटने से स्थानीय पक्षियों पर खतरा by Bikash Kumar Bhattacharya, Jyotirmoy Saharia 21 मार्च 2024 जून की उमस भरी दोपहर में ऊपरी असम के धेमजी जिले के जोनाई शहर के बाहरी इलाकों में बाढ़ का सर्वे करते हुए नामाश पसार ने बढ़ते पानी में कुछ…
चाय बागान की महिला मजदूरों के लिए सर्पदंश बड़ा खतरा, हर साल होती हैं कई मौत by Bikash Kumar Bhattacharya 5 अक्टूबर 2023 पाही भूमिज उस दिन को याद करके कांप उठती हैं। वह कहती हैं कि मौत से बच निकलने के लिए वह ऊपर वाले की शुक्रगुजार है। भूमिज असम के शिवसागर…