प्राकृतिक संसाधन News

नागा कार्यकर्ता सेनो त्सुहा व्याख्यान देती हुई। सेनो त्सुहा के सौजन्य से तस्वीर।

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पारंपरिक तरीकों को जीवनदान देती नागालैंड की एक कार्यकर्ता [इंटरव्यू]

नागालैंड की हरी-भरी पहाड़ियों में बसे फेक जिले में, समुदाय की भावनाएं हर गांव में गूंजती हैं। पूर्वोत्तर-भारतीय राज्य के इन गांवों में कई युवा और महिला समाज और आदिवासी…
नागा कार्यकर्ता सेनो त्सुहा व्याख्यान देती हुई। सेनो त्सुहा के सौजन्य से तस्वीर।
श्रीनगर की डल झील में खड़ा एक शिकारा। तस्वीर- अथर परवेज 

डल झील में बढ़ते प्रदूषण और चिनार के पेड़ों की कटाई से संरक्षणवादी चिंतित

अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर कश्मीर, आज भी लोगों के लिए एक पसंदीदा पर्यटन स्थल है। लेकिन धीरे-धीरे डल झील में बढ़ता प्रदूषण और विकास के नाम पर चिनार…
श्रीनगर की डल झील में खड़ा एक शिकारा। तस्वीर- अथर परवेज 
युवा सोलिगा, शशि अपने घर के पास जंगली साग-सब्जियां खोजती हुई। आदिवासी बुजुर्गों का कहना है कि युवा पीढ़ी में जंगली खाद्य पौधों के बारे में पारंपरिक ज्ञान कम होता जा रहा है। तस्वीर - अभिषेक एन. चिन्नाप्पा द्वारा मोंगाबे के लिए।

जंगल के खाने में छुपा पोषण का रहस्य

शंखमादम्मा और डुंडम्मा कर्नाटक की आदिवासी बस्ती कीरनहोला पोडु में अपने घर के बरामदे में बैठकर दोपहर का खाना खा रही हैं। चटक नीले रंग के इस घर की दीवारों…
युवा सोलिगा, शशि अपने घर के पास जंगली साग-सब्जियां खोजती हुई। आदिवासी बुजुर्गों का कहना है कि युवा पीढ़ी में जंगली खाद्य पौधों के बारे में पारंपरिक ज्ञान कम होता जा रहा है। तस्वीर - अभिषेक एन. चिन्नाप्पा द्वारा मोंगाबे के लिए।
ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में कोयला खदान में जारी काम। फ्लिकर (CC BY-NC-SA 2.0) के जरिए इंडिया वाटर पोर्टल की तस्वीर।

खनन वाले इलाकों में कोयले की धूल से पेड़-पौधों को हो रहा नुकसान

ओडिशा में किए गए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि किस प्रकार उपग्रह से प्राप्त चित्र कोयला खनन की धूल से वनस्पतियों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को तय…
ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में कोयला खदान में जारी काम। फ्लिकर (CC BY-NC-SA 2.0) के जरिए इंडिया वाटर पोर्टल की तस्वीर।
मुथलापोझी बंदरगाह में नए विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का प्रबंधन करने वाले अडानी पोर्ट को दुर्घटनाओं के लिए दोषी ठहराया जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने बंदरगाह के मुहाने की गाद निकालने का अपना वादा पूरा नहीं किया है। तस्वीर- सरिता एस. बालन, मोंगाबे

केरलः मुथलापोझी फिशिंग हार्बर में लगातार होती मछुआरों की मौतों के लिए जिम्मेदार कौन

केरल के त्रिवेंद्रम में विझिनजम तट पर बने भारत के पहले गहरे पानी के कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट, ‘विझिनजम इंटरनैशनल सीपोर्ट’ ने पिछले साल जुलाई में चीन से आए पहले बड़े…
मुथलापोझी बंदरगाह में नए विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का प्रबंधन करने वाले अडानी पोर्ट को दुर्घटनाओं के लिए दोषी ठहराया जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने बंदरगाह के मुहाने की गाद निकालने का अपना वादा पूरा नहीं किया है। तस्वीर- सरिता एस. बालन, मोंगाबे
वेणुगोपाल केरल में कट्टा बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। बैनर तस्वीर- कौशिकी रावत/मोंगाबे।

[वीडियो] केरल में पारंपरिक इंजीनियरिंग से जल संरक्षण

चेक डैम छोटी, अक्सर अस्थायी संरचनाएं होती हैं जो पानी के संरक्षण और भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए नदियों और जल चैनलों पर बनाई जाती हैं। केरल के…
वेणुगोपाल केरल में कट्टा बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। बैनर तस्वीर- कौशिकी रावत/मोंगाबे।
हल्दिया में जेटी बनाये जाने से गाद की समस्या बढ़ रही है। इससे मछुआरों को मछलियां पकड़ने में दिक्कत होती है। तस्वीर- राहुल सिंह मोंगाबे के लिए

बढ़ते जल परिवहन, औद्योगिक प्रदूषण से जूझते हल्दिया के छोटे मछुआरे

यह रिपोर्ट देश के विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों पर मोंगाबे हिंदी की सीरीज का पहला भाग है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 120 किमी दूर स्थित औद्योगिक नगरी हल्दिया…
हल्दिया में जेटी बनाये जाने से गाद की समस्या बढ़ रही है। इससे मछुआरों को मछलियां पकड़ने में दिक्कत होती है। तस्वीर- राहुल सिंह मोंगाबे के लिए
एक सरकारी सर्वेक्षण से पता चलता है कि भूजल के एकत्र किए गए नमूनों में से लगभग पांचवें हिस्से में प्रदूषण की सीमा तय मात्रा से ज्यादा है, जिसमें नाइट्रेट और रेडियोधर्मी यूरेनियम की बड़ी मात्रा शामिल है। फ्लिकर (CC-BY-2.0) के जरिए सुसाना सचिवालय की तस्वीर।

पूरे देश में भूजल प्रदूषण गहराया, सरकारी रिपोर्ट से खुलासा

दुनिया भर में भारत भूजल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाला देश है। यहां सिंचाई के लिए 87% और घरेलू इस्तेमाल के लिए 11% पानी का उपयोग होता है। हालांकि,…
एक सरकारी सर्वेक्षण से पता चलता है कि भूजल के एकत्र किए गए नमूनों में से लगभग पांचवें हिस्से में प्रदूषण की सीमा तय मात्रा से ज्यादा है, जिसमें नाइट्रेट और रेडियोधर्मी यूरेनियम की बड़ी मात्रा शामिल है। फ्लिकर (CC-BY-2.0) के जरिए सुसाना सचिवालय की तस्वीर।
सर्वे से पता चला है कि सिंधु नदी डॉल्फिन केवल ब्यास नदी के निचले तीसरे हिस्से में पाई जाती हैं, जिनकी संख्या एक से आठ तक है। तस्वीर-डॉ. संदीप बेहेरा 

सिंधु नदी डॉल्फिन की आबादी घटी, आवास भी सुरक्षित नहीं

उत्तरी भारत में ब्यास नदी का पानी सिंधु नदी डॉल्फिन की एक छोटी, लुप्तप्राय आबादी का घर है। लेकिन अब उनकी संख्या कम हो रही है और उनके आवास खतरे…
सर्वे से पता चला है कि सिंधु नदी डॉल्फिन केवल ब्यास नदी के निचले तीसरे हिस्से में पाई जाती हैं, जिनकी संख्या एक से आठ तक है। तस्वीर-डॉ. संदीप बेहेरा 
नवंबर 2024 में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में बादलदार तेंदुए के 159 आवासों का विश्लेषण किया गया, जिससे पता चला कि इस प्रजाति के कुल आवास का सिर्फ 31.66% ही मौजूदा सीमा में आता है। अतिरिक्त 8.13% संभावित रूप से मौजूदा सीमा में है। तस्वीर - रेट ए. बटलर/मोंगाबे। 

क्लाउडेड लेपर्ड की घटती आबादी पर नए अध्ययन में सामने आया संरक्षण का रोडमैप

एशिया के कुछ प्राचीन जंगलों में एक मुश्किल से नजर आने वाला और रहस्यमयी शिकारी घूमता है। इसका नाम है बादलदार तेंदुआ (नियोफेलिस नेबुलोसा)। अपने आकर्षक, बादल के आकार के…
नवंबर 2024 में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में बादलदार तेंदुए के 159 आवासों का विश्लेषण किया गया, जिससे पता चला कि इस प्रजाति के कुल आवास का सिर्फ 31.66% ही मौजूदा सीमा में आता है। अतिरिक्त 8.13% संभावित रूप से मौजूदा सीमा में है। तस्वीर - रेट ए. बटलर/मोंगाबे। 
ड्रोन उपयोगी हैं, लेकिन भारतीय वनों में उन्हें इस्तेमाल करने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। तस्वीर- वल्लभदूटवटन, विकिमीडिया कॉमन्स पर (CC BY-SA 4.0)

वनों के संरक्षण में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा, लेकिन समस्याओं से पार पाना होगा

साल 2023 में असम में आई बाढ़ के दौरान राज्य के वन विभाग ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की कोहारा रेंज में मिट्टी के कटाव का पता लगाने के लिए ड्रोन…
ड्रोन उपयोगी हैं, लेकिन भारतीय वनों में उन्हें इस्तेमाल करने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। तस्वीर- वल्लभदूटवटन, विकिमीडिया कॉमन्स पर (CC BY-SA 4.0)
तेजी से शहरीकरण, जनसंख्या वृद्धि, पर्यटन और जलवायु परिवर्तन ने लद्दाख क्षेत्र में भूजल संसाधनों पर तनाव बढ़ा दिया है। तस्वीर -विकिमीडिया कॉमन्स (CC-BY-SA-4.0) के माध्यम से एल्डोजोस19 द्वारा।

शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन से लद्दाख में भूजल संसाधनों पर बढ़ता खतरा

हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि कृषि, घरों और होटलों के लिए मीठे पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत, भूजल कम हो रहा है और इसके…
तेजी से शहरीकरण, जनसंख्या वृद्धि, पर्यटन और जलवायु परिवर्तन ने लद्दाख क्षेत्र में भूजल संसाधनों पर तनाव बढ़ा दिया है। तस्वीर -विकिमीडिया कॉमन्स (CC-BY-SA-4.0) के माध्यम से एल्डोजोस19 द्वारा।
छत्तीसगढ़ में हसदेव झरना। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) के जरिए उमेश रात्रे की तस्वीर।

छत्तीसगढ़: अनुसूचित जनजाति आयोग ने हसदेव अरण्य में खनन के लिए सहमति को बताया फर्जी

छत्तीसगढ़ सरकार की एक संस्था की ओर से की गई जांच में आरोप लगाया गया है कि राज्य के हसदेव अरण्य में खनन के लिए मंजूरी हासिल करने के लिए…
छत्तीसगढ़ में हसदेव झरना। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) के जरिए उमेश रात्रे की तस्वीर।
अन्वेषणात्मक खनन परीक्षण के लिए अंडमान सागर में तैनात वराह-3। तस्वीर सौजन्य: राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी)।

गहरे समुद्र में खनन से जुड़ी तकनीक में आगे बढ़ रहा भारत

इस साल अक्टूबर में राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) ने अंडमान सागर में समुद्र तल से पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स हासिल करने के लिए सफल अन्वेषणात्मक खनन परीक्षण किया। यह महासागर में…
अन्वेषणात्मक खनन परीक्षण के लिए अंडमान सागर में तैनात वराह-3। तस्वीर सौजन्य: राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी)।
कोयले के ढेर से कोयला चुनती महिला। फ्लिकर [CC BY-NC-SA 2.0] के जरिए लेसरकल की तस्वीर।

जस्ट ट्रांजिशन में सामाजिक बुनियादी ढांचे के साथ वैकल्पिक रोजगार पर हो फोकस

जस्ट ट्रांजिशन पर आई एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयले का इस्तेमाल खत्म करने से औपचारिक और अनौपचारिक कोयला श्रमिकों पर अलग-अलग असर होगा। लेकिन, इस उद्योग…
कोयले के ढेर से कोयला चुनती महिला। फ्लिकर [CC BY-NC-SA 2.0] के जरिए लेसरकल की तस्वीर।
मुतपा गांव में ग्राम सभा का आयोजन। तस्वीर- जॉन केरकेट्टा

झारखंड: 3.77 लाख करोड़ सालाना से भी ज़्यादा है राज्य के कॉमन्स से मिलने वाली सेवाओं की कीमत

“आज भी जंगल से हमें जरूरत की तीन-चौथाई चीजें मिल जाती हैं। पंद्रह साल पहले तक जंगल से ही हमें हमारी जरूरत की सभी चीजें मिल जाती थी।” झारखंड के…
मुतपा गांव में ग्राम सभा का आयोजन। तस्वीर- जॉन केरकेट्टा
मारुथाचलम के खेत में तेज गर्मी में भी अजोला पनपता है, जो उनके चार एकड़ के जैविक खेत में उपलब्ध प्राकृतिक रेत और ताजे पानी की बदौलत नारियल के पेड़ों की छाया में मज़बूती से बढ़ता है। तस्वीर- गौतमी सुब्रमण्यम द्वारा मोंगाबे के लिए।

जलीय पौधे अज़ोला से हो सकता है चारे की कमी का समाधान

लगभग सात साल पहले, तमिलनाडु के थेनी के 41 वर्षीय पोल्ट्री किसान सुरुलीनाथन एस. ने मुर्गियों के चारे के रूप में अज़ोला नामक जलीय पौधे का उपयोग करना सीखा। वह…
मारुथाचलम के खेत में तेज गर्मी में भी अजोला पनपता है, जो उनके चार एकड़ के जैविक खेत में उपलब्ध प्राकृतिक रेत और ताजे पानी की बदौलत नारियल के पेड़ों की छाया में मज़बूती से बढ़ता है। तस्वीर- गौतमी सुब्रमण्यम द्वारा मोंगाबे के लिए।
सूखे की स्थिति और मिट्टी की सतह के टूटने या सूखने से मिट्टी का कार्बन ऑक्सीडेशन के संपर्क में आता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। फ्लिकर के जरिए वंदन देसाई की तस्वीर (CC BY-NC-ND 2.0)।

सूखे और मिट्टी की खराब होती सेहत से बढ़ रहा कार्बन उत्सर्जन

जलवायु विज्ञान से जुड़े शोधकर्ता जलवायु परिवर्तन का असर बढ़ाने वाले फीडबैक लूप के गंभीर होने के बारे में चिंतित हैं। गंभीर या पॉजिटिव फीडबैक लूप ऐसे तंत्र हैं जो…
सूखे की स्थिति और मिट्टी की सतह के टूटने या सूखने से मिट्टी का कार्बन ऑक्सीडेशन के संपर्क में आता है, जिससे वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। फ्लिकर के जरिए वंदन देसाई की तस्वीर (CC BY-NC-ND 2.0)।
रुद्रप्रयाग संगम पर मंदाकिनी नदी पर बने फुटब्रिज का टूटा हुआ सिरा। भूस्खलन की संवेदनशीलता का नया नक्शा पूर्वी घाट की भूस्खलन की संवेदनशीलता को दिखाता है, जो इस क्षेत्र के जोखिमों को समझने के लिए अहम जानकारी है। विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए मुखर्जी की तस्वीर (CC BY-SA 3.0)।

भारत के नए भूस्खलन मानचित्र में हुआ पूर्वी घाटों का उल्लेख

भूस्खलन को जमीन पर सबसे विनाशकारी खतरों में से एक माना जाता है। इससे जान-माल का बहुत ज्यादा नुकसान होता है। कई विकासशील देशों में भूस्खलन से होने वाला आर्थिक…
रुद्रप्रयाग संगम पर मंदाकिनी नदी पर बने फुटब्रिज का टूटा हुआ सिरा। भूस्खलन की संवेदनशीलता का नया नक्शा पूर्वी घाट की भूस्खलन की संवेदनशीलता को दिखाता है, जो इस क्षेत्र के जोखिमों को समझने के लिए अहम जानकारी है। विकिमीडिया कॉमन्स के जरिए मुखर्जी की तस्वीर (CC BY-SA 3.0)।
हरियाणा के सिरसा में तालाब से मिट्टी हटाने का काम करते हुए मनरेगा मजदूर। तस्वीर- मुल्ख सिंह/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।

वनक्षेत्र को बढ़ाने में मददगार हैं मनरेगा जैसी ग्रामीण रोजगार योजनाएं

वृक्षारोपण और आजीविका के बीच संबंधों की पड़ताल करने वाले एक नए शोध पत्र से पता चलता है कि मनरेगा जैसी सामाजिक कल्याणकारी योजनाएं आय और रोजगार प्रदान करने के…
हरियाणा के सिरसा में तालाब से मिट्टी हटाने का काम करते हुए मनरेगा मजदूर। तस्वीर- मुल्ख सिंह/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।
नेपााल के सप्तसरी जिले में कोसी नदी से लकड़ियां ले जाता एक ग्रामीण। कोसी नदी में भारी मात्रा में लकड़ियां पहाड़ पर से बहकर आयी हैं, जिसे जगह-जगह लोग नदी से चुनते दिखे। तस्वीर- राहुल सिंह मोंगाबे के लिए

बिहार में बाढ़ की एक बड़ी वजह कोसी में जमी गाद, क्या है समाधान?

नेपाल के सप्तरी जिले के 63 वर्षीय रामेश्वर यादव माहुली नदी के एक नंबर पुल से कुछ दूरी पर एक पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठे हैं। उनके साथ हैं 74…
नेपााल के सप्तसरी जिले में कोसी नदी से लकड़ियां ले जाता एक ग्रामीण। कोसी नदी में भारी मात्रा में लकड़ियां पहाड़ पर से बहकर आयी हैं, जिसे जगह-जगह लोग नदी से चुनते दिखे। तस्वीर- राहुल सिंह मोंगाबे के लिए
केरल का एक समुद्र तट। तस्वीर- पीडीपीक्स/विकिमीडिया कॉमन्स 

मध्य केरल में तटीय आपदा जोखिमों का आकलन

मध्य केरल के तट पर आपदा जोखिम का आकलन करने वाले एक नए अध्ययन में कहा गया है कि तटीय सुरक्षा, जल निकासी में सुधार और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली जैसे…
केरल का एक समुद्र तट। तस्वीर- पीडीपीक्स/विकिमीडिया कॉमन्स 
बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के लिए सही जमीन की पहचान करना और मांग को बढ़ावा देने जैसी पहलें कश्मीर के बल्ला उद्योग को बनाए रखने और इसके विकास के लिए अहम हैं। तस्वीर सौजन्य: फवजुल कबीर।

क्रिकेट का कश्मीर कनेक्शन: हर साल बन रहे तीस लाख कश्मीरी विलो के बल्ले

भारत में क्रिकेट की शुरुआत एक सदी से भी पहले हुई थी। जैसे-जैसे देश में यह खेल लोकप्रिय होता गया, बल्ला उद्योग भी आगे बढ़ने लगा। अब, बल्ला बनाने के…
बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण के लिए सही जमीन की पहचान करना और मांग को बढ़ावा देने जैसी पहलें कश्मीर के बल्ला उद्योग को बनाए रखने और इसके विकास के लिए अहम हैं। तस्वीर सौजन्य: फवजुल कबीर।
दिल्ली पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बाद राजघाट पर श्रद्धांजलि देने के लिए कतार में खड़े पदयात्री। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे।

सोनम वांग्चुक के साथ लद्दाख से दिल्ली तक पदयात्रा कर आए 150 लोग, क्या हैं मांगे?

पर्यावरणविद् और इंजीनियर सोनम वांगचुक लद्दाख के 150 पदयात्रियों के साथ 2 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचे। उन्हें दिल्ली पुलिस ने पहले हिरासत में लिया और पुलिस हिरासत में 36 घंटे…
दिल्ली पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बाद राजघाट पर श्रद्धांजलि देने के लिए कतार में खड़े पदयात्री। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे।
तमिलनाडु के अनामलाई पहाड़ियों में सड़क पार करते हुए एक हाथी और उसका बच्चा। खराब तरीके से बनाई गई सड़कों और रेलवे लाइनों की वजह से एशियाई हाथियों की गाड़ियों से टक्कर हो रही है, जिससे वे मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन/NCF

हाथियों की सड़क और रेलवे पटरियों पर होने वाली मौतों को रोकने के लिए नई हैंडबुक जारी

इस साल की शुरुआत में, कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास एक ट्रेन से एक हाथी और उसके बच्चे को टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौत हो गई। कुछ महीने…
तमिलनाडु के अनामलाई पहाड़ियों में सड़क पार करते हुए एक हाथी और उसका बच्चा। खराब तरीके से बनाई गई सड़कों और रेलवे लाइनों की वजह से एशियाई हाथियों की गाड़ियों से टक्कर हो रही है, जिससे वे मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन/NCF
कन्याकुमारी तट के पास पर्यटक। तस्वीर: के.ए. शाजी।

जैवविविधता से समृद्ध वेड्ज बैंक में तेल और गैस की खोज की योजना चिंता का विषय

इस साल की शुरुआत में भारत सरकार ने हाइड्रोकार्बन अन्वेषण एवं लाइसेंसिंग नीति (HELP) 2016 के प्रावधानों के तहत कन्याकुमारी तट पर तीन तेल और गैस ब्लॉकों में खोज और…
कन्याकुमारी तट के पास पर्यटक। तस्वीर: के.ए. शाजी।
असम के बारपेटा में बिहार के प्रवासी मधुमक्खी पालक। तस्वीर- सुरजीत शर्मा/मोंगाबे 

[वीडियो] शहद की तलाश में मधुमक्खियों के साथ यात्रा कर रहे किसान, बेहतर हुआ शहद उत्पादन

असम के नुमालीगढ़ क्षेत्र के बोरसापोरी गांव के दूर क्षितिज पर सूरज डूब रहा था। दूर-दूर तक फैले सरसों के खेतों में मधुमक्खियों की भिनभिनाहट के बीच लीला चरण दत्ता…
असम के बारपेटा में बिहार के प्रवासी मधुमक्खी पालक। तस्वीर- सुरजीत शर्मा/मोंगाबे 
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के आदिवासी गांवों से होकर बहती नर्मदा नदी। तस्वीर - रचित तिवारी।

[कमेंट्री] नर्मदा नदी पर क्रूज: क्या यह वैध, उचित या न्यायोचित है?

मध्य प्रदेश के पर्यटन विभाग ने साल 2022 की शुरुआत में नर्मदा नदी पर पर्यटकों के लिए क्रूज शिप सेवा शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। ये क्रूज अभी तक…
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के आदिवासी गांवों से होकर बहती नर्मदा नदी। तस्वीर - रचित तिवारी।
बेंगलुरु के रहने वाले वॉटर डिवाइनर एस. सैमसन तांबे के उपकरण से बोर पॉइंट खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पास ही खड़े बच्चे उन्हें काम करते हुए देख रहे हैं। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 

वाटर डिवाइनिंगः नारियल और सूखी टहनियों से भूजल खोजने का पारंपरिक तरीका

शनमुगन ने अपनी धोती ऊपर उठाई और बड़ी ही सावधानी से अपना एक पैर जमीन पर रखा। कुछ महसूस न होने पर वह दूसरी दिशा की ओर बढ़ गए। फिर…
बेंगलुरु के रहने वाले वॉटर डिवाइनर एस. सैमसन तांबे के उपकरण से बोर पॉइंट खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पास ही खड़े बच्चे उन्हें काम करते हुए देख रहे हैं। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 
राम-मोल किसान खरपतवार हटाने के लिए हल्की जुताई जैसी प्राकृतिक खेती तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। इसे स्थानीय भाषा में विखेड़ा कहा जाता है। तस्वीर- सात्विक-प्रमोटिंग इकोलॉजिकल एग्रीकल्चर के सौजन्य से।

सूखे इलाकों में फसल उगाने के लिए परंपरागत राम-मोल कृषि तकनीक पर भरोसा

मई का महीना करीब है और कच्छ के धरमपुर गांव में सूरज अभी से आग बरसा रहा था। इसकी परवाह किए बिना मवाभाई डांगर अपने अरंडी की फसल का जायजा…
राम-मोल किसान खरपतवार हटाने के लिए हल्की जुताई जैसी प्राकृतिक खेती तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। इसे स्थानीय भाषा में विखेड़ा कहा जाता है। तस्वीर- सात्विक-प्रमोटिंग इकोलॉजिकल एग्रीकल्चर के सौजन्य से।