वन्य जीव एवं जैव विविधता News

नागा कार्यकर्ता सेनो त्सुहा व्याख्यान देती हुई। सेनो त्सुहा के सौजन्य से तस्वीर।

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पारंपरिक तरीकों को जीवनदान देती नागालैंड की एक कार्यकर्ता [इंटरव्यू]

नागालैंड की हरी-भरी पहाड़ियों में बसे फेक जिले में, समुदाय की भावनाएं हर गांव में गूंजती हैं। पूर्वोत्तर-भारतीय राज्य के इन गांवों में कई युवा और महिला समाज और आदिवासी…
नागा कार्यकर्ता सेनो त्सुहा व्याख्यान देती हुई। सेनो त्सुहा के सौजन्य से तस्वीर।
सौरव बोरकाटकी द्वारा 2 अगस्त, 2024 को सोनितपुर जिले के बिहागुरी क्षेत्र से बचाया गया रसल्स वाइपर। तस्वीर - सौरव बोरकाटकी।

रसल्स वाइपर के बारे में अफवाहों से असम में बढ़ती सांपों को मारने की घटनाएं

पिछले साल जुलाई में असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप में कुछ किसान उस समय डर गए जब उन्होंने, जिस खेत में वो काम कर रहे थे उसमें एक मोटा,…
सौरव बोरकाटकी द्वारा 2 अगस्त, 2024 को सोनितपुर जिले के बिहागुरी क्षेत्र से बचाया गया रसल्स वाइपर। तस्वीर - सौरव बोरकाटकी।
पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में ऑलिव रिडले कछुआ। 2025 के सामूहिक प्रजनन के मौसम की शुरुआत के साथ, अलग-अलग प्रजातियों की हजारों मादा भारत के समुद्र तट पर आने वाली हैं। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) के जरिए अनिरनॉय की तस्वीर।

कछुओं के अंडे देने की जगहों को बचाने में स्थानीय लोगों की भागीदारी जरूरी

दक्षिण भारतीय राज्य केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम में अरब सागर क्रिसमस के बाद की ठंडी रातों में अक्सर शांत रहता है। तारों से जगमगाती रात में रेतीला तट चमकता है।…
पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में ऑलिव रिडले कछुआ। 2025 के सामूहिक प्रजनन के मौसम की शुरुआत के साथ, अलग-अलग प्रजातियों की हजारों मादा भारत के समुद्र तट पर आने वाली हैं। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) के जरिए अनिरनॉय की तस्वीर।
युवा सोलिगा, शशि अपने घर के पास जंगली साग-सब्जियां खोजती हुई। आदिवासी बुजुर्गों का कहना है कि युवा पीढ़ी में जंगली खाद्य पौधों के बारे में पारंपरिक ज्ञान कम होता जा रहा है। तस्वीर - अभिषेक एन. चिन्नाप्पा द्वारा मोंगाबे के लिए।

जंगल के खाने में छुपा पोषण का रहस्य

शंखमादम्मा और डुंडम्मा कर्नाटक की आदिवासी बस्ती कीरनहोला पोडु में अपने घर के बरामदे में बैठकर दोपहर का खाना खा रही हैं। चटक नीले रंग के इस घर की दीवारों…
युवा सोलिगा, शशि अपने घर के पास जंगली साग-सब्जियां खोजती हुई। आदिवासी बुजुर्गों का कहना है कि युवा पीढ़ी में जंगली खाद्य पौधों के बारे में पारंपरिक ज्ञान कम होता जा रहा है। तस्वीर - अभिषेक एन. चिन्नाप्पा द्वारा मोंगाबे के लिए।
टैक्सोनॉमिस्ट जिनी जैकब एक प्रयोगशाला में नमूने का निरीक्षण करते हुए। उन्हें 2024 में ओशन सेंसस अवार्ड से सम्मानित किया गया, क्योंकि उन्होंने 60 से अधिक नेमाटोड प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया है, जिनमें से चार का उन्होंने औपचारिक रूप से वर्णन किया है। तस्वीर सौजन्य: जिनी जैकब।

खूबसूरत सूक्ष्मजीव नेमाटोड्स की रहस्यमयी दुनिया

टैक्सोनॉमिस्ट जिनि जैकब को बचपन से ही सूक्ष्म जीवों की दुनिया में काफी रूचि थी। स्कूल के दिनों में, चींटियां और अन्य छोटे कीड़े उनके जिज्ञासा के विषय होते थे,…
टैक्सोनॉमिस्ट जिनी जैकब एक प्रयोगशाला में नमूने का निरीक्षण करते हुए। उन्हें 2024 में ओशन सेंसस अवार्ड से सम्मानित किया गया, क्योंकि उन्होंने 60 से अधिक नेमाटोड प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया है, जिनमें से चार का उन्होंने औपचारिक रूप से वर्णन किया है। तस्वीर सौजन्य: जिनी जैकब।
दक्षिणी नेपाल के जंगल में घूमता एक हाथी। तस्वीर अशोक राम के सौजन्य से।

प्रवासी हाथियों के साथ जीना सीख रहा भारत-नेपाल सीमा पर बसा एक गांव

कांच की खिड़की पर जोरदार धमाका सुनकर कृष्ण बहादुर रसैली का दिल तेजी से धड़कने लगा। उन्होंने बाहर निकलकर देखा कि उनका कोठार (अनाज रखने वाली जगह) खंडहर हो गया…
दक्षिणी नेपाल के जंगल में घूमता एक हाथी। तस्वीर अशोक राम के सौजन्य से।
किशोर एंगुइकुलस डिकैप्रियोई। इस सांप का शरीर छोटा होता है। इसकी अधिकतम लंबाई लगभग आधा मीटर होती है और इसके दांत भी होते हैं। तस्वीर- जीशान मिर्ज़ा।

मिलिए हिमालय के इस नए सांप से, हॉलीवुड अभिनेता लियोनार्डो डिकैप्रियो पर नामकरण

साल 2020 में महामारी के दौरान जून महीने में वीरेंद्र भारद्वाज पश्चिमी हिमालय में हिमाचल प्रदेश में अपने घर के पीछे के आंगन का बारीकी से निरीक्षण कर रहे थे।…
किशोर एंगुइकुलस डिकैप्रियोई। इस सांप का शरीर छोटा होता है। इसकी अधिकतम लंबाई लगभग आधा मीटर होती है और इसके दांत भी होते हैं। तस्वीर- जीशान मिर्ज़ा।
असम के जोरहाट में होलोंगापार गिब्बन अभयारण्य से बाहर निकलता हाथियों का झुंड पास के चाय बागान से गुजरता हुआ। तस्वीर- कुमुद घोष/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY 4.0)।

संघर्ष के बावजूद दिल में हाथियों के लिए श्रद्धा और सहानुभूति

पूर्वोत्तर राज्य असम में मानव-हाथी संघर्ष बार-बार होने वाली घटना है। राज्य में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में उदलगुरी जिले का धनशिरी वन्यजीव प्रभाग है। यहां मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति…
असम के जोरहाट में होलोंगापार गिब्बन अभयारण्य से बाहर निकलता हाथियों का झुंड पास के चाय बागान से गुजरता हुआ। तस्वीर- कुमुद घोष/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY 4.0)।
थाईलैंड का ओ. हन्नाह। अभी तक, सभी चार प्रकार के किंग कोबरा को एक ही प्रजाति का माना जाता था, लेकिन नए अध्ययन में चार अलग-अलग आनुवंशिक प्रजातियां पाई गई हैं। तस्वीर- गौरी शंकर

किंग कोबरा: अब एक नहीं, चार अलग-अलग प्रजातियां

एक नए अध्ययन में पता चला है कि दुनिया का सबसे लंबा जहरीला सांप ‘किंग कोबरा’ जो अब तक एक प्रजाति माना जाता रहा है, एक नहीं बल्कि आनुवंशिक रूप…
थाईलैंड का ओ. हन्नाह। अभी तक, सभी चार प्रकार के किंग कोबरा को एक ही प्रजाति का माना जाता था, लेकिन नए अध्ययन में चार अलग-अलग आनुवंशिक प्रजातियां पाई गई हैं। तस्वीर- गौरी शंकर
महाराष्ट्र में 2022 में लैंगेलुरिलस टर्टियस। ये मकड़ियाँ झाड़ीदार इलाकों में चट्टानी इलाकों में पाई गईं।  तस्वीर- राजेश सनप

मिथकों और डर से मकड़ियों की रक्षा के लिए अधिक शोध और जागरूकता की जरूरत

टारेंटयुला, एक बालों से भरी निशाचर मकड़ी है। इसका काटना बेहद दर्दनाक हो सकता है, लेकिन इन मकड़ियों द्वारा काटे जाने की संभावना दुर्लभ है, क्योंकि ये मकड़ियाँ आमतौर पर…
महाराष्ट्र में 2022 में लैंगेलुरिलस टर्टियस। ये मकड़ियाँ झाड़ीदार इलाकों में चट्टानी इलाकों में पाई गईं।  तस्वीर- राजेश सनप
सर्वे से पता चला है कि सिंधु नदी डॉल्फिन केवल ब्यास नदी के निचले तीसरे हिस्से में पाई जाती हैं, जिनकी संख्या एक से आठ तक है। तस्वीर-डॉ. संदीप बेहेरा 

सिंधु नदी डॉल्फिन की आबादी घटी, आवास भी सुरक्षित नहीं

उत्तरी भारत में ब्यास नदी का पानी सिंधु नदी डॉल्फिन की एक छोटी, लुप्तप्राय आबादी का घर है। लेकिन अब उनकी संख्या कम हो रही है और उनके आवास खतरे…
सर्वे से पता चला है कि सिंधु नदी डॉल्फिन केवल ब्यास नदी के निचले तीसरे हिस्से में पाई जाती हैं, जिनकी संख्या एक से आठ तक है। तस्वीर-डॉ. संदीप बेहेरा 
नवंबर 2024 में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में बादलदार तेंदुए के 159 आवासों का विश्लेषण किया गया, जिससे पता चला कि इस प्रजाति के कुल आवास का सिर्फ 31.66% ही मौजूदा सीमा में आता है। अतिरिक्त 8.13% संभावित रूप से मौजूदा सीमा में है। तस्वीर - रेट ए. बटलर/मोंगाबे। 

क्लाउडेड लेपर्ड की घटती आबादी पर नए अध्ययन में सामने आया संरक्षण का रोडमैप

एशिया के कुछ प्राचीन जंगलों में एक मुश्किल से नजर आने वाला और रहस्यमयी शिकारी घूमता है। इसका नाम है बादलदार तेंदुआ (नियोफेलिस नेबुलोसा)। अपने आकर्षक, बादल के आकार के…
नवंबर 2024 में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में बादलदार तेंदुए के 159 आवासों का विश्लेषण किया गया, जिससे पता चला कि इस प्रजाति के कुल आवास का सिर्फ 31.66% ही मौजूदा सीमा में आता है। अतिरिक्त 8.13% संभावित रूप से मौजूदा सीमा में है। तस्वीर - रेट ए. बटलर/मोंगाबे। 
ड्रोन उपयोगी हैं, लेकिन भारतीय वनों में उन्हें इस्तेमाल करने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। तस्वीर- वल्लभदूटवटन, विकिमीडिया कॉमन्स पर (CC BY-SA 4.0)

वनों के संरक्षण में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा, लेकिन समस्याओं से पार पाना होगा

साल 2023 में असम में आई बाढ़ के दौरान राज्य के वन विभाग ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की कोहारा रेंज में मिट्टी के कटाव का पता लगाने के लिए ड्रोन…
ड्रोन उपयोगी हैं, लेकिन भारतीय वनों में उन्हें इस्तेमाल करने में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। तस्वीर- वल्लभदूटवटन, विकिमीडिया कॉमन्स पर (CC BY-SA 4.0)
अपने आवास में एक नुब्रा पिका। नुब्रा पिका शर्मीले होते हैं और वनस्पति वाले स्थानों पर रहते हैं। तस्वीर- हर्ष कुमार

हिमालय पिका को रहता है सर्दियों के लिए मौसम के संकेतों का इंतजार

हिमालय पिका में निश्चित रूप से और भी बहुत कुछ है जो आंखों को दिखाई नहीं देता है। एक सामान्य नजर में, बिना पूंछ वाला ये चूहा पहाड़ी इलाकों में…
अपने आवास में एक नुब्रा पिका। नुब्रा पिका शर्मीले होते हैं और वनस्पति वाले स्थानों पर रहते हैं। तस्वीर- हर्ष कुमार
अगस्त 2022 में कर्नाटका के कुर्ग में एक हर्पेटोलॉजी अभियान पर एक पिल बग को हाथ में पकड़े हुए वन्यजीव जीवविज्ञानी केडेन एंथनी। तस्वीर- रोमा ए. त्रिपाठी 

जागरूकता फैलाने के लिए कंटेंट क्रिएटर बने जीवविज्ञानी

बुश फ्रॉग खाते हुए एक मालाबार पिट वाइपर को कैमरे में कैद करना शायद आपकी शाम बिताने का तरीका न हो, लेकिन वन्यजीव जीवविज्ञानी यतिन कल्कि (28) के लिए ये…
अगस्त 2022 में कर्नाटका के कुर्ग में एक हर्पेटोलॉजी अभियान पर एक पिल बग को हाथ में पकड़े हुए वन्यजीव जीवविज्ञानी केडेन एंथनी। तस्वीर- रोमा ए. त्रिपाठी 
दक्षिणपूर्व कर्नाटक में बिलीगिरिंगा पहाड़ी का तेंदुआ। देशभर में कर्नाटक तेंदुए की अनुमानित संख्या (1,783) में दूसरे स्थान पर है। फोटो- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स

घने जंगलों और इंसानी बस्तियों के पास तेंदुए के शिकार का अलग-अलग पैटर्न

उत्तराखंड में राजाजी टाइगर रिजर्व (RTR) के जंगल जैव विविधता से भरपूर है। यहां आपको सुनहरे सियार से लेकर, सांभर, बार्किंग डियर, रीसस मैकाक, नीलगाय और हाथी जैसे बहुत से…
दक्षिणपूर्व कर्नाटक में बिलीगिरिंगा पहाड़ी का तेंदुआ। देशभर में कर्नाटक तेंदुए की अनुमानित संख्या (1,783) में दूसरे स्थान पर है। फोटो- उदय किरण/विकिमीडिया कॉमन्स
ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में एक बाघ। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) के जरिए अजिंक्य विश्वेकर की तस्वीर। 

इंसानी बस्तियों में बाघों की बढ़ती संख्या से लोगों में बढ़ता मानसिक तनाव

नवंबर की एक रात। रात के करीब 9:30 बज रहे हैं। हमारी कार महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के गांव मुधोली के पास पहुंची, जो मोहरली में हमारे किराए के होमस्टे…
ताड़ोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में एक बाघ। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) के जरिए अजिंक्य विश्वेकर की तस्वीर। 
जटायु केन्द्र में बने पहले जोड़े की तस्वीर। तस्वीर- मोंगाबे के लिए दयाशंकर शुक्ल सागर

उत्तर प्रदेशः संरक्षण केंद्र में आकर नई मुसीबतों में फंस गए राज गिद्ध

विलुप्त होते एशियाई राज गिद्धों (रेड हेडड वल्चर) को बचाने की मुहिम के तहत सितम्बर 2024 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित कैम्पियरगंज में जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का…
जटायु केन्द्र में बने पहले जोड़े की तस्वीर। तस्वीर- मोंगाबे के लिए दयाशंकर शुक्ल सागर
महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित मयूरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय भेड़िया। तस्वीर- रुद्राक्ष चोडनकर/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] बाघों से भी कम बचे भेड़ियों के संरक्षण से रुकेगा मानव-वन्यजीव संघर्ष

क्या भेड़िया सियार से अलग दिखता है? क्या सियार डरावने होते हैं? क्या भेड़िये खून के प्यासे होते हैं?  उत्तर प्रदेश के बहराइच में ग्रामीणों पर जंगली जानवरों के हमले…
महाराष्ट्र के पुणे जिले स्थित मयूरेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भारतीय भेड़िया। तस्वीर- रुद्राक्ष चोडनकर/विकिमीडिया कॉमन्स
स्मूद-कोटेड ऑटर की प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- आर. थायनंथ, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) 

पूर्वोत्तर भारत में तस्करों के निशाने पर ऊदबिलाव

इस साल 23 मई को, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) के अधिकारियों और धेमाजी वन विभाग ने असम के धेमाजी जिले के जोनाई में एक व्यक्ति से ऊदबिलाव की चार…
स्मूद-कोटेड ऑटर की प्रतीकात्मक तस्वीर। तस्वीर- आर. थायनंथ, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) 
थाईलैंड में एक एशियाई पाम सिवेट। एक नए अध्ययन ने इस प्रचलित धारणा को तोड़ दिया है कि सिवेट खुले में मल करना पसंद करते हैं। तस्वीर- फ्रांस से बर्नार्ड ड्यूपॉंट, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 2.0) 

छायादार जगहों पर मल त्याग जंगल बढ़ाने में मदद करते सिवेट

विज्ञान को लंबे समय से सिवेट और उनके मल में रुचि रही है, क्योंकि वे प्राकृतिक दुनिया में सबसे कुशल बीज वितरकों में से एक माने जाते हैं। उनके मल…
थाईलैंड में एक एशियाई पाम सिवेट। एक नए अध्ययन ने इस प्रचलित धारणा को तोड़ दिया है कि सिवेट खुले में मल करना पसंद करते हैं। तस्वीर- फ्रांस से बर्नार्ड ड्यूपॉंट, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 2.0) 
वन विभाग को हाथियों के बीमार होने की सूचना मिलने के बाद कई चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक हाथियों को बचाने की कोशिश हुई लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। तस्वीर साभार- पुष्पेंद्र द्विवेदी

कोदो नहीं, फंगस है मध्य प्रदेश में हाथियों की मौत की वजह, क्या है समाधान

मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 अक्टूबर की सुबह एक सूचना ने इलाके में हलचल मचा दी। सूचना थी कि खितौली और पतौर रेंज…
वन विभाग को हाथियों के बीमार होने की सूचना मिलने के बाद कई चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची। देर रात तक हाथियों को बचाने की कोशिश हुई लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। तस्वीर साभार- पुष्पेंद्र द्विवेदी
कोरिंगा वाइल्डलाइफ़ अभयारण्य में मछली पकड़ने वाली बिल्ली। तस्वीर- गिरिधर मल्ला।

खाने में क्या है? फिशिंग कैट का आहार से बनती संरक्षण की समझ

भारत के मैंग्रोव, दलदल, आर्द्रभूमि और नदी के किनारे के आवासों के जटिल पारिस्थितिकी तंत्रों में एक शांत शिकारी घूमता है: रहस्यमय फिशिंग कैट। प्रारंभिक शोध इसकी मछली खाने वाली…
कोरिंगा वाइल्डलाइफ़ अभयारण्य में मछली पकड़ने वाली बिल्ली। तस्वीर- गिरिधर मल्ला।
मेघालय के साउथ गारो हिल्स में बालपक्रम नेशनल पार्क में एक पत्ते पर बैठा बेक्वार्टिना बाइकलर। इसे 2017 में सरकार ने पहली बार देखा था, जिसे चमगादड़ ने अपना शिकार बनाते हुए घायल कर दिया था। तस्वीर- विवेक सरकार 

मेघालय में मिली सिकाडा प्रजाति की दो रंगों वाली तितली

साल 2017 की गर्मी की दोपहर में मेघालय के दक्षिण गारो हिल्स के बालपक्रम नेशनल पार्क में फील्ड एंटोमोलॉजिस्ट विवेक सरकार और उनके सहयोगी तुषार संगमा सिकाडा का अध्ययन करने…
मेघालय के साउथ गारो हिल्स में बालपक्रम नेशनल पार्क में एक पत्ते पर बैठा बेक्वार्टिना बाइकलर। इसे 2017 में सरकार ने पहली बार देखा था, जिसे चमगादड़ ने अपना शिकार बनाते हुए घायल कर दिया था। तस्वीर- विवेक सरकार 
इजिप्शियन गिद्ध। तस्वीर - के.एस. गोपी सुंदर

हर मौसम में खुद को ढाल लेते हैं छोटे शहर के स्थानीय पक्षी: स्टडी

भारत में बड़े शहरों की तुलना में उदयपुर जैसे झीलों और भीड़-भाड़ वाले छोटे शहर पक्षियों की बड़ी आबादी और सैकड़ों प्रजातियों को फलने-फूलने में ज्यादा मदद कर सकते हैं।…
इजिप्शियन गिद्ध। तस्वीर - के.एस. गोपी सुंदर
शिकार खाते हुए लाल सिर वाला गिद्ध। तस्वीर- टिमोथी ए गोंसाल्वेस/विकिमीडिया कॉमन्स

प्रकृति के सफाईकर्मी गिद्ध के योगदान का क्या है मोल?

भारत में गिद्ध संरक्षण की आर्थिक व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने वाले एक नए शोधपत्र में पाया गया है कि पशुओं के शवों के निपटान के प्राकृतिक और किफायती समाधान के…
शिकार खाते हुए लाल सिर वाला गिद्ध। तस्वीर- टिमोथी ए गोंसाल्वेस/विकिमीडिया कॉमन्स
महाराष्ट्र के सोलापुर में नान्नज घास के मैदानों की 2008 को खींची गई एक तस्वीरः तस्वीर- मधुकर बी वी, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0 DEED) 

महाराष्ट्र के सिमटते घास के मैदानों के पक्षी कहां गए?

महाराष्ट्र के नान्नज के घास के मैदान, पेड़ों से भरे छोटे-छोटे जंगलों, मानव बस्तियों, निजी और सार्वजनिक चरागाह भूमि और कृषि क्षेत्रों से घिरे हुए हैं। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभयारण्य…
महाराष्ट्र के सोलापुर में नान्नज घास के मैदानों की 2008 को खींची गई एक तस्वीरः तस्वीर- मधुकर बी वी, विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0 DEED) 
दिल्ली पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बाद राजघाट पर श्रद्धांजलि देने के लिए कतार में खड़े पदयात्री। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे।

सोनम वांग्चुक के साथ लद्दाख से दिल्ली तक पदयात्रा कर आए 150 लोग, क्या हैं मांगे?

पर्यावरणविद् और इंजीनियर सोनम वांगचुक लद्दाख के 150 पदयात्रियों के साथ 2 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचे। उन्हें दिल्ली पुलिस ने पहले हिरासत में लिया और पुलिस हिरासत में 36 घंटे…
दिल्ली पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बाद राजघाट पर श्रद्धांजलि देने के लिए कतार में खड़े पदयात्री। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे।
तमिलनाडु के अनामलाई पहाड़ियों में सड़क पार करते हुए एक हाथी और उसका बच्चा। खराब तरीके से बनाई गई सड़कों और रेलवे लाइनों की वजह से एशियाई हाथियों की गाड़ियों से टक्कर हो रही है, जिससे वे मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन/NCF

हाथियों की सड़क और रेलवे पटरियों पर होने वाली मौतों को रोकने के लिए नई हैंडबुक जारी

इस साल की शुरुआत में, कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास एक ट्रेन से एक हाथी और उसके बच्चे को टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौत हो गई। कुछ महीने…
तमिलनाडु के अनामलाई पहाड़ियों में सड़क पार करते हुए एक हाथी और उसका बच्चा। खराब तरीके से बनाई गई सड़कों और रेलवे लाइनों की वजह से एशियाई हाथियों की गाड़ियों से टक्कर हो रही है, जिससे वे मारे जा रहे हैं या घायल हो रहे हैं। तस्वीर- श्रीधर विजयकृष्णन/NCF