भारत में पर्यावरण एक्टिविजम के लिए एक ऐतिहासिक क्षण तब आया जब 17 मार्च को नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) ने अपनी टाउनशिप में 2.2 किलोमीटर लंबी चारदीवारी को गिराना शुरू…
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर ज़िले में 10 मार्च को लगभग दस साल के एक नर हाथी को करंट लगा कर मार डाला गया। वाड्रफनगर से लगे हुए फोकली महुआ वनक्षेत्र में…
भारत में जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट में पाई जाने वाली उभयचर प्रजातियों के विशाल भंडार में अरुणाचल प्रदेश के नामदाफा-कमलांग लैंडस्केप से खोजी गई तीन नई मेंढक प्रजातियां भी शामिल…
झीलों के शहर उदयपुर में जलपक्षी आराम करने और घोंसला बनाने के लिए अलग-अलग जगहों का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, वे एक जैसे संकेतों (जैसे आसपास दलदली जगह) से इस…
हाल ही में दक्षिण भारत के दो टाइगर रिजर्व में 14 इंडियन रॉक पायथन (Python molurus) पर हुई एक टेलीमेट्री स्टडी में इस प्रजाति के कई पहलुओं पर प्रकाश डाला…
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण) ने वन्यजीवों पर अध्ययन और निगरानी के लिए ईडीएनए (एनवायरमेंटल डीएनए) का इस्तेमाल करने के लिए एक पायलट परियोजना तैयार की है।…
असम के चराईदेव जिले के चाला गांव में सफराई नदी के किनारे घोड़े के खुर के आकार में बना यह हरा-भरा जंगल 680 हेक्टेयर का है। यहीं पर एक 152…
पश्चिमी घाट में की गई एक नई स्टडी में पता चला है कि आम जनधारणा के विपरीत नदी की धाराओं की सीमाएं जलीय केमफोली नाइट मेंढकों के घूमने-फिरने के लिए…
पूर्वी घाट के एक अध्ययन में मेसिक सवाना पारिस्थितिकी तंत्र में तेजी से फैल रही देसी सिम्बोपोगोन घास (लेमनग्रास) को लेकर चिंता जाहिर की और पारिस्थितिक तंत्र को पुरानी स्थिति…
सुप्रीम कोर्ट ने 19 फरवरी को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) को वनों की पुरानी परिभाषा को बहाल करने का निर्देश दिया। इस परिभाषा में जंगलों की…
यह अभी भी बड़ी हैरानी की बात है कि कैसे एक अनगुलेट, जो न तो नीला है, न ही भेड़ है, उसे नीली भेड़ कहा जाने लगा। इनके शरीर की…
सितम्बर महीने का वो दिन स्वाद में रच-बस गया, जब दोपहर के भोजन में झारखंड की थालियों की शान गरमागरम भात,दाल,सब्जी के साथ साग और चटनी परोसी गयी। परोसे गए…
आज से 14 साल पहले हरियाणा के पलवल हाईवे पर एक हथिनी चोटिल घूम रही थी। वन्यजीवों को बचाने वाली एक टीम ने उसकी देखभाल की। गंभीर चोट की वजह…
भारत में चीतों को फिर से बसाने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को एक साल से ज्यादा हो गया है। अब सरकार गुजरात के कच्छ जिले में स्थित कच्छ…
इसी साल 15 फरवरी को पश्चिम बंगाल के वन विभाग के अधिकारियों ने एक शख्स को पश्चिम बंगाल के मध्य में स्थित मुर्शिदाबाद जिले के 100 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र…
एक नई स्टडी में पता चला है कि किंग कोबरा के जहर का संयोजन स्पैक्टैकल्ड कोबरा के जहर की तुलना में आसान होता है क्योंकि किंग कोबरा सिर्फ वही चीजें…
संस्कृत के प्राचीन महाकाव्य रामायण में ताकतवर वानर देवता हनुमान ने उत्तरी श्रीलंका के मन्नार क्षेत्र को तमिलनाडु के रामेश्वरम से जोड़ने के मकसद से पुल बनाने के लिए सेना…
32 साल में लगाए 30 लाख पेड़। हर दिन करीब 257 पौधे। 71 गांवों में चार अमृत सरोवर सहित कुल 217 तालाबों का निर्माण। 263 गांवों में बनाए 2873 स्वयं…
साल 1986 में केरल के वन विभाग ने एक ऐसा फैसला लिया था जिसके लिए उन्हें कई दशक बाद पछताना पड़ रहा है। वन विभाग की सोशल फॉरेस्ट्री विंग ने…
नेपाल में तीन शोधकर्ता, हीरूलाल डंगौरा, विक्रम तिवारी और शुभम चौधरी, दिसंबर 2022 में नेपाल के पश्चिमी मैदानी इलाकों में गिद्धों की एक कॉलोनी पर नियमित शोध कर रहे थे।…
भारत में जंगल में रहने वाले आदिवासी समुदायों के लिए जंगल का क्या मतलब है? क्या वे वन पारिस्थितिकी तंत्र को उसी तरह देखते हैं जैसे जंगल के बाहर के…
छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित हसदेव अरण्य के जंगल में पेड़ों की कटाई जारी है। राज्यपाल से लेकर विधानसभा तक ने, हसदेव अरण्य में कोयला खदानों पर रोक लगाने की बात कही…
केन-बेतवा लिंक परियोजना को 'सैद्धांतिक' मंजूरी दिए जाने के तकरीबन छह साल बाद ‘पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ की तरफ से 3 अक्टूबर को अंतिम वन मंजूरी दे दी…
इस साल दो फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस से पहले भारत के खाते में पांच और रामसर साइटें जुड़ गई हैं। अब इन साइटों की कुल संख्या 75 से बढ़कर…
“मिट्ठू बराबर छे?” (क्या नमक ठीक है?) रुकसाना ने झींगा चावल परोसते हुए पूछा। इस सवाल पर सभी खाने वालों के चेहरे पर एक व्यंग्यपूर्ण मुस्कुराहट आई। इसकी वजह है…
गुजरात के कच्छ का सूरजबाड़ी ब्रिज डीजल का धुआं, धूल, ट्रक और ट्रेन की आवाज से आपका स्वागत करता है। आगे बढ़ने पर उस ब्रिज से नमक का मैदान दिखना…
"हाथ में पैसा होगा तभी त्योहार मनाना अच्छा लगता है," रक्षाबंधन के त्यौहार के दिन मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से सटे मोरावन गांव की सहरिया आदिवासी बस्ती में…
आक्रमणकारी प्रजातियों का प्रसार जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की सेवाओं के सामने मौजूद पांच बड़े खतरों में से एक है। ऐसे जानवर, पौधे, कवक और सूक्ष्म जीव जो कि…
नमक के मैदानों में डेरा डालने के लिए तेजल मकवाना अपना सामान पैक कर रही हैं। दशहरा के त्यौहार के बाद वह और उनके पति दानाभाई मकवाना किराए पर एक…
“मेरी मां समुद्री शैवाल इकट्ठा किया करती थीं। उस समय मेरी उम्र काफी कम थी लेकिन फिर भी उन के साथ जाती और उनकी मदद करती थी। तभी से मैं…