पृथ्वी

पृथ्वी का तापमान 1850-1900 के "पूर्व-औद्योगिक" औसत की तुलना में 1.5 और 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करना शुरू कर रहा है। इससे लोगों को गर्मी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तस्वीर-योगेंद्र सिंह/Pexels।

उफ़्फ़ ये गर्मी! क्यों बढ़ता ही जा रहा है पृथ्वी का पारा?

वैज्ञानिक शायराना अंदाज में कहते हैं, “धरती को बुखार हो गया है।” इसका मतलब यह है कि तापमान 1850-1900  के "औद्योगिक क्रांति से पहले" के औसत की तुलना में 1.5…
पृथ्वी का तापमान 1850-1900 के "पूर्व-औद्योगिक" औसत की तुलना में 1.5 और 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार करना शुरू कर रहा है। इससे लोगों को गर्मी से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। तस्वीर-योगेंद्र सिंह/Pexels।
पिछले साल स्वीडिश अंतरिक्ष निगम के साथ मिलकर हार्वर्ड अनुसंधान इकाई द्वारा स्ट्रैटोस्फेरिक गुब्बारे के साथ एक सौर सोलर जियोइंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के परीक्षण की योजना बनाई गई थी। इसे लोगों के भारी विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया था। फोटो-नासा/गोद्दर्द/बैरल के सौजन्य से।0

सूरज को मद्धम कर पृथ्वी को ठंडा करने की कोशिश रोकी जाए, कह रहे हैं वैज्ञानिक

देश में लू का मौसम चल रहा है। देश के कई हिस्सों का तापमान सदियों का रिकार्ड तोड़ रहा है और जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कई लोग इसे जलवायु परिवर्तन का…
पिछले साल स्वीडिश अंतरिक्ष निगम के साथ मिलकर हार्वर्ड अनुसंधान इकाई द्वारा स्ट्रैटोस्फेरिक गुब्बारे के साथ एक सौर सोलर जियोइंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के परीक्षण की योजना बनाई गई थी। इसे लोगों के भारी विरोध के बाद स्थगित कर दिया गया था। फोटो-नासा/गोद्दर्द/बैरल के सौजन्य से।0