बन्नी

बन्नी के सर्वो गांव में मालधारी अपने मवेशियों को चराने के दौरान पेड़ों के नीचे आराम करते हुए। इस चरवाहा समुदाय की आजीविका को बनाए रखने के लिए बन्नी घास के मैदानों का रखरखाव जरूरी है। तस्वीर - धैर्य गजारा/मोंगाबे।

गुजरात का बन्नी करेगा चीतों का स्वागत, लेकिन स्थानीय निवासी कर रहे पट्टों की मांग

भारत में चीतों को फिर से बसाने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को एक साल से ज्यादा हो गया है। अब सरकार गुजरात के कच्छ जिले में स्थित कच्छ…
बन्नी के सर्वो गांव में मालधारी अपने मवेशियों को चराने के दौरान पेड़ों के नीचे आराम करते हुए। इस चरवाहा समुदाय की आजीविका को बनाए रखने के लिए बन्नी घास के मैदानों का रखरखाव जरूरी है। तस्वीर - धैर्य गजारा/मोंगाबे।
कच्छ के रण स्थित बन्नी घास मैदान में भैसों के समूह के साथ मालधारी चरवाहा। तस्वीर- एजेटी जॉनसिंह, डब्लूडब्लूएफ-इंडिया और एनसीएफ

गुजरात: बन्नी घास मैदान से जुड़ी विरासत की लड़ाई में मालधारी समुदाय को मिली जीत

गुजरात के कच्छ के रण स्थित बन्नी घास के मैदान (ग्रासलैंड) को एशिया का सबसे बड़ा ग्रासलैंड कहा जाता है। यह करीब 2500 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र में…
कच्छ के रण स्थित बन्नी घास मैदान में भैसों के समूह के साथ मालधारी चरवाहा। तस्वीर- एजेटी जॉनसिंह, डब्लूडब्लूएफ-इंडिया और एनसीएफ