Invasive

इचोर्निया क्रैसिप्स को आमतौर पर पानी की जलकुंभी कहा जाता है। यह एक बाहरी आक्रमणकारी प्रजाति है जो भारत में हर जगह पानी में पाई जाती है। तस्वीर- शहादत हुसैन/विकिमीडिया कॉमन्स। 

पारिस्थितिकी तंत्र के लिए वैश्विक खतरा हैं जैव आक्रमण

आक्रमणकारी प्रजातियों का प्रसार जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की सेवाओं के सामने मौजूद पांच बड़े खतरों में से एक है। ऐसे जानवर, पौधे, कवक और सूक्ष्म जीव जो कि…
इचोर्निया क्रैसिप्स को आमतौर पर पानी की जलकुंभी कहा जाता है। यह एक बाहरी आक्रमणकारी प्रजाति है जो भारत में हर जगह पानी में पाई जाती है। तस्वीर- शहादत हुसैन/विकिमीडिया कॉमन्स। 
सरिस्का बाघ अभयारण्य में झाड़ी के अंदर रॉयल बंगाल टाइगर। तस्वीर- संजय ओझा/विकिमीडिया कॉमन्स

[कमेंट्री] जैविक अतिक्रमण और पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए भारत के प्रयास

भारत, एक विशाल जैव-विविधता वाला देश, जो कि आज गैर-मूल प्रजातियों के जैविक अतिक्रमण से निपटने की चुनौती का सामना कर रहा है। बाघों जैसे खाद्य श्रृंखला के शीर्ष शिकारियों…
सरिस्का बाघ अभयारण्य में झाड़ी के अंदर रॉयल बंगाल टाइगर। तस्वीर- संजय ओझा/विकिमीडिया कॉमन्स
सुंदर फूलों वाले उष्णकटिबंधीय अमेरिकी झाड़ी लैंटाना को आईयूसीएन द्वारा शीर्ष 10 सबसे खराब आक्रामक प्रजातियों में से एक माना जाता है। तस्वीर- मोक्की/विकिमीडिया कॉमन्स

भारत में घुसपैठ कर गए जीव-जंतुओं से हो रहा लाखों-करोड़ों का नुकसान

घुसपैठिया शब्द पढ़कर हमारे जेहन में किसी पड़ोसी देश से आए किसी इंसान की तस्वीर उभरती है। पर देश में घुसपैठ कई तरह से हो रहा है और उससे लाखों-करोड़ों…
सुंदर फूलों वाले उष्णकटिबंधीय अमेरिकी झाड़ी लैंटाना को आईयूसीएन द्वारा शीर्ष 10 सबसे खराब आक्रामक प्रजातियों में से एक माना जाता है। तस्वीर- मोक्की/विकिमीडिया कॉमन्स