- जब मुंबई का जिक्र आता है तो आमतौर पर ट्रैफिक जाम, लोकल ट्रेन की भीड़, फिल्म उद्योग की चकाचौंध और डब्बे वालों की तस्वीर जेहन में आती है। हालांकि, शहर के एक छोर की तस्वीर इससे एकदम जुदा है।
- मुंबई के इस छोर पर एक समुद्र की दुनिया है जहां रंग-बिरंगे केकड़े, प्रवाल और घोंघे जैसे सैकड़ों जीव निवास करते हैं।
- शहर के इस खूबसूरत हिस्से से परिचय कराने की जिम्मेदारी उठाई है कुछ प्रकृति से प्रेम करने वाले लोगों ने। सोशल मीडिया पर तस्वीरों के अलावा शहर के लोग समुद्र के किनारे घुमा कर लोगों को इस मनमोहक दुनिया से परिचय कराते हैं।
- अपने दो साल के सफर में तीन प्रकृतिप्रेमियों के समूह “मरिन लाइफ ऑफ मुंबई” ने अबतक 300 समुद्री जीवों को मुंबई के तट पर देखा है।
हम समूह में खड़े थे और समुद्र से निकलने वाली एक तेज गंध हमें बेचैन कर रही थी। हमें यात्रा की शुरुआत के पहले यह समझाया जा रहा था कि इस दौरान हमें क्या करना है और क्या नहीं। “कृपया कुछ भी उठायें नहीं, चाहें वह चीज आपको जितनी सुंदर लगे,” विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं से बात करते हुए सेजल मेहता ने कहा। “यह जीव आपको काट सकता है और इससे आपकी जान जा सकती है।”
हम सब लोग वन्यजीव की सुंदरता का लुत्फ लेने के लिए मुंबई के तट पर इकट्ठा हुए थे। मुंबई जैसे भागते शहर में बिना किसी प्रयास के वन्यजीव देखना लगभग नामुमकिन है।
वैसे भी यह शहर अपनी चकाचौंध के लिए मशहूर है। बॉलीवुड के सितारों से इतर इसके ट्रैफिक, दलाल स्ट्रीट, लोकल ट्रेन, सफेद कपड़ा पहने डब्बा वाले और बहुत हुआ तो रोजी-रोटी की तलाश में संघर्ष करते लोग- शहर से जुड़ी चर्चा के केंद्र में होते हैं।
इसी शोरगुल से राहत पाने के लिए हम सबलोग यहां इकट्ठा हुए हैं। मरीन लाइफ ऑफ मुंबई- कुछ लोगों की कोशिश से बने समूह के बैनर तले।
“मुंबई के इस तट पर कम से कम पचास तरह के तो केंकड़े मौजूद हैं, प्रदीप पटादे कहते हैं जो मरीन लाइफ ऑफ मुंबई के संस्थापकों में से एक हैं।
मरीन लाइफ ऑफ मुंबई की शुरुआत समुद्री जीवन से लोगों को रूबरू कराने के साथ हुई। प्रदीप कहते हैं कि वह इससे पहले वाटरस्पोर्ट्स इंस्ट्रक्टर थे। वर्ष 2013 उनके जीवन में बदलाव लेकर आया। एक दिन समुद्र तट पर कई पर्यटक स्टिंग-रे नामक एक जलीय जीव के डंक से परेशान थे। स्टिंग-रे एक चौकोर आकार का जलीय जीव होता है जो प्रजनन के लिए उथले पानी में आता है। लोगों ने इस जीव पर पांव रखा जिसके बाद उसने डंक मार दिया।
“मैं लोगों में समुद्री जीव के बारे में जागरुकता का कमी देखकर चौंक गया। मुझे लगा इनके बारे में लोगों को बताना चाहिए,’ पटाडे कहते हैं।
पटाडे इसके बाद से समुद्री तट पर मिलने वाले जीवों की तस्वीर लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने लगे। कुछ वर्ष बात उनकी मुलाकात दो और प्रकृतिप्रेमियों से हुई और वर्ष 2017 में मरीन लाइफ ऑफ मुंबई की शुरुआत हुई।
पहले समुद्री जीवों की जानकारी ऑनलाइन ही दी जाती थी, लेकिन बाद में लोगों को तटों पर ले जाकर जीवों के बारे में बताया जाने लगा।
दो वर्ष में ही इस समूह ने 315 प्रजाति की 1300 तस्वीर और जानकारियां ‘आई–नेचुरलिस्ट’ एप के माध्यम से लोगों तक पहुंचाई।
पटाडे कहते हैं कि समूह के लोग जुड़ते गए और जलीय जीवों की पहचान करने से लेकर उसके बारे में अलग-अलग स्थानों पर लिखने के काम में लोगों ने मदद की।
लेखिका सेजल मेहता भी इन्हीं लोगों में से हैं जो जलीय जीवों के बारे में समूह से जुड़कर लोगों तक जानकारी पहुंचा रही है।
“मैं समुद्री जीव के बारे में व्हेल और डॉल्फिन से आगे नहीं जानती थी, लेकिन अब दर्जनों समुद्री जीवों से मेरा परिचय हो चुका है,” मेहता कहती हैं।
जीवन के रंगों से गुलजार समुद्र तट
मुंबई के किनारे रेतीले और चट्टानी, मडफ्लैट्स, मैंग्रोव सहित कई प्रकार के समुद्री तट हैं, सेजल कहती हैं। जुहू के छः किलोमीटर लंबे तट पर रेत, चट्टान और दलदल सब मिलता है।
यहां किनारे चलते हुए कभी सैंड बब्लर क्रैप के द्वारा बनाई कलाकृतियां देखी जा सकती हैं तो कुछ आगे चलकर हर्मिट क्रैब दिख जाएगा। ये केकड़े काफी कोमल होते हैं और दूसरे जीव के खाली खोल में घुसकर रहते हैं। ये खोल से तभी बाहर निकलते हैं जब उन्हें बड़े खोल की तलाश होती है।

समुद्र तट पर समुद्री एनिमोन भी देखने को मिलते हैं, जिसका आकार हथेली जितना बड़ा होता है। समुद्री लहरों के बावजूद एनिमोन पानी में स्थिर होकर तैरते हैं। एनिमोन के भीतर प्रजनन करने की एक दुर्लभ क्षमता होती है। ये खुद को विभाजित कर एक से दो बन सकते हैं।
मुंबई के समुद्री तट पर बार्नाकाल नामक जीव भी देखे जा सकते हैं। ये तट पर पड़े पत्थरों से चिपके रहते हैं। यहां चलते हुए छोटे ऑक्टोपस, सी-स्पॉन्ज, केकड़े, सी-स्टार जैसे जीव दिख सकते हैं।
और पढ़ेंः ताउते तूफान ने बताया कितना संवेदनशील है भारत का पश्चिमी तट
बैनर तस्वीरः समुद्री स्पंज (Porifera sp.) तस्वीर- सारंग नायक