जल प्रदूषण News

श्रीनगर की डल झील में खड़ा एक शिकारा। तस्वीर- अथर परवेज 

डल झील में बढ़ते प्रदूषण और चिनार के पेड़ों की कटाई से संरक्षणवादी चिंतित

अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर कश्मीर, आज भी लोगों के लिए एक पसंदीदा पर्यटन स्थल है। लेकिन धीरे-धीरे डल झील में बढ़ता प्रदूषण और विकास के नाम पर चिनार…
श्रीनगर की डल झील में खड़ा एक शिकारा। तस्वीर- अथर परवेज 
टैक्सोनॉमिस्ट जिनी जैकब एक प्रयोगशाला में नमूने का निरीक्षण करते हुए। उन्हें 2024 में ओशन सेंसस अवार्ड से सम्मानित किया गया, क्योंकि उन्होंने 60 से अधिक नेमाटोड प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया है, जिनमें से चार का उन्होंने औपचारिक रूप से वर्णन किया है। तस्वीर सौजन्य: जिनी जैकब।

खूबसूरत सूक्ष्मजीव नेमाटोड्स की रहस्यमयी दुनिया

टैक्सोनॉमिस्ट जिनि जैकब को बचपन से ही सूक्ष्म जीवों की दुनिया में काफी रूचि थी। स्कूल के दिनों में, चींटियां और अन्य छोटे कीड़े उनके जिज्ञासा के विषय होते थे,…
टैक्सोनॉमिस्ट जिनी जैकब एक प्रयोगशाला में नमूने का निरीक्षण करते हुए। उन्हें 2024 में ओशन सेंसस अवार्ड से सम्मानित किया गया, क्योंकि उन्होंने 60 से अधिक नेमाटोड प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया है, जिनमें से चार का उन्होंने औपचारिक रूप से वर्णन किया है। तस्वीर सौजन्य: जिनी जैकब।
ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में कोयला खदान में जारी काम। फ्लिकर (CC BY-NC-SA 2.0) के जरिए इंडिया वाटर पोर्टल की तस्वीर।

खनन वाले इलाकों में कोयले की धूल से पेड़-पौधों को हो रहा नुकसान

ओडिशा में किए गए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि किस प्रकार उपग्रह से प्राप्त चित्र कोयला खनन की धूल से वनस्पतियों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को तय…
ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में कोयला खदान में जारी काम। फ्लिकर (CC BY-NC-SA 2.0) के जरिए इंडिया वाटर पोर्टल की तस्वीर।
मुथलापोझी बंदरगाह में नए विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का प्रबंधन करने वाले अडानी पोर्ट को दुर्घटनाओं के लिए दोषी ठहराया जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने बंदरगाह के मुहाने की गाद निकालने का अपना वादा पूरा नहीं किया है। तस्वीर- सरिता एस. बालन, मोंगाबे

केरलः मुथलापोझी फिशिंग हार्बर में लगातार होती मछुआरों की मौतों के लिए जिम्मेदार कौन

केरल के त्रिवेंद्रम में विझिनजम तट पर बने भारत के पहले गहरे पानी के कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट, ‘विझिनजम इंटरनैशनल सीपोर्ट’ ने पिछले साल जुलाई में चीन से आए पहले बड़े…
मुथलापोझी बंदरगाह में नए विझिनजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का प्रबंधन करने वाले अडानी पोर्ट को दुर्घटनाओं के लिए दोषी ठहराया जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने बंदरगाह के मुहाने की गाद निकालने का अपना वादा पूरा नहीं किया है। तस्वीर- सरिता एस. बालन, मोंगाबे
वेणुगोपाल केरल में कट्टा बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। बैनर तस्वीर- कौशिकी रावत/मोंगाबे।

[वीडियो] केरल में पारंपरिक इंजीनियरिंग से जल संरक्षण

चेक डैम छोटी, अक्सर अस्थायी संरचनाएं होती हैं जो पानी के संरक्षण और भूजल स्तर को रिचार्ज करने के लिए नदियों और जल चैनलों पर बनाई जाती हैं। केरल के…
वेणुगोपाल केरल में कट्टा बनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। बैनर तस्वीर- कौशिकी रावत/मोंगाबे।
प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग करके जर्मनी में उगाई गई स्ट्रॉबेरी। दुनिया भर में प्लास्टिक खाद्य उत्पादन, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग और उपभोग का एक अहम हिस्सा बन गई है। इसका इस्तेमाल मल्च फिल्म, शेड नेट, पॉलीहाउस, सिंचाई पाइप, पॉन्ड्स लाइनर और स्टोरेड साइलो में भी किया जाता है। तस्वीर- Fischer.H विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) 

प्लास्टिकल्चर की वजह से पर्यावरण और भविष्य की फसलों को लेकर चिंताएं बढ़ीं

कर्नाटक के बेलगावी शहर के पास अलरवाड़ा गांव में, एक युवा किसान श्रीधर जयगौड़ा धान की मानसून की फसल की तैयारी कर रहे हैं। उनके परिवार ने हाल ही में…
प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग करके जर्मनी में उगाई गई स्ट्रॉबेरी। दुनिया भर में प्लास्टिक खाद्य उत्पादन, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग और उपभोग का एक अहम हिस्सा बन गई है। इसका इस्तेमाल मल्च फिल्म, शेड नेट, पॉलीहाउस, सिंचाई पाइप, पॉन्ड्स लाइनर और स्टोरेड साइलो में भी किया जाता है। तस्वीर- Fischer.H विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) 
उन्नाव के एक चमड़ा कारखाने में काम करते मजदूर। तस्वीर- ज़ोया हुसैन, मोंगाबे 

प्रदूषण कम करने के लिए नए तरीके अपना रहा है कानपुर का चमड़ा उद्योग

उन्नाव के किंग्स इंटरनेशनल टैनरी में काम करने वाले 34 वर्षीय मोहम्मद शकील अहमद, गोदाम के उस खाली हिस्से की ओर इशारा करते हैं, जो आमतौर पर कच्चे चमड़े से…
उन्नाव के एक चमड़ा कारखाने में काम करते मजदूर। तस्वीर- ज़ोया हुसैन, मोंगाबे 
एक सरकारी सर्वेक्षण से पता चलता है कि भूजल के एकत्र किए गए नमूनों में से लगभग पांचवें हिस्से में प्रदूषण की सीमा तय मात्रा से ज्यादा है, जिसमें नाइट्रेट और रेडियोधर्मी यूरेनियम की बड़ी मात्रा शामिल है। फ्लिकर (CC-BY-2.0) के जरिए सुसाना सचिवालय की तस्वीर।

पूरे देश में भूजल प्रदूषण गहराया, सरकारी रिपोर्ट से खुलासा

दुनिया भर में भारत भूजल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाला देश है। यहां सिंचाई के लिए 87% और घरेलू इस्तेमाल के लिए 11% पानी का उपयोग होता है। हालांकि,…
एक सरकारी सर्वेक्षण से पता चलता है कि भूजल के एकत्र किए गए नमूनों में से लगभग पांचवें हिस्से में प्रदूषण की सीमा तय मात्रा से ज्यादा है, जिसमें नाइट्रेट और रेडियोधर्मी यूरेनियम की बड़ी मात्रा शामिल है। फ्लिकर (CC-BY-2.0) के जरिए सुसाना सचिवालय की तस्वीर।
सर्वे से पता चला है कि सिंधु नदी डॉल्फिन केवल ब्यास नदी के निचले तीसरे हिस्से में पाई जाती हैं, जिनकी संख्या एक से आठ तक है। तस्वीर-डॉ. संदीप बेहेरा 

सिंधु नदी डॉल्फिन की आबादी घटी, आवास भी सुरक्षित नहीं

उत्तरी भारत में ब्यास नदी का पानी सिंधु नदी डॉल्फिन की एक छोटी, लुप्तप्राय आबादी का घर है। लेकिन अब उनकी संख्या कम हो रही है और उनके आवास खतरे…
सर्वे से पता चला है कि सिंधु नदी डॉल्फिन केवल ब्यास नदी के निचले तीसरे हिस्से में पाई जाती हैं, जिनकी संख्या एक से आठ तक है। तस्वीर-डॉ. संदीप बेहेरा 
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के भांडेली गांव के किसान मुकेश मीणा के खेत में सोयाबीन की फसल में कीटनाशकों का छिड़काव करते मजदूर। तस्वीर- मुकेश मीणा 

बढ़ती लागत, घटता भरोसा- नैनो यूरिया की राह में चुनौतियां भी कम नहीं

जब 2021 में उर्वरक की कमी के चलते किसान हताश हो गए और सोशल मीडिया पर ट्रकों से उर्वरक की बोरियां लूटने के वीडियो वायरल होने लगे, तब मध्य प्रदेश…
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के भांडेली गांव के किसान मुकेश मीणा के खेत में सोयाबीन की फसल में कीटनाशकों का छिड़काव करते मजदूर। तस्वीर- मुकेश मीणा 
गंगा नदी में प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ विरोध दर्ज कराती एक कार्यकर्ता। तस्वीर- आकाशरनीसन, विकिमीडिया कॉमन्स [CC BY-SA 4.0] 

भारत की प्रदूषित नदियां दुनियाभर के लिए समस्या बनीं

भारत में दशकों से चले आ रहे खराब तरीके से कचरे के प्रबंधन के कारण कूड़े के बड़े-बड़े पहाड़ हर जगह दिखाई पड़ जाते हैं। लेकिन इस बढ़ते हुए ‘बिना…
गंगा नदी में प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ विरोध दर्ज कराती एक कार्यकर्ता। तस्वीर- आकाशरनीसन, विकिमीडिया कॉमन्स [CC BY-SA 4.0] 
बेंगलुरु के रहने वाले वॉटर डिवाइनर एस. सैमसन तांबे के उपकरण से बोर पॉइंट खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पास ही खड़े बच्चे उन्हें काम करते हुए देख रहे हैं। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 

वाटर डिवाइनिंगः नारियल और सूखी टहनियों से भूजल खोजने का पारंपरिक तरीका

शनमुगन ने अपनी धोती ऊपर उठाई और बड़ी ही सावधानी से अपना एक पैर जमीन पर रखा। कुछ महसूस न होने पर वह दूसरी दिशा की ओर बढ़ गए। फिर…
बेंगलुरु के रहने वाले वॉटर डिवाइनर एस. सैमसन तांबे के उपकरण से बोर पॉइंट खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पास ही खड़े बच्चे उन्हें काम करते हुए देख रहे हैं। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 
उरावु लैब्स में पानी की शुद्धता की जांच करता हुआ एक कर्मचारी। उरावु लिक्विड डेसीकेंट तकनीक का इस्तेमाल करता है जो हवा से नमी को सोखता है। फिर इसे फिल्टर और विशोषण प्रक्रिया के जरिए भेजा जाता है, ताकि पानी में दूषित पदार्थ न हों। मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा द्वारा ली गई तस्वीर।

नई तकनीक से हवा से तैयार हो रहा किफायती पीने योग्य पानी

बेंगलुरु जैसे भारतीय महानगर पिछले कुछ समय से डे जीरो (किसी दिन पूरी तरह पानी नहीं मिलना) के संभावित खतरे से दो-चार हैं। शहर में जल संसाधनों का कुप्रबंधन इतना…
उरावु लैब्स में पानी की शुद्धता की जांच करता हुआ एक कर्मचारी। उरावु लिक्विड डेसीकेंट तकनीक का इस्तेमाल करता है जो हवा से नमी को सोखता है। फिर इसे फिल्टर और विशोषण प्रक्रिया के जरिए भेजा जाता है, ताकि पानी में दूषित पदार्थ न हों। मोंगाबे के लिए अभिषेक एन. चिन्नाप्पा द्वारा ली गई तस्वीर।
उत्तर प्रदेश में छत पर लगे सोलर पैनल। तस्वीर- रचना वर्मा

[वीडियो] उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा की चकाचौंध के पीछे छुपी सोलर कचरे की बड़ी समस्या

भारत ने साल 2050 के अपने ‘नेट जीरो’ लक्ष्य को पूरा करने के लिए पिछले कुछ सालों में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत ध्यान दिया है। इसके चलते देश…
उत्तर प्रदेश में छत पर लगे सोलर पैनल। तस्वीर- रचना वर्मा
लंबे समय से बर्तन बनाने वाले कारीगर सैय्यद अहमद उन बर्तनों को तैयार करते हुए जिन्हें अगले दो दिन में भट्ठी के लिए भेजना है। तस्वीर-विशेष इंतजाम।

खुर्जा में चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने के सतत तरीकों के प्रयास जारी

50 साल के सैय्यद अहमद का मिट्टी के बर्तनों को आकार देने का तरीका पारंपरिक तरीके से अलग है जबकि ज्यादातर कारीगर पारंपरिक तरीके से ही बर्तन बनाते हैं। बर्तनों…
लंबे समय से बर्तन बनाने वाले कारीगर सैय्यद अहमद उन बर्तनों को तैयार करते हुए जिन्हें अगले दो दिन में भट्ठी के लिए भेजना है। तस्वीर-विशेष इंतजाम।
बजट की तैयारी में शामिल अधिकारियों की ‘लॉक-इन’ प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल एक पारंपरिक हलवा समारोह आयोजित किया जाता है। तस्वीर साभार- पीआईबी

एनडीए-3 का पहला बजट पर्यावरण अनुकूल, लेकिन अमल को लेकर संदेह बरकरार

पिछले महीने संपन्न हुए आम चुनावों में मिले झटकों के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपना सातवां बजट पेश किया। यह मौजूदा सरकार का पहला बजट…
बजट की तैयारी में शामिल अधिकारियों की ‘लॉक-इन’ प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल एक पारंपरिक हलवा समारोह आयोजित किया जाता है। तस्वीर साभार- पीआईबी
भारत सिंथेटिक कपड़ों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। तस्वीर: रवलीन कौर/मोंगाबे।

मौसम में बदलाव के बीच टिकाऊ तरीक़ों को बढ़ावा देता सूरत का कपड़ा उद्योग

साजिदा शेख की उम्र 45 साल है। वो 17 साल से गुजरात के सूरत जिले के पलसाना में स्थित कपड़ा क्लस्टर गुजरात ईको टेक्सटाइल पार्क में रंगाई के लिए आने…
भारत सिंथेटिक कपड़ों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। तस्वीर: रवलीन कौर/मोंगाबे।
एकलव्य फाउंडेशन की ग्रीन बिल्डिंग धूप में पकाई गई मिट्टी और चूने से बनी ईंटो से बनी है जिस से यह दूसरी इमारतों के मुकाबले ठंडी रहती है। तस्वीर- एकलव्य फाउंडेशन

भोपाल की यह ईको-फ्रेंडली इमारत है पर्यावरण के लिए लाभकारी

मई और जून के महीनों में बाहर पड़ रही भीषण गर्मी के बावजूद भी भोपाल के एकलव्य फाउंडेशन के कर्मचारी एक पंखे के नीचे खुश हैं। उन्हें दूसरे दफ्तरों के…
एकलव्य फाउंडेशन की ग्रीन बिल्डिंग धूप में पकाई गई मिट्टी और चूने से बनी ईंटो से बनी है जिस से यह दूसरी इमारतों के मुकाबले ठंडी रहती है। तस्वीर- एकलव्य फाउंडेशन
बाराजान पठार से बहने वाली एक प्राकृतिक जलधारा पर निर्माणाधीन एक छोटा बांध। तस्वीर-मैत्रेय पृथ्वीराज घोरपड़े

उत्तरी गोवा के गांवों में बढ़ती पानी की किल्लत, नए हवाई अड्डे को जिम्मेदार ठहराते लोग

पिछले कई दिनों से, हर सुबह उदय महाले एक उम्मीद के साथ अपने बाथरूम का नल खोलते हैं कि शायद आज उसमें पानी आ जाए। लेकिन ऐसा होता नहीं है।…
बाराजान पठार से बहने वाली एक प्राकृतिक जलधारा पर निर्माणाधीन एक छोटा बांध। तस्वीर-मैत्रेय पृथ्वीराज घोरपड़े
मुंबई में प्रदूषित समुद्र तट का नजारा। भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज़्यादा प्रदूषित देश है। साथ ही इसके इतिहास में पहली बार अमीरी और गरीबी के बीच सबसे ज्यादा अंतर देखा गया है। तस्वीर - वायन वोटा/फ़्लिकर।

भारत में अमीरों और गरीबों के उपभोग का पर्यावरण पर दुष्प्रभाव अलग-अलग- अध्ययन

हाल ही में इकोलॉजिकल इकोनॉमिक्स जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि भारतीयों का खान-पान पर्यावरण पर होने वाले दुष्प्रभावों पर सबसे ज्यादा असर डालता है। खास…
मुंबई में प्रदूषित समुद्र तट का नजारा। भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज़्यादा प्रदूषित देश है। साथ ही इसके इतिहास में पहली बार अमीरी और गरीबी के बीच सबसे ज्यादा अंतर देखा गया है। तस्वीर - वायन वोटा/फ़्लिकर।
मुंबई में एक मैंग्रोव की प्रतीकात्मक तस्वीर। मैंग्रोव में माइक्रोप्लास्टिक पाए जाने की सबसे अहम वजह उस क्षेत्र में इंसानी गतिविधियों को माना जाता है और ये अलग-अलग इलाकों के हिसाब से अलग-अलग हो सकती हैं। तस्वीर- सौमित्र शिंदे/मोंगाबे।

दक्षिण पश्चिमी भारत के मैंग्रोव में मिले फाइबर जैसे माइक्रोप्लास्टिक

भारत में हुई एक नई स्टडी में दक्षिण-पश्चिमी भारत के मैंग्रोव में पाए गए कई तरह के माइक्रोप्लास्टिक और उनके डिस्ट्रीब्यूशन के बारे में जानकारी दी गई है। इससे, इन…
मुंबई में एक मैंग्रोव की प्रतीकात्मक तस्वीर। मैंग्रोव में माइक्रोप्लास्टिक पाए जाने की सबसे अहम वजह उस क्षेत्र में इंसानी गतिविधियों को माना जाता है और ये अलग-अलग इलाकों के हिसाब से अलग-अलग हो सकती हैं। तस्वीर- सौमित्र शिंदे/मोंगाबे।
हसदेव समुदाय की महिलाओं के साथ गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार से नवाजे गए आलोक शुक्ला। तस्वीर गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार के जरिए।

[इंटरव्यू] गोल्डमैन पुरस्कार से नवाजे गए आलोक शुक्ला ने कहा, “यह जल, जंगल, जमीन के लिए संघर्ष कर रहे आदिवासियों का सम्मान”

छत्तीसगढ़ में पर्यावरण को बचाने के लिए काम करने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं के लिए 29 अप्रैल का दिन खास रहा। इस दिन राज्य के पर्यावरण कार्यकर्ता आलोक शुक्ला को संकटग्रस्त…
हसदेव समुदाय की महिलाओं के साथ गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार से नवाजे गए आलोक शुक्ला। तस्वीर गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार के जरिए।
पश्चिम बंगाल की संतरागाछी झील में मौजूद प्रवासी पक्षी। तस्वीर- बिस्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स।  

पश्चिम बंगाल के दक्षिण-मध्य में प्रवासी पक्षियों के अवैध शिकार पर रोक

इसी साल 15 फरवरी को पश्चिम बंगाल के वन विभाग के अधिकारियों ने एक शख्स को पश्चिम बंगाल के मध्य में स्थित मुर्शिदाबाद जिले के 100 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र…
पश्चिम बंगाल की संतरागाछी झील में मौजूद प्रवासी पक्षी। तस्वीर- बिस्वरूप गांगुली/विकिमीडिया कॉमन्स।  
कर्नाटक में अघनाशिनी नदी। अघनाशिनी नदी के किनारे स्थित मैंग्रोव मछलियों और झींगों के लिए महत्वपूर्ण नर्सरी के रूप में काम करते हैं और उनके प्रजनन और अंडे देने की प्रक्रिया में जरूरी भूमिका निभाते हैं। तस्वीर - हेगड़ेसुदर्शन/विकिमीडिया कॉमन्स। 

भारत में रामसर साइट की सूची में शामिल हुए पांच नए वेटलैंड्स

इस साल दो फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस से पहले भारत के खाते में पांच और रामसर साइटें जुड़ गई हैं।  अब इन साइटों की कुल संख्या 75 से बढ़कर…
कर्नाटक में अघनाशिनी नदी। अघनाशिनी नदी के किनारे स्थित मैंग्रोव मछलियों और झींगों के लिए महत्वपूर्ण नर्सरी के रूप में काम करते हैं और उनके प्रजनन और अंडे देने की प्रक्रिया में जरूरी भूमिका निभाते हैं। तस्वीर - हेगड़ेसुदर्शन/विकिमीडिया कॉमन्स। 
मालिया मछली बाज़ार। जिंजर झींगा (मेटापेनियस कचेंसिस) कच्छ की खाड़ी की एक स्थानिक प्रजाति है और इसकी मछली पकड़ना यहां आजीविका का प्राथमिक स्रोत है। तस्वीर- रवलीन कौर/मोंगाबे

कच्छ में बढ़ते नमक उत्पादन से सिमट रहा झींगा कारोबार

गुजरात के कच्छ का सूरजबाड़ी ब्रिज डीजल का धुआं, धूल, ट्रक और ट्रेन की आवाज से आपका स्वागत करता है। आगे बढ़ने पर उस ब्रिज से नमक का मैदान दिखना…
मालिया मछली बाज़ार। जिंजर झींगा (मेटापेनियस कचेंसिस) कच्छ की खाड़ी की एक स्थानिक प्रजाति है और इसकी मछली पकड़ना यहां आजीविका का प्राथमिक स्रोत है। तस्वीर- रवलीन कौर/मोंगाबे
जमुई के गरही थाना में लगभग दो दर्जन ऐसे वाहन हैं जो बालू लदे स्थिति में जब्त किये गये हैं। इस थाने में सबसे अधिक मामले बालू के अवैध उत्खनन के अपराध के ही आते हैं। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे 

बिहार में बालू के बढ़ते खनन से बिगड़ती नदियों की सेहत, बढ़ता अपराध सरकार के लिए चुनौती

दक्षिण बिहार के जमुई जिले के आखिरी छोर पर स्थित गरही थाने में तैनात दारोगा प्रभात रंजन 14 नवंबर 2023 को अवैध बालू उठाव की एक गुप्त सूचना के बाद…
जमुई के गरही थाना में लगभग दो दर्जन ऐसे वाहन हैं जो बालू लदे स्थिति में जब्त किये गये हैं। इस थाने में सबसे अधिक मामले बालू के अवैध उत्खनन के अपराध के ही आते हैं। तस्वीर- राहुल सिंह/मोंगाबे 
रामेश्वरम में ओलाईकुडा तट पर समुद्री शैवाल निकालती हुई उषा। तस्वीर- अलमास मसूद/मोंगाबे

मुश्किल में समुद्री शैवाल की खेती से जुड़ी महिलाएं

“मेरी मां समुद्री शैवाल इकट्ठा किया करती थीं। उस समय मेरी उम्र काफी कम थी लेकिन फिर भी उन के साथ जाती और उनकी मदद करती थी। तभी से मैं…
रामेश्वरम में ओलाईकुडा तट पर समुद्री शैवाल निकालती हुई उषा। तस्वीर- अलमास मसूद/मोंगाबे
समुद्र तट पर मिली प्लास्टिक की बोतल पर सवार बार्नेकल। दुनिया भर में मसल्स, बार्नेकल, स्पंज, समुद्री स्कवर्ट और ब्रिसल कीड़े की लगभग 400 विदेशी प्रजातियां समुद्री कूड़े पर मंडराती हैं और अक्सर स्थानीय जीवों को बाहर कर देती हैं। तस्वीर-गुनासशेखरन कन्नन

समुद्री मलबे के जरिए दक्षिण-पूर्वी तट पर पहुंच रही विदेशी आक्रामक प्रजातियां

समुद्री जीव प्लास्टिक, रबर, कांच, फोम स्पंज, धातु और लकड़ी के मलबे पर सवार होकर दक्षिण पूर्वी भारत के तटों तक पहुंच रहे हैं। इसकी वजह से स्थानीय जैव विविधता…
समुद्र तट पर मिली प्लास्टिक की बोतल पर सवार बार्नेकल। दुनिया भर में मसल्स, बार्नेकल, स्पंज, समुद्री स्कवर्ट और ब्रिसल कीड़े की लगभग 400 विदेशी प्रजातियां समुद्री कूड़े पर मंडराती हैं और अक्सर स्थानीय जीवों को बाहर कर देती हैं। तस्वीर-गुनासशेखरन कन्नन
विभिन्न प्राकृतिक रंगों में रंगी टी-शर्ट। तस्वीर- बायोडाई इंडिया 

रासायनिक या प्राकृतिक? फैशन उद्योग के रंगरेज की उलझन

हाल के कुछ सालों में फैशन इंडस्ट्री प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक इस्तेमाल और सिंथेटिक रंगाई प्रक्रिया से निकलने वाले जहरीले कचरे की वजह से जांच के दायरे में आ गई…
विभिन्न प्राकृतिक रंगों में रंगी टी-शर्ट। तस्वीर- बायोडाई इंडिया 
एन्नोर में मछुआरों के नौ गांवों के 2,000 से ज्यादा मछुआरे दिसंबर की शुरुआत से पास की कोसस्थलैयार नदी, एन्नोर क्रीक और बंगाल की खाड़ी में नहीं गए हैं। तस्वीर - लास्या शेखर/मोंगाबे।

तेल रिसने से मछली पकड़ने का काम बंद, एन्नोर में मछुआरों पर आजीविका का संकट

कड़ाके की ठंड वाले दिसंबर की 21 तारीख की शाम को 38 साल के मछुआरे एम संतोष कुमार ने कातर नजरों से कोसस्थलैयार नदी का सामना किया। नदी चेन्नई शहर…
एन्नोर में मछुआरों के नौ गांवों के 2,000 से ज्यादा मछुआरे दिसंबर की शुरुआत से पास की कोसस्थलैयार नदी, एन्नोर क्रीक और बंगाल की खाड़ी में नहीं गए हैं। तस्वीर - लास्या शेखर/मोंगाबे।