आक्रामक प्रजाति

घनी हरी कैनोपी और शानदार पीले फूल आक्रमणकारी कसोद के पौधों को आकर्षक बनाते हैं। तस्वीर- पी ए विनयन।

कभी खूबसूरती और छाया के लिए लगाए गए थे कसोद के पौधे, अब बने जंजाल

साल 1986 में केरल के वन विभाग ने एक ऐसा फैसला लिया था जिसके लिए उन्हें कई दशक बाद पछताना पड़ रहा है। वन विभाग की सोशल फॉरेस्ट्री विंग ने…
घनी हरी कैनोपी और शानदार पीले फूल आक्रमणकारी कसोद के पौधों को आकर्षक बनाते हैं। तस्वीर- पी ए विनयन।
समुद्र तट पर मिली प्लास्टिक की बोतल पर सवार बार्नेकल। दुनिया भर में मसल्स, बार्नेकल, स्पंज, समुद्री स्कवर्ट और ब्रिसल कीड़े की लगभग 400 विदेशी प्रजातियां समुद्री कूड़े पर मंडराती हैं और अक्सर स्थानीय जीवों को बाहर कर देती हैं। तस्वीर-गुनासशेखरन कन्नन

समुद्री मलबे के जरिए दक्षिण-पूर्वी तट पर पहुंच रही विदेशी आक्रामक प्रजातियां

समुद्री जीव प्लास्टिक, रबर, कांच, फोम स्पंज, धातु और लकड़ी के मलबे पर सवार होकर दक्षिण पूर्वी भारत के तटों तक पहुंच रहे हैं। इसकी वजह से स्थानीय जैव विविधता…
समुद्र तट पर मिली प्लास्टिक की बोतल पर सवार बार्नेकल। दुनिया भर में मसल्स, बार्नेकल, स्पंज, समुद्री स्कवर्ट और ब्रिसल कीड़े की लगभग 400 विदेशी प्रजातियां समुद्री कूड़े पर मंडराती हैं और अक्सर स्थानीय जीवों को बाहर कर देती हैं। तस्वीर-गुनासशेखरन कन्नन
अध्ययन में पाया गया कि जिन जगहों पर बड़े शाकाहारी जानवर पाए जाते हैं और जिन जगहों में उनकी उपस्थिति काफी कम है अगर उन क्षेत्रों की तुलना की जाए तो मेगाहर्बिवोर्स वाले इलाकों में औसतन 13 प्रतिशत अधिक स्थानीय प्रजाति के पौधे पाए गए थे। यहां आक्रामक प्रजाति 17 प्रतिशत कम देखी गई। तस्वीर- जेनिस पटेल/विकिमीडिया कॉमन्स 

विदेशी आक्रामक पौधों से निपटने में कारगार साबित हो सकते हैं बड़े शाकाहारी जीव

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की इस वर्ष प्रकाशित ‘बाघ जनगणना’ रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 22 प्रतिशत प्राकृतिक क्षेत्रों पर आक्रामक खरपतवार तेजी…
अध्ययन में पाया गया कि जिन जगहों पर बड़े शाकाहारी जानवर पाए जाते हैं और जिन जगहों में उनकी उपस्थिति काफी कम है अगर उन क्षेत्रों की तुलना की जाए तो मेगाहर्बिवोर्स वाले इलाकों में औसतन 13 प्रतिशत अधिक स्थानीय प्रजाति के पौधे पाए गए थे। यहां आक्रामक प्रजाति 17 प्रतिशत कम देखी गई। तस्वीर- जेनिस पटेल/विकिमीडिया कॉमन्स 
यूके के लंदन में करीने से सजाए गए लैंटाना से बने आदमकद हाथी। तस्वीर - मॉरीन बार्लिन/फ़्लिकर।

लैंटाना से हाथी और फर्नीचर बनाकर इस आक्रामक पौधे को खत्म करने की कोशिश

दुनिया की सबसे कुख्यात आक्रामक प्रजातियों में से एक लैंटाना (लैंटाना कैमारा ) के फैलाव को रोकने की उम्मीद के साथ साल 2009 में एक प्रयोग शुरू हुआ था। यह…
यूके के लंदन में करीने से सजाए गए लैंटाना से बने आदमकद हाथी। तस्वीर - मॉरीन बार्लिन/फ़्लिकर।
ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो। भारत में इसे भीमराज और भृंगराज के नाम से जाना जाता है। तस्वीर- बी मैड शहंशाह बापी/विकिमीडिया कॉमन्स।

[वीडियो] आवाज से मिल रहा जंगल के बेहतर होने का जवाब, साउंडस्कैप की मदद से निगरानी

 “हम लैंटाना (विदेशी प्रजाति का एक पौधा) के प्रकोप से आजाद हैं,” मध्य भारत में स्थानीय समुदाय के एक सदस्य बसंत झारिया मुस्कुराते हुए कहते हैं। यह क्षेत्र कभी आक्रामक…
ग्रेटर रैकेट-टेल्ड ड्रोंगो। भारत में इसे भीमराज और भृंगराज के नाम से जाना जाता है। तस्वीर- बी मैड शहंशाह बापी/विकिमीडिया कॉमन्स।
सुंदर फूलों वाले उष्णकटिबंधीय अमेरिकी झाड़ी लैंटाना को आईयूसीएन द्वारा शीर्ष 10 सबसे खराब आक्रामक प्रजातियों में से एक माना जाता है। तस्वीर- मोक्की/विकिमीडिया कॉमन्स

भारत में घुसपैठ कर गए जीव-जंतुओं से हो रहा लाखों-करोड़ों का नुकसान

घुसपैठिया शब्द पढ़कर हमारे जेहन में किसी पड़ोसी देश से आए किसी इंसान की तस्वीर उभरती है। पर देश में घुसपैठ कई तरह से हो रहा है और उससे लाखों-करोड़ों…
सुंदर फूलों वाले उष्णकटिबंधीय अमेरिकी झाड़ी लैंटाना को आईयूसीएन द्वारा शीर्ष 10 सबसे खराब आक्रामक प्रजातियों में से एक माना जाता है। तस्वीर- मोक्की/विकिमीडिया कॉमन्स