Articles by Simrin Sirur

शहरी भारत में वाहनों से निकलने वाला धुआं तेजी से अस्थिर हो रही जलवायु के कारण और भी घातक हो रहा है। Pexels के जरिए रवि शर्मा की तस्वीर।

ग्लोबल साउथ में बढ़ते तापमान से प्रदूषण और बीमारियों का खतरा गहराया

पिछले साल दुनिया ने डरावनी उपलब्धि हासिल की। यूरोपीय संघ की कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल बताया है। यह इतिहास में पहला…
शहरी भारत में वाहनों से निकलने वाला धुआं तेजी से अस्थिर हो रही जलवायु के कारण और भी घातक हो रहा है। Pexels के जरिए रवि शर्मा की तस्वीर।
छत्तीसगढ़ में हसदेव झरना। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) के जरिए उमेश रात्रे की तस्वीर।

छत्तीसगढ़: अनुसूचित जनजाति आयोग ने हसदेव अरण्य में खनन के लिए सहमति को बताया फर्जी

छत्तीसगढ़ सरकार की एक संस्था की ओर से की गई जांच में आरोप लगाया गया है कि राज्य के हसदेव अरण्य में खनन के लिए मंजूरी हासिल करने के लिए…
छत्तीसगढ़ में हसदेव झरना। विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0) के जरिए उमेश रात्रे की तस्वीर।
गंगा नदी में प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ विरोध दर्ज कराती एक कार्यकर्ता। तस्वीर- आकाशरनीसन, विकिमीडिया कॉमन्स [CC BY-SA 4.0] 

भारत की प्रदूषित नदियां दुनियाभर के लिए समस्या बनीं

भारत में दशकों से चले आ रहे खराब तरीके से कचरे के प्रबंधन के कारण कूड़े के बड़े-बड़े पहाड़ हर जगह दिखाई पड़ जाते हैं। लेकिन इस बढ़ते हुए ‘बिना…
गंगा नदी में प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ विरोध दर्ज कराती एक कार्यकर्ता। तस्वीर- आकाशरनीसन, विकिमीडिया कॉमन्स [CC BY-SA 4.0] 
कोयले के ढेर से कोयला चुनती महिला। फ्लिकर [CC BY-NC-SA 2.0] के जरिए लेसरकल की तस्वीर।

जस्ट ट्रांजिशन में सामाजिक बुनियादी ढांचे के साथ वैकल्पिक रोजगार पर हो फोकस

जस्ट ट्रांजिशन पर आई एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयले का इस्तेमाल खत्म करने से औपचारिक और अनौपचारिक कोयला श्रमिकों पर अलग-अलग असर होगा। लेकिन, इस उद्योग…
कोयले के ढेर से कोयला चुनती महिला। फ्लिकर [CC BY-NC-SA 2.0] के जरिए लेसरकल की तस्वीर।
हरियाणा के सिरसा में तालाब से मिट्टी हटाने का काम करते हुए मनरेगा मजदूर। तस्वीर- मुल्ख सिंह/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।

वनक्षेत्र को बढ़ाने में मददगार हैं मनरेगा जैसी ग्रामीण रोजगार योजनाएं

वृक्षारोपण और आजीविका के बीच संबंधों की पड़ताल करने वाले एक नए शोध पत्र से पता चलता है कि मनरेगा जैसी सामाजिक कल्याणकारी योजनाएं आय और रोजगार प्रदान करने के…
हरियाणा के सिरसा में तालाब से मिट्टी हटाने का काम करते हुए मनरेगा मजदूर। तस्वीर- मुल्ख सिंह/विकिमीडिया कॉमन्स (CC BY-SA 4.0)।
चक्रवात आलिया के बाद बाढ़ के पानी में चलती हुई महिला। तस्वीर अनिल गुलाटी/इंडिया वाटर पोर्टल/ फ्लिकर  (CC BY-NC-SA 2.0)।

क्या है प्राकृतिक आपदाओं से निपटने वाला पैरामीट्रिक इंश्योरेंस और भारत में क्यों हो रहा प्रचलित?

पिछले दो दशकों यानी साल 2000 से 2019 के बीच भारत कुदरती आपदाओं का सामना करने के मामले में तीसरे नंबर पर है। आने वाले समय और ज़्यादा भयावह होने…
चक्रवात आलिया के बाद बाढ़ के पानी में चलती हुई महिला। तस्वीर अनिल गुलाटी/इंडिया वाटर पोर्टल/ फ्लिकर  (CC BY-NC-SA 2.0)।
शिकार खाते हुए लाल सिर वाला गिद्ध। तस्वीर- टिमोथी ए गोंसाल्वेस/विकिमीडिया कॉमन्स

प्रकृति के सफाईकर्मी गिद्ध के योगदान का क्या है मोल?

भारत में गिद्ध संरक्षण की आर्थिक व्यवहार्यता का मूल्यांकन करने वाले एक नए शोधपत्र में पाया गया है कि पशुओं के शवों के निपटान के प्राकृतिक और किफायती समाधान के…
शिकार खाते हुए लाल सिर वाला गिद्ध। तस्वीर- टिमोथी ए गोंसाल्वेस/विकिमीडिया कॉमन्स
केरल का एक समुद्र तट। तस्वीर- पीडीपीक्स/विकिमीडिया कॉमन्स 

मध्य केरल में तटीय आपदा जोखिमों का आकलन

मध्य केरल के तट पर आपदा जोखिम का आकलन करने वाले एक नए अध्ययन में कहा गया है कि तटीय सुरक्षा, जल निकासी में सुधार और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली जैसे…
केरल का एक समुद्र तट। तस्वीर- पीडीपीक्स/विकिमीडिया कॉमन्स 
दिल्ली पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बाद राजघाट पर श्रद्धांजलि देने के लिए कतार में खड़े पदयात्री। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे।

सोनम वांग्चुक के साथ लद्दाख से दिल्ली तक पदयात्रा कर आए 150 लोग, क्या हैं मांगे?

पर्यावरणविद् और इंजीनियर सोनम वांगचुक लद्दाख के 150 पदयात्रियों के साथ 2 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचे। उन्हें दिल्ली पुलिस ने पहले हिरासत में लिया और पुलिस हिरासत में 36 घंटे…
दिल्ली पुलिस द्वारा रिहा किए जाने के बाद राजघाट पर श्रद्धांजलि देने के लिए कतार में खड़े पदयात्री। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे।
केसला पोल्ट्री सोसाइटी के साथ पोल्ट्री किसान सुशीला पारथे अपनी मुर्गियों की देखभाल कर रही हैं। तस्वीर- बबलेश मस्कोले/केसला पोल्ट्री सोसाइटी।

पशु और मुर्गीपालन में गर्मी के तनाव को कैसे कम कर सकते हैं नए शेड डिजाइन

साल 2020 के गर्मी के दिनों में सावित्री भांसे अपने छोटे से घर के पीछे बने खेत में मुर्गियों की देखभाल करने गई थीं। लेकिन मुर्गियों की देखभाल करने और…
केसला पोल्ट्री सोसाइटी के साथ पोल्ट्री किसान सुशीला पारथे अपनी मुर्गियों की देखभाल कर रही हैं। तस्वीर- बबलेश मस्कोले/केसला पोल्ट्री सोसाइटी।
बेंगलुरु के रहने वाले वॉटर डिवाइनर एस. सैमसन तांबे के उपकरण से बोर पॉइंट खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पास ही खड़े बच्चे उन्हें काम करते हुए देख रहे हैं। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 

वाटर डिवाइनिंगः नारियल और सूखी टहनियों से भूजल खोजने का पारंपरिक तरीका

शनमुगन ने अपनी धोती ऊपर उठाई और बड़ी ही सावधानी से अपना एक पैर जमीन पर रखा। कुछ महसूस न होने पर वह दूसरी दिशा की ओर बढ़ गए। फिर…
बेंगलुरु के रहने वाले वॉटर डिवाइनर एस. सैमसन तांबे के उपकरण से बोर पॉइंट खोजने की कोशिश कर रहे हैं। पास ही खड़े बच्चे उन्हें काम करते हुए देख रहे हैं। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 
हाथीपाखना गांव का निवासी हुंडी या मंदिर में प्रार्थना कर रहा है। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 

घटते फॉरेस्ट कॉमन्स, कोरापुट के आदिवासी समुदायों के लिए त्यौहार मनाना हुआ मुश्किल

ओडिशा के कोरापुट जिले में चैता परब का मौसम है। इन दिनों ज्यादातर आदिवासी महुआ के पेड़ के फूलों से बनी स्थानीय शराब महुली का लुत्फ उठाने के लिए बेताब…
हाथीपाखना गांव का निवासी हुंडी या मंदिर में प्रार्थना कर रहा है। तस्वीर- सिमरिन सिरुर/मोंगाबे 
सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने वाले 54 साल के देव प्रसाद अहिरवार जो हीटस्ट्रोक से बचने में सफल रहे। इलेस्ट्रेशन - हितेश सोनार/मोंगाबे।

भीषण गर्मी में तैनात सुरक्षा गार्ड के हीट-स्ट्रोक से बचने की कहानी

इस साल दिल्ली में गर्मी के दौरान लंबे समय तक चली लू में दिल्ली के अस्पतालों को एक कड़वी सच्चाई का सामना करना पड़ा। जब हीट-स्ट्रोक से गंभीर रूप से…
सुरक्षा गार्ड की नौकरी करने वाले 54 साल के देव प्रसाद अहिरवार जो हीटस्ट्रोक से बचने में सफल रहे। इलेस्ट्रेशन - हितेश सोनार/मोंगाबे।

एक नए सूचकांक के मुताबिक, पूर्व की तुलना में पश्चिमी हिमालय ज्यादा खतरे में है

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (IIT-M) के शोधार्थियों द्वारा बनाए गए एक नए क्लाइमेट रिक्स इंडेक्स यानि जलवायु के संकट को मापने वाले सूचकांक के जरिए पता चला है कि पूर्वी…
डिब्रूगढ़, असम में बाढ़। तस्वीर- अरुनभ0368/विकिमीडिया कॉमन्स 

जलवायु परिवर्तन के कारण मेघालय में चरम बारिश की घटनाएं चार गुना बढ़ी- अध्ययन

1979 के बाद से, चार दशकों में मेघालय राज्य सहित बांग्लादेश और भारत क्षेत्र के पूर्वोत्तर हिस्सों में एक दिन में होने वाली चरम बारिश की घटनाएं चार गुना बढ़…
डिब्रूगढ़, असम में बाढ़। तस्वीर- अरुनभ0368/विकिमीडिया कॉमन्स 
हसदेव समुदाय की महिलाओं के साथ गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार से नवाजे गए आलोक शुक्ला। तस्वीर गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार के जरिए।

[इंटरव्यू] गोल्डमैन पुरस्कार से नवाजे गए आलोक शुक्ला ने कहा, “यह जल, जंगल, जमीन के लिए संघर्ष कर रहे आदिवासियों का सम्मान”

छत्तीसगढ़ में पर्यावरण को बचाने के लिए काम करने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं के लिए 29 अप्रैल का दिन खास रहा। इस दिन राज्य के पर्यावरण कार्यकर्ता आलोक शुक्ला को संकटग्रस्त…
हसदेव समुदाय की महिलाओं के साथ गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार से नवाजे गए आलोक शुक्ला। तस्वीर गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार के जरिए।
भारत में हिम तेंदुओं की संख्या का अनुमान आखिरी बार 1980 के दशक में लगाया गया था। इसके मुताबिक, देश में हिम तेंदुओं की संख्या 400 से 700 थी। तस्वीर-इस्माइल शरीफ। 

[वीडियो] हिम तेंदुओं की संख्या 700 पार हुई, अगला कदम दीर्घकालिक निगरानी

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से इस महीने की शुरुआत में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हिम तेंदुओं की संख्या 718 हो गई हैं। इस…
भारत में हिम तेंदुओं की संख्या का अनुमान आखिरी बार 1980 के दशक में लगाया गया था। इसके मुताबिक, देश में हिम तेंदुओं की संख्या 400 से 700 थी। तस्वीर-इस्माइल शरीफ। 
केरल में चिन्नार का जंगल। एफआरए दोनों जनजातियों और अन्य वन निवास समुदायों के निजी और सामुदायिक अधिकारों को मान्यता देता है, जिसमें जंगलों में जल निकायों तक पहुंच शामिल है। तस्वीर - केरल पर्यटन/फ़्लिकर।

15 साल बाद भी कछुआ चाल से वन अधिकार कानून का कार्यान्वयन, नई रिपोर्ट में दावा

हाल में आई एक नई रिपोर्ट के अनुसार वन अधिकार कानून को लागू करने में बड़े पैमाने पर सामुदायिक वन अधिकारों के दावों की अनदेखी की गई है। यही नहीं…
केरल में चिन्नार का जंगल। एफआरए दोनों जनजातियों और अन्य वन निवास समुदायों के निजी और सामुदायिक अधिकारों को मान्यता देता है, जिसमें जंगलों में जल निकायों तक पहुंच शामिल है। तस्वीर - केरल पर्यटन/फ़्लिकर।
चुनावी बॉन्ड योजना में बुनियादी ढांचा विकास उद्योग की भागीदारी भारत के पर्यावरण नियमों में कमियों को उजागर करती है, जिन्हें कारोबारी हितों को शामिल करने के लिए खत्म कर दिया गया है। तस्वीर - प्रणव कुमार/मोंगाबे।

भारत के हरित विकास को बढ़ावा देने वाली कंपनियों ने राजनीतिक दलों को दिया करोड़ों का चंदा

साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने खुद को स्थानीय और दुनिया भर में हरित विकास के समर्थक…
चुनावी बॉन्ड योजना में बुनियादी ढांचा विकास उद्योग की भागीदारी भारत के पर्यावरण नियमों में कमियों को उजागर करती है, जिन्हें कारोबारी हितों को शामिल करने के लिए खत्म कर दिया गया है। तस्वीर - प्रणव कुमार/मोंगाबे।
केरल का एक जंगल। तस्वीर - गो ग्रीन केरल हॉलीडेज/ पिक्सल्स।

सुप्रीम कोर्ट ने वन क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए बहाल की पुरानी व्यापक परिभाषा

सुप्रीम कोर्ट ने 19 फरवरी को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) को वनों की पुरानी परिभाषा को बहाल करने का निर्देश दिया। इस परिभाषा में जंगलों की…
केरल का एक जंगल। तस्वीर - गो ग्रीन केरल हॉलीडेज/ पिक्सल्स।
दिल्ली में धुंध वाली सर्दियों के एक दिन एक पुलिसकर्मी। तस्वीर- साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय भारत सरकार/विकिमीडिया कॉमन्स।

वायु प्रदूषण कम करने के लिए मॉनीटिरिंग बढ़ाने, सेहत को अहमियत देने की जरूरत: एक्सपर्ट

अक्टूबर महीने के आखिरी हफ्ते में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और इसके आसपास के इलाकों को धुंधु की एक जहरीली परत ने ढक लिया था। इसी के साथ हर साल…
दिल्ली में धुंध वाली सर्दियों के एक दिन एक पुलिसकर्मी। तस्वीर- साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय भारत सरकार/विकिमीडिया कॉमन्स।
बेतवा नदी मध्य प्रदेश के अशोकनगर से होकर उत्तर प्रदेश की सीमा के पास बहती है। तस्वीर- पंकज सक्सेना/विकिमीडिया कॉमन्स

केन-बेतवा परियोजना आगे बढ़ी, लेकिन नदियों को जोड़ने से सूखे की आशंका

केन-बेतवा लिंक परियोजना को 'सैद्धांतिक' मंजूरी दिए जाने के तकरीबन छह साल बाद ‘पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ की तरफ से 3 अक्टूबर को अंतिम वन मंजूरी दे दी…
बेतवा नदी मध्य प्रदेश के अशोकनगर से होकर उत्तर प्रदेश की सीमा के पास बहती है। तस्वीर- पंकज सक्सेना/विकिमीडिया कॉमन्स
भारत में एक आवास परिसर में लगी कुछ एयर कंडीशनिंग यूनिट। तस्वीर- डेविड ब्रॉसार्ड/विकिमीडिया कॉमन्स

मांग पूरी करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा में तीन गुना निवेश करने की जरूरत: रिपोर्ट

इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) की ओर से हाल ही में जारी वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले तीन दशकों में दुनिया के हर देश और क्षेत्र…
भारत में एक आवास परिसर में लगी कुछ एयर कंडीशनिंग यूनिट। तस्वीर- डेविड ब्रॉसार्ड/विकिमीडिया कॉमन्स
कर्नाटक में अघनाशिनी नदी। अघनाशिनी नदी के किनारे स्थित मैंग्रोव मछलियों और झींगों के लिए महत्वपूर्ण नर्सरी के रूप में काम करते हैं और उनके प्रजनन और अंडे देने की प्रक्रिया में जरूरी भूमिका निभाते हैं। तस्वीर - हेगड़ेसुदर्शन/विकिमीडिया कॉमन्स। 

भारत में रामसर साइट की सूची में शामिल हुए पांच नए वेटलैंड्स

इस साल दो फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस से पहले भारत के खाते में पांच और रामसर साइटें जुड़ गई हैं।  अब इन साइटों की कुल संख्या 75 से बढ़कर…
कर्नाटक में अघनाशिनी नदी। अघनाशिनी नदी के किनारे स्थित मैंग्रोव मछलियों और झींगों के लिए महत्वपूर्ण नर्सरी के रूप में काम करते हैं और उनके प्रजनन और अंडे देने की प्रक्रिया में जरूरी भूमिका निभाते हैं। तस्वीर - हेगड़ेसुदर्शन/विकिमीडिया कॉमन्स। 

कम और मध्यम आय वाले देशों में आपदाओं से तबाही का खतरा ज्यादा

साल 2023 ऐसा रहा है जिसमें आपदाओं ने राज्यों के बजट को काफी नुकसान पहुंचाया है। ग्लेशियर वाली झील फटने से आई बाढ़ से प्रभावित हुए सिक्किम में हजारों करोड़…
अध्ययन में पाया गया कि जिन जगहों पर बड़े शाकाहारी जानवर पाए जाते हैं और जिन जगहों में उनकी उपस्थिति काफी कम है अगर उन क्षेत्रों की तुलना की जाए तो मेगाहर्बिवोर्स वाले इलाकों में औसतन 13 प्रतिशत अधिक स्थानीय प्रजाति के पौधे पाए गए थे। यहां आक्रामक प्रजाति 17 प्रतिशत कम देखी गई। तस्वीर- जेनिस पटेल/विकिमीडिया कॉमन्स 

विदेशी आक्रामक पौधों से निपटने में कारगार साबित हो सकते हैं बड़े शाकाहारी जीव

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की इस वर्ष प्रकाशित ‘बाघ जनगणना’ रिपोर्ट में चिंताजनक आंकड़ा सामने आया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 22 प्रतिशत प्राकृतिक क्षेत्रों पर आक्रामक खरपतवार तेजी…
अध्ययन में पाया गया कि जिन जगहों पर बड़े शाकाहारी जानवर पाए जाते हैं और जिन जगहों में उनकी उपस्थिति काफी कम है अगर उन क्षेत्रों की तुलना की जाए तो मेगाहर्बिवोर्स वाले इलाकों में औसतन 13 प्रतिशत अधिक स्थानीय प्रजाति के पौधे पाए गए थे। यहां आक्रामक प्रजाति 17 प्रतिशत कम देखी गई। तस्वीर- जेनिस पटेल/विकिमीडिया कॉमन्स 
मेघालय का एक जंगल। तस्वीर- अश्विन कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स 

सरकार ने जंगलों से 500 मीटर दूर तेल उत्खनन तकनीक को मंजूरी दी, प्रभावों पर कोई प्राथमिक डेटा नहीं

नए सरकारी नियमों के मुताबिक, जंगलों में प्राकृतिक भंडार से तेल और गैस निकालने के लिए अब परियोजना के डेवलपर्स को वन मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। शर्त बस…
मेघालय का एक जंगल। तस्वीर- अश्विन कुमार/विकिमीडिया कॉमन्स 
13 दिसंबर, 2023 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई  स्थित एक्सपो सिटी में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप28 के समापन समारोह के दौरान प्रतिनिधि। तस्वीर- कॉप28/क्रिस्टोफ़ विसेक्स/फ़्लिकर।

कॉप28 में जीवाश्म ईंधन से ‘दूर जाने’ का वादा लेकिन पूंजी और समान भागीदारी बड़ी चुनौती

कॉप28 में जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को खत्म करने पर ऐतिहासिक समझौता हुआ है। यह करार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अध्यक्षता में हुए 28वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी28/कॉप28) में…
13 दिसंबर, 2023 को संयुक्त अरब अमीरात के दुबई  स्थित एक्सपो सिटी में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन कॉप28 के समापन समारोह के दौरान प्रतिनिधि। तस्वीर- कॉप28/क्रिस्टोफ़ विसेक्स/फ़्लिकर।
कई देशों, विशेष रूप से यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित छोटे द्वीप राज्यों ने कॉप28 में जीवाश्म ईंधन को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया है। तस्वीर-

कॉप28 के समापन तक भी देशों के बीच नहीं बनी आम सहमति

अट्ठाईसवें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (कॉप28) ने सम्मेलन के पहले दिन जलवायु हानि और क्षति के लिए एक फंड शुरू करने का निर्णय देकर इतिहास रच दिया। लेकिन जैसे-जैसे दो सप्ताह…
कई देशों, विशेष रूप से यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित छोटे द्वीप राज्यों ने कॉप28 में जीवाश्म ईंधन को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान किया है। तस्वीर-
कॉप28 के आयोजन स्थल पर विरोध प्रदर्शन करते लोग। जलवायु वित्त और किफायती नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे और भंडारण के अभाव में, विकासशील देशों का कहना है कि उन्हें विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा के भरोसेमंद स्रोत के रूप में जीवाश्म ईंधन पर निर्भर रहने की आवश्यकता है।  तस्वीर- सिमरिन सिरूर/मोंगाबे 

विकसित देशों को वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उत्सर्जन में कटौती की जरूरत: विशेषज्ञ

संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन पर फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय ग्रीनहाउस गैस सूची के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे अमीर विकसित देशों ने पिछले दो…
कॉप28 के आयोजन स्थल पर विरोध प्रदर्शन करते लोग। जलवायु वित्त और किफायती नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे और भंडारण के अभाव में, विकासशील देशों का कहना है कि उन्हें विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा के भरोसेमंद स्रोत के रूप में जीवाश्म ईंधन पर निर्भर रहने की आवश्यकता है।  तस्वीर- सिमरिन सिरूर/मोंगाबे